Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-07-2017, 02:24 PM,
#40
RE: वतन तेरे हम लाडले
राज ने उसे बताया कि मुझे मिलना नहीं है राफिया से, बस आप बस मेरी इतनी मदद कर दें कि मुझे उसकी गाड़ी दिखा दें। मुझे कर्नल साहब ने भेजा है मिस राफिया की सुरक्षा हेतु। गुप्त सूचना के अनुसार पड़ोसी देश के कुछ ख़ुफ़िया एजेंसी के लोग मिस राफिया का अपहरण करना चाहते हैं ताकि कर्नल इरफ़ान से अपनी बातें मनवा सकें। यह सुनकर रिसेप्शन पर मौजूद महिला के चेहरे पर डर के आसार देखे जा सकते थे, वह मेजर को फ़ौरन ही पार्किंग एरिया में ले गई और वहां मौजूद व्यक्ति से राफिया की कार के बारे में पूछ कर मेजर को कार दिखा दी। मेजर ने उस महिला को धन्यवाद दिया और कार का नंबर मॉडल और कलर मन मे याद करता हुआ वापस अपनी कार में चला गया जहां समीरा उसका इंतजार कर रही थी। जाने से पहले मेजर राज ने महिला को एक बार फिर अपना नाम बताया और बोला ये टॉप सीक्रेट बात है, मिस राफिया को भी इसके बारे में पता नहीं चलना चाहिए नहीं तो वह परेशान हो जाएंगी। 

कार में बैठने के बाद राज ने समीरा को भी राफिया की कार के बारे में जानकारी दी और साथ ही मौजूद एक दुकान के पास अपनी कार लगाकर खड़ा हो गया। करीब 2 बजे मेजर ने देखा कि दूर विश्वविद्यालय बिल्डिंग से कुछ लोग निकल रहे हैं और पार्किंग क्षेत्र की ओर जा रहे हैं। फिर पार्किंग से वाहन निकलना शुरू हुए तो कुछ ही देर बाद समीरा ने एक कार का बताया कि गेट से बाहर निकलने ही वाली थी। मेजर राज गाड़ी देखते ही पहचान गया था यह राफिया की ही गाड़ी थी। बीएमडब्ल्यू बी 4 कार भी काले रंग की ही थी। ड्राइविंग सीट पर एक सुंदर लड़की बैठी थी और उसके साथ फ़्रीनट सेट पर एक लड़का बैठा था। ड्राइविंग सीट पर मौजूद लड़की वास्तव में राफिया ही थी मेजर राज ने गाड़ी चलाई और धीमी गति के साथ इस कार के पीछे जाने लगा। एक घंटे तक लगातार इस कार का पीछा करने के बाद मेजर राज लाहोर के आर्मी रीज़ीडीनशियल क्षेत्र में मौजूद था। यहाँ राफिया की कार बड़े बंगला नुमा घर में चली गई, जबकि राज की गाड़ी उस घर के सामने से होती हुई इस क्षेत्र से बाहर आ गई और अब फिर से जिन्ना नगर जा रही थी। मेजर राज कर्नल इरफ़ान का निवास देख चुका था जो उसके लिए एक बड़ी सफलता थी। 
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अमजद के मन में जैसे ही यह विचार आया उसने तुरंत सरमद और काशफ को नींद से जगाया और उनसे मेजर राज और समीरा के बारे में पूछा, जब उन्होने भी कोई जानकारी होने से इनकार किया तो अमजद की परेशानी और बढ़ गई, अमजद को यूँ परेशान देखकर सरमद ने पूछा क्या हुआ? सब कुशल तो है न ?? अमजद ने उसे बताया कि अब तक वे दोनों नहीं पहुंचे न समीरा ने संपर्क करने की कोशिश की है। मुझे चिंता है कि वे दोनों कर्नल इरफ़ान के हाथ लग गए हैं। अमजद की बात सुनकर सरमद ने तुरंत काशफ को देखा और बोला मैंने तुम्हें कहा था कि पिछली बस में वे दोनों हैं और इसी चेक पोस्ट पर वे दोनों पकड़े गए होंगे।

