RE: वतन तेरे हम लाडले
सरमद और राणा काशफ बस में बैठे सो रहे थे, कि अचानक शोर के कारण उनकी आँख खुली। सरमद ने थोड़ा ऊपर उठकर देखा तो एक पाकिस्तानी सेना का जवान सभी सवारियों को गाड़ी से उतरने को कह रहा था। सरमद ने राणा काशफ को कोहनी मारी और कहा चल चुपचाप उतर जा। यह न हो कि उन्हें हम पर शक हो जाए। नीचे उतरकर राणा काशफ और सरमद लाइन में खड़े हो गए बाकी सभी सवारियां भी लाइन बनाए खड़ी थीं जबकि उनके साथ 3 पुलिस के जवान और 2 सेना के जवान थे। बस में 3 लड़कियां भी मौजूद थीं जिनमें 2 की उम्र लगभग 15 से 18 वर्ष होगी जबकि एक की उम्र 23 से 25 साल के करीब होगी। सबसे पहले सेना के जवान ने उस लड़की को अपने पास बुलाया और नाम पता पूछने लगा। और यह भी पूछा कि वह किसके साथ है। तो पीछे खड़ी लाइन में से एक व्यक्ति बोला कि सर यह मेरे साथ है। पाकिस्तानी सेना के जवान ने उस व्यक्ति को भी अपने पास बुला लिया और उसकी तलाशी लेने लगा। फिर उसने उसके चेहरे पर पानी डलवाने और उसकी मूंछें भी चेक कीं, ये न हो कि नकली लगाई हुई हों .
मगर ऐसा कुछ नहीं था, पाकिस्तानी सेना के जवान ने काफी देर इस लड़की और आदमी से पूछताछ की लेकिन वो उनके इच्छित लोग नहीं थे तो उन्हें बस में बैठने को कहा गया। फिर बारी बारी सब की इसी तरह तलाशी ली गई और उनसे पूछताछ हुई। सरमद ने काशफ को कहा कि उन्हें अपने बारे में स्टोरी नंबर 3 सुनानी है। अमजद ने ऐसे हालात के लिए कुछ कहानियां गढ़ रखी थीं जो अवसर के हिसाब से सुनाई जा सकती थीं। ताकि अगर इन लोगों से अलग पूछताछ हो तो उनके बयानों में विरोधाभास ना हो मतभेद होने की स्थिति में सुरक्षा एजीनसीज़ वाले उन पर शक करेंगे। इसलिए विभिन्न अवसरों के लिए अमजद ने विभिन्न कहानियों बना रखी थीं। और अब ये कहानी नंबर 3 को सरमद ने चुना था। जब सरमद की बारी आई तो उसने बताया कि वह और उसका दोस्त काशफ मुल्तान अपनी इंटरनेट प्रेमिका से मिलने जा रहे हैं।
पाकिस्तानी सेना के जवान ने प्रेमिका का नंबर पूछा तो सरमद ने बताया कि हमारी बात स्काईप या ईमेल से ही होती है उस लड़की कभी अपना नंबर नहीं दिया। सेना के जवान ने कहा और तुम इतने पागल हो कि मुंह उठाकर उससे मिलने जा रहे हो ???
