RE: बहू की चूत ससुर का लौडा
शशी भी ख़ुशी के मारे उससे लिपट गयी और उसको चूमते हुए बोली: साहब, आपने अपना वादा निभा दिया और मुझे एक महीने ही में गर्भ से कर दिया। मैं ये आपका अहसान कभी नहीं भूल पाऊँगी। अब शशी उठी और उसका पजामा खोल दिया और चड्डी नीचे करके उसके नरम सोए हुए लौड़े पर चुंबनों की बरसात कर दी। फिर नीचे जाकर उसके बड़े बॉल्ज़ को भी चूमे जा रही थी। फिर वह बोली: सच में मेरा तो जीवन ही आपने बचा लिया। अब वह मेरी कुतिया सास मुझे ताना नहीं दे सकेगी। मेरा पति भी बहुत ख़ुश होगा। यह कहकर वह फिर लौड़े और बॉल्ज़ को चूमने लगी।
राज उसे खींच कर अपने गले से लगा लिया और बिस्तर से उठके अपना पजामा पहना और फिर किचन से मिठाई लाया और शशी को अपनी गोद में बिठाकर खिलाया और ख़ुद भी खाया। थोड़ी देर तक उसने शशी को चूमा और प्यार किया । फिर वह उठकर तिजोरी खोला और उसमें से सोने की एक चेन निकाल कर शशी को अपनी गोद में बिठाकर उसके गले में पहना दिया और बोला: शशी, मेरी तरफ़ से गर्भवति होने की बधाई और उपहार।
शशी की आँख में आँसू आ गए , वह बोली: माँ भी बनाया और उपहार भी दे दिया। आप कितने अच्छें हैं।
राज उसकी चूचि दबाकर बोला: देखो वैसे मैं हूँ तो कमीना पर इन बातों में मेरा विश्वास है कि बच्चा तो भगवान की मर्ज़ी से ही होता है। और सच में आज मैं बहुत ख़ुश हूँ।
उस दिन शशी बड़े देर तक चुदवाइ और उसके जाने के बाद राज सोचने लगा कि अभी भी इस उम्र में मर्दानगी है मुझमें। और वो मुस्कुरा उठा और अपने लौड़े पर हाथ फेर कर अपनी ख़ुशी को महसूस करने लगा।
सगाई के एक दिन पहले रश्मि का फ़ोन आया : कैसे है आप?
राज: बस तुम्हारे ख़यालों में गुम हूँ।
रश्मि: यहाँ मेरी जान निकले जा रही है और आप हैं कि बस मस्ती कर रहे हैं।
राज: अरे मुझे बताओ ना क्या समस्या है।
रश्मि: बस सहमी हुई हूँ कि सब कुछ ठीक से हो जाए।
राज: अरे घर की ही बात है, अगर कुछ गड़बड़ हो भी गयी तो तुम सब तो अपने ही हो। चिंता छोड़ो।
रश्मि: यह कह कर आपने मेरा बोझ कम कर दिया ।
राज: तो कल तुम सब कितने बजे आ जाओगे?
रश्मि: हम सब दो कार से करीब ६ बजे शाम को होटेल रॉयल में पहुँचेंगे। आप वहाँ कितने बजे पहूँचोगे?
राज: हम लोग एक घंटे पहले पहुँच कर पूरा इंतज़ाम चेक कर लेंगे। हमारे तरफ़ से हमने क़रीब १० परिवारों को बुलाया है। और तुम लोग भी क़रीब १० लोग होगे तो एक अच्छा सा पारिवारिक महोल में सगाई की रस्म हो जाएगी।
रश्मि: ठीक है बस सब कुछ बढ़िया से हो जाए।
राज: सब बढ़िया ही होगा। मैंने दो कमरे भी होटेल में बुक किए हैं। एक में दारू पार्टी होगी, सगाई के बाद और दूसरा कमरे में मैं और तुम मस्ती करेंगे।
रश्मि: आप भी ना, मस्ती फिर कभी कर लीजिएगा। बस सगाई अच्छी तरह से हो जाए। और हाँ आपने वो सेट जो पोलिश करके भिजवाया था डॉली को बहुत पसंद आया है।
राज: अरे अब सब कुछ तो बच्चों का ही है। चलो कल मिलते है। बहुत दिन हो गए तुमको देखे हुए।
राज ने फ़ोन काटकर अमित को लगाया। वो बोला: हाय अमित क्या हाल है? उसने उसे भाई सांब बोलना बन्द कर दिया था।
अमित: बढ़िया है , बस सगाई की तैयारी में लगे हैं।
राज: यार मैंने कल दारू और रश्मि की चुदाई का भी इंतज़ाम किया है। ठीक है ना?
