Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-07-2017, 02:20 PM,
#22
RE: वतन तेरे हम लाडले
कर्नल इरफ़ान को जैसे ही पता चला कि मेजर राज उसकी सुरक्षा को नाकाम कर वहां से फरार हो गया है तो उसने हर छोटे बड़े लॉरी अड्डे, रेलवे स्टेशन, पुलिस चौकी और जामनगर से मिलने वाले सभी शहरी मार्गों परसीक्योरटी हाई अलर्ट कर दिया था ।


पुलिस तक यह खबर पहुंचाई गई थी कि एक बड़ा आतंकवादी जो इस्लामाबाद में बम विस्फोट करने की साजिश कर रहा है जामनगर में मौजूद है और उसको ढूंढने वाले को 10 लाख रुपये इनाम दिया जाएगा। भुट्टो सोसायटी के 3 किलोमीटर के दायरे में हर तरफ पुलिस मौजूद थी और उनके पास मेजर राज की तस्वीरे भी मौजूद थीं। मेजर राज के लिए किसी भी मामले यहाँ से निकलना संभव नहीं था। 

मेजर राज भी इस बात से अच्छी तरह बाख़बर था कि अब तक हर तरफ पुलिस और आईएसआई के एजेंटस मेजर राज को ढूंढ रहे होंगे। वह इसी बारे में सोच रहा था और यही बात सोचते हुए उसने अमजद को संबोधित करके पूछा कि हम कहाँ जा रहे हैं ?? तो अमजद ने बताया जामनगर शहर में प्रवेश करेंगे और वहाँ एक छोटी स्लम में हमारा सहारा है वहां जाएंगे। मेजर राज ने अमजद से कहा कि हमारा शहर में जाना ठीक नहीं मुझे हर तरफ पुलिस ढूंढ रही होगी और शहर में प्रवेश के सभी रास्तों पर पुलिस मौजूद होगी। मेजर की यह बात सुनकर अमजद मुस्कुराया और बोला कि हम भी कच्ची गोलियां नहीं खेलते हैं, आप चिंता न करें। मगर मेजर राज कैसे चिंता न करता, उसको अच्छी तरह मालूम था कि कर्नल इरफ़ान हर संभव प्रयास करेगा उसको फिर से पकड़ने की। और अगर इस बार मेजर राज पकड़ा गया तो उसका बचना संभव नहीं होगा। 

मेजर राज अब इसी सोच में गुम था कि अचानक ही अमजद ने गाड़ी सड़क से कच्चे रास्ते पर उतार ली। मेजर राज ने अमजद से पूछा कि कच्चे रास्ते पर क्यों कार उतारी है तो अमजद के बजाय समीरा ने कहा कि अब शहर यहां से पास ही है और 3 किलोमीटर की दूरी पर पुलिस का नाका होगा। इसलिए कुछ ज़रूरी काम करना है शहर में प्रवेश करने से पहले। कुछ दूर जाकर अमजद ने वीराने में कच्चे मिट्टी के घर के पास गाड़ी रोक ली तो सब लोग गाड़ी से उतर गए। मेजर राज भी कार से नीचे उतर आया और इस जगह की समीक्षा लेने लगा इतने में समीरा उसके पास आई और उसको एक सफेद रंग की सलवार कमीज पहनने को दी, मेजर के कपड़े बहुत गंदे थे वह काफी दिनों से जेल में था। राणा काशफ और मेजर राज का स्वास्थ्य थोड़ा एक जैसी ही था इसलिए समीरा ने कार की डिग्गी से राणा काशफ का एक सूट निकालकर मेजर राज को दिया। उसकी सिलाई इंडियन सलवार कमीज की तर्ज पर थी। मेजर राज ने एक दीवार की ओट में जाकर कपड़े चेंज कर लिए और जब वापस आया तो उसने देखा कि सब लोग ही सलवार कमीज पहन चुके हैं सिवाय समीरा के जो अब तक लाल रंग का वही पहने हुए थी। उसके बाद सरमद आगे बढ़ा और मेजर राज के चेहरे पर हल्का मेकअप करने लगा, नकली मूंछें लगाई गईं जो किसी पहलवान की मूंछें मालूम हो रही थीं, उसके अलावा उसके चेहरे पर हल्के हल्के दाने बना दिए गए जिससे वह अब बिल्कुल भी पहचान में नहीं आ रहा था। 