इस पर काशफ बोला सर 150 रुपये किराया लगता है जामनगर से मुल्तान तक अगर 150 रुपये में लड़की मिल जाए तो मजे और न मिले तो चलो मुल्तान की सैर करके वापस आ जाएंगे। वैसे भी हम कौन सा नौकरी करते हैं, अपना कारोबार है इसलिए कभी कभी इस तरह की अय्याशी भी कर लेते हैं। सेना के जवान ने गुस्से से दोनों को देखा और उन्हें अपने अपने आईडी कार्ड की जांच करवाने को कहा। दोनों ने बिना हिचक अपने कार्ड निकाल कर चेक करवा दिए, जिनमें दोनों के असली नाम ही दर्ज थे। सरमद और काशफ का नाम किसी भी वारदात में कभी नहीं आया था इसलिए उनके नामों से सैनिक को किसी प्रकार का कोई शक नहीं हुआ।
कार्ड की जांच करने के बाद सेना के जवान ने दोनों के कार्ड वापस किए और गुस्से से उनकी तरफ देखते हुए बोला थोड़ी शर्म करो लड़कियों के पीछे समय बर्बाद करने से बेहतर है पाकिस्तान की सेवा करो। चलो दफा हो जाओ और बस में बैठो। काशफ और सरमद सिर झुकाए बस में बैठ गए। बस में बैठने से पहले उन्होंने देखा कि पीछे एक और बस को रोका हुआ है पुलिस अधिकारी ने। बस में बैठने के बाद सरमद ने काशफ को कहा हो न हो पिछली बस में समीरा और मेजर राज मौजूद होंगे। और मुझे नहीं लगता कि अब यह दोनों यहां से बच सकते हैं। वो दोनो पकड़े जाएंगे। काशफ ने कहा चिंता मत करो, मेजर राज इतनी आसानी से उनके हाथ आने वाला नहीं वह जरूर कोई ना कोई व्यवस्था कर लेगा। सरमद ने कहा देखते हैं। और फिर चुपचाप बस में बैठ गया। कुछ ही देर में बस की सभी सवारियां वापस सवार हो गईं और बस ने फिर से मुल्तान की यात्रा शुरू कर दिया था।
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मेजर राज ने कमरे में प्रवेश किया तो सामने ही एक बेड लगा हुआ था जिस पर दूसरी डांसर भी मौजूद थी। दोनों डांसर अभी इसी ड्रेस में थीं जो उन्होंने डांस करते हुए पहन रखा था। मेजर राज ने मन ही मन सोचा जहाँ मुठ मारने की सोच रहा था और कहां अब 2- २ चूत मिल गई है एक साथ है। पहली डांसर जिसका नाम जूली था उसने पीछे मुड़ कर दरवाजा बंद किया और कुंडी लगा दी। जबकि दूसरी डांसर जिसका नाम सोज़ी था वह बिस्तर से उठी और अपना चेहरा घुमाते हुए मेजर राज के पास आई और बोली हम दोनों को संभाल लोगे साहब ?? राज बोला तुम्हारे साथ कोई तीसरा भी आ जाए तो मैं तो उसे भी संभाल लूँगा। यह सुनकर जूली बोली साहब कहते सब ऐसे ही हैं मगर 2 मिनट में ही अपना माल निकाल देते हैं सब।
मेजर राज ने उसकी बात का जवाब देने की बजाय उसका हाथ पकड़ा और खींच कर अपने सीने से लगा लिया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए। जूली 38 के आकार के मम्मे राज के सीने में धंस गए थे, जूली ने भी जवाब में अपने होंठों से राज के होंठों को चूसना शुरू कर दिया जबकि सोज़ी मेजर राज केपीछे आकर उसकी कमर से लग गई। मेजर को अपने सीने पर जूली के मम्मे महसूस हो रहे थे और कमर पर सोज़ी के 36 आकार के मम्मों का एहसास हो रहा था। सोज़ी ने मेजर राज की कमर से लिपटे हुए अपने हाथ आगे बढ़ाए और मेजर राज की कमीज के बटन खोल दिए और फिर मेजर राज की कमीज उठाई और उतार दी।
