RE: बहू की चूत ससुर का लौडा
अब ठप ठप की आवाज़ के साथ वह पूरे ज़ोरों से गाँड़ मारने लगा। अब रश्मि भी बुर में ऊँगली और गाँड़ में मोटे लौड़े की चुदाई से मस्त हो कर अपनी गाँड़ पीछे दबा दबा कर अपनी मस्ती दिखाई और गाँड़ मरवाने लगी।
जल्दी ही उसकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू किया और वह आऽऽऽक़्ह्ह्ह्ह मैं गईइइइइइइइइइइ कहकर गाँड़ हिला हिला कर झड़ने लगी। इधर राज के हाथ में जैसे पानी का सैलाब भरने लगा। उसकी बुर से पानी निकले ही जा रहा था तभी वह भी झड़ने लगा और आऽऽह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर उसकी पीठ पर लेट सा गया।
अब वह अपना वज़न उसके ऊपर से हटाकर उसकी बग़ल ने लेट गया। वह आँखें बंद करके उन लमहों को याद करके मस्त होने लगा जब वह उसकी गाँड़ मार रहा था। आह क्या मस्त टाइट गाँड़ और बुर हैं। बहुत दिन बाद वह इतनी मज़ेदार चुदाई का आनंद लिया था।
उधर रश्मि भी लेटे हुए सोच रही थी कि क्या मस्त मर्द है , कितना मज़ा दिया है इन्होंने। अमित से भी ज़्यादा मज़ा दिया है इन्होंने।
वह पलटी और राज को अपनी ओर देखते हुए देख कर बोली: आज बहुत मज़ा आया सच में आपने जो मज़ा दिया है , मैं तो आपकी ग़ुलाम हो गयी हूँ।
राज: इसका मतलब जब चाहूँ तुमको चोद सकता हूँ।
रश्मि हँसकर: ये भी कोई पूछने की बात है।
ये कहते हुए उसने उसके लटके हुए लौड़े को सहलाया और उसे दबा दिया। फिर बोली: ये जब चाहे मेरे अंदर जाकर मज़ा कर सकता है।
राज मस्ती से उसके होंठों को चूम लिया। और वो दोनों एक दूसरे से चिपक गए और चुम्बन में लीन हो गए।
दोनों दो राउंड की चुदाई के बाद थकान महसूस कर रहे थे। रश्मि उठकर बाथरूम से फ़्रेश होकर आइ और ब्रा और पैंटी पहनकर ब्लाउस और पेटिकोट भी पहन ली। फिर वह किचन में जाकर फ्रिज से जूस निकाल कर लाई तब तक राज भी फ़्रेश होकर आ गया था। वह अभी भी नंगा था और फिर दोनों जूस पीने लगे। राज अभी भी नंगा पड़ा था और उसका लंड साँप की तरह उसकी एक जाँघ पर पड़ा था और उसके बॉल्ज़ लटके से थे।
रश्मि उसकी कमर के पास बैठी और उसकी छाती को सहला कर बोली: यहाँ आइ हूँ तो दामाद से भी मिलवा दीजिए ना।
राज: हाँ हाँ क्यों नहीं? अभी खाना खाकर चलते हैं।
रश्मि अब अपना हाथ उसकी छाती से नीचे लाकर उसके पेट से होते हुए उसके लौड़े के पास लाई। अब वो उसकी छोटी कटी झाँटों से खेलने लगी । फिर उसने लौड़े को दबाया और बॉल्ज़ को भी सहला कर बोली: आपके बॉल्ज़ बहुत बड़े हैं।
राज: अरे इसी बॉल्ज़ की सहायता से मैंने कई लड़कियों को माँ बनाया है।
रश्मि चौंक कर: मतलब? मैं समझी नहीं। वह अभी भी उसके बॉल्ज़ को सहलाए जा रही थी।
राज: लम्बी कहानी है । असल में मैंने तीन लड़कियों को माँ बनाया है उनके अनुरोध पर ही।
रश्मि: उनको कैसे पता चला कि आपसे अनुरोध करना है इसके लिए?
