RE: बहू की चूत ससुर का लौडा
रश्मि: ठीक है भाई सांब।
शशी की चूचि दबाते हुए राज बोला: वो काली साड़ी याद है ना और स्लीव्लेस ब्लाउस भी। तुम्हें इस रूप में देखने की बहुत इच्छा है।
रश्मि: अब मैं आपको क्या बोलूँ, साड़ी तो है पर ब्लाउस चार साल पुराना है छोटा हो गया है। उसमें साँस रुक रही है। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ।
राज: अरे ये समस्या तो सरिता को भी आती थी, हर दो साल में उसका बदन भर जाता था और ब्लाउस यहाँ तक की ब्रा भी छोटी हो जाती थी। वो इसका दोष मुझे देती थी हा हा कहती थी कि मैंने दबा दबा कर बड़ा कर दिया, हा हा । बहुत मज़ाक़िया थी वो।
बातों बातों में राज कमीनेपन पर उतर आया था।
रश्मि: क्या भाई सांब कैसी बातें कर रहे हैं वह भी स्वर्गीय भाभी जी के बारे में।
राज: अरे वही तो, फिर वह ब्लाउस की सिलाई खोल लेती थी और फिर से सिल लेती थी ढीला करके। पर ब्रा तो नई लाता था मैं बड़े साइज़ की, हा हा।
शशी उसको देखते हुए फुसफुसाई : बहुत कमीने साहब हो आप।
रश्मि: आप भी ना कुछ भी बोले जा रहे हैं। मैं समझ गयी कि मुझे क्या करना है। अच्छा अब रखती हूँ, बाई।
राज : ठीक है मिलते हैं। बाई।
अब फ़ोन काटकर वह शशी को बोला: आज रश्मि आ रही है क़रीब १२ बजे। मैं चाहता हूँ कि तुम अपना काम करके खाना लगा कर ११:३० बजे तक चले जाना।
शशी: तो आज समधन की चुदाई का प्लान है, है ना?
राज: सही सोचा तुमने, कोशिश तो करूँगा ही। अब चुदाई होगी या नहीं यह तो रश्मि पर निर्भर है।
शशी: ठीक है मैं जल्दी चली जाऊँगी आप मज़े करना। वह यह कहकर उसकी गोद से उठी और किचन में जाने लगी।
राज: शशी आज तुमको नहीं चोदूंग़ा । मैं चाहता हूँ कि अपना माल बचा कर रखूँ रश्मि के लिए।
शशी हंस कर बोली: कहीं उसको भी प्रेगनेंट मत कर देना?
राज: हा हा नहीं अब इस उम्र में क्या होगा उसका?
फिर वह नहाने चला गया। थोड़ी देर बाद जय भी उठकर आया और शशी ने उसे भी चाय दी।
राज: आज तुम्हारी सास आ रही है।
जय: हाँ डॉली का SMS आया है अभी। क्यों आ रहीं हैं?
राज: सगाई के बारे में कुछ बात करनी है उसने।
जय: ओह तो क्या मेरा होना भी ज़रूरी है?