नीचे से मेजर की बनियान भी सोज़ी ने उतार दी, और मेजर राज की कमर पर अपने होठों से प्यार करने लगी। जबकि जूली अपनी ज़ुबान मेजर राज के मुंह में डाले उसकी जीभ के साथ खेलने में व्यस्त थी। कुछ देर की चूमा चाटी के बाद मेजर राज ने जूली को अपनी गोद में उठा लिया और उसके बूब्स के उभारों पर अपने होंठ रख दिए, जूली ने अपनी टाँगें मेजर राज की कमर के गिर्द लपेट ली और अपना सीना आगे निकाल दिया ताकि बूब्स का उभार और भी स्पष्ट हो सके, जूली के हाथ मेजर राज की गर्दन के आसपास लिपटे हुए थे और मेजर राज ने अपनी ज़ुबान जूली के मम्मों के बीच में बनने वाली लाईन ( क्लीवेज़ ) में घुसा दी थी।
कुछ देर जूली के क्लीवेज़ चाटने के बाद मेजर राज ने जूली को अपनी गोद से उतार कर सोज़ी को अपने पीछे से आगे खींच लिया और उसको झप्पी डाल कर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया। सोज़ी का शरीर थोड़ा असहज था जबकि जोली का शरीर नरम और मुलायम बालों से मुक्त था। मेजर राज ने अपना एक हाथ सोज़ी के चूतड़ों पर रखा और उन्हें दबाना शुरू कर दिया और दूसरा हाथ सोज़ी के मम्मों पर रख दिया और उसके होंठ चूसता रहा। अब जूली नीचे बैठी और उसने मेजर राज के पैरों पर हाथ फेरना शुरू कर दिए। मेजर राज जो सोज़ी के होंठ चूसने में व्यस्त था अपनी टांगों पर जूली के हाथ का स्पर्श पाकर खुश हो गया और उसका लंड पहले से अधिक कठोर हो गया। जूली ने अपना हाथ मेजर राज की थाईज़ पर फेरा और वहाँ से ऊपर लाकर अपना हाथ मेजर के लंड पर रख दिया।
अब जूली अपने हाथ से मेजर के लंड की लंबाई का अंदाज़ा लगाने लगी और फिर खुशी से बोली अरी सोज़ी साहब का लंड तो एकदम मस्त है। आज खूब मज़ा आने वाला है। सोज़ी के शरीर और मुंह में वह मज़ा नहीं था जो जूली के नरम और मुलायम शरीर में था। मेजर ने सोज़ी को छोड़ा और फिर से जूली को अपनी गोद में उठा लिया, लेकिन इस बार गोद में उठाने से पहले मेजर ने जोली के शरीर में मौजूद हाफ ब्लाऊज़ नुमा ब्रा उतार दिया था। जूली ने नीचे और कोई चीज़ नहीं पहनी थी। उसके 38 आकार के मम्मे देख कर मेजर के मुँह में पानी आने लगा। बड़े मम्मों पर निपल्स भी बड़े थे जिनसे पता चलता था कि जूली के मम्मों का दूध बहुत से लोगों ने पिया हुआ है और जी भर कर पिया है। जूली को गोद लेने के बाद मेजर ने अपने होंठ जूली के मम्मों पर रख दिए और और उन्हें चूसने लगा। मेजर कभी जूली के मम्मे चूसता और कभी उसके निप्पल को मुँह में लेकर जूली का दूध पीने लगता। जूली मेजर राज की गर्दन में हाथ डाले जोर से सिसकियाँ ले रही थी और मेजर को कह रही थी और जोर से काटो साहब खा जाओ मेरे मम्मों को, पी लो मेरा सारा दूध .... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
सोज़ी अब मेजर के सामने आकर बैठ गई थी और सलवार के ऊपर से ही मेजर के लंड से खेल रही थी। मेजर के लंड ने प्रीकम छोड़ना शुरू कर दिया जिसकी वजह से मेजर की सलवार गीली थी। सलवार का गीला पन देखकर सोज़ी के मुंह में पानी आ गया और उसने मेजर की सलवार का नाड़ा खोल दिया और मेजर की सलवार मेजर के पाँवो में गिरती चली गई। सलवार गिरते ही मेजर का 8 इंच का लंड सोज़ी मुंह के बिल्कुल सामने था . इतना बड़ा लंड देखकर उसने जूली के चूतड़ों पर एक चमाट मारी और बोली आज मेरी गांड की खैर नहीं जूली साहब का लंड बहुत तगड़ा है।