रश्मि: दारू तो सही है, पर सबकी मौजूदगी में चुदाई कैसे करोगे?
राज: मैंने प्लान बनाया है। मिलने पर बताऊँगा।
अगले दिन सगाई थी। राज ने सारा समान सूट्केस में पैक किया और जय और शशी को लेकर होटेल पहुँचा। वहाँ होटेल वालों ने सभी तैयारियाँ पूरी कर रखीं थीं। वह शशी को सामान का ध्यान रखने को बोलकर बाक़ी का इंतज़ाम चेक करने लगा और पंडित को भी फ़ोन कर दिया।
ठीक समय पर अमित , रश्मि, डॉली , उसका भाई और अमित की बीवी और दो बच्चे जो की नौकरी करते थे वहाँ पहुँच गए। सब एक दूसरे से मिले। फिर जय के दोस्त और उनके पारिवारिक मित्र भी आ गए। राज रश्मि से मिला और उसे बधाई दिया। आज वह गुलाबी रंग की एक बहुत सुंदर साड़ी में थी जो कि उसकी दुकान से ही ली थी। उसने कान में वो ear rings भी पहने थे ज़ो राज ने उसे उपहार में दिए थे। डॉली भी बहुत सुंदर लग रही थी और उसने भी राज के दिए हुए ज़ेवर ही पहने थे और साड़ी भी जय की भेंट की हुई पहनी थी।
राज ने ध्यान दिया कि सच में आज दोनों माँ बेटी बहुत सुंदर लग रहीं थीं।
वो अमित से बोला: यार आज रश्मि तो मस्त दिख रही है।
अमित: सगाई पर ध्यान दो भाई मेरे।
राज: जब इतनी सुंदर चीज़ हो तो साला ध्यान तो भटकेगा ही ना? देखो क्या मस्त पिछवाड़ा है साला मेरा तो खड़ा होने लगा है।
अमित: चलो अभी सगाई पूरी करते हैं। ये सब बाद में देखेंगे।
राज: ठीक है यार यही सही।
सगाई की रीति चालू हुई। पंडित ने मंत्र पढ़े और छोटा सा हवन हुआ। फिर जय और डॉली ने एक दूसरे को अँगूठी पहनाई। सबने तालियाँ बजाईं और अब वो दोनों सबसे आशीर्वाद लेने लगे। राज के जब वो दोनों पैर छुए तो उसने उन दोनों की पीठ पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। तभी राज का हाथ डॉली की ब्रा के स्ट्रैप पर पड़ा और वह सोचा कि ३४ की ब्रा है। फिर जब डॉली उठने लगी तो वह झाँककर अन्दाज़ लगाने की कोशिश किया कि दूध सच में ३४ साइज़ के हैं क्या। और उसको साड़ी के साइड से उसके ब्लाउस में कसे दूध दिखे और वो रश्मि की बात से सहमत हो गया कि साइज़ तो वही है। पर क्या बिना चुदवाए उसके इतने बड़े हो गए हैं? फिर उसने अपने सिर को झटका दिया और सबको बधाइयाँ देने लगा। चाय नाश्ता के बाद सब मेहमान चले गए ख़ाली जय का एक दोस्त और उसकी बहन वहाँ रह गए। राज ने शशी को भी मिठाई और कुछ पैसा दिया और ऑटो से घर जाने को कह दिया।
अब राज ने सबको एक सुईट में आने को बोला। वहाँ होटेल के कमरे में कुर्सियाँ और सोफ़े लगे थे। वहाँ बग़ल के कमरे से खाने और पीने का इंतज़ाम किया हुआ था। सब लोग बैठ गए । अमित और रश्मि का परिवार और राज और जय का दोस्त और उसकी बहन ही थे।