राज: अरे नहीं बेटा तुम उसमें क्या करोगे? वैसे मैं उनको तुमसे मिलवाने दुकान में ले आऊँगा ।
जय: ठीक है पापा अब मैं नहा लेता हूँ।
फिर बाद में दोनों नाश्ता किया और जय दुकान चला गया। शशी भी खाना बनाने लगी।
राज ने अपने बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया और तिजोरी से हीरे के तीन सेट निकाले और कुछ सोने के भी निकाले । फिर वह उनको देखकर सोचने लगा कि रश्मि पर कौन सा ear ring अच्छा लगेगा। फिर उसने एक हीरे का कान का झुमका पसंद किया। अब वह तैयार था रश्मि का दिल जीतने के लिए।
राज ने आज एक बढ़िया टी शर्ट और जींस पहनी और सेंट लगाकर स्पोर्ट्स शू पहने। आज वह रश्मि को पटाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ना चाहता था।
शशी जा चुकी थी और वह अब तैयार था तभी रश्मि का फ़ोन आया : मैं बस अड्डे पहुँचनी वाली हूँ।
राज: बस मैं अभी दस मिनट मे पहुँच रहा हूँ।
राज की कार जब बस अड्डे पहुँची तो बस अभी आइ नहीं थी।
वह इंतज़ार कर रहा था तभी बस आयी और फिर उसमें से रश्मि उतरी काली साड़ी में। आह क्या जँच रही थी। उसका गोरा दूधिया बदन मस्त दिख रहा था काली साड़ी में। कसी साड़ी में छातियों का उभार पहाड़ सा दिख रहा था। जब वह पास आइ तो पारदर्शी साड़ी से उसका गोरा पेट और गहरी नाभि देखकर राज का लौड़ा झटके मार उठा।
तभी एक स्कूटर उसके पास आकर हॉर्न बजाया और वह पलटी उससे दूर होने के लिए और राज की तो जैसे साँस ही रुक गयी। क्या मस्त बड़े बड़े गोल गोल चूतड़ थे। बहुत ही आकर्षक दिख रहे थे।टाइट पहनी साड़ी से पैंटी की लकीरें भी साफ़ दिख रही थीं। अब तो उसको अपना लौड़ा पैंट में अजस्ट करना ही पड़ा।
जब वह पास आइ तो उसने हाथ जोड़कर उसे नमस्ते की और उसने भी उसके हाथ को पकड़कर कहा: नमस्ते। सफ़र में कोई परेशानी तो नहीं हुई?
रश्मि: दो घंटे में क्या परेशानी होगी?
राज: अरे इतनी हॉट दिख रही हो किसी ने रास्ते में तंग तो नहीं किया?
रश्मि: आप भी ना ,मेरे साथ एक महिला ही बैठी थी ।
राज : चलो तब ठीक है, अगर कोई आदमी होता तो तुमको तंग कर डालता।
रश्मि: अब चलिए यहाँ से पता नहीं क्या क्या बोले जा रहे हैं।
राज: चलो,कार वहाँ है।
फिर राज ने कार चालू की और बातें करने लगा।
राज: तो काली साड़ी पहन ही ली। थैंक्स मेरी बात रखने के लिए।
रश्मि: अब आप इतनी बार बोले थे तो आपकी बात तो रखनी ही थी।
राज उसकी ब्लाउस को देखते हुए बोला: पर वो ब्लाउस का हल कैसे निकला?
रश्मि हँसकर: वैसे ही जैसे आपने कहा था। साइड से थोड़ा ढीला करी हूँ।
राज: और ब्रा का ? अब तुम काले ब्लाउस के नीचे सफ़ेद ब्रा तो पहन नहीं सकती ना?
रश्मि शर्माकर: आप भी ना, कोई महिला से ऐसा सवाल करता है भला?
राज: फिर भी बताओ ना ?
रश्मि: डॉली के पास काली ब्रा थी वही पहनी हूँ।
राज चौंक कर: डॉली बेटी की? पर उसके तो तुमसे काफ़ी छोटे हैं ना ? उसकी ब्रा तुमको कैसे आएगी?
रश्मि: वह कोई बच्ची नहीं है २२ साल की लड़की है। मेरा और उसके साइज़ में दो नम्बर का ही अंतर है।इसलिए उसकी मुझे थोड़ी टाइट है पर काम चला ली हूँ। राज बेशर्मी से उसकी छाती को देखकर बोला: तुम्हें तो ४० की आती होगी?