गाण्ड का सुनकर मेजर राज खुश हो गया कि आज वह काफी दिनों के बाद गांड भी मारेगा। अंतिम बार उसने कोई 3 महीने पहले मेजर मिनी की गाण्ड मारी थी। 3 महीने के बाद आज पहली बार उसे गाण्ड मारने का मौका मिलेगा। यह सुनते ही मेजर राज ने और भी अधिक तेज़ी के साथ जूली के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और उसकी सिसकियों में भी वृद्धि हो गई। जबकि नीचे बैठी सोज़ी अब मेजर राज के लंड से खेल रही थी। कभी वह उस पर हल्के हक्के थप्पड़ मारती तो कभी मेजर राज के लंड पर अपनी जीभ फेरने लगी। सोज़ी ने मुंह में थोक जमा किया और गोला बनाकर मेजर के लंड की टोपी पर फेंक दिया और फिर अपने हाथों से थूक पूरे लंड पर मसलने के बाद मेजर के लंड की टोपी मुंह में डाल ली और उसकी छूसा लगाने लगी। मेजर को अब मजा आने लगा था वह जूली के मम्मों का आनंद हो रहा था और नीचे सोज़ी के मुंह की गर्मी उसके लोड़े को आराम पहुंचा रही थी।
कुछ देर बाद मेजर चलता हुआ जूली को गोद में उठाए बेड के पास ले गया और उसे बेड पर लिटा दिया। बेड पर लिटाने के बाद जूली ने नज़रें उठाकर मेजर के लंड को देखा तो उसकी आंखों में भी एक चमक आ गई और उसे उम्मीद पैदा हुई कि आज यह लोड़ा उसकी चूत का पानी निकाल कर ही छोड़ेगा। मेजर राज नीचे झुका और उसने जूली का घाघरा भी उतार दिया। जूली की चूत गीली हो रही थी और उसकी चूत के होंठ फूले हुए थे और चूत मुंह के दरमयाँ काफी अन्तर था। इसका मतलब था कि जूली काफी पुरुषों से चुदाई करवा चुकी है। मेजर राज जूली के ऊपर लेट गया और उसके बूब्स को फिर से चूसने लगा जबकि सोज़ी मेजर के ऊपर आई और उसके नितंबों खोलकर मेजर की गाण्ड पर ज़ुबान फेरने लगी।
मेजर का यह पहला अनुभव था कि उसकी गाण्ड पर कोई ज़ुबान फेरे, उसे एक झुरझुरी सी आई मगर फिर वह जूली के मम्मों को चूसने में व्यस्त हो गया और सोज़ी मेजर की गाण्ड पर ज़ुबान फेर रही, कुछ देर के बाद सोज़ी ने मेजर की गाण्ड को छोड़ा और उसके आंडों को मुंह में लेकर चूसने लगी। अब की बार मेजर राज को मज़ा आने लगा था, फिर कुछ देर के बाद मेजर बेड पर सीधा लेट गया और जूली को कहा कि वह उसके ऊपर आजाए, जूली खड़ी हुई और मेजर ऊपर आई तो मेजर ने उसको पीछे से पकड़ कर अपने पास कर लिया और उसकी चूत को अपने मुँह के ऊपर कर लिया और अपनी जीभ को जूली की चूत के लबों के बीच लगा दिया। जूली ने एक सिसकी ली और मेजर ने अपनी ज़ुबान जूली की चूत में चलाना शुरू कर दी। मेजर का लंड अब फिर से सोज़ी के मुँह में था जिसे वह बहुत शौक के साथ चूस रही थी। कुछ देर तक जूली की चूत चाटने के बाद मेजर ने सोज़ी को नीचे उतारा और सोज़ी को अपने पास बुलाकर उसका भी ब्लाऊज़ उतार दिया
सोज़ी के 36 आकार के गोल मम्मे मेजर को बहुत पसंद आए जूली की तुलना में सोज़ी के मम्मे थोड़े सख्त थे मगर मेजर ने उन्हें भी शौक से चूसना शुरू कर दिया जबकि जूली ने मेजर के लंड अपने मुँह में लिया और लंड चूसने लगी। कुछ देर तक सोज़ी के मम्मे चूसने और निपल्स काटने के बाद अब मेजर ने सोज़ी का घाघरा भी उतारा तो नीचे उसने पैन्टी पहन रखी थी। मेजर ने सोज़ी की पैन्टी को ध्यान से देखा तो वहाँ उसे हल्का सा कूबड़ नजर आया, मेजर ने सोज़ी की पैन्टी उतारी तो मेजर को एक झटका लगा।
