RE: बहू की चूत ससुर का लौडा
अगले कुछ दिन राज ने पूरा दिन सगाई की प्लानिंग में लगाया। वह चाहता था कि पूरा फ़ंक्शन बढ़िया से हो। रश्मि से वह sms के द्वारा बात करते रहता था। तभी अमित का एक दिन फ़ोन आया कि वह राज के शहर आ रहा है ताकि सारी बातें सगाई की अच्छी तरह से हो जाएँ। रश्मि नहीं आ रही है ये जान कर वह काफ़ी निराश हुआ।
अगले दिन अमित आया और दिन भर दोनों सगाई की तैयारीयों का जायज़ा लिया और फिर दोपहर को खाना एक रेस्तराँ में खाया। राज ने बीयर ऑर्डर की तो अमित बोला किमैं तो जिन पियूँगा। राज बीयर और अमित जिन पीने लगा। जल्दी ही अमित को चढ़ गयी।
राज ने सोचा कि इससे नशे की हालत में रश्मि की कुछ बातें की जाएँ।
राज: अमित भाई ये तो बताओ कि रश्मि इस उम्र में भी इतनी सुंदर कैसे है?
अमित थोड़े से सरूर में आकर: पता नहीं यार, मगर भगवान उसपर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान हैं। देखो ना इस उम्र में भी क्या क़यामत लगती है।
राज: वही तो देखा जाए तो इस उम्र में औरतें मोटी और बेडौल हो जाती हैं, पर वह तो अभी भी मस्त फ़िगर मेंटेंन की है।
अमित: हाँ भाई सच है अभी भी मस्ती से भरी हुई लगती है।
राज: एक बात पूँछुँ बुरा तो नहीं मानोगे?
अमित नशे में : पूछो यार अब तो हम दोस्त हो गए।
राज: वो विधवा है और तुम दोनों एक ही घर में रहते हो। तुम्हारा ईमान नहीं डोलता ?
वह जान बूझकर पूछा हालाँकि उसको तो पता था कि वो रश्मि की चुदाई करता रहता है।
अमित झूमते हुए : अब यार तुमसे क्या छपाऊँ, सच तो ये है जब मेरा भाई इसको ब्याह के लाया था तभी से मैं उसका दीवाना हो गया था।
राज: ओह तो क्या तुम उसकी इसके पति के जीते जी ही पटा चुके थे।
अमित: हाँ यार , मेरी बीवी बीमार रहती थी और जवानी का मज़ा नहीं देती थी। और मेरा छोटा भाई भी इसे ज़्यादा सुख नहीं दे पाता था। सो ये मुझसे जल्दी ही आसानी से पट गयी। सच तो ये है कि डॉली मेरी ही बेटी है।
राज उसका मुँह देखता रह गया।
राज: ओह ये बात है। तो क्या अभी भी तुम उसको चो- मतलब करते हो?
अमित: हाँ यार पर सबसे छुपाकर। मगर मुझे शक है कि घर में सबको पता है और सब चुप रहते हैं। पर हम अभी भी खूल्लम ख़ूल्ला कभी नहीं करते।
राज: यार तुम तो बहुत लकी हो ।
अमित: लगता है कि तुमको भी पसंद है वो। है ना? मैंने तुमको उसे कई बार घूरते देखा है।
राज: हाँ यार सच में बोम्ब है वो, मेरी नींद ही उड़ा दी है उसने।
अमित: तुम चाहो तो उसे पटा सकते हो?
राज: वो कैसे?
अमित: देखो अभी हमें पैसों की बहुत ज़रूरत है अगर तुम इस समय उसकी मदद कर दोगे तो वह तुम्हारे सामने समर्पण कर देगी।
राज: ओह ऐसा क्या?