सरमद की बात सुनकर अमजद को विश्वास हो गया कि मेजर राज और समीरा पकड़े गए हैं। उसने तुरंत सरमद और काशफ को अपना सामान बांधने का कहा ऊपर जाकर आज़ाद कश्मीर के कश्मीरी परिवार को भी खतरे से आगाह कर दिया। यूं तो वह परिवार आम नागरिक के रूप में ही रह रहे थे और उनका अमजद की गतिविधियों से बिल्कुल कोई संबंध नहीं था मगर कश्मीरी होने के नाते उन्हें अमजद की सहानुभूति ज़रूर थी और वे जानते थे कि अमजद कैसे पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है। 

अमजद ने उन्हें खतरे से अवगत कराया तो उन्होंने भी अपना जरूरी सामान साथ ले लिया और चलने के लिए तैयार हो गए। नीचे अमजद और उसके साथी भी जाने के लिए तैयार थे कि कमरे में मौजूद टेलीफोन की घंटी बजी। 2 बार घंटी बजने के बाद फोन बंद हो गया। अमजद थोड़ी देर के लिए रुका और फिर से फोन आने का इंतजार करने लगा। 2 बार फोन की घंटी बजी और फिर से बंद हो गई अब अमजद के चेहरे पर खुशी के आसार आए और तीसरी बार फिर फोन आया और इस बार तीसरी घंटी भी बजी अमजद खुशी से चिल्लाया .....ये समीरा का फोन है और तुरंत आगे बढ़कर फोन अटेंड कर लिया। 

यह वास्तव में उनका कोड वर्ड था अनजान नंबर से आने वाला फोन अमजद रिसीव नहीं करता था। इसलिए समीरा को जब भी अमजद को अनजान नंबर से फोन करना होता तो वो दो बार फोन कर 2 बैल होने पर फोन बंद कर देती थी और तीसरी बार फोन करती तो अमजद समझ जाता था कि यह समीरा का फोन है। अमजद ने जैसे ही फोन रिसीव किया और हाय कहा तो आगे से समीरा की आवाज सुनाई दी। समीरा ने अमजद को सलाम किया और पूछा कैसे हैं आप भाई जान ??? अमजद ने समीरा को जवाब देने की बजाय कहा तुम कहाँ हो और अब तक पहुंचे क्यों नहीं हम कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं .... 

अमजद की बात समाप्त हुई तो समीरा बोली में इस समय तो किचन में हूँ और आपके मेजर साहब के लिए नाश्ता बना रही हूँ। और आप हमारा इंतजार न करें हम नहीं आएंगे। समीरा की बात सुनकर अमजद थोड़ा हैरान हुआ और बोला- क्या मतलब तुम लोग नहीं आओगे और अब तुम हो कहाँ ??? समीरा ने कहा कि मुझे नहीं मालूम बस हम खैरियत से हैं। बाकी तो उचित समय देखकर आपको में बताउन्गी कि हम कहां हैं।

यह कह कर समीरा ने फोन बंद कर दिया और अमजद ने शांति की सांस ली। अमजद ने सरमद और काशफ भी बताया कि वह दोनो ठीक हैं मगर कहां हैं यह समीरा ने नहीं बताया। इतने में ऊपर रहने वाला कश्मीरी परिवार अपना सामान समेट कर नीचे आ चुका था मगर अमजद ने उन्हें बताया और कहा कि सब ठीक है समीरा की कॉल आ गई है वह कुशल से है। मेरा शक गलत था आप लोग जाओ और आराम से रहें। उन्होंने भी सुख का सांस लिया और वापस अपने पोर्शन में चले गए। थोड़ी देर बाद फिर से उसी नंबर से फोन आया कि अमजद ने पहली बैल में ही रिसीव कर लिया। अब की बार आगे राज की आवाज आई। अमजद ने पूछा कहां हो यार हम कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। राज ने कहा भैया मैं तो हनीमून मनाने लाहोर आ गया हूँ। यहाँ मस्ती कर रहा हूँ। और अब अपनी पत्नी के साथ शहर की सैर कर रहा हूँ। आप चिंता न करें बस हमने सोचा कि मायके वापस आने से पहले क्यों न लाहोर की सैर ही कर लें। इसलिए आपके यहाँ आने की बजाय हम सीधे लाहोर आ गए हैं। कुछ दिनों मे हमारी वापसी हो जाएगी। आप चिंता न करें समीरा मेरे साथ है और खुश है अपने नए जीवन से। यह कह कर राज ने फोन बंद कर दिया। और अमजद ठहाके मार मार कर हंसने लगा। 