पैन्टी उतार ही सोज़ी का 4 इंच लंड मेजर के सामने था। यानी सोज़ी लड़की नहीं बल्कि उसका संबंध तीसरे सेक्स से था। ( दोस्तो यहाँ आप भी समझ गये होंगे कि सोजी एक किन्नर था ) यह देखकर मेजर एकदम खड़ा हो गया और बोला यह क्या बदतमीजी है ??? उसे समझ नहीं आ रही थी कि वह क्या करे, मेजर का यह रिएक्शन देखकर जूली तुरंत मेजर के पास आई और बोली चिंता नहीं करो साहब, आप आराम से मेरी चूत मारो और सवज़ीना की गाण्ड मारो। सवज़ीना भी खड़ी हुई / हुआ और बोली साहब आज बहुत दिनों के बाद इतना तगड़ा लंड देखा है, प्लीज़ मेरी गाण्ड मारे बिना नहीं जाना है, और चिंता मत करो मैंने केवल जूली की चूत में अपनी इस छोटी लुल्ली डाला है प्लीज़ आज मेरी गाण्ड को आराम पहुंचा दो अपने इस 8 इंच के लोड़े से, यह कह कर सोज़ी नीचे बैठ गई और फिर से मेजर के लंड अपने मुंह में ले लिया जो अब बैठ चुका था। मगर सोज़ी के मुँह में लेते ही लंड ने फिर से सिर उठाना शुरू किया और थोड़ी ही देर में फिर से लोहे के रोड की तरह सख्त हो गया।
मेजर ने दिल में सोचा कि आखिर एक किन्नर की गाण्ड मारने में हर्ज ही क्या है। यह सोच कर उसने फिर से अपना ध्यान जूली की ओर किया और उसे बेड पर लेटने को कहा, जूली तुरंत बेड पर लेट गई तो मेजर ने उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधों पर रख दीं और अपना लंड सोज़ी मुंह से निकाल कर जूली की चूत पर रखा। एक ही धक्के में मेजर का 8 इंच लंड जूली की चूत की गहराई में उतर चुका था। जूली की चूत खुली होने के कारण लंड जड उसकी चूत में उतर चुका था, जैसे ही 8 इंच के लंड ने जूली की चूत की गहराई में जाकर टक्कर मारी उसकी चूत ने मेजर के लंड को जकड़ लिया। जूली ने इतना लंबा लंड मिलते ही अपनी चूत को टाइट कर लिया था और मेजर ने भी बिना रुके धक्के मारने शुरू कर दिए थे। मेजर के हर धक्के के साथ जूली के 38 साइज़ के मम्मे ऊपर नीचे हिलते और उसके मुंह से आवाज निकलती ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह, आईईईईई मज़ा आ गया साहब, आज बहुत दिनों बाद किसी मर्द का लंड मिला है वरना यहाँ तो सारे छोटी लुल्लियाँ लेकर ही आते हैं और 2 मिनट में ही अपना माल निकाल देते हैं। आह आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, साहब और जोर से चोदो आज जूली को ... ऐसे ही धक्के लगाओ साहब, मेरी चूत की प्यास बुझा दो आज।
जूली की हर आवाज़ के साथ मेजर के धक्कों में तेजी आ रही थी। जबकि जूली की चूत काफी खुली थी मगर जूली ने अपनी चूत की दीवारों को टाइट किया तो मेजर राज को भी चुदाई का मज़ा आने लगा। कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद मेजर ने जूली की चूत से लंड निकाला और उसको घोड़ी बनने को कहा, जूली तुरंत उठी और बेड पर घोड़ी बन गई, मेजर राज अब बेड पर घुटनों बल खड़ा हुआ और जूली की चूत में लंड रखकर एक धक्का मारा और मेजर का लंड जूली की चूत में गायब हो गया। अब मेजर ने फिर से जोरदार धक्के लगाना शुरू कर दिया, अब की बार मेजर के हर धक्के पर मेजर का शरीर जूली के चूतड़ों से टकराता तो कमरे में धुप्प धुप्प की आवाजें आतीं और मेजर इन आवाजों का आनंद लेता हुआ अगला धक्का और भी जानदार मारता .
