Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-08-2017, 10:56 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आज़ाद तो खेला हुआ बंदा था...वो ये समझ गया और अपने पास बुला कर मुझसे बात करने लगा...
बस...बाते करते हुए मैं उसकी गोद मैं बैठ गई और बिना कुछ बोले ही अपनी कमसिन जवानी उसके नाम कर दी..
उस दिन मोम के आने तक आज़ाद ने मुझे बच्ची से औरत बना दिया....
फिर तो जब भी मौका मिला आज़ाद ने मुझे जी भर कर चोदा...
एक दिन मोम ने हमे देख लिया पर कुछ नही कहा...कहती भी तो कैसे हम तो एक ही काम कर रहे थे....
फिर तो आज़ाद की लौटरी लग गई...उसने हम माँ-बेटी को रगड़ कर चोदा...
पर जब मेरी माँ के पेट मे आज़ाद का बच्चा आया तो आज़ाद भड़क गया ...उसने हमे जॅलील करने की धमकी दी....
हमारे पास चुप रहने के अलावा कोई रास्ता नही था...पर प्राब्लम थी माँ के पेट मे पल रहे बच्चे की...
मोम ने तय किया कि वो यहाँ से दूर जा कर बच्चे को जन्म देगी...क्योकि कोई भी औरत अपनी खोख को उजाड़ नही सकती....
पर जब तक वो बच्चा दुनिया मे आता उससे पहले ही हमारे डॅड की मौत हो गई....वो एक आक्सिडेंट का शिकार हो गये...
इस सब के बाद आज़ाद ने हमारे पास आना छोड़ दिया....पर जब मेरी मोम ने कमल को जन्म दिया तो आज़ाद आग बबुला हो गया...
उसने घर आकर मेरी मोम को मारा और बच्चे का पूछा...पर मोम ने मुँह नही खोला...उन्होने बच्चे को नौकर के साथ कही भेज दिया था...
आज़ाद ने मोम को बाँध दिया और मोम को तड़पाने के लिए उसके सामने ही मुझे रंडी की तरह चोदा....
आज़ाद ने ये भी बताया कि मेरे डॅड आक्सिडेंट मे नही मरे...उन्हे हमारे बारे मे सब पता चल गया था तो कार मे अट्क से आसानी से मरे....
मोम को ये सुन कर दुख हुआ पर मोम ने मुँह नही खोला...लेकिन ये सब मेरी गुड्डी ने देख लिया और वो वही पर गिर कर मर गई...
इस बात का पता हमे तब चला जब आज़ाद हमे धमका कर घर से निकल गया....
जब हमने गुड्डी को देखा तो वो हमे छोड़ कर जा चुकी थी...
एक तरफ डॅड की न्यूज़ और दूसरी तरफ गुड्डी की लाश...और वजह एक ही थी...हमारे नाजायज़ संबंध...
मैं इस सब को सह पाती कि मोम ने भी जहर पी लिया...वो खुद को गुनहगार मान रही थी...
और मोम मरते-मरते मुझे कमल और कामिनी की ज़िम्मेदारी दे गई...
कामिनी उस टाइम रिलेटिव के घर पर थी और कमल हमारे नौकर के पास...
मैने दोनो को लिया और आज़ाद से मिली...पर आज़ाद ने हमे पहचानने से मना कर दिया...
बाद मे अकेले मे आकर आज़ाद ने हमे हमारी प्रॉपर्टी दे दी ...पर कमल को अपना नाम नही दिया...
और हमे गाओं छोड़ने को बोल गया...
आज़ाद की पॉवेर के सामने मैं क्या करती...इसलिए वहाँ से दूसरे गाओं मे आ गई...जहाँ हमारी पुस्तैनि प्रॉपर्टी थी...
बाद मे मुझे पता चला कि ये सब प्रॉपर्टी आकाश के नाम है...हमारे नही...हमे तो बस यूज़ करने दी गई है...
तब मैने कसम खाई कि एक दिन कमल को उसका हक़ दिलाउन्गी और आज़ाद की फॅमिली को मिटा दूगी...जैसे मेरी फॅमिली मिट गई....
और तबसे ले कर आज तक मैं सिर्फ़ आज़ाद की फॅमिली को मिटाने के लिए ही जी रही हूँ....
दामिनी की कहानी ख़त्म होते ही कामिनी और दामिनी की आँखो से आँसू टपकने लगे...कमल भी गुस्से मे आ गया था और मुझे घूर कर दाँत पीस रहा था....
तभी मैने तालियाँ बजाना शुरू कर दिया....
दामिनी(गुस्से मे)- ये क्या हरक़त है...
मैं(ताली बजाते हुए)- सुपर्ब स्टोरी...कहानी को क्या मोड़ा है...बिल्कुल अपने हिसाब से...ह्म्म्म...
दामिनी- क्या मतलब...ये कोई स्टोरी नही...हक़ीक़त है...
मैं- ह्म्म्मा...हक़ीक़त...हाँ...है तो...पर झूठी है...सच नही...