सरमद और काशफ उसकी शक्ल देख रहे थे। अमजद ने दोनों कोअपनी ओर सवालिया नज़रों से देखते हुए पाया तो बोला यार ये राज बहुत पहुंची हुई चीज़ है उसका दिमाग बहुत तेज चलता है। और उसको यह भी पता है फोन पर बात कैसे करनी है, दोनों लाहोर में हैं अब और हनीमून मना रहे हैं। हनीमून का सुनकर सरमद और काशफ की आँखें खुली की खुली रह गईं। अमजद ने दोनों के आश्चर्य को कम करने के लिए कहा कि यार वह कोड वर्ड में बात कर रहा था नहीं, अगर कोई हमारा नंबर ट्रेस कर भी रहा हो तो वह यही समझेगा कि यह समीरा का मायका है जहां राज और समीरा ने आना था मगर वह यहां आने की बजाय लाहोर चले गए हैं हनीमून मनाने। फिर अमजद ने सीरियस होते हुए कहा, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आया कि ये दोनों इतनी जल्दी लाहोर कैसे पहुंच गए ?? जामनगर से लाहोर तक की बस यात्रा 14 घंटे की है इतनी जल्दी लाहोर पहुंचना संभव नहीं ... हो सकता है वे दोनों यहीं मुल्तान हों और कुछ देर में आ जाएं। 

यह सोच कर अमजद ने भी कुछ आराम करने की ठानी सारी रात की यात्रा और फिर इतनी देर पेट्रोल पंप पर खड़े होकर उसकी हालत खराब हो गई थी। आराम करने के क्रम में अमजद भी उसी कमरे में लेट गया जहां बाकी लोग मौजूद थे, 4, 5 घंटे आराम करने के बाद रात 9 बजे के करीब अमजद की आंख टेलीफोन की घंटी सुनकर खुली। अमजद ने फोन रिसीव किया तो राज की आवाज थी, राज ने अमजद को कहा कि वह मुल्तान में ही थोड़ी आतिशबाजी की व्यवस्था करे ताकि लोगों को पता लगे हमारी शादी हुई है और साथ ही सरमद या काशफ को जामनगर भेजकर मेरे दोस्तों को वहीं रोको, वह मेरा हनीमून खराब करने लाहोर तक न आ जाएं। उन्हें बताओ कि मैं अभी जामनगर में ही हूँ। यह कह कर राज ने फोन बंद कर दिया। अमजद मेजर राज के इस मैसेज को पूरी तरह समझ गया था और वह समझ गया था कि अब मेजर राज कार्रवाई के मूड में है। 


मेजर राज कर्नल इरफ़ान घर को देखकर वापसी के लिए मुड़ा और अब उसकी मंजिल क्लब लीबिया था। यहां भी समीरा राज को मोबाइल की मदद से रास्ता बता रही थी और 20 मिनट के बाद मेजर राज और समीरा क्लब पहुंच चुके थे जो उस समय बंद पड़ा था। मेजर ने क्लब के आसपास अच्छी तरह निरीक्षण किया और वहां से निकलने वाले विभिन्न मार्गों का अच्छी तरह निरीक्षण किया ताकि समय पड़ने पर अगर भागना पड़े तो यहां से निकलने वाले रास्तों का अच्छा ज्ञान हो। इसके बाद मेजर ने समीरा से अमजद नंबर पूछकर उसको कुछ आवश्यक निर्देश दिए फिर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बेवजह फिरता रहा। मेजर का उद्देश्य मुख्य मार्गों के बारे में जानकारी प्राप्त करना था। विशेष रूप से क्लब लीबिया से आर्मी रीज़ीडीनशल क्षेत्र तक जाने वाले विभिन्न मार्गों पर अमजद ने बार बार राउंड लगाया ताकि वह इस रास्ते मन में याद कर सके साथ ही उसने समीरा से भी कहा कि वह भी इन मार्गों को अच्छी तरह समझ ले और यहाँ से वापस जिन्ना नगर तक जाने का रास्ता भी ध्यान में कर ले। 

