RE: बहू की चूत ससुर का लौडा
अब रश्मि क्या कहती अपनी बेटी से कि उसके ससुर की ज़िद के आगे उसकी नहीं चली और वह अभी उससे चुदवाने जा रही है। और तो और आज रश्मि ने अपनी झाँटें भी साफ़ की थी क्योंकि वो भी काफ़ी बड़ी हो गयीं थीं। वह बोली: चलो देख आते हैं, पसंद नहीं आएँगे तो नहीं लेंगें। तभी अमित आ गया और उसकी आँखें रश्मि की सुंदरता देख कर चमक उठीं। आज रश्मि ने नाभि दर्शना साड़ी पहनी थी जो कि स्लीव्लेस ब्लाउस और उसकी छाती की गहराइयों को भी काफ़ी कुछ दिखा रहे थे। अमित का लंड सरसरा उठा। उसके चूतरों में भी साड़ी का उठान बहुत ही मादक दिखाई दे रहा था।
जब दोनों बाहर आए और पास के बस स्टैंड के लिए चल पड़े। अमित: आज तो बहुत मस्त माल दिख रही हो? क्या सजी हुई हो? लाल होंठों के लिपस्टिंक को तो देख कर ही मेरे खड़ा हो गया है।
रश्मि: अच्छा फिर शुरू हो गयी गंदी बातें।
अमित: इसमें गन्दा क्या है, तुम दिख ही रही हो इतनी मस्त। देखो वो काली क़मीज़ में बूढ़ा तुमको कैसे देख रहा है जैसे खा ही जाएगा। देखो अब अपना लंड भी खुजाने लगा।
रश्मि उसको देखकर मुस्कुराती हुए बोली: आप बस भी करो ।
अमित: अच्छा छोड़ो ये सब, बताओ झाटें साफ़ की या नहीं? परसों जब चोदा था तो साली गड़ रहीं थीं।
रश्मि आँख मटका कर बोली: हाँ साफ़ कर ली हैं आज सुबह नहाने के पहले।
अमित: चलो, अच्छा किया , राज को चिकनी बुर पसंद है।
रश्मि: और आपको बालों वाली पसंद है क्या? थोड़े से भी बढ़ जाते हैं तो हल्ला मचाने लगते हैं आप।
अमित हँसने लगा। वो बस स्टैंड पहुँच गए थे। एक बस आइ तो उसमें बहुत भीड़ थी। अमित बोला: जाने दो और आएँगी। पर पता नहीं क्या बात थी कि सभी बसें भरी हुई ही आ रही थी। आख़िर में रश्मि बोली: अब जो भी बस आएगी ऊसीमे घुस जाएँगे, वरना देर हो रही है।
अमित : ठीक है अब जो भी आएगी उसमें ही चलते हैं।
तभी एक बस आयी और अमित भाग कर उसमें चढ़ गया और रश्मि भी किसी तरह जगह बना कर अंदर आ गयी। तभी भीड़ आइ और अमित आगे को हो गया। रश्मि के आस पास १८/१९ साल के दो लड़के खड़े थे जो उसे घूरने लगे। रश्मि समझ गयी कि ये लड़के उसको आज छोड़ेंगे नहीं। एक लड़के का हाथ तो उसकी नंगी कमर पर आ भी चुका था,
और दूसरा भी उसके चूतरों को छू लेता था।
तभी रश्मि ने देखा कि अगले स्टॉप पर एक आदमी उतरने के लिए खड़ा हुआ तो वो जल्दी से उसकी सीट पर बैठ गयी। अब उसने देखा कि उसकी बग़ल में एक क़रीब ४० साल का बंदा बैठा था जो कि उसे बड़ी ही गंदी नज़र से देख रहा था। उधर वो दोनों लड़के अब उसके सीट के साथ आ कर खड़े हो गए थे। एक लड़के ने रश्मि के पीठ के पास वाली रोड पकडली और उसका हाथ बार बार उसकी पीठ से टकराने लगा। दूसरा लड़का अपना अगला भाग रश्मि की गरदन से बार बार छुआ रहा था । अब बग़ल में बैठा आदमी भी उसकी तरफ़ सरका और दोनों की जाँघें रगड़ने लगीं।
