Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-07-2017, 02:10 PM,
#15
RE: वतन तेरे हम लाडले
अब की बार मेजर राज की आंख खुली तो हुश्न देवी सोनिया अपने सारे हुश्न के साथ उसके सामने खड़ी थी। अभी भी वह टाइट पैंट में शॉर्ट ब्लाऊज़ के साथ अपने मम्मों का जलवा मेजर राज को दिखा रही थी। राज के होश में आते ही उसका लंड भी होश में आने लगा था क्योंकि सोनिया के मम्मे और उसकी मोटी गाण्ड के सामने कोई लंड सो जाये ऐसा संभव ही नहीं था। सोनिया के हाथ में खाने की थाली थी। उसने अपने हाथ से निवाला तोड़ा और मेजर राज को खिलाने लगी जो उसने बड़े ही प्यार से खाया। इसी तरह सोनिया ने सारा खाना मेजर राज को खिला दिया। भूख की वजह से उसका बुरा हाल था। ऊपर से बिजली के झटकों ने भी उसे निढाल कर दिया था उसे ताकत की ज़रूरत थी जो इस खाने से पूरी हो गई थी। मेजर राज को खाना खिलाने के बाद सोनिया ने काफी सीरियस होते हुए मेजर राज को कहा देखो तुम जो भी हो, जहां से भी आए हो उन को सब सच सच बता दो, अन्यथा यह तुम्हारे साथ बुरा सलूक करेंगे। तुम पहले कैदी हो जो मुझे पसंद आया। तुम्हारी बहादुरी और बेबाकी ने मेरा दिल जीत लिया है। मैंने हर कैदी को उन लोगों के सामने बिलखते और सिसकते देखा है मगर तुम पहले कैदी हो जो लोगों की परवाह किए बिना मेरे सीने पर नजरें जमाए मजे लेता रहा और बिजली के झटके लगने के बाद भी मैंने तुम्हारी आँखों में भय का तिनका तक नहीं देखा। इसलिए इन लोगों को सब कुछ सच सच बता दो इसी में तुम्हारी भलाई है। 

सोनिया की ये बातें सुनकर मेजर राज बोला तुम्हारा नाम क्या है ?? सोनिया ने अपना नाम बताया तो मेजर राज बोला मैंने बहुत सी हसीन लड़कियाँ देखी हैं मगर तुम जैसी तेज तर्रार लड़की मैंने आज तक नहीं देखी। तुम्हारे शरीर के उभार मुझे पागल किए दे रहे हैं। मेजर राज अभी और भी बहुत कुछ कहता मगर सोनिया ने उसकी बात काटी और बोली में तुम से क्या कह रही हूँ और तुम हो कि तुम्हें आशिकी सूझ रही है। सोनिया ने इधर उधर देखा जैसे देखना चाह रही हो कि कोई आस पास है या नहीं ... फिर मेजर राज के कान के पास होकर बोली तुम जानते ही होगे कि अगर तुमने उन को सब कुछ बता दिया जो यह जानना चाहते हैं तो यह तुम्हे जीवित नहीं छोड़ेंगे, और अगर कुछ और दिन तुम उन्हें सच नहीं बताओगे तब भी यह तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे। यह हर मामले में तुम्हें मार देंगे। और मेरा इस्तेमाल भी करेंगे तुमसे सच उगलवाने के लिए। 

में अपने हुश्न से पुरुषों को पागल करती हूँ और जब उन्हें मेरी ज़रूरत होती है तो उन्हें तड़पा तड़पा कर में सब जान लेती हूँ। और उसके बाद ये लोग उसे मार देते हैं। मगर तुम मुझे पसंद आए हो, तुम उन्हें सच सच बताओ जो यह पूछते हैं उसके बाद मैं तुमसे वादा करती हूँ कि मैं तुम्हारी यहां से निकलने में मदद करूंगी। राज उसकी यह बात सुनकर हैरान होकर बोला क्या तुम मेरी मदद क्यों करोगी ??? 