मेजर के इन धक्कों से अब जूली की सिसकियाँ निकल गई थीं और अब वह महज ऊच ऊच ऑश की आवाजें निकालने के अलावा और कुछ नही कर ही रही थी। अब उसकी चूत में उसकी मांग से अधिक जोरदार धक्के लग रहे थे जिनका वो मुश्किल से सामना कर रही थी। जबकि सोज़ी अब जोली के सामने आ गई और अपनी छोटी सी लुल्ली जोली के मुंह में दे दी। जूली ने सोज़ी की लुल्ली को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया और थोड़ी ही देर में उसकी लुल्ली में थोड़ी सी सख्ती पैदा हो गई, सोज़ी की लुल्ली का आकार अभी भी 4 इंच ही था लेकिन अब इसमें थोड़ी सख्ती थी। मेजर की नजरें कुछ देर के लिए सोज़ी और लिली पर गईं मगर फिर उसने अपना ध्यान जूली की चूत पर लगाया और धक्कों का सिलसिला जारी रखा। जब यह धक्के जूली की बर्दाश्त से बाहर होने लगे तो जूली को लगा जैसे उसके शरीर में सुई चुभ रही हों, वह समझ गई थी कि आज काफ़ी समय बाद उसकी चूत किसीके लंड की चुदाई से पानी छोड़ने लगी है वरना इससे पहले या तो वह उंगली डाल कर अपनी चूत का पानी निकालती थी या फिर सोज़ी अपनी जीभ से जूली की चूत का चाट कर उसका पानी निकालती थी।
मेजर के कुछ और धक्के लगे और जूली की चूत में बाढ़ आ गई। जूली के शरीर में कुछ झटके लगे और उसकी चूत ने ढेर सारा पानी निकाल दिया। जब सारा पानी निकल गया तो मेजर ने धक्के लगाना बंद कर दिए। जूली ने अपनी चूत से मेजर के लंड को बाहर निकाला और एक बार मेजर राज का लंड मुँह में लेकर उस पर मौजूद अपना पानी चूसने लगी। जब सारा पानी चूस लिया तो जूली दीवाना वार मेजर के सीने को चूमने लगी और उसके होठों को चूमने लगी। वह मेजर के शरीर को दबा रही थी और बार बार कह रही थी तुम असली पुरुष हो साहब, आज तुम्हारे लंड ने मेरी चूत की प्यास बुझा दी है और अब भी ससुरा खड़ा है थका नहीं। यह सुनकर सोज़ी ने जूली को पीछे किया और बोली चल पीछे अब साहब के लोड़े की सवारी करने की बारी मेरी है। सोज़ी ने भी मेजर के सीने पर एक बार किस किया और बोली साहब कौन सी स्थिति में मेरी गाण्ड मारना पसंद करोगे। ?? मेजर ने कहा पहले अपनी गाण्ड का नज़ारा तो करवा कैसी है ...
यह सुनते ही सोज़ी घोड़ी बन गई और मेजर ने उसके चूतड़ों को खोल कर उसकी गाण्ड पर नजर मारी तो उसका छेद भी थोड़ा खुला था। यानी वह भी अपनी गाण्ड नियमित मरवाती थी। मेजर ने उसी स्थिति में सोज़ी की गाण्ड पर अपने लंड की टोपी रखी और धक्का मारने की कोशिश की मगर लंड अंदर नहीं गया। तब जूली आगे आई और बोली साहब पहले थोड़ा चिकना कर लो, और वह सोज़ी की गाण्ड पर झुकी और उसे चूसने लगी, उसने अपनी उंगली भी सोज़ी की गाण्ड में डाल दी थी और उसकी उंगली से चुदाई करने लगी तो उसने सोज़ी की गाण्ड पर अपना थूक फेंका और उंगली से थूक सोज़ी की गाण्ड के अंदर तक मसल दिया, जबकि दूसरे हाथ से वह मेजर के लंड को हाथ में पकड़े उसकी मुठ मारने में व्यस्त थी।