फिर वह लड़का अपने पैंट के आगे के भाग को उसके कंधे पर चुभाने लगा। दूसरे लड़के ने अब उसकी गरदन और पीठ सहलाना शुरू किया और उसका पड़ोसी अब उसकी जाँघ सहलाने लगा। रश्मि एक मिनट के लिए तो ग़ुस्सा हुई फिर मन ही मन सोची की क्यों ना मज़ा लिया जाए इस परिस्थिति का भी। फिर वह रिलैक्स हो गयी और उसने इन सबको मज़ा सिखाने का सोचा। उसने अपना पल्लू ठीक करने के बहाने उसको नीचे किया और अब उसकी बड़ी बड़ी आधी नंगी छातियाँ उन तीनों के सामने थी। फिर वह पल्लू को वापस इस तरह से रखी कि उसकी एक छाती साड़ी के बाहर थी। अब वह आगे होकर सामने की सीट का रॉड पकड़ ली और अब उसकी नंगी गदराई बाँह के नीचे एक चूचि कसे ब्लाउस में फँसी हुई थी। वो लड़का जो उसके कंधे पर अपना लण्ड रगड़ रहा था , अब उसके ब्लाउस पर लण्ड रगड़ने लगा । रश्मि को अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई।
उधर दूसरा लड़का पीछे से हाथ लगाकर उसकी साड़ी के अंदर हाथ डाला और दूसरी चूचि के नंगे भाग को छुआ। पड़ोसी तो जाँघ सहला ही रहा था। अब रश्मि ने अपना ख़ाली हाथ अपनी छाती के पास मोड और पहले लड़के के लण्ड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया। अब उस लड़के की हालत ख़राब होने लगी। इस बात की उसने कल्पना नहीं की थी जो हो रहा था। अब रश्मि बग़ल वाले का अपनी जाँघ पर रखा हाथ पकड़ी और उसको दबाने लगी। वह भी बुरी तरह से उत्तेजित हो गया। तभी पीछे वाला लड़का उसकी चूचि दबाने लगा। अब रश्मि ने अपने हाथ का लंड ज़ोर ज़ोर से दबाना चालू किया और जल्दी ही वह लड़का अपना पानी छोड़ दिया और उसके पैंट के ऊपर एक धब्बा सा बन गया।
रश्मि मुस्कुराई और उसको पीछे को धक्का दी और फिर मुँह मोड़कर दूसरे लड़के को आगे आने का इशारा की। वह फट से आगे आया और अपना लंड उसके दूध पर दबाने लगा। रश्मि उसके भी पैंट के ऊपर से लंड पकड़ ली और तीन चार बार दबाने से ही वह भी झड़ गया। वह भी अब पीछे हट गया। रश्मि अपनी मस्ती से बहुत ख़ुश थी।
अब उसने अपने बग़ल वाले को देखा और अपनी साड़ी का पल्लू फिर से ठीक करने के बहाने अपनी एक चूची उसके सामने कर दी। वह तो आधी नंगी चूची देखकर ही बुरी तरह से उत्तेजित हो गया। अब रश्मि उससे सट कर बैठी और अपना साड़ी का पल्लू उसकी पैंट के ऊपर गिरा दी। अब वह अपनी साड़ी के पल्लू के नीचे से उसकी पैंट पर हाथ ले गयी और उसका लंड दबाने लगी। वह आदमी तो जैसे मस्ती के मारे उछल ही पड़ा। अब वह भी रश्मि की जाँघ को दबाते हुए उसकी चूचि को घूरते