फिर समीरा ने आगे बढ़कर मेजर एक कार्ड पकड़ाया, यह एक पुलिस वाले का कार्ड था। कार्ड पर इंस्पेक्टर संराज ठाकुर का नाम दर्ज था समीरा ने बताया कि अब वह एक पुलिस वाला है मगर सिविल कपड़ों में , जबकि समीरा ने सीआईडी इंस्पेक्टर सोनिया कपूर का कार्ड पर्स में रखा और इसी तरह राणा काशफ, अमजद और सरमद के पास भी पुलिस वालों के कार्ड मौजूद थे। इस सारी तैयारी के बाद सब लोग फिर से कार में बैठे और कच्चे रास्ते पर आगे चलते हुए एक राज मार्ग पर चढ़ गए। 5 मिनट की यात्रा के बाद मेजर राज को कुछ दूर वाहन दिखाई दिए , करीब जाने पर पता चला कि यह पुलिस का नाका है। अमजद ने नाके पर पहुंचकर गाड़ी रोक दी, अमजद ने दाढ़ी तो असली ही रखी हुई थी मगर अब उसके सिर पर फिर से पठान वाली पगड़ी मौजूद थी। 

नाके पर गाड़ी रोककर अमजद खुद उतर गया जबकि दूसरी ओर सोनिया कपूर यानी कि समीरा भी नीचे उतर गई नाके पर खड़ा एक पुलिस वाला भागता हुआ उनकी कार के पास आया और चिल्लाता हुआ बोला तुम दोनों वापस कार में बैठो, जब तक निकलने को न कहा जाए बाहर नहीं निकलना, सभी वाहनों की तलाशी होगी। हम एक आतंकवादी की खोज कर रहे हैं। इस दौरान वह पुलिस वाला अमजद के बिल्कुल करीब पहुंच गया जबकि उसकी नजरें समीरा के सूट में नजर आने वाले शरीर पर थीं। अमजद ने जेब से एक कार्ड निकाला और अपना परिचय करवाया, समीरा ने भी अपने पर्स से कार्ड निकाल कर अपना परिचय करवाया तो पुलिस वाले ने अमजद को सलयूट मारा और बोला आप जा सकते हैं सर मगर अमजद ने जाने की बजाय उससे पूछा कि अब तक कोई संदिग्ध नजर आया ??? इस पर पुलिस वाला बोला सर हम हर कार की तलाशी कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ऐसा व्यक्ति नजर नहीं आया। अमजद ने पुलिस को समझाते हुए कहा देखो अपना काम बहुत ध्यान से करो, किसी भी वाहन को छोड़ना नहीं चाहे कितना ही बड़ा आदमी क्यों न हो। और ध्यान रखना, हो सकता है वह आतंकवादी हमारी पुलिस की ही वर्दी में यहां से भागने की कोशिश करे। इसलिए कोई पुलिस वाला वाहन भी आए तो उसको भी अच्छी तरह जाँच करना। उनके कार्ड की ज़रूर जाँच करना। आईएसआई हर तरफ सादे कपड़ों में जा रही है इसी तरह पुलिस की खुफिया टीमें भी सादे कपड़ों में निगरानी कर रही है अगर कोई वर्दी में अकेला व्यक्ति दिखे तो उसे छोड़ना मत। उसकी अच्छी तरह से तलाशी लेना। वह आतंकवादी बहुत चालाक है वह निश्चित रूप से पुलिस वाला बनकर निकलने की कोशिश करेगा 

अमजद की बात पूरी हुई तो पुलिस वाले ने मुस्तैदी दिखाते हुए अमजद को सलयूट और राइट कहता कहता वापस अन्य वाहनों के पास जाकर तलाशी लेने लगा जबकि समीरा और अमजद वापस अपनी अपनी सीट पर बैठ गए और अमजद ने पुलिस नाके से कार गुजार ली। नाके से गुजरने के बाद मेजर राज ने मुस्कुराते हुए अमजद पूछा यह क्या नाटक था ??? तो अमजद मुस्कुराया और कहा यहां की पुलिस और भारत की पुलिस समझो एक ही समान है। किसी काम की नहीं। खुद पुलिस वाला बन कर उसको कह रहा हूँ कि आतंकवादी पुलिस वाला बनकर निकलने की कोशिश करेगा तो किसी पुलिस वाले की कार भी बिना तलाशी जाने न दे और इस पागल ने हमारी ही कार बिना तलाशी जाने दिया। अब पीछे आने वाली पुलिस वाहनों की ज़रूर जाँच करेगा हालांकि वह वास्तव में पुलिस की गाड़ियाँ होंगी। यह कह कर कार में मौजूद सभी लोग हंसने लगे। 