रश्मि: आप भी ना, कोई ४० का साइज़ नहीं है।
राज: तो ३८ तो होगा ही, मेरी बीवी का भी यही साइज़ था।
रश्मि: अब आप सही बोल रहे हैं।
राज : इसका मतलब डॉली का भी ३६ के आसपास होगा। हालाँकि लगता नहीं उसका इतना बड़ा । तो डॉली की ब्रा भी तुमको तंग तो होगी ही ना।
रश्मि: पर मेरी पुशशी ३४ वाली से तो बेटर है।
राज: हाँ वो तो है।
रश्मि: आप डॉली की ब्रा का साइज़ भी भाँप रहे थे क्या? ये तो बड़ी ख़राब बात है।
राज: अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है। पर तुम्हारे और उसके साइज़ की तुलना की बात कर रहा था।
रश्मि: चलिए अब इस बात को ख़त्म कीजिए।
राज: मैं तुम्हें घर जाकर सरिता की ब्रा दे दूँगा वो तुमको बिलकुल फ़िट आ जाएगी। हाँ कप साइज़ थोड़ा तुम्हारा बड़ा लगता है। चलो अभी के लिए चला लेना।
और सुनाओ सगाई की तैयारियाँ कैसी चल रही है?
रश्मि: ठीक ही चल रही है। बस अमित भाई सांब काफ़ी मदद कर रहे हैं।
राज: अमित भी तुम्हारी बड़ी तारीफ़ कर रहा था।
रश्मि चौंक कर: कैसी तारीफ़?
राज: अरे ऐसे ही जैसे तुम बहुत समझदार और शांत हो वगेरह वगेरह।
रश्मि : ओह , वो भी तो बहुत अच्छे हैं।
राज: वो तो है। पर बिचारा पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत दुखी रहता है। पता नहीं उसका विवाहित जीवन कैसा होगा? उसकी बीवी को देखकर तो लगता है कि वो पता नहीं बिस्तर पर उसका साथ भी दे पाती होगी कि नहीं?
रश्मि थोड़ी सी परेशान हो गयी, वो बोली: चलिए छोड़िए ना कोई और बात करिए ना।
राज: तुम्हें तो ऐसा नहीं कहना चाहिए, क्योंकि हम तीनों की एक जैसी हालत है। तुम्हारे पति नहीं है , मेरी पत्नी नहीं रही और अमित की पत्नी होकर भी ना होने के बराबर है। सही कह रहा हूँ ना?
रश्मि: हाँ ये तो है।
राज: मुझे तो बहुत परेशानी होती है अकेले रहने में। मुझे तो औरत की कमी बहुत खलती है। पता नहीं तुम्हारा और अमित की क्या हालत है।
रश्मि: देखिए सभी को अकेलापन बुरा लगता है, पर किया क्या जाए?
राज: करने को तो बहुत कुछ किया जा सकता है, पर थोड़ी हिम्मत करनी पड़ती है।क्यों ठीक कहा ना?
रश्मि: मैं क्या कह सकती हूँ।
घर पहुँचकर राज उसे सोफ़े पर बिठाकर उसे पानी पिलाता है। फिर रश्मि: आपकी मेड शशी नहीं दिख रही है?
राज: आज उसे कुछ काम था इसलिए वो खाना बनाके जल्दी चली गयी है।
रश्मि: मैं आपके लिए चाय बना दूँ?