अमित: वो इस समय ज़ेवरों को लेकर बहुत चिंतित है। तुम इसमे उसकी मदद कर सकते हो।
राज: अरे ये तो बहुत ही सिम्पल सी बात है। मैं अपनी बीवी के ज़ेवर पोलिश करवा के उसे दे दूँगा और वो उसे मेरी बहु को दे देगी। इस तरह घर का माल घर में वापस आ जाएगा। और सबकी इज़्ज़त भी रह जाएगी।
अमित: वाह क्या सुझाव है। वो तो तुम्हारे अहसान तले दब ही जाएगी। तुम उससे मज़े कर लेना।
राज: तुमको बुरा तो नहीं लगेगा।
अमित: यार इसमें बुरा लगने की क्या बात है? यार औरत होती है चुदाई के लिए। तुमसे भी चूद जाएगी तो क्या उसकी बुर घिस जाएगी?
राज: आऽऽह यार तुमने तो मस्त कर दिया। अभी उसे फ़ोन लगाऊँ क्या?
अमित: लगाओ इसमे क्या प्रॉब्लम है।
राज रश्मि को फ़ोन लगाया।
रश्मि: हाय ।
राज: हाय कैसी हो?
रश्मि: ठीक हूँ।
अमित ने इशारा किया कि स्पीकर मोड में डालो और मेरे बारे में यहाँ होने की बात ना करो। ये कहते हुए उसने आँख मारी।
राज: क्या कर रही हो? अमित बोल रहा था कि तुम सगाई की तैयारी में लगी हो।
रश्मि: हाँ बहुत काम है अभी। अमित भाई सांब चले गए क्या वापस?
राज ने आँख मारते हुए कहा: हाँ वो वापस चले गए। वो बता रहे थे कि तुम ज़ेवरों के लिए बहुत परेशान हो?
रश्मि: वो क्या है ना मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि बहुत महँगे ज़ेवर ख़रीद सकूँ तो थोड़ी सी परेशान हूँ।
राज: अरे इसमे परेशानी की क्या बात है। तुम ऐसा करो कि कल यहाँ आ जाओ और मेरी बीवी के ज़ेवर पसंद कर लो। तुम उनको ही अपनी बेटी को दे देना। वह आख़िर मेरे घर में वापस आ जाएँगे। मुझे पैसे का कोई लालच नहीं है। मुझे तो बस अपने बेटे की ख़ुशी के लिए डॉली जैसी प्यारी बहु चाहिए।
रश्मि: ये क्या कह रहे हैं आप । क्या आप सच में ऐसा करेंगे? मेरी तो सारी परेशानी ही दूर हो जाएगी।
राज: अरे मैं यही तो चाहता हूँ कि तुम्हारी सारी परेशानी दूर हो जाए। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। और तुमको परेशान नहीं देख सकता।
अमित मुस्कुराया और आँख मारी।
रश्मि: तो मैं कब आऊँ?
राज : अरे कल ही आ जाओ और ज़ेवर पसंद कर लो तो मैं उनको पोलिश करवा दूँगा।
रश्मि: ठीक है मैं कल अमित भाई सांब के साथ आ जाऊँगी।
राज : अरे वो तो अभी वापस गया है क्या फिर से कल वापस आ पाएगा?
रश्मि: ओह हाँ देखिए मैं उनको बोलूँगी आ सके तो बढ़िया वरना अकेली ही आ जाऊँगी।
राज: तुम मुझे बता देना तो मैं तुमको लेने बस अड्डे आ जाऊँगा। बस एक रिक्वेस्ट है।
रश्मि: बोलिए ना ?
राज: कल आप काली साड़ी और स्लीव्लेस ब्लाउस में आओगी।
रश्मि: आप भी ना , मुझे हमेशा हेरोयन की तरह सजने को कहते रहते हैं।
राज: क्या करूँ? दिल से मजबूर हूँ ना। आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
रश्मि: भाई सांब आप भी ना ।
राज: एक बात बोलूँ अमित बहुत लकी है जो हमेशा तुम्हारे साथ रहता है। मुझे तो उससे जलन हो रही है।
रश्मि हड़बड़ाकर : उन्होंने ऐसा कुछ कहा क्या?
राज: क्या कहा? किस बारे में पूछ रही हो?