कर्नल इरफ़ान खुद अपने जेल में मौजूद था। उसके साथ आईटी विशेषज्ञ, चिकित्सक और उंगलियों के निशान की टीम भी मौजूद थी। गलियारे का दरवाजा खोलकर कर्नल इरफ़ान जैसे ही अंदर दाखिल हुआ तो उसे सामने ही एजेंट की लाश मिली जिसका शरीर 2 भागों में विभाजित हो चुका था। शव से खून बह कर दरवाजे तक पहुंचा हुआ था जबकि उसका चेहरा पहचानने योग्य था। उसके साथ उसके शरीर पर यातना के निशानों को भी स्पष्ट देखा जा सकता है। कर्नल इरफ़ान के साथ उसकी टीम ने भी गलियारे में प्रवेश किया। सुरक्षा प्रणाली को डी सक्रिय कर दिया गया था तो कोई कैमरा अबकी बार ऑनलाइन नहीं हुआ। साथ मौजूद डॉक्टर एजेंट के शव का निरीक्षण करने लगे जबकि कर्नल इरफ़ान गलियारे में मौजूद कंट्रोल रूम में गया जहां कैप्टन सोनिया का शव मौजूद था उसकी लाश को कपड़े से ढक दिया गया था। मेजर राज ने कपड़ा उठा कर देखा तो कैप्टन सोनिया का शरीर पूरा नंगा था, उसके नग्न शरीर को देखकर कर्नल इरफ़ान मुंह ही मुंह में बड़बड़ाया "जिसने अपने शरीर का उपयोग करके अपने कई दुश्मनों को नीचा कर दिया था आज वही शरीर तुम्हारी जान ले गया। " यह कह कर वह फिर से चादर कैप्टन सोनिया के शरीर पर डाल दी और दूसरे एजेंट के शव को देखने लगा। उसके शरीर पर यातना के निशान नहीं थे लेकिन उसकी गर्दन मोड़ कर मारा गया था। 

डॉक्टरों ने सभी शवों का पोस्टमार्टम शुरू कर दिया था मगर कर्नल इरफ़ान को इससे कोई सरोकार नहीं था, वह देखते ही समझ गया था कि किस की मौत कैसे हुई। फिर आईटी टीम की मदद से कर्नल इरफ़ान ने कैमरा रिकॉर्डिंग निकलवाई, कर्नल देखना चाहता था कि मेजर राज जोकि लोहे की राड के साथ जकड़ा हुआ था तो उसने अपने आप को मुक्त कैसे करवाया। और जब कर्नल ने देखा कि कैप्टन सोनिया कैसे मेजर राज के लंड के लिए बेताब हो रही थी और ज़्यादा जोरदार धक्के लगवाने के लिए कैप्टन सोनिया ने खुद ही मेजर राज के पैरों को खोला था और बाद में मेजर राज ने कूद लगाकर कैप्टन सोनिया को जीवन की कैद से मुक्त करवा दिया था। उसके बाद गलियारे से निकलते हुए जैसे मेजर राज ने अपना चेहरा छुपाया और कैप्टन सोनिया का चेहरा कैमरे के सामने किया तो एजेंट वन और टू की मौत और मेजर राज का भाग कर सुरक्षा गेट तक जाना और वहां सुरक्षा अधिकारी की गर्दन पर चाकू रख कर गेट खुलवाना, सब कुछ कर्नल इरफ़ान ने बिल्डिंग में लगे कैमरों की मदद से देख लिया था। 