हुए अपनी कमर को हिलाने लगा , मानो उसके हाथ को चोद रहा हो। वह भी अब इस विकट परिस्थिति में झड़ने लगा। पैंट के ऊपर बन गए धब्बे को छुपाने जे लिए वह रुमाल निकाला और धब्बे के ऊपर रख दिया । रश्मि भी टिशू पेपर निकाली और अपना हाथ साफ़ की जिसने तीनों का थोड़ा सा वीर्य लगा था। फिर उसने वह किया जिसकी कल्पना भी उस आदमी ने कभी नहीं की थी। वह अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी बुर को अच्छी तरह से खुजाई और ये करते हुए वह मुस्कुराते हुए उस आदमी की आँखों में देखती रही। उस आदमी के पैंट में फिर से तंबू बनने लगा। अबके रश्मि ने ऐसे मुँह फेर लिया जैसे उस आदमी का अस्तित्व ही इस दुनिया ने नहीं है। अब वह चुप चाप बैठे हुए था। रश्मि अपनी बिजय पर मुस्कुराई।
थोड़ी देर में अमित आया और उतरने को बोला। रश्मि उठी और अपने पिछवाड़े को उस आदमी की तरफ़ करके अपनी साड़ी ठीक करने के बहाने अपनी गाँड़ अच्छी तरह से खुजाई । फिर वह मुड़कर उसे देखी तो हँसने लगी क्योंकि वह फिर से अपना लौड़ा दबाकर झड़ रहा था , उसका चेहरा इस बात की गवाही दे रहा था।
रश्मि और अमित उतरे तो अमित बोला: भीड़ बहुत थी, कोई परेशानी तो नहीं हुई।
रश्मि मन ही मन मुस्कुराकर बोली: नहीं मुझे तो कोई परेशानी नहीं हुई। हाँ तीन लोगों को ज़रूर हुई।
अमित: कौन तीन लोग?
रश्मिटालते हुए बोली: अरे वही जिन्होंने मुझे बैठने के लिए जगह दी।
अमित को कुछ समझ नहीं आया और उसने भी आगे कुछ नहीं पूछा।
फिर अमित बोला: मैंने फ़ोन किया है राज आता ही होगा। तभी उसे वह दिख गया। वह फिर से बोला: देखो तुम्हारा आशिक़ आ गया। क्या जींस और टी शर्ट में अपनी मसल दिखा रहा है, इस उम्र में भी।
रश्मि हँसने लगी और मस्ती से बोली: मसल क्या अभी तो और बहुत कुछ दिखाएगा।
अमित चौक कर उसे देखा और सोचने लगा कि इसे क्या हुआ है, एकदम से मस्ती के मूड में आ गई है। उसे भला क्या पता था कि यह औरत अपनी मस्ती में इसलिए है कि वह अभी तीन तीन लंडों का रस निकाल कर आइ है। और ख़ुद भी अपनी पैंटी गीली कर चुकी है।
तभी राज आया और अमित से गले मिला और रश्मि के पास आकर उसकी कमर सहला कर बोला: क्या हाल है मेरी जान। बहुत ख़ुश दिख रही हो?
रश्मि चहक के बोली: बिलकुल बहुत ख़ुश हूँ आपसे मिलने जो आयी हूँ। इतने दिनों के बाद आपको देखकर अच्छा लग रहा है।
राज: आज तो तुम एकदम चक्कू ( चाक़ू) लग रही हो मेरी जान। पता नहीं किसको किसको कटोगी।
रश्मि: चक्कू तो आपके पास है मेरे जानू, मैं तो बस कटने आइ हूँ।
राज हँसते हुए : एक चक्कू साथ में भी तो लाई हो? उसने रास्ते में काटा तो नहीं?
रश्मि: वह चक्कू तो मेरे पास बैठा ही नहीं था, कैसे काटता ?
