Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 10:00 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं- तुम अब तक यही हो…

अननोन- जी..मैं तुम्हारा ही वेट कर रहा हूँ..

मैं- तो बताओ..क्या बता रहे थे..कैसे जानते हो इतना सब मेरे बारे मे…

अननोन- सब बताउन्गा..इसीलिए मैं तुमसे मिलने आया..पर यहाँ नही..

मैं- यहाँ नही मतलब…..क्या प्राब्लम है…

अननोन- तुम्हे अंदाज़ा भी नही कि कहा कौन तुम पर नज़रे जमाए हुए है…इसलिए यहाँ नही….

मैं- ओके..मान लिया..तो कहाँ चले…

अननोन- आज नही…ये लो कार्ड इसमे अड्रेस है..कल शाम को यहा पहुँच जाना..

मैं- ह्म्म..और अगर तुम्हारी बात बकवास लगी तो याद रखना….

अननोन- मुझे जान से मार देना ….पर पहले मेरी बात सुन लेना ..ओके

मैं- ओके….

तभी अकरम ने मुझे आवाज़ दी…

अननोन- अब तुम्हे जाना चाहिए...कल यहाँ टाइम पर पहुँच जाना..

मैं- ओके…कल मिलता हूँ..देखूं तो सही..तुम्हारे पास क्या जानकारी है..बाइ

अननोन- बाइ

इसके बाद वो इंसान बाहर निकल गया और मैं अकरम के साथ खाना खाने लगा….

मैं खाते हुए उस इंसान को जाते हुए देख कर सोचने लगा कि ये सब मेरे साथ हो क्या रहा है…आज-कल मेरी लाइफ मे जो भी हो रहा है सब मुझे शॉक्ड ही कर रहा है और उपर से मुझे कुछ पता भी नही चल रहा….

पहले वो लंड चूसने वाली, फिर दीपा का यू पैसे लेना और मुझसे झूठ बोलना…फिर उस गेम मे मेरे साथ लड़कियों की मस्ती और अब ये अंजाना इंसान..जो मेरे बारे मे बहुत कुछ जानता है….

क्या मैं ये सब जान भी पाउन्गा कि कौन , क्या कर रहा है ..और ये मेरे लिए अच्छा है या बुरा…

कुछ भी हो अब मैं सारे ससपेन्स को दूर ज़रूर करूगा..जितने हो सके उतने तो सॉल्व हो जाए…

और शुरुआत होगी इस इंसान से….कल देखता हूँ…इसकी असलियत क्या है…

ऐसे ही मन मे ख्याल करते हुए हमने खाना ख़त्म किया और घर आने को कहा….अकरम जानता था कि हमारे एग्ज़ॅम है तो उसने फोर्स नही किया रुकने का….

फिर मैं और संजू….ज़िया , जूही अकरम , और उनके मोम-डॅड को बाइ कह कर घर आ गयी….

घर आकर मैने देखा कि सब आज पढ़ाई करने मे बिज़ी है तो मैने भी डिसाइड किया कि अब पढ़ना ज़रूरी था क्योकि एग्ज़ॅम 1 दिन बाद ही था…

हम सब पढ़ाई मे बिज़ी हो गयी और करीब 2-3 घंटे तक हमने पढ़ाई की…..इसके बाद हम फ्रेश हो कर कॉफी पीने लगे , जो कि पूनम दी हमारे लिए बना कर ले आई थी..….

कॉफी ख़त्म करके हमने थोड़ी और पढ़ाई की ….और फिर सोने को बेड पर लेट गयी..

हम लेटे ही थे कि मैं सोच मे फिर से डूब गया..और अचानक मुझे संजू की मौसी का ख्याल आ गया…मैं सोचने लगा कि कुछ तो है जो आंटी और उनकी सिस्टर के बीच की बात है….और वो मेरे मोम-डॅड से रिलेटेड है…पर क्या हो सकती है…क्या संजू की मौसी मेरे मोम-डॅड को अच्छे से जानती थी या सिर्फ़ जान-पहचान है….


कैसे पता करूँ..आख़िर सच क्या है…????

साला इतनी टेन्षन तो कभी नही हुई मुझे और आज मेरे माइंड मे टेन्षन की भरमार है…पता नही ये कैसे सॉल्व होगी….

ऐसे ही सोचते हुए मेरी आँख लग गई और रोज की तरह मैं तब जागा जब वो लंड चूसने वाली मेरे लंड को चूसने लगी…

पता नही कौन है साली जो इतनी देर होने के बाद भी लंड चूसने का वेट करती रही..खैर मैं लंड चस्वाने का मज़ा लेने लगा….


आज फिर से वो वैसे ही अपना काम करके निकल गई और मैं सोचने लगा कि जाने दो..एग्ज़ॅम दे दूं…फिर तुम्हे ही सबसे पहले देखता हूँ…और मैं थोड़ी देर मे ही सो गया…


आज सुबह जब मेरी आँख खुली तो मुझे एक और झटका मिला…रोज की तरह मैं एक प्यारी सी आवाज़ सुनकर उठा था..पर आज ये आवाज़ देने वाली अनु नही थी…आज रक्षा थी….जो पिछले दिनो मुझे घूर के देखती थी और आज मुझे प्यार से उठाने आ गई…

रक्षा- भैया ऐसे क्या घूर रहे है…

मैं- सीसी..कुछ नही…आज तू कैसे…??