सोनिया ने कहा क्योंकि तुम्हारी मर्दानगी मुझे पसंद आ गई है। मैंने कई कड़ियल जवानों को इस जेल में सिसकते और बिलखते देखा है। मगर आप इन सबसे अलग हो निडर और बेबाक। इसलिए मैं नहीं चाहती कि यह तुम्हें कोई नुकसान पहुँचाएँ। 

सोनिया बात सुनकर मेजर राज उसकी आँखों में देखता हुआ बोला अगर आपको लगता है कि पहले वाले सभी कैदियों से अलग हूँ और साहसी और निडर हूँ तो आप को यह भी पता होना चाहिए कि यहां से रिहाई पाने के लिए किसी औरत की और वह भी दुश्मन देश की महिला की मदद नहीं माँगूंगा मैं मर तो जाऊंगा मगर तुम्हारे सामने मदद के लिए हाथ नहीं फैलाउन्गा यह कह कर मेजर राज ने एक बार फिर अपना चेहरा आगे कर सोनिया के होंठों को चूस लिया। सोनिया ने नागवारी से पीछे हटते हुए मेजर राज को एक गाली दी और बाहर चली गई, जबकि पीछे मेजर राज ठहाके लगाने लगा। 

सोनिया के जाने के बाद फिर से वही 2 बदमाश अंदर आए और मेजर राज से सवाल करने लगे और मेजर राज बिना सोचे समझे वह स्टोरी सुनाने लगा यातायात कांस्टेबल राज हूँ तुम्हारा कर्नल इरफ़ान राज मार्ग आगरा ........... .. इन्ही जवाबों की वजह से वो आदमी मेजर राज के शरीर में करंट दौड़ाने लगता। आज फिर यह सवाल जवाब 3 बार हुए मगर मेजर राज का जवाब चेंज नही हुआ। आखिरकार उनमें से एक बदमाश ने गुस्से में आकर पास पड़े लोहे के रॉड को उठाया और मेजर राज के पैरों पर बरसाना शुरू कर दिया। लोहे का रॉड जब मेजर के पैरों पर पड़ता तो मेजर राज की जान निकलने लगती उसको अपनी माँ याद आने लगती और वह चीख़ें मारने लगता। मगर उसने अपना बयान नहीं बदला। 10 मिनट तक मार खाने के बाद भी जब मेजर राज से सवाल पूछा गया तो उसने काँपती हुई आवाज़ और लुढ़के हुए चेहरे के साथ वही कहानी सुनाई यातायात कांस्टेबल राज हूँ तुम्हारा कर्नल इरफ़ान .. .. .. एक बार फिर बिजली के झटके लगे मेजर राज को और वह फिर से बेहोश हो गया। 

मेजर राज को फिर से होश आया तो एक बार फिर सोनिया अपने हुश्नो जमाल के साथ उसके सामने मौजूद थी। जबकि मेजर राज का मार खा खा कर बुरा हाल हो गया था। अब की बार फिर सोनिया ने उस पर तरस खाते हुए कहा देखो जान उनको सब कुछ सच सच बता दो और मुझे यहाँ से लेकर भाग जाओ में अपना शेष जीवन तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूं। मैं यहाँ की हर सुरक्षा प्रणाली से परिचित हूँ मैं तुम्हारी मदद करूंगी यहां से भागने में और फिर अपना पूरा जीवन तुम्हारी बाँहों में बिता दूँगी। सोनिया की आवाज में सच्चाई भी थी और दर्द भी। वह शायद सच में मेजर राज से प्यार करने लगी थी। उसकी आँखों में नमी भी थी।

मेजर राज ने उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखा और बोला तुम सच कह रही हो तो मुझे बताओ कि सामने जो दरवाजा है उसको खोलने का कोड क्या है ??? सोनिया ने बिना झिझक वह कोड बता दिया। मेजर राज जानता था कि कोड सही बताया गया है क्योंकि उसने अर्द्ध बेहोश हालत में सोनिया के साथ आने वाले बदमाशों को बाहर जाते देखा था तब उन्होंने दरवाजा खोलने के लिए जो कोड लगाया था मेजर राज ने उसको अपने दिमाग़ मे सेव कर लिया था। और सोनिया ने वास्तव में कोड मेजर राज को बता दिया था। 

