ससुर कमीना और बहू नगीना
04-09-2017, 04:37 PM,
#77
RE: ससुर कमीना और बहू नगीना
अगले दिन सुबह मालिनी चाय बनाकर राजीव को आवाज़ दी।राजीव बाहर आया । अब वो लूँगी बनियान में था। वो आकर टेबल पर रखी चाय पीने लगा। तभी मालिनी भी अपनी चाय लाकर साथ में बैठी और बोली: तो पापा आज पार्क में कितनी आँटियों को लाइन मारी?

राजीव: आज मैं और मेरे साथ कई आदमी एक औरत को ताड़ रहे थे वो एक तंग पजामी में थी । उसकी मोटी गाँड़ सबको बहुत आकर्षित कर रही थी। अगर तुम्हारी मम्मी को वो पजामी पहना दूँ तो उसकी गाँड़ भी ऐसी ही दिखेगी।

मालिनी हँसकर: आप भी ना मेरी मम्मी के पीछे ही पड़े रहते हो।

राजीव : वो चीज़ ही ऐसी है। वैसे बेटा कल के तुम्हारे शो ने मुझे पागल ही कर दिया। उफफफ तुम्हारी चूचियाँ कितनी सख़्त हैं अनार कि तरह।

मालिनी: आप कल उनको नंगी देख ही लिए।

राजीव: बेटा अब जब एक बार देख और दबा लिया हूँ तो आओ ना अभी अच्छे से दिखा दो और दबवा लो। वह अपना लंड लूँगी के ऊपर से दबाकर बोला।

मालिनी: अच्छा पापा आप एक बात बताओ । कल आपने देखा ना की शिवा मुझे कितना प्यार करते हैं और कितना मज़ा देते हैं । फिर आप ही बोलो किमैं कैसे और क्यों उनको धोका दूँ। आपको पता है परसों जब हम मेरे मायके जा रहे थे तो रास्ते में एक ढाबे में रुके थे। वहाँ एक लड़की शीला मिली थी जो अपने ससुर के साथ आयी थी। उसे मैंने अपने ससुर से चुदवाते हुए देखा।

राजीव की आँखें बड़ी बड़ी हो गयी। वो बोला: सच वाह क्या बात है।

मालिनी हँसकर : पर उसका केस अलग है। उसका पति उसे मज़ा नहीं दे पाता और बाहर भी रहता है। उसका हथियार भी कमज़ोर है। इसलिए वो अपनी ज़रूरत ससुर से पूरी करती है। पर मेरे साथ तो ये सब नहीं है ना। आपने कल देख ही लिया।

राजीव मुँह लटकानेवाली ऐक्टिंग करके: हाँ वो तो है। मेरा बेटा चुदाई में भी मुझपर ही गया है। तो फिर कोई स्कोप नहीं है मेरा।

मालिनी हँसकर उसके पास आकर खड़ी हुई और उसको चूमकर: पापा कोई ना कोई रास्ता निकलेगा। अब तो आप मुझे अच्छे लगने लगे हो।

राजीव ने भी उसके चूतरों को सहलाकर कहा: सच बेटा तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो। फिर उसकी चूचियों को दबाकर बोला: बेटा आज गैनकोलोजिस्ट के पास भी जाना है ना? १२ बजे का टाइम लिया है।

मालिनी अब भी खड़ी हुई अपनी चूचियों को दबवाती हुई बोली: आऽऽऽह पापा अब छोड़ो ना। शिवा को उठाती हूँ।

राजीव : बेटा एक बार बुर को चूम लेने दो ना प्लीज़।

मालिनी: पापा आप एक बार तो कभी चूमते ही नहीं हो। बीसियों बार चूम लेते हो। शिवा के जाने के बाद चूम लेना।

राजीव: अभी एक बार चूम लेने दो प्लीज़ । बाद में अच्छे से चूसूँगा।

मालिनी : आप कहाँ मानोगे। यह कहकर वह अपनी नायटी उठायी और राजीव के सामने उसकी बुर थी। राजीव सोफ़े पर बैठा था और वो उसके सामने खड़ी थी। गोल गोल जाँघों के बीच में उसकी फूली हुई बुर बहुत मस्त दिख रही थी। वो हाथ से जाँघों को सहलाया और फिर बुर के ऊपर भी हाथ फेरा। फिर मस्त होकर आगे को झुका और उसकी बुर को सूँघा। उफफफफ क्या मस्त गंध थी। साबुन और सेक्स की मिली जुली गंध थी। वो उसे कई बार चूमा और फिर जीभ से भी रगड़ा। उधर उसके हाथ उसके गोल गोल नंगे चूतरों को भी दबा रहे थे। मालिनी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पापा अब छोड़ो ना। आपने कई बार चूम ही लिया। आऽऽऽऽहहह । बस करो।