कुछ देर आवारा फिरने के बाद मेजर राज शाम 7 बजे वापस अपने जिन्ना नगर वाले घर में पहुँच चुका था और अब रात की तैयारी कर रहा था। उसने एक अपराधी समूह से संपर्क किया और उन्हें राफिया की तस्वीर भी सेंड कर दी। मेजर राज ने उन्हें फोन पर मौजूद व्यक्ति से कहा कि इस लड़की को हर हाल में आज रात अपहरण करना है, लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि कोई दंगा फसाद नहीं चाहता, अपने लोगों को पिस्तौल आदि देकर न भेजना, कोई खून ख़राबा नहीं चाहिए, और ज़्यादा शोरगुल भी न हो चुपचाप 3, 4 लोग जाएं और इस लड़की को कार में डाल कर मेरे वांछित ठिकाने तक पहुंचा दें। आधी राशि तुम्हारे बैंक खाते में पहुंच चुकी है शेष राशि काम होने के बाद आप मिल जाएगी मगर लड़की एक खराश तक नहीं आनी चाहिए। 

यह कर कर मेजर ने फोन बंद कर दिया। समीरा ने पूछा कि उसे अगवा करके क्या करोगे ??? मेजर राज ने समीरा को आँख मारी और बोला- तुम तो किसी काम आती नहीं चलो समीरा के साथ ही आज की रात मस्ती कर लूँगा . मेजर की बात सुनकर समीरा के चेहरे पर मुस्कान भी आई और उसने कृत्रिम क्रोध व्यक्त करते हुए राज को 2, 4 सुना दी अब राज ने समीरा को तैयार होने को कहा इन दोनों ने क्लब लीबिया जाना था। फिर समीरा कुछ देर में ही यानी 1 से 2 घंटे में तैयार होकर निकली तो मेजर राज समीरा को देखकर पलक झपकाना ही भूल गया और मन ही मन में शाजिया को याद करने लगा जिन्होंने इतना सेक्सी ड्रेस भेजा था। 

बिना बटन का केसर रंग का यह ड्रेस समीरा के सीने के उभारों से होता हुआ 2 भागों में विभाजित होकर समीरा की गर्दन तक जा रहा था और गर्दन के पीछे जाकर दोनों भागों को समीरा ने हल्की सी गाँठ लगा रखी थी। समीरा के सीने के उभार इस ड्रेस में काफी स्पष्ट हो रहे थे, पोशाक का नीचला हिस्सा वैसे तो समीरा के पांव तक आ रहा था और पीछे से कपड़े का कुछ हिस्सा जमीन को छू रहा था मगर समीरा की इस ड्रेस में एक कट था जिसकी वजह से समीरा का बाँया पैर थाई से लेकर नीचे टखने तक दिख रहा था, समीरा की गोरी दूध जैसी बाल मुक्त टांग देख कर मेजर राज की पेंट में कुछ होने लगा था। समीरा ने मेजर को यों आँखें फाड़ फाड़ कर देखते हुए पाया तो उसकी आंखों में थोड़ा अहंकार स्पष्ट होने लगा, इतने हुश्न पर थोड़ा अहंकार तो बनता ही था। अब समीरा इठलाती हुई मेजर से बोली ऐसे ही देखते रहोगे या क्लब चलोगे ??? यह कह कर समीरा आगे चल पड़ी, अब मेजर ने समीरा को पीछे से जो देखा तो उसकी पैंट में लंड का उभार स्पष्ट होने लगा था। समीरा का यह ड्रेस बहुत ही सेक्सी था। यानी समीरा की कमर बिल्कुल नंगी थी और उसके ब्रा की कोई स्ट्रिप भी नज़र नहीं आ रही थी जिसका मतलब था कि इस ड्रेस के नीचे से समीरा ने कोई ब्रा नहीं पहना। इस सोच ने मेजर राज को 240 वोल्ट का झटका मारा था और नीचे समीरा की 32 इंच की गाण्ड अलग ही नजर आ रही थी। कूल्हों से ड्रेस टाइट होने के कारण समीरा के चूतड़ों का उभार काफी स्पष्ट था। संक्षेप में समीरा इस ड्रेस में किसी फिल्म की सेक्सी हीरोइन लग रही थी ऊपर से उसके कंधों तक सुंदर बाल और चेहरे पर एक बल खाती लट उसके हुस्न को चार चांद लगा रही थी। हल्की लाल रंग की लिप स्टिक समीरा के रसीले होंठो को ज़्यादा आकर्षक बना रही थी।
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RE: वतन तेरे हम लाडले - by sexstories - 06-07-2017, 02:24 PM

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