अब की बार मेजर राज की आवाज धीमी थी। वह सोनिया को कह रहा था कि मुझे भी आप अच्छी लगी हो, मगर यह तुम्हारी भूल है कि हम दोनों यहाँ से बचकर निकल सकते हैं। मैंने ऐसे जेल देख रखे हैं। मैं इस दरवाजे से निकल भी जाऊँ तो भी यहां से बच निकलना संभव नहीं होगा बाहर अनगिनत सुरक्षाकर्मी होंगे इसके अलावा ऑटो सिस्टम भी होगा जो मुझे मोनीटर कर रहा होगा और उसके साथ साथ यह जो सामने दरवाजे पर कोड लगा हुआ है यह उंगलियों के निशान भी रीड करता है। हमें सही कोड पता भी हो तब भी हम यहाँ से निकल नहीं सकेंगे। इस पर सोनिया ने उसे बताया कि तुम्हारी यह बात तो सही है कि यहाँ प्रणाली स्वचालित है। मगर यहां सुरक्षा के लिए कोई नहीं होता। बस में हूँ और बाहर वह 2 लोग हैं जो तुम से इनवेस्टिगेट करते हैं। इसके अलावा एक लंबी गैलरी है जिसमे पारगमन कैमरे लगे हुए हैं और अंत में मैन गेट है जिस पर 3 जवान मौजूद होते हैं। इसके अलावा पूरी बिल्डिंग में कोई नहीं। लेकिन पारगमन कैमरे की रेंज में जैसे ही कोई अनजान व्यक्ति आएगा तो स्वचालित गलियारे में लेजर बीम एक्टिव हो जाएंगी जो मानव शरीर को दो भागों में विभाजित कर सकती हैं। इससे तुम बचाकर निकल जाओ तो हम आसानी से गेट पर मौजूद गनमैन को काबू कर सकते हैं क्योंकि वो बहुत रिलैक्स बैठे होते हैं आज तक इस कमरे से कोई बच कर भाग नहीं सका इसलिए उन्हें चिंता नहीं होती। ऐसे में उनको काबू करना भी आसान है। और रह गई बात उंगलियों के निशान की तो तुम्हारी बात ठीक है। मगर जब मैं तुम्हारे साथ मौजूद हूँ तो मेरी उंगलियों के निशान से यह लॉक खुलेगा जिसका सबूत तुम्हें अब मिल जाएगा जब मैं बाहर जाउन्गी 

मेजर राज अब सोच में पड़ गया था और बाहर निकलने का उपाय करने लगा। वह सोच रहा था कि सोनिया पर विश्वास करना चाहिए या नहीं ??? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह दुश्मन की कोई चाल हो ??? मगर फिर अचानक मेजर राज ने सोनिया को बताया कि मेरा नाम राज है और इंडियन आर्मी में मेजर हूँ। और मुझे कर्नल इरफ़ान को पकड़ने का काम दिया गया था जो असफल रहा। इससे अधिक अब मैं तुम्हें कुछ नहीं बता सकता। मेजर राज की यह बात सुनकर सोनिया ने आगे बढ़कर मेजर राज को गले लगाया और उसे चुंबन करने लगी। वह टूटकर मेजर राज के होंठ चूस रही थी और अपने प्यार का इजहार कर रही थी। मेजर राज भी इसी उत्सुकता के साथ सोनिया के रस भरे होठों से उसका रस चूस रहा था। सोनिया के मम्मे मेजर राज के सीने में धँस गए थे जिन्हें मेजर राज अपने सीने पर सॉफ सॉफ महसूस कर रहा था, उसका बस नहीं चल रहा था कि अभी उसके हाथ जाए और वो सोनिया के मम्मे पकड़ कर उन्हें चूसने लग जाए। 

कुछ देर एक दूसरे के होंठों का रस चूसने के बाद सोनिया पीछे हटी। उसकी आँखों में नशा था और होठों पर मुस्कान थी। उसने मेजर राज को कहा कि बस आप सब बातें भी उन सच सच बता देना। जब आप सब कुछ बता दोगे तो ये लोग खुद तुम्हें यहाँ से निकालेंगे और जैसे ही हम इस बिल्डिंग से निकलेंगे तब हम भागने की योजना बनाएंगे। मेजर राज ने पूछा मगर यह मुझे यहाँ से बाहर निकालेंगे क्यों ?? तो सोनिया ने कहा कि यह तुम्हें फर्जी ऐन्काउन्टर में मारेंगे और मीडिया में दिखाएंगे कि भारत से भेजा गया एक आतंकवादी पाकिस्तानी पुलिस ने मार डाला। इस तरह यह अपनी जान भी छुड़ा लेंगे और पुलिस की भी मीडिया में वाहवाही होगी और वैश्विक स्तर पर यह लोग भारत पर दबाव बढ़ा सकेंगे। 