अमित: चलो अभी घर चलो , वहाँ चक्कू और ख़रबूज़ा की बातें कर लेना।
तीनों हँसते हुए कार में बैठे और घर की तरफ़ चल पड़े। रश्मि की बुर बहुत गरम थी और वह घर पहुँचने का इंतज़ार कर रही थी। वह अकेली पीछे बैठ कर अपनी बुर को खुजा कर थोड़ी शांत हुई।
घर पहुँचकर राज सबको कोल्ड ड्रिंक दिया। फिर शादी की बातें होने लगीं। तभी रश्मि ने सबको हैरान कर दिया। वो बोली: आपने ये सब बातें करने को बुलाया था मुझे? ये सब बातें तो फ़ोन पर भी हो जातीं।
अमित हैरान होकर: रश्मि तुम्हें क्या हो गया है? चुदाई के लिए ऐसा उतावलापन तो मैंने कभी तुममें देखा ही नहीं। उसे क्या पता था कि बस में तीन लोगों को झाड़ कर वो ख़ुद भी बहुत गरम हो चुकी थी।
राज: अरे सही है यार , बुलाया तो चुदाई के लिए है और फ़ालतू की बातें कर रहें हैं हम लोग। ये कहते हुए वह उठकर रश्मि के पास आकर बैठ गया और उसकी साड़ी का पल्लू गिरा दिया । अब ब्लाउस में से उसकी बड़ी सी अधनंगी चूचियाँ उन दोनों के सामने थीं। राज झुका और उसकी चूचियों के नंगे हिस्से को चूमने लगा। अमित भी अपने जूते उतारा और अपनी क़मीज़ उतारने लगा। अब वह पैंट उतार कर सिर्फ़ चड्डी में था और उसका फूला हुआ लौड़ा उसमें से साफ़ दिखाई पड़ रहा था।
राज भी खड़ा हुआ और अपनी चड्डी में आ गया। अब दोनों अपने अपने लौड़े को उसके सामने रख कर खड़े थे।
चड्डी के सामने हिस्से में उनका प्रीकम साफ़ दिख रहा था। रश्मि ने हाथ बढ़ाकर दोनों के लौड़े पकड़े और फिर आगे झुक कर उसने उनके प्रीकम को बारी बारी से चड्डी पर जीभ लगकर चाटी। अब वह बारी बारी से उनकी चड्डी उतारी और उनके खड़े हुए लौड़ों को सहलाने लगी। फिर वह झुकी और राज के लौड़े को चाटने लगी। सुपाडे से लेकर नीचे बॉल्ज़ तक चाटी और फिर अमित के लौड़े के साथ भी वही की। फिर दोनों बारी बारी से उसके मुँह को चोदने लगे। वह भी अब उनको डीप थ्रोट देने लगी। उनके हाथ उसकी चूचियों को ब्लाउस के ऊपर से दबा रहे थे।
अब राज और अमित ने मिलकर उसका ब्लाउस और ब्रा उतार दी। अब वो उसकी चूचियाँ मसलने लगे। फिर अमित बोला: चलो यार बिस्तर पर अब रहा नहीं जा रहा है।
राज ने कहा: हाँ रश्मि चलो अब सच में मस्त चुदाई करेंगे। फिर तीनों बेडरूम में पहुँचे और वहाँ रश्मि के पेटिकोट का नाड़ा अमित ने खोला और राज उसकी पैंटी निकाल दिया। अब वह पूरी नंगी खड़ी थी और उसकी बुर में मानो आग सी लगी हुई थी। राज ने उसे बिस्तर पर लिटाया और अमित और राज साइड में लेटकर उसकी एक एक चूचि चूसने लगे। राज का हाथ अब उसकी जाँघों और उसके बीच बुर में चला गया। अमित भी उसके पेट को सहला रहा था। रश्मि उनके लौड़े को अपने हाथ में लेकर दबा रही थी। अब राज नीचे जाकर उसकी बुर को चाटने लगा। रश्मि की उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ कहकर चीख़ निकल गई। अमित उसकी चूचि चूस भी रहा था और दबा भी रहा था।
राज: अमित, बुर चोदोगे या गाँड़ मारोगे?
अमित: आप जो चाहोगे वैसा ही करेंगे।
राज : मैं तो बुर चोदूंग़ा। बाद में गाँड़ भी मारूँगा। चलो अब सैंडविच चुदाई करते हैं। मैं और अमित ब्रेड की तरह बाहर रहेंगे , तुम बीच में सब्ज़ी की तरह अंदर रहना। सब हंस पड़े।
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