राज: देखो हुआ ये कि एक लड़की को मैंने फँसाया और वह एक महीने में ही प्रेगनेंट हो गयी। उसका तो मैंने गर्भपात करवा दिया। जब मैंने ये बात एक और औरत साधना को बताई जो उन दिनो मेरे से फँसी हुई थी तो वह अपनी बहू बुलबुल को मुझसे चुदवाइ और वो भी एक महीने में ही प्रेगनेंट हो गई।
रश्मि: वो अपनी बहू को आपसे चुदवाइ ? क्यों भला?
राज: क्योंकि उसका बेटा बाप नहीं बन सकता था और वो दोनों नहीं चाहतीं थीं कि ये बात लड़के को पता चले क्योंकि उसके डिप्रेशन में जाने का डर था।
रश्मि: ओह तो आप उस लड़की से बाद में मिले जब वह माँ बन गयी थी?
राज: हाँ सास बहू दोनों उसे लेकर मेरे पास आइ थीं। बहुत ही प्यारा बच्चा था। उस दिन मैंने जिभरके बहू का दूध पिया और उन दोनों को भरपूर चोदा । वो तो मेरी अहसान मंद थीं ना। बस उस दिन के बात कभी नहीं मिला।
रश्मि: आपने तीन लड़कियाँ कहीं, दो और कौन थीं?
राज: असल में साधना जो कि तुम्हारी उम्र की थी अपनी बहू बुलबुल को जब मुझे चुदवा कर माँ बना ली तो ये बात उसने एक औरत को बताई जो कि अपनी बेटी के माँ ना बन पाने के कारण परेशान थी। उस औरत का नाम काजल था और उसकी बेटी का नाम आकाक्षा था।
रश्मि: ओह फिर क्या हुआ? वो अब राज के लौड़े को सहलाने लगी थी। राज ने भी उसके ब्लाउस के ऊपर से उसकी चूचि दबायी और बोला: साधना और काजल एक क्लब की मेमबर थीं। वहाँ काजल ने अपना दुखड़ा सुनाया कि उसके बेटी के ससुराल वाले उसको ताने मारते हैं कि वो बाँझ है और उसकी दूसरी शादी की धमकी देते हैं। जबकि उसकी बेटी में कोई कमी नहीं है। वो लोग उसके पति का चेकअप भी नहीं करवा रहे हैं।
रश्मि: ओह फिर ?
राज: काजल की बात सुनकर साधना उसे मेरे बारे में बतायी और काजल अपनी बेटी से बात की और वह मुझसे चुदवा कर मॉ बनने तो तैयार हो गयी। इसी सिलसिले में साधना काजल को लेकर मेरे पास मेरे दोस्त के ख़ाली फ़्लैट में आयी। वहीं मैं उनका इंतज़ार कर रहा था। साधना और काजल अंदर आइ। साधना ने मुझे पहले फ़ोन पर बता दिया था कि वो काजल को बता दी है कि वो भी मुझसे चुदवाती थी। इसलिए मैंने साधना को अपनी बाहों में लेकर चूम लिया। वह। भी मुझसे चिपक गयी। काजल ये सब देखकर शर्मा रही थी।
रश्मि: आप उस औरत के सामने ही साधना से चिपक गए। ये कहकर वह राज के लौड़े को दबाई और वह अब खड़ा होने लगा था। फिर वो पूछी: फिर क्या हुआ?
राज: फिर मैं साधना से अलग हुआ और वो मेरा परिचय काजल से करवाई। काजल एक गोरी दुबली औरत थी और उसने सलवार कुर्ता पहना था। वह चेहरे से सुंदर थी और उसकी छातियाँ भी उसके दुबले शरीर के लिहाज़ से काफ़ी बड़ी थीं जो डुपट्टे के नीचे से झाँक रही थीं।हम सब बैठे और साधना ने काजल के बारे में बताया कि वो एक आर्मी ऑफ़िसर की बीवी है और उसकी बेटी आकाक्षा शादी के ५ साल भी माँ नहीं बन पा रही है और जैसे आपने मेरी बहू को माँ बनाया है वह भी अपनी बेटी आकाक्षा को मुझसे गर्भवती करवाना चाहती है।
रश्मि: वाह आपके तो मज़े ही मज़े हो गए होंगे?