रक्षा- क्यो भैया..मैं आपको जगा नही सकती क्या...

मैं- ऐसा नही कहा..पर अनु आती थी रोज तो बोला..

रक्षा- तो क्या अनु के जगाने से ही जागेगे ..मेरे जगाने पर नही…

मैं- अरे ऐसा नही है..मैं बस पूछ रहा था///

रक्षा- समझ गई भैया..आपको मेरा आना अच्छा नही लगा ..आइ एम सॉरी….अनु को भेजती हूँ…

और रक्षा पलट कर जाने लगी..

मैं- अरे रक्षा...सॉरी...यहाँ आ...तू गुस्सा मत हो..अच्छी नही लगती गुस्से मे...

रक्षा- आप को कैसे पता..आप तो मुझे देखते ही नही.

मैं- मतलब...*??

रक्षा- मतलब..आप तो बस अनु, पूनम दी, संजू भैया से ही बात करते हो..मुझसे तो की ही नही..फिर आपको कैसे पता कि मैं कैसी लगती हूँ…

मैं- अरे मेरी गुड़िया...ऐसा नही.है...चल मैं सॉरी बोलता हूँ..आज से रोज तुम्हे ही देखूँगा..ओके

रक्षा(मुस्कुरा कर)- सच...अब उठ जाइए...नाश्ते पर सब आपका वेट कर रहे…

मैं- ओके...अब तू जा..मैं आता हूँ..

रक्षा वहाँ से चली तो गई पर मेरे माइंड मे एक सवाल छोड़ गई...कि आज रक्षा इतने प्यार से क्यो बात कर रही थी...वैसे तो खा जाने वाली नज़रों से देखा करती थी..पर आज क्या हुआ..

कहीं यही तो नही जो रात मे आती है..नही-नही...वो तो कब्से आती है पर इसका मिज़ाज तो आज बदला.....तो क्या बात होगी...*??

अरे कही ऐसा तो नही कि कल के खेल मे ये मेरे साथ हो...हो भी सकता है..पर कैसे पता चलेगा...*???

ओह्ह्ह..मेरा माइंड फट रहा है…क्या करूँ….अभी सब भूल जाता हूँ….पहले उस अंजान इंसान से मिल लूँ…फिर एक-एक कर के सबको देखूँगा…अभी फ्रेश हो लेता हूँ..

इसके बाद मैं फ्रेश हुआ और रेडी होकर नीचे आ गया…..

हमने नाश्ता किया और फिर पढ़ाई करने बैठ गयी,,,,,आज फिर पारूल का अड्मिशन नही हो पाया…मैने उसे बोल दिया कि एग्ज़ॅम तक और रुक जा…फिर अड्मिशन करवा दूगा…


आज का दिन पढ़ाई करते हुए ही निकल गया…फिर मुझे याद आया कि मुझे उस इंसान से मिलना था…

मैं आंटी से बहाना बना कर निकल गया..और उस जगह पहुँच गया जहाँ वो इंसान मुझसे मिलने वाला था….

ये जगह सहर से बाहर थी…बिल्कुल सुनसान जगह …हाइवे से लग कर जगह थी…

मैं वहाँ उसका वेट करने लगा..फिर थोड़ी देर मैं वो इंसान एक टेक्शी से आया और टेक्शी उसे छोड़ कर निकल गई…और वो इंसान अपने मुँह पर कपड़ा बाँध कर मेरे पास आने लगा.….


वो इंसान रोड क्रॉस कर के आ ही रहा था कि तभी एक ट्रक उसे टक्कर मारते हुए निकल गया...

सिर्फ़ एक चीख सुनाई दी...

अननोन- आआहह....

मैने आज तक कोई आक्सिडेंट देखा ही नही था...और आज तो मेरे सामने ही एक इंसान को ट्रक उड़ाकर निकल गया...

ये नज़ारा देख कर मैं सुन्न पड़ गया और मेरे गले से आवाज़ भी नही निकल रही थी....

मुझे समझ मे नही आ रहा था कि क्या करूँ...मेरे हाथ- पैर जाम हो गये थे...

तभी मुझे आवाज़ सुनाई दी और मुझे थोड़ा होश आया....

अननोन- अंकित्तत्त.....

वो आवाज़ उस अंजान इंसान की थी जो काफ़ी आगे पड़ा हुआ था....

मैं फिर भी हिल नही पाया ...पर जब उसने दुबारा मुझे पुकारा तो मेरे पैर उसकी तरफ बढ़ने लगे और मैं जल्दी से भागने लगा....

जैसे ही मैं उसके पास पहुँचा तो उसे देख कर मैं काँपने लगा और मैं जोरो से रोने लगा ..

मैं- ये..ये ...आपको...नही....

अननोन- बेटा मेरी बात...आअहह...सुनो जल्दी...

मैं- पहले डॉक्टर के पास चलते है...

मैने उसे उठाने को हाथ बढ़ाया तो उसने मेरा हाथ पकड़ के बैठा दिया...

अननोन- नही बेटा...मेरी..मेरी बात सुनो...आहह

मैं- आपका खून ....चलो डॉक्टर के पास

अननोन- नही बेटा...मैं नही बचूँगा..मेरी बात सुनो..

मैं- नही आप मेरी बात सुनो...प्ल्ज़्ज़ चलो..
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RE: चूतो का समुंदर - by sexstories - 06-06-2017, 10:00 AM

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