फिर जूली ने मेजर के लंड पर भी थूक फेंका और उसको भी चिकना दिया। अब की बार मेजर राज ने सोज़ी की गाण्ड पर लंड रखकर एक झटका मारा तो आधा लंड सोज़ी की गाण्ड में उतर गया था और सोज़ी की चीख निकली ओय माँ। । । । में मर गई। साहब क्या तगड़ा लंड है तुम्हारा क्या खाते हो ??? मेजर राज हंसता हुआ बोला अभी तो आधा लंड अंदर गया है बाकी आधा अब जाना है, उस पर सोज़ी बोली ओय माँ ...... और ज़्यादा न डालना साहब मेरी तो गांड ही फट जाएगी। मेजर राज बोला तुम्हे भी तो शौक है गाण्ड मरवाने का आज दिल भर कर अपनी गाण्ड मरवा, यह कह कर मेजर ने एक धक्का और लगाया और मेजर का सारा लंड सोज़ी की गाण्ड में चला गया। और सोज़ी की एक और चीख निकली। अब वह इस तरह सिसकियाँ ले रही थी जैसे किसी बच्चे को मिर्च लग जाएं तो वह बार बार सीसी करता है। मेजर के लंड ने सोज़ी की गाण्ड के अंदर मिर्च लगा दी थी।
अब मेजर ने सोज़ी की गाण्ड मारना शुरू किया और जूली सोज़ी के सामने जाकर खड़ी हो गई और अपनी गाण्ड को सोज़ी के आगे कर दिया। सोज़ी ने जूली की गाण्ड चूसना शुरू किया और उसमें थूक भरने लगी। सोज़ी ने कहा लगता है आज तेरा भी साहब से गाण्ड मरवाने का इरादा है। इस पर जूली बोली हीरे जैसा लोड़ा आज हाथ लगा ही है तो उसका पूरा उपयोग तो होना ही चाहिए ना।
मेजर ने कुछ देर सोज़ी की गाण्ड में धक्के मारे उसके बाद अपना लंड उसकी गाण्ड से निकाला जो अब तक सूज चुकी थी। अब मेजर बेड के साथ पड़े सोफे पर जाकर बैठ गया और सोज़ी को अपनी गोद में आने को कहा, सोज़ी ने अपनी गाण्ड मेजर के लंड के ऊपर और टोपा गाण्ड के छेद में फिट कर एक ही झटके में लंड पर बैठ गई, सोज़ी ने अपनी टाँगें मेजर की कमर के गिर्द लपेट ली थीं और मेजर राज अब खूब जोर जोर के धक्के मार कर सोज़ी की गाण्ड मार रहा था।
सोज़ी के 36 आकार के मम्मे मेजर की आंखों के सामने लहरा रहे थे जबकि उसका 4 इंच का लंड बल्कि लुल्ली का मेजर की नाभि से स्पर्श हो रहा था। मेजर को सोज़ी की गाण्ड मारने का बहुत मज़ा आ रहा था। टाइट गाण्ड ने मेजर के लंड को जकड़ रखा था। अब मेजर सोज़ी की गाण्ड में धक्के मारने के साथ साथ उसके 36 साइज़ के उछलते मम्मों को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था जबकि सोज़ी मेजर के लंड बखान करती नहीं थक रही थी, मज़ा आ गया साहब, आपके लोड़े ने तो मेरी गाण्ड का सत्यानास कर दिया है, ऐसे ही गाण्ड मारते रहो साहब .... 5 मिनट तक सोज़ी की गाण्ड मारने के बाद मेजर के लंड ने फूलना शुरू किया और उसके बाद सोज़ी की गाण्ड के अन्दर ही वीर्य की धार छोड़ दी। जब मेजर राज का लंड वीर्य छोड़कर फ्री हो चुका तो सोज़ी लंड से उतरी और मेजर के लंड को चूसने लगी। मेजर के लंड के गाढ़े वीर्य की हर बूंद को सोज़ी ने अपनी जीभ से चाट लिया। जब मेजर का लंड वीर्य सॉफ हो गया तो सोज़ी ने जूली को देखा और बोली चल अब साहब को अपना शो दिखाते हैं।