मेजर राज को सोनिया की एक एक बात में सच्चाई नजर आ रही थी। अब सोनिया ने मेजर राज को आगे का प्लान बताया और यह भी बताया कि वह अपने कुछ साथियों को कहेगी कि जब हम लोग तुम्हें यहाँ से निकालने लगेंगे तो वे हम पर हमला कर दें इस अवसर का लाभ उठाकर हम भाग निकलेंगे। साथ ही सोनिया ने सवालिया नज़रों से मेजर राज को देखा और बोली अगर आपका भी कोई साथी हैं तो मैं उनसे कोन्टीकट कर लूंगी उससे हमारे यहां से निकलने में मदद मिलेगी। इस तरह हमें रहने का ठिकाना भी मिल जाएगा और इन लोगो से भी जान छुड़वा लेंगे। मेजर राज ने सोनिया को कहा कि वह किसी एक फोन की व्यवस्था कर दे तो वह अपने लोगों से संपर्क करके अपनी लोकेशन बता सकता है और बाहर निकलने पर वे मदद को आ जाएंगे। 

मेजर की यह बात सुनकर सोनिया ने वादा किया कि वह किसी न किसी तरह फोन की व्यवस्था कर लेगी। यह कह कर सोनिया दरवाजे की तरफ गई और वही कोड एंट्री किया, दरवाजा खुला और सोनिया बाहर निकल गई। 

मेजर राज अब आने वाले हालात के बारे में सोच रहा था। उसका उद्देश्य कर्नल इरफ़ान को पकड़ना था और उसके लिए यहां से निकलना बहुत जरूरी था। और मेजर राज तय कर चुका था कि यहां से निकलने के लिए वह सोनिया की मदद लेगा। 

सोनिया बाहर निकली तो लंबे गलियारे से होती हुई सीधे हाथ पर बने कंट्रोल रूम में गई और वहां बैठे इन्हीं दो बदमाशो में से एक की गोद में जाकर बैठ गई और उसकी एक लंबी किसकी। इस बदमाश ने भी अपना एक हाथ सोनियाके मम्मे पर रख दिया और बोला बोल मेरी जान कुछ मुंह से फूटा वह भारतीय??? तो सोनिया ने इठलाते हुए कहा दुनिया में ऐसा कोई आदमी नहीं जो सोनिया के हुश्न के आगे झुक ना जाए। इस भडवे का नाम राज है और वह भारतीयआर्मी में मेजर रैंक का ओफीसर है। उसका उद्देश्य कर्नल इरफ़ान को गिरफ्तार करना था शायद ये जान गए हैं कि कर्नल किस मिशन को पूरा होने के लिए भारत गया था। सोनिया की बात सुनकर दोनों बदमाश जोर से हंसने लगे। 

सोनिया ने दूसरे व्यक्ति को संबोधित करते हुए कहा इतना ही नहीं एक और सुसमाचार भी है। इस व्यक्ति ने पूछा वो क्या? तो सोनिया बोली कि उसने एक फोन मांगा है। जिससे वह अपने साथियों को फोन करेगा और एक निश्चित समय बताएगा जिस पर हम लोग इसको लेकर यहाँ से निकलेंगे। और एक निश्चित स्थान पर उसके साथी उसे और मुझे छुड़ाने के लिए हम पर हमला करेंगे। सोनिया की यह बात सुनकर कक्ष फिर इन तीनों की हँसी से गूंजने लगा। उनमें से एक व्यक्ति बोला यानी यह कुत्ता बाकी कुत्तों की भी मौत का कारण बनेगा। यह कह कर उस ने सोनिया को अपना फोन दिया और बोला कल जाकर यह फोन उसे दे देना। हम पता कर लेंगे कि उसने कहां कॉल की है। इस तरह हम उन हिंदुस्तानियों का पूरा नेटवर्क ख़त्म कर देंगे। कक्ष अभी हँसी के बजाय पिचक पिचक की आवाजों से गूंज रहा था। सोनिया एक बदमाश की गोद में बैठी उसके होंठ चूस रही थी जबकि दूसरा बदमाश उसकी गाण्ड ऊपर उठा कर उसकी पैंट नीचे करके उसकी चूत में लंड डाले झटके मारने में व्यस्त था।
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RE: वतन तेरे हम लाडले - by sexstories - 06-07-2017, 02:10 PM

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