कर्नल इरफ़ान जो कैप्टन सोनिया की क्षमताओं की हमेशा प्रशंसा करता रहा था आज कर्नल को सोनिया पर बेहद गुस्सा आ रहा था वह गुस्से में फिर बड़बड़ाने लगा कि पहले अपनी चूत से दूसरों की मौत मौत का समान तैयार करती थी मगर आज अपनी चूत की खुजली मिटाने के चक्कर में खुद मौत को दावत दे बैठी फिर कर्नल ने सुरक्षा कर्मी को बुलाया जिसने मेजर राज के लिए गेट खोला था। जैसे ही वे सुरक्षा अधिकारी कर्नल इरफ़ान के सामने आया कर्नल ने बिना कोई बात कहे जेब से बंदूक निकाली और उसके सिर में 3 गोलियां उतार दी और वह अधिकारी लहराता हुआ जमीन पर आ गिरा इन सभी वीडियो को देखकर कर्नल इरफ़ान समझ गया था कि मेजर राज कोई साधारण एजेंट नहीं बल्कि वह रॉ का विशेष एजेंट है और उसे पकड़ने के लिए कर्नल इरफ़ान को ही इस मिशन का नेतृत्व करना चाहिए। 

अंत में कर्नल इरफ़ान ने मेन गेट के बाहर लगे कैमरे की वीडियो देखना शुरू किया, 15 मिनट के वीडियो में मेजर राज के निकलने के बाद वीरानी के अलावा कर्नल को कुछ नजर नहीं आया जैसे ही कर्नल इरफ़ान इस वीडियो को बंद करने लगा अचानक मेजर को वीडियो में एक साया नजर आया जिसने कर्नल को वीडियो बंद करने से रोक दिया। छाया एक स्थान पर रुका हुआ था उसका मतलब था कि जिस भी व्यक्ति की साया है वह मेन गेट के पास ही खड़ा है और कैमरा रेंज से अपने आप को बचा कर खड़ा है मगर उसकी परछाई को कैमरे ने पकड़ लिया था। कर्नल इरफ़ान वीडियो ध्यानपूर्वक देख रहा था, कुछ देर के बाद साया अपनी जगह से हिला तो कर्नल इरफ़ान ने साये से अनुमान लगा लिया कि यह किसी लड़की का साया है क्योंकि इसमें साया लंबे बाल मे दिख रहा था। अब कर्नल इरफ़ान और भी जिज्ञासा के साथ वीडियो देखने लगा। कुछ देर के बाद वह छाया अपनी जगह से पीछे की ओर जाने लगी और फिर गायब हो गई . 

कर्नल इरफ़ान अभी भी वीडियो को ध्यानपूर्वक देख रहा था अचानक कर्नल इरफ़ान ने देखा कि कैमरे में एक कार बहुत गति के साथ गुज़री है। कर्नल इरफ़ान ने वीडियो रीवायंड किया और फिर से देखा मगर पहचान नहीं पाया। फिर कर्नल ने आईटी टीम की मदद ली और उन्हें कहा कि वह इस वीडियो का सबसे अच्छा फ्रेम निकालें जिसमें कार में मौजूद लोगों का अनुमान लगाया जा सके और अगर उनकी आकृति भी नजर आ जाए तो सबसे बेहतर होगा। 

आईटी टीम ने कुछ ही मिनट में वीडियो के इस हिस्से के अनगिनत फ्रेम्स बना लिए और फिर उसमें से 20 ऐसे फ्रेम निकाले जिसमें कार बहुत स्पष्ट दिख रही थी, मगर कार ड्राइविंग सीट का शीशा बंद था और वहां से धूप रीफलैक्ट रही थी जिसकी वजह से सुरक्षा कैमरा चालक को तो सही तरह सुरक्षित नहीं कर पाया मगर इन फ्रेम्स से कर्नल इरफ़ान को इतना पता चल गया था कि गाड़ी ड्राइव करने वाली लड़की है जिसने लाल रंग का लिबास पहन रखा है। 

कर्नल इरफ़ान ने बाकी फ्रेम्स भी देखे मगर किसी भी फ्रेम में लड़की की शक्ल स्पष्ट नहीं थी लेकिन कुछ फ्रेम्स ऐसे थे जिसमें कार का नंबर देखा जा सकता था। और साथ ही साथ कार का मॉडल भी पहचान लिया था। कर्नल इरफ़ान ने तुरंत ही सभी पुलिस टीम को कार का नंबर मॉडल और कलर बता दिया और शहर में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों पर लगे सुरक्षा कैमरों की जाँच का भी आदेश दिया ताकि वे देख सकें किस कार ने शहर में कब और किस समय प्रवेश किया और कार में कौन मौजूद था। कर्नल इरफ़ान ने आईएसआई को भी टास्क दिया कि शहर में मौजूद बैंक और अन्य शॉपिंग प्लाजा या दूसरी बिल्डिंग में लगे कैमरों के डेटाबेस को भी चेक किया जाय किसी न किसी कैमरे से तो इस कार के बारे में पता चल ही जाएगा । 