दामिनी- तो तुम कहना चाहते हो कि ये सब झूठ है...मेरे माँ-बाप ..मेरी गुड्डी की मौत...सब झूठ है...
मैं- नही...मौत तो सही है...पर कहानी झूठी है...
दामिनी- तुम्हारे दादाजी का नाम है...इसलिए...सही है...तुम उनके खिलाफ कुछ ग़लत कैसे सुनोगे...
मैं- नही...ऐसा कुछ नही...मैं बस सच सुनना चाहता हूँ...
दामिनी- यही सच है..पूरा सच...
मैं- अओउंम....तो ...कमला...यही नाम था तेरी मोम का..हाँ...
कमला नाम सुनते ही दामिनी, कामिनी और कमल का मुँह खुला रह गया...
दामिनी- तुम्हे कैसे...मैने तो नाम बोला नही...
मैं(मुस्कुरा कर)- तुमने वही बोला जो तुम चाहती थी...पर मैं बताउन्गा की सच क्या है...बताऊ ...
दामिनी- क्क़..क्या मतलब...??
मैं- मतलब ये कि मैं कमला की कहानी पूरी तरह से जानता हूँ...
कामिनी मेरी बात सुन कर चोन्कि...
कामिनी- तो तुम कहना चाहते हो कि दीदी झूठ कह रही है...
मैं- मैं कुछ कहूँ उसके पहले तुम ये कहानी सुनो जो मैं सुना रहा हूँ.......खुद समझ जाओगी कि सच क्या है और झूठ क्या....
मेरी बात सुन कर कामिनी मेरा मुँह ताकते हुए मेरे कहने का इंतज़ार करने लगी..जबकि दामिनी की आँखो मे एक अजीब सी उलझन दिखाई देने लगी....
मैं- तो अब मैं बताता हूँ कि कमला कौन थी और उसके साथ क्या और कैसे हुआ...
अब सबको इंतज़ार था मेरी कहानी और मेरी ज़ुबानी का.....
मैने एक बार कामिनी को देखा और फिर आगे बढ़ कर दामिनी को घूर्ने लगा....
मेरे आगे बढ़ते ही कमल ने फिर से हरक़त की और पिस्टल दिखा कर मुझे चेताया कि कोई होशियारी नही...
मैने भी हाथ उपेर कर के बोल दिया कि नही...मैं कुछ नही करने वाला ....सिर्फ़ सच बोलने जा रहा हूँ....
मैने फिर से दामिनी की आँखो मे झाँका और बोलना शुरू किया.....
तुमने जो भी बोला उसमे काफ़ी कुछ सच था...जैसे तुम्हारी छोटी बेहन की बीमारी...तुम्हारे डॅड की शॉप बिकना...और तुम्हारी कोठी और सारी प्रॉपर्टी का मेरे दादाजी के पास गिरवी रखा जाना....
अब इसके आगे असल मे क्या हुआ था...ये मैं बताता हूँ....
जब तुम्हारे डॅड का बिज़्नेस दुबारा डूब गया तो वो फिर से मेरे दादाजी के पास आए...और पैसे माँगने के लिए....
दादाजी ने उन्हे पैसे तो नही दिए लेकिन अपनी फॅक्टरी मे काम पर लगा दिया...सिर्फ़ पहचान की वजह से...
और उनकी हालत देख कर ये भी बोल दिया कि उन्हे कोठी छोड़ने की ज़रूरत नही...आराम से पैसे जोड़ो और कर्ज़ा चुका देना...तब तक कोठी गिरवी ही रहेगी लेकिन उसमे रहोगे तुम ही...

तुम्हारे डॅड इस बात से बेहद खुश थे...पर वो ये भी जानते थे कि कर्ज़ा चुकाना बड़ा मुस्किल होगा...क्योकि कर्ज़ा बहुत हो गया था...
तुम्हारे डॅड की परेशानी तुम्हारी मोम के सामने थी...और इस वजह से वो भी परेशान रहने लगी...
क्योकि पैसे बचाने थे...तो खर्च कम करने थे....
इसी लिए तुम्हारे डॅड ने कामिनी को अपने रिलेटिव के घर भेज दिया..आगे पढ़ने....
पर इस तरह की लाइफ जीने की तुम्हारी मोम को आदत नही थी...उन्हे परेशानी होने लगी...
और तभी उन्हे पता चला कि आज़ाद एक अयाश किस्म के इंसान है...और औरत उनकी कमज़ोरी...
बस...फिर तुम्हारी माँ ने वो कदम उठाने का सोचा जो शायद कोई इज़्ज़तदार औरत को गवारा नही होता....
उन्होने सोचा कि इस कदम से उनके पति और बच्चो को आराम की लाइफ मिलेगी और साथ मे उनके पति की चिंताएँ भी दूर हो जाएगी...
यही सोच कर वो इस ग़लत रास्ते पर बड़ी...उन्होने खुद आज़ाद से जाकर उनको ऑफर दिया...
और आज़ाद तो ऐसे ऑफर की तलाश मे रहता ही था...उपेर से तुम्हारी मोम का गदराया जिस्म...जिसे देख कर कोई भी लट्तू हो जाए...
बस ..फिर क्या था...तुम्हारी मोम आज़ाद की फेव रखेल बन गई....और रोजाना चुदाई करवाने लगी....
सब अच्छा जा रहा था...सब खुश थे...पर एक प्राब्लम हो गई...
तुम्हारी मोम आज़ाद की चुदाई की कायल हो गई और बस उन्ही से चुदने की फिराक़ मे रहने लगी...यहाँ तक कि तुम्हारे डॅड की चुदाई भी उन्हे नही भाती थी....
नतीजा ये हुआ कि तुम्हारी मोम ने आज़ाद से बोल कर अपने पति को दूर किसी गाओं मे भिजवा दिया....
उसके बाद रास्ता सॉफ...दिन -रात , जब भी मूड हुआ...तुम्हारी मोम चुदाई के मज़े लेने लगी...
और फिर एक दिन तुमने उन्हे रंगे हाथो पकड़ लिया...तुमने अपनी मोम को धमकी भी दी...
पर तुम्हारी मोम ने तुम्हे समझा कर अपने साथ मिला लिया...और आज़ाद से सब कुछ वापिस करने के बदले तुम्हे दाव पर लगा दिया....
उसके बाद आज़ाद ने तुम दोनो को जी भर कर भोगा....और सब वापिस भी कर दिया...
तुम दोनो माँ-बेटी की मस्ती जारी रही...पर एक दिन तुम दोनो की दमदार चुदाई के वक़्त गुड्डी वहाँ आ गई...उसने तुम दोनो को चीखते देखा और डर गई...
क्योकि उसका दिल कमजोर था...तो उसे तभी अटॅक आ गया...बेचारी कुछ बोल नही पाई और मर गई...
जब आज़ाद को इस सच्चाई का पता चला तो आज़ाद ने तुम लोगो से दूरी बना ली...वो खुद को इस मौत के लिए कही ना कही गुनहगार समझते थे...
सब कुछ ख़त्म हो गया था....पर एक दिन...
तुम्हारी मोम प्रेगञेन्ट हुई...और उन्होने उस बच्चे को आज़ाद का बच्चा बताया.....
पर आज़ाद नही माने...वो जानते थे कि उन्होने हमेशा साबधानी रखी तो बच्चा कैसे हुआ...
इस बात पर आज़ाद और तुम्हारी मोम की काफ़ी बहस हुई...
और जिस समय ये बहस हो रही थी...उसी समय तुम्हारे डॅड वहाँ पहुच गये और सब सुन लिया...
वो तो अपनी बीवी की खुशख़बरी सुन कर मिलने आए थे...पर असलियत सामने आते ही वो टूट गये....
और तुम्हारे डॅड एक लेटर छोड़ कर घर से निकल गये....
वो इज़्ज़तदार आदमी थे...और ये सब बर्दास्त नही कर पाए...
और उन्होने अपनी गाड़ी एक ट्रक से भिड़ा दी..और अपने आप को मार दिया...
तुम्हारे डॅड का वो लेटर तुम्हारी मोम ने तब पढ़ा...जब कमल जन्म ले चुका था....
और उसे पढ़ते ही तुम्हारी मोम ने खुद को मार लिया....क्योकि उसी दिन तुम्हारी मोम को ये पता चला कि उनके पति और उनकी गुड्डी की मौत की ज़िम्मेदार खुद वही है....
कामिनी...तुम सोच रही होगी कि गुड्डी की मौत तो काफ़ी पहले हो चुकी थी..और तुम्हारे डॅड की मौत भी....तो तुम्हारी मोम ने इतना वेट क्यो किया....क्या सिर्फ़ बच्चे को जन्म देने के लिए...
तो जवाब है नही...असल मे गुड्डी की मौत के वक़्त सबसे पहले दामिनी ने उसे देखा...
उस जगह गुड्डी को देखते ही दामिनी सब समझ गई कि गुड्डी क्या देख कर मरी है...
दामिनी ने अपनी मोम से छिपा कर गुड्डी को रूम मे डाल दिया...क्योकि दामिनी जानती थी कि असलियत जान कर उसकी मोम टूट जाएगी...
इससे तुम्हारी मोम ने गुड्डी की मौत को स्वाभाविक समझा...और टूटी नही...
अब रही लेटर की बात ..तो वो भी दामिनी के हत्थे चढ़ गया था ...उसे पता था कि डॅड की मौत की वजह जान कर मोम मार जाएगी...
पर दामिनी चाहती थी कि उसकी माँ बच्चे को पैदा करे जिससे उसे आज़ाद की प्रॉपर्टी मिल जाए....
इसलिए दामिनी ने इंतज़ार किया और कमल के जन्म के बाद अपनी मोम को आराम से सब बता दिया ...
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RE: चूतो का समुंदर - by sexstories - 06-08-2017, 10:56 AM

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