राज : अरे आप क्यूँ बनाएँगी? मैं आपके लिए बना देता हूँ।
रश्मि उठी और किचन की ओर जाते हुए बोली: आप बैठिए मैं बनाती हूँ। वह जब उठ कर जाने लगी तो उसकी चौड़ी मटकती गाँड़ देखकर वह पागल सा हो गया और उसके चूतरों में थोड़ी सी साड़ी भी फँस गयी थी। वह अपना लौड़ा मसलने लगा।
तभी किचन से आवाज़ आइ: भाई सांब थोड़ा आइए ना।
राज अपना लौड़ा अजस्ट करते हुए किचन में गया।
रश्मि एक चाय के डिब्बे को निकालने की कोशिश कर रही थी जो की काफ़ी ऊपर रखा था। राज उसके पीछे आकर उसके चूतरों में अपना लौड़ा सटाते हुए उस डिब्बे को निकाला और उसके बदन से आ रही मस्त गंध को सूंघकर जैसे मस्त हो गया। रश्मि ने भी उसके डंडे का अहसास किया और काँप उठी।
फिर वह चाय बना कर लाई। राज कमरे में नहीं था।
तभी वह बेडरूम से बाहर आया और उसके हाथ में एक काली ब्रा थी। वो बोला: देखो, ये ट्राई कर लो , इसमें तुम्हें आराम मिलेगा।
रश्मि लाल होकर: ओह आप भी , मुझे बड़ी शर्म आती है। ठीक है बाद में पहन लूँगी।
राज: अरे जाओ अभी बदल लो। इसने शर्म की क्या बात है।
रश्मि उठी और उसके बेडरूम में जाकर ब्रा बदल कर वापस बाहर आइ तो वह बेशर्मी से उसकी छाती को घूरते हुए बोला: हाँ अभी ठीक है। आराम मिला ना? डॉली के इतने बड़े थोड़ी है, इसी लिए उसमें तुम्हारी साँस रूकती होगी। सरिता और तुम्हारा एक साइज़ है तो आराम मिल रहा होगा। हैं ना?
रश्मि सिर झुका कर: हाँ ये ठीक है।
अब दोनों चाय पीने लगे।
रश्मि जय और उसके बिज़नेस का पूछने लगी। वो बातें करते रहे। राज को नज़र बार बार उसके उभरे हुए पेट और नाभि पर जाती थी।
राज: चलो अब तुम्हें गहने दिखाता हूँ।
वह बेडरूम की ओर चला। रश्मि थोड़ा हिचकते हुए उसके पीछे वहाँ पहुँची।
राज ने उसे बेड पर बैठने का इशारा किया और वह सेफ़ खोला और उसमें से ज़ेवर के डिब्बे निकाल कर लाया। फिर उसने सब डिब्बे खोकर बिस्तर पर फैला दिए । रश्मि की आँखें फट गयीं इतने ज़ेवर देख कर।
रश्मि: भाई सांब ये तो एक से एक बढ़िया हैं।
राज : इनमे से कौन सा डॉली बिटिया पर जँचेगा बोलो।
रश्मि: ये बहुत बढ़िया है। देखिए ।
राज: हाँ सच कह रही हो। और ये वाला तुमपर जचेंगा । ये कहते हुए उसने एक सेट उसको दिखाया।
रश्मि: मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान कर रहे हो डॉली को सेट देकर। अब मैं आपसे ये कैसे ले सकती हूँ।
राज: चलो छोड़ो ये ear rings देखो । ये तुम्हारे कान में बहुत जचेंगा।
रश्मि: मैं नहीं ले सकती।
राज: चलो मैं ही पहना देता हूँ।
यह कहकर वो उसके कान के पास आकर उसे ख़ुद पहनाने लगा। वह अब मना नहीं कर रही थी। उसकी साँसे रश्मि की साँस से टकरा रही थीं। उसकी नज़दीकियाँ उसे गरम कर रही थीं। उसका लौड़ा अब कड़ा होने लगा था। रश्मि भी गरम हो रही थी। उसकी छाती भी अब उठने बैठने लगी थी। राज को उसके बदन की मादक गंध जैसे मदहोश कर रही थी।
राज उसे रिंग्स पहना कर बोला: देखो कितनी सुंदर लग रही है तुमपर।
रश्मि ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखकर बोली: सच ने बहुत सुंदर है।
राज उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ा और बोला: पर तुमसे ज़्यादा सुंदर नहीं है। यह मेरे तरफ़ से तुमको सगाई का गिफ़्ट है। मना मत करना।
रश्मि: पर ये तो बहुत महँगा होगा।
राज: अरे तुम्हारे सामने इसकी क्या हैसियत है।
यह कहकर उसने रश्मि को अपनी बाँहों में खिंचा और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए। रश्मि एक मिनट जे लिए चौकी पर फिर चुपचाप उसके चुम्बन को स्वीकार करने लगी। कमरा गरम हो उठा था।
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