उसके साथ साथ कर्नल इरफ़ान ने अपने साथ आईटी टीम को यह कार्य भी दे दिया कि वे पता लगाएं कि इस बिल्डिंग में जितने भी सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे उनके पास मोबाइल थे या नहीं और जिनके मोबाइलज़ पर कॉल आईं उनके नंबर को ट्रेस किया और जिन नंबर से कॉल आई उनको भी ट्रेस किया जाए ताकि पता लगाया जा सके कि सुरक्षा व्यवस्था में तो कोई शामिल नहीं था जिसने मेजर राज को यहां से निकलने में मदद की हो या बाहर आने वाली लड़की जिसका मात्र छाया नजर आ सकी थी उसका एक सुरक्षा अधिकारी से संपर्क रहा हो। 

अमजद ने अब गाड़ी एक कच्ची सड़क पर उतार दी थी तो ऐसा मालूम हो रहा था कि अब उनका रुख किसी गांव की ओर है। इस दौरान पीछे बैठे मेजर राज की आंख भी लग गई थी क्योंकि जब वह कैद हुआ था या तो बेहोश रहता था या फिर होश में आकर अपनी रिहाई के तरीके सोचता रहता था। मानसिक रूप से वह काफी थक चुका था इसलिये इसे जल्दी ही नींद आ गई। कच्ची सड़क पर जब वाहन को कुछ झटके लगे तो मेजर राज की आंख खुली थी। उसने अमजद से पूछा कि हम कहाँ पहुँच गए हैं तो उसने बताया कि बस कुछ ही देर में हमारा ठिकाना आ जाएगा जो आबादी से कुछ दूर है। यह सुनकर राज चुपचाप बैठ गया। रात का समय था कार से बाहर कुछ खास नजर नहीं आ रहा था सिर्फ अंधेरे का राज था। लेकिन इतना जरूर पता लग रहा था कि उनके आस पास या तो कुछ फसलें हैं या फिर खेत आदि हैं, जिनमें कोई फसल नहीं होगी। 

कुछ ही देर के बाद मेजर को दूर एक घर दिखने लगा जिसमें हल्की हल्की रोशनी थी। गाड़ी धीरे धीरे उसी घर की ओर जाने लगी और कुछ ही देर के बाद घर के सामने जाकर रुक गई। पहले समीरा गाड़ी से उतरी और उसने जल्दी से दरवाजा खोला और अंदर चली गई उसके बाद बाकी लोग भी उतरे और मेजर राज भी राणा काशफ और सरमद के साथ अंदर चला गया जबकि अमजद कार पार्क करने के लिए साथ ही एक खाली प्लाट से ले गया। यह एक छोटा सा घर था जिसके अंदर कमरे एक रसोई और शौचालय था। इस घर से कुछ आगे कुछ अधिक घर थे और देखने में यह कोई छोटा सा गांव या कस्बे जैसा लगता था जहां थोड़े थोड़े दूरी पर एक साथ 5, 6 घर मौजूद थे। 

अंदर जाकर मेजर राज सरमद और राणा काशफ के पीछे चलता हुआ एक कमरे में जाकर बैठ गया। कमरे में दीवारों पर कुछ आधुनिक प्रकार के हथियार मौजूद था और कुछ नक्शे आदि लगे हुए थे। मेजर राज एक नक्शे को ध्यानपूर्वक देखने लगा तो यह इस्लामाबाद का नक्शा था। अब मेजर राज नक्शे को देख ही रहा था कि एक लड़की अंदर दाखिल हुई। सलवार कमीज पहने सिर पर दुपट्टा लपेटे और गले को अपने लंबे दुपट्टे से अच्छी तरह कवर कर लड़की बेझिझक अंदर प्रवेश कर गई। उसके हाथ में एक ट्रे थी जिसमे बड़े बड़े गिलास मौजूद थे। लड़की वह गिलास पहले सरमद और फिर राणा काशफ आगे लेकर गई और फिर अंत में मेजर राज के सामने आई। जब यह लड़की मेजर राज के पास आई और बोली कि आप भी एक गिलास उठा तो मेजर राज की हंसी निकल गई। 
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RE: वतन तेरे हम लाडले - by sexstories - 06-07-2017, 02:20 PM

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