रश्मि: वो कुछ नहीं।
अमित मुस्कुराया और फिर आँख मारी।
राज: एक बात पूछूँ ? बुरा ना मानो तो?
रश्मि: पूछिए।
राज: देखो तुम्हारे पति के जाने के बाद अमित तुम्हारा बहुत ख़याल रखता है । वह तुमको बहुत घूरता भी है। तुम दोनों में कुछ चल रहा है क्या?
रश्मि: क्या भाई सांब , आप भी, ऐसा कुछ नहीं है। वो मेरे जेठ जी हैं।
अमित फिर से मुस्कुराया।
राज: अच्छा चलो छोड़ो ये सब ,कल मिलते है। हाँ काली साड़ी याद रखना।
रश्मि हँसते हुए : ठीक है काली साड़ी ही पहनूँगी। बाई।
राज: बाई ड़ीयर । उसने फ़ोन काट दिया।
अमित: अरे अपने मुँह से थोड़े मानेगी। वह बहुत तेज़ औरत है।
राज: चुदाई में मज़ा देती है?
अमित: अरे बहुत मज़ा देती है। वह बहुत प्यासी औरत है। पटा लो और ठोको।
राज: देखो कल क्या होता है? वैसे तुम वापस आओगे क्या उसके साथ?
अमित: अरे नहीं। तुम मज़े लो। मैं आऊँगा तो तुम्हारा काम बिगड़ जाएगा।
राज : थैंक्स यार।
अमित: अब वापस जाता हूँ।
राज: चलो तुमको बस अड्डे छोड़ देता हूँ।
राज उसे छोड़कर घर जाते हुए सोचने लगा कि कल देखो रश्मि का बैंड बजता है कि नहीं।
सुबह शशी के हाथ की चाय पीते हुए राज पूछा: शशी तुम्हारा पिरीयड कब आता है?
शशी: जी अगले चार पाँच दिन में आ जाना चाहिए।
राज मुस्कुराया: इस बार नहीं आएगा। मुझे पक्का विश्वास है कि तुम गर्भ से हो जाओगी।
शशी ख़ुशी से उसकी गोद में बैठ कर उसको चूम ली और बोली: बस राजा आपकी बात सच हो जाए तो मेरा जीवन ही सँवर जाएगा।
राज: उसकी चूचि दबाते हुए बोला: अच्छा अपने पति से भी चुदवाती रहती हो कि नहीं?
शशी मुँह बना कर: हाँ वह भी तीन चार दिन में एक बार कर ही लेता है पर पाँच मिनट में आहह्ह करके साला खलास हो जाता है।
राज: चलो ना मैं तो तुमको एक एक घंटे रगड़ता ही हूँ ना। वो चोदे या ना चोदे क्या फ़र्क़ पड़ता है।
तभी रश्मि का sms आया: अभी बात कर सकती हूँ?
राज ने शशी की बुर को सलवार के ऊपर से दबाकर आँख मारकर कहा: समधन से बात करूँगा।
शशी: हमको भी सुनना है प्लीज़।
राज ने फ़ोन लगाया और स्पीकर मोड में डाल दिया। शशी की सलवार का नाड़ा खोला और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी बुर को सहलाते हुए बोला: हाय रश्मि कैसी हो?
रश्मि : मैं ठीक हूँ, आपको ये बताना था कि अमित भाई सांब तो मना कर दिए आने के लिए। अब मैं अकेली ही आऊँगी ।
राज ने शशी की बुर में दो ऊँगली डाली और बोला: कितने बजे तक आ जाओगी?
रश्मि: मैं क़रीब ११ बजे तक तो आ ही जाऊँगी। मैं आपको फ़ोन कर दूँगी बस अड्डे से।
राज: नहीं, तुम मुझे पहले फ़ोन कर देना, ताकि तुम्हें बस अड्डे पर इंतज़ार ना करना पड़े।
फिर राज ने उसके बुर से उँगलियाँ निकाली और उनको चाट लिया। शशी ने उसके हाथ में हाथ मारा और कान में कहा: छी क्या गंदे आदमी हो।
|