राज: हाँ , मैंने पूछा कि आकाक्षा की उम्र क्या है? वो बोली कि २६ साल की है। मेरा लौड़ा जींस के अंदर खड़ा होने लगा। और मेरी पैंट के ऊपर से उसको दबाया। मैंने देखा कि काजल और साधना की आँखें मेरे लौड़े पर ही थी।
रश्मि: हाय बड़े बेशर्म हो आप? फिर क्या हुआ?
राज: अब तुम मेरा लौड़ा चूसो और बीच में नहीं बोलना तो मैं पूरी कहानी सुनाऊँगा।
रश्मि ख़ुशी से उसका लौड़ा चूसने और चाटने लगी और राज ने बोलना चालू किया |
मैं: आकाक्षा मान गयी है इसके लिए?
काजल : हाँ वो मान गयी है।
मैं: फिर ठीक है, तो आज ही उसे ले आना था? मैंने अपना लौड़ा मसल कर कहा।
काजल: जी मैं पहले आपसे मिलकर ये देखना चाहती थी कि आप कैसे हैं, वगेरह । आख़िर मेरी बेटी का सवाल है ।
मैं अपना लौड़ा दबाते हुए बोला: आपने मुझे देख लिया अब आपका क्या इरादा है?
काजल: जी मैं कल उसे ले आऊँगी।
मैं मुस्कुराकर: पर आपने मेरी असली काम की चीज़ तो देखी नहीं है, जिसकी मदद से आपकी बेटी माँ बनेगी?
काजल झेपकर: उसकी कोई ज़रूरत नहीं है।
मैं: पर मुझे तो आपको दिखाना ही होगा ताकि बाद में आप कोई शिकायत ना करो। ये कहते हुए मैंने अपनी जीन के बटन खोले और ज़िपर नीचे किया और अपनी जीन बैठे बैठे ही नीचे कर दी।अब मेरी चड्डी में खड़ा हुआ लौड़ा उनके सामने था। काजल उसे ग़ौर से देख रही थी। इसके पहले कि वह कुछ और सोच पाती मैंने अपनी चड्डी भी नीचे कर दी और जींस और चड्डी मेरे पैरों पर आ गयी और मेरे नीचे का पूरा हिस्सा नंगा उन दोनों औरतों के सामने था।
काजल की तो जैसे आँखें ही फट गयीं , वो बोली: इतना बड़ा?
मैंने उसे सहलाया और काजल को दिखाकर बोला: अरे ऐसा कोई बड़ा नहीं है , साधना तो बड़े आराम से ले लेती है। क्यों साधना?
साधना: हाऽऽय सच में बहुत मस्त मज़ा देता है। इसको मैं बहुत मिस करती हूँ।
मैंने देखा की काजल सबकी नज़र बचा कर अपनी सलवार से बुर को खुजा रही थी। मैं मन ही मन मुस्कुराया।
मैं: आओ ना साधना एक बार चुदवा लो इसके बाद काजल को भी मज़ा दे देंगे।
साधना: आह नहीं मुझे यूरीनरी इन्फ़ेक्शन हो गया है, अभी मैं नहीं ले सकती आपको भी इन्फ़ेक्शन हो जाएगा।
मैं: ओह फिर इसका क्या होगा? मैंने लौड़ा दबाकर कहा|
साधना: चूस दूँ क्या?
मैं: अरे इसे मुँह से ज़्यादा बुर की ज़रूरत है। काजल तुम ही अपनी बुर से दो ना।
काजल एकदम से चौक गयी और इस तरह की भाषा से भी वह हड़बड़ा गयी।
वह: नहीं नहीं ये कैसे हो सकता है? मैं शादी शूदा हूँ और मैं तो यहाँ अपनी बेटी की मजबूरी के वजह से ही आयी हूँ।
मैं: अरे तो ये तो देख लो कि मैं तुम्हारी बेटी को कैसे चोदूँगा । तुम पर प्रैक्टिकल कर के बता देता हूँ।
काजल: नहीं नहीं इसकी कोई ज़रूरत नहीं है।
तब मैं खड़ा हो गया और अपने पैरों से पैंट और चड्डी निकालकर सोफ़े पर बैठी काजल के पास आकर उसके मुँह के पास अपना लौड़ा लहराकर उसके होंठों से अपना लौड़ा छुआ दिया।
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