यह कह कर सोज़ी ने मेजर राज को छोड़ा और जूली को लेकर बेड पर चली गई, जूली और सोज़ी अब 69 की स्थिति में एक दूसरे ऊपर थीं। सोजी नीचे लेटी थी और जूली उसके ऊपर थी, सोज़ी की ज़ुबान जूली की चूत के छेद पर तेज तेज चल रही थी जबकि जूली सोज़ी की लुल्ली को मुँह में डाले उसकी चुसाइ कर रही थी। कुछ देर के बाद दोनों घुटनों के बल बैठ गई और एक दूसरे के मम्मों को बारी बारी चूसने लगीं, कभी सोज़ी जूली के मम्मे मुँह में लेकर चूसती तो कभी जूली सवज़ीना के मम्मों को मुंह में लेती और उनको चूसने लगती। फिर सोज़ी ने जूली से कहा, चल अब मुझे भी अपनी चूत का मज़ा दे। यह सुनकर जूली बेड पर लेट गई और अपनी टाँगें खोल दीं जबकि सोज़ी उसकी टांगों के बीच बैठी और अपनी लुल्ली की टोपी जूली की चूत पर रख दी। सोज़ी की लुल्ली अब तक 4 इंच की ही थी लेकिन इसमें पहले की तुलना में सख्ती ज़्यादा थी, सोज़ी ने एक धक्का लगाया तो उसकी 4 इंच की छोटी लुल्ली जूली की चूत में गुम हो गई।
अब सोज़ी ने धक्के लगाने शुरू किये और साथ ही साथ जूली की चूत के दाने पर उंगली फेरनी शुरू की। सोज़ी के चेहरे के भाव से लग रहा था कि अपनी लुल्ली जूली की चूत में डाल कर उसे आराम मिला था मगर जूली के चेहरे पर मजे के आसार नहीं थे वो बस सोज़ी की इच्छा पूरी कर रही थी। मेजर राज सोज़ी और जूली के इस शो देखकर महज़ोज़ हो रहा था और धीरे धीरे अब उसके लंड ने सिर उठाना शुरू कर दिया था। सोज़ी अब जोली के ऊपर लेट गई और उसके मम्मे चाटने के साथ साथ अपनी गाण्ड हिला हिला कर अपनी लुल्ली से जूली की चूत की चुदाई कर रही थी। इस सीन देखकर मेजर का लंड पूरा खड़ा हो गया था, वह बेड से उठा और अपना लोड़ा जोली के मुंह में डाल दिया। जूली मेजर के लोडे में फिर से जान देखकर खुश हो गई।
उसने तुरंत ही मेजर के लंड को चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद सोज़ी ने कहा साहब लंड मेरे मुंह में दो जूली आपके आँड चूसेगी यह सुनकर मेजर ने जूली का चेहरा अपनी टांगों के बीच किया जूली ने उत्साह से मेजर के आंडो पर अपनी जीभ चलाना शुरू कर दिया और फिर उसके आंडो को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया जबकि सोज़ी जो जूली के ऊपर लेटी उसकी चुदाई कर रही थी उसने मेजर के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था।
जब मेजर का लंड पहले की तरह सख्त हो गया तो वह खड़ा हुआ और सोज़ी के पीछे चला गया। पीछे जाकर मेजर ने सोज़ी की गाण्ड पर थूक फेंका और उंगली से थोक उसकी गाण्ड के अंदर मसलने लगा। सोज़ी लिली अब तक जूली चूत में ही था। और सोज़ी धक्के पर धक्के मार रही थी। मेजर ने सोज़ी को धक्के रोकने को कहा तो सोज़ी ने धक्के रोक दिए, अब मेजर ने अपने लंड की टोपी को सोज़ी की गाण्ड पर रखा और धीरे धीरे सारा लंड सोज़ी की गान्ड में उतार दिया जिससे उसकी सिसकियाँ निकलने लगी। अब मेजर ने धक्के मारने शुरू किए तो सोज़ी ने मेजर के धक्कों के साथ जूली की चूत में धक्के मारने का सिलसिला जारी रखा। सोज़ी को अब डबल मजा आ रहा था। एक तो उसकी लुल्ली जूली की चूत में थी और पीछे से मेजर का तगड़ा लंड सोज़ी की गाण्ड मारने में व्यस्त था।
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