अब राजीव ने उसे घुमाया और उसके चूतरों को चूमने और काटने लगा। फिर उसने चूतरों को फैलाया और गाँड़ के छेद को भी चाटा और बोला: सुबह सुबह कितना साफ़ रखती हो?

मालिनी: जिस लड़की के घर में दो दो हॉर्नी आदमी हो वो अपने ससुर और पति के स्वास्थ्य का ध्यान तो रखेगी ही ना। मैं थोड़े चाहूँगी कि आप दोनों बीमार पड़ो। इसलिए मैं दोनों छेद साफ़ रखती हूँ। पता नहीं कौन क्या चूमने या चाटने लग जाए। हा हा ।

राजीव भी हँसकर उसकी नायटी नीचे करके बोला: जाओ शिवा को चाय दे दो।

मालिनी चाय लेकर शिवा को उठाई और फिर वह भी थोड़ी सी मस्ती किया और फिर तय्यार होकर दुकान चला गया।

मालिनी भी बाई से काम करवाने लगी। राजीव नहाने जाते हुए बोला: बेटा तय्यार हो जाना, डॉक्टर के पास जाना है।

मालिनी नहाकर तय्यार हुई और कमरे से बाहर आयी। उसने साड़ी और लो कट का स्लीव्लेस ब्लाउस पहना था। साड़ी भी नाभि दर्शना थी जो कि उसके चिकने सपाट पेट और गहरी नाभि का दर्शन करा रही थी। आज उसने पैंटी भी पहनी थी वरना चेक अप के दौरान डॉक्टर को पता चल जाता कि वो पैंटी पहनती ही नहीं है।

राजीव भी बाहर आया और उसे देखकर बोला: वाह क्या दिख रही हो बेटा। बहुत प्यारी लग रही हो। पर अभी तो चालीस मिनट है निकलने में।

मालिनी: पापा मुझे कुछ राशन लेना है। पहले समान ले लेंगे फिर डॉक्टर के पास चलेंगे। राजीव अब उसके साथ बाहर निकाला और कार निकालते हुए बोला: बेटा अब तुम्हारा पिछवाड़ा बहुत सेक्सी हो गया है। साड़ी में भी क़यामत नज़र आ रही हो।

मालिनी मुस्करायी और बोली: पापा आप बस मुझे छेड़ने के बहाने ढूँढते हो।

रास्ते भर वो उसकी जाँघ सहलाते हुए कार चला रहा था। दुकान पर आकर दोनों अंदर गए। राजीव : मैं यहीं खड़ा हूँ तुम ले आओ सामान ।

मालिनी जब ट्रॉली में सामान लेकर आयी तो उसने देखा कि राजीव एक आदमी से हँसकर बातें कर रहा था। राजीव ने उसका परिचय कराया : बेटा ये मुकेश जैन अंकल हैं । मेरे दोस्त हैं। और मुकेश ये मेरी बहु मालिनी है।

मुकेश उसको खा जाने वाली निगाहों से देखते हुए बोला: भाई आपकी बहू बहुत प्यारी है। मालिनी ने साफ़ साफ़ देखा कि वो उसकी छातियों को घूर रहा था और उसकी आँखों में वासना भरी हुई थी। तभी एक मालिनी की उम्र की एक लड़की वहाँ आइ और मुकेश से बोली: पापा ये सामान हो गया अब आप कार्ड दो पेमेंट करना है। वह सलवार कुर्ते में बहुत हसीन लग रही थी। और उसका सब कुछ बड़ा बड़ा सा था। राजीव ने देखा कि वो एक थोड़ी सी मोटी लड़की थी।

मुकेश: ये रुचि है मेरी बहु। और रुचि ये मेरे दोस्त राजीव और ये मालिनी उनकी बहु है।

मालिनी और रुचि ने हाथ मिलाया। फिर मुकेश बोला: चलो साथ में एक कोफ़्फ़ी शाप है कोफ़्फ़ी पीते है।

राजीव: यार फिर कभी । आज कुