Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-07-2017, 12:13 PM,
RE: चूतो का समुंदर
एक तरफ उसे ये सोच कर टेन्षन मे थी कि अब दीपा का भूत वापिस आयगा..तो क्या होगा...

दूसरी तरफ उसे इस बात की टेन्षन थी कि जब दामिनी को ये पता चलेगा कि उसने ये राज़ किसी और को बता दिया तो दामिनी क्या करेगी....

और इसके साथ ही साथ कामिनी को सबसे ज़्यादा टेन्षन अपनी बेटी काजल की थी...

कामिनी की नीद खुली तो काजल उसके साने खड़ी हुई थी...जो उसे जगाने आई थी...

काजल को सामने देखते ही कामिनी को रात की बात याद आ गई और उसने काजल को अपने सीने से लगा लिया और रोने लगी....

कामिनी की इस हरकत से और रोने से काजल भी परेसान हो गई..पर उसने चुप रह कर वेट करना ठीक समझा.....

थोड़ी देर बाद भी जब कामिनी ने रोना बंद नही किया तो काजल ने पूछ ही लिया...

काजल- क्या हुआ मोम..कोई बुरा सपना देखा क्या..??

कामिनी(रोते हुए)- हाँ बेटा...बहुत बुरा...

काजल- कम ऑन मोम...आप भी...अब सपने की बात छोड़ो और रेडी हो जाओ...आज डॉक्टर आने वाला है..चेक अप के लिए...

कामिनी ने काजल को अलग किया और अपने आँसू पोछते हुए बोली...

कामिनी- हाँ बेटा...तुम नौकरानी को बुलाओ...

काजल- ह्म...अभी बुलाती हूँ...

और काजल बाहर निकल गई...पर कामिनी के दिल मे अभी भी तूफान मचा हुआ था....

कामिनी ने रेडी होते हुए अपने मन मे कुछ डिसाइड किया और काजल को सब सच बताने का फ़ैसला कर लिया....

थोड़ी देर बाद कामिनी अपने बेड पर काजल के साथ नाश्ता करने बैठी थी...

पर उसके हाथ ना तो खाने की तरफ बढ़ रहे थे और ना ही उसका मन उसके साथ था...

कामिनी को ऐसी हालत मे देख कर काजल ने फिर से सवाल कर दिया....

काजल- मोम...आप अभी भी सपने को ले कर परेसान है...??

कामिनी- हूँ...नही बेटा..वो मैं...कुछ और ही सोच रही थी...

काजल- क्या मोम...ऐसी क्या बात है जो आप इतनी परेसान है...

कामिनी- बेटा...बात ही कुछ ऐसी है...कि ना चाहते हुए भी परेसानि हो जाती है....

काजल- ओके...तो आप मुझे बताइए...शायद मैं कोई सल्यूशन ढूँढ सकूँ...

कामिनी- मैं भी यही सोच रही थी कि तुम्हे अब सच बता ही दूं...

काजल- सच...कैसा सच..और किस बारे मे बोल रही हो आप ...??

कामिनी- बेटा...मैं उस सच की बात कर रही हूँ..जिससे हमारी फॅमिली का वजूद जुड़ा हुआ है...

काजल- क्या...वजूद ..मतलब..और किसके वजूद की बात कर रही हो आप....

कामिनी(उदास हो कर)- सबका बेटी...मेरा...दामिनी दीदी का...तुम्हारे मामा का...तुम बच्चो का...और तुम्हारे उस मामा का जिसे तुम अपना नौकर समझती हो...

काजल- क्या...मेरे 1 और मामा है...और नौकर...क्या बोल रही है मोम...कौन है वो....

कामिनी- वो और कोई नही...कमल है...जो हमारे घर मे नौकर की तरह रहता है...

काजल- व्हाट...कमल...मेरे मामा....आपने इतनी बड़ी बात मुझसे छिपाए रखी मोम...क्यो...??

कामिनी- सिर्फ़ तुमसे ही नही बेटा...ये बात सिर्फ़ 3 लोग ही जानते है...मैं, दामिनी दीदी और कमल...

काजल- पर आप लोगो ने ऐसा क्यो किया मोम...??

कामिनी- क्योकि कमाल को दुनिया से छिपाना था...जब तक कि उसके हिस्से का हक़ उसे ना मिले...अगर पहले ये बात सामने आ जाती तो शायद हमारे दुश्मन कमल को मार देते...


काजल- दुश्मन....कौन दुश्मन मोम..??

कामिनी- वही...जिनसे कमल को हक़ दिलाना है...

काजल- पर हक़ किस बात का..सॉफ-सॉफ बताएँगी....

कामिनी- बताती हूँ...

फिर कामिनी ने सारी बात काजल को बता दी...जितना भी वो जानती थी...

कामिनी- तो ये बात है...ये सारी दौलत..ऐश-ओ-आराम हमारा नही है...ये सब आकाश का है और उसके बेटे का...

काजल- तो क्या आकाश ने सब वापिस माँगा है...

कामिनी- नही...पर माँग भी सकता है....

काजल- पर इस सब से कमल मामा को छिपाने का क्या संबंध...

कामिनी- है...वो इसलिए की अगर कमल की सच्चाई आकाश को पता चलती तो उसे ये भी पता चल जाता कि ये प्रॉपर्टी भी उसकी है...हमारी नही...और हम सब खो देते...

काजल- ओके...माना...पर अब अचानक इतनी टेन्षन किस बात की ..

कामिनी- क्योकि...अब इस राज़ को कोई और भी जान गया है...

काजल- कोई और...कौन...??

कामिनी- वो छोड़...बस टेन्षन इस बात की है कि कहीं आकाश को पता चला तो...

काजल- तो अब क्या करना है मोम...एक काम करो..सीधा आकाश से बात कर लो...जो होगा देखा जायगा...

कामिनी- नही...ऐसा नही कर सकती...दामिनी दी ने मना किया है...

काजल- पर क्यो..??

कामिनी- पता नही..पर शायद कुछ है...जिस वजह से वो आकाश के खानदान को ख़त्म करना चाहती है...

काजल- ख़त्म करने पर...पर ऐसा क्या हुआ था...

कामिनी- नही पता...बुत कुछ बुरा ही हुआ होगा...तभी तो...

काजल- ओके...पर अब आप कब तक ऐसे टेन्षन मे रहेगी..मैं तो कहती हूँ की आकाश से बात कर लो...

कामिनी- नही...पर 1 काम हो सकता है..जिससे शायद हम तो सेफ हो जायगे...

काजल- क्या...

कामिनी- सुनो...1 प्लान है...

फिर कामिनी , काजल को प्लान समझाती रही...जिसे सुन कर काजल को गुस्सा आ गया...

काजल- क्या..आप ऐसा सोच भी कैसे सकती हो...मैं क्या ऐसी..

कामिनी(बीच मे)- सोच नही सकती..जानती हूँ...तुमने दामिनी के साथ मिल कर क्या गुल खिलाए...सब जानती हूँ मैं...

कामिनी की बात सुन कर काजल चुप रह गई और शर्मिंदा हो कर नज़रे झुका ली....

कामिनी- अब मेरी बात सुन...तुझे क्या करना है....

फिर कामिनी का पूरा प्लान सुनने के बाद काजल ने हाँ बोल दी...

काजल- ओके मोम...अब देखो...मैं क्या करती हूँ...सिर्फ़ हमारी प्रॉपर्टी ही नही बल्कि आकाश की पूरी प्रॉपर्टी हमारी होगी....

कामिनी- अगर ऐसा हो जाए तो मज़ा आ जायगा...फिर आकाश की फॅमिली मरे या बचे ...हमे कोई टेन्षन नही...

काजल- ह्म्म..अब मैं जल्दी से अपना काम शुरू कर देती हूँ...अब आप टेन्षन छोड़ो और नाश्ता करो...

फिर दोनो माँ-बेटी नाश्ता करने लगी....

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RE: चूतो का समुंदर - by sexstories - 06-07-2017, 12:13 PM

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