वेटर ने सबको ड्रिंक्स दिया। किसी ने कोल्ड ड्रिंक लिया और किसी ने वाइन और किसी ने विस्की। अमित और राज विस्की लिए । अमित के बेटे और बेटी ने वाइन ली और उन दोनों ने रश्मि को भी वाइन का ग्लास पकड़ा दिया। डॉली और जय ने कोल्ड ड्रिंक लिया। जय के दोस्त और उसकी बहन ने भी कोल्ड ड्रिंक लिया। स्नैक्स सर्व हो रहे थे और हँसी मज़ाक़ चल रहा था। राज की नज़र बार बार जय के दोस्त की बहन पर थी। वह क़रीब १८ साल की थी और उसने मिनी स्कर्ट और टॉप पहना था और बहुत सेक्सी थी।
राज उठकर दूसरे कमरे में गया और वेटर को बोला: वो जो लड़का और लड़की एक साथ बैठे हैं उनकी कोल्ड ड्रिंक में विस्की मिला दो और कम से कम दो गिलास पिला दो।
इधर रश्मि और अमित के बेटा और बेटी वाइन पीकर बहकने लगे थे। और जल्दी ही जय का दोस्त प्रकाश और उसकी बहन पंडित भी नशे में झूमने लगे। अब राज ने जय और डॉली से कहा: बेटा तुम दोनों मेरी कार ले कर जाओ और एक दूसरे को और अच्छी तरह से जानो। वो दोनों ख़ुश होकर चले गए।
अब राज उठकर पंडित के बग़ल में बैठा और उससे सामान्य बातें करने लगा। वह ११ वीं में पढ़ती थी। जल्दी ही वह उसके जाँघ पर हाथ रखा और वह भी नशे के कारण मज़े में थी। राज ने म्यूज़िक बजवाया और सब झूमने लगे। जल्दी ही प्रकाश सोफ़े पर लुढ़क गया। अब राज ने देखा कि रश्मि और अमित भी नाच रहे थे। उधर अमित के बच्चे भी नशे में लुढ़क रहे थे। राज ने अमित और रश्मि को कहा: चलो दूसरे कमरे में चलते हैं। और पंडित को भी क़रीब घसीटते हुए अपना सहारा देकर पास के कमरे में ले गया। अब चारों एक कमरे में थे और राज ने पंडित को बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर आकर उसे चूमने लगा। बेचारी मासूम लड़की नशे में थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी उसने उसका टॉप ऊपर किया और ब्रा के अंदर हाथ डालके उसकी छोटी सी चूचियाँ बाहर की और आधे बने छोटे से निपल्ज़ को चूसने और मसलने लगा।
अमित और रश्मि आँखें फाड़े उसकी हरकत देख रहे थे। फिर वह नीचे आकर उसका स्कर्ट ऊपर किया और उसकी गोरी जाँघों को चूमते हुए उसकी पैंटी नीचे कर दिया। अब उसके सामने काले और भूरे रोयों वाली मासूम से बुर थी। वह पागल होकर उसे चूसने लगा। अब पंडित भी हाऽऽयय्यय करने लगी और वह चूसता ही चला गया और पंडित हाय्ह्य्य्य्य्यू कहकर झड़ने लगी। फिर उसने एक उँगली उसकी टाइट बुर में डाली और बोला: आऽऽऽह ये तो कुँवारी है। वह अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसको मसलने लगा।
अब रश्मि बोली: आप अभी इसको वापस कमरे में छोड़ कर आओ। बहुत छोटी है यह, आपके ऊपर रेप का केस बनेगा। वह आपका मोटा वाला नहीं ले पाएगी। फट जाएगी उसकी। ये कहते हुए उसने क़रीब ज़बरदस्ती उसका हाथ उसकी बुर से हटाया। फिर वह लड़की को सहारा देकर उठायी और उसके कपड़े ठीक कर के दूसरे कमरे में छोड़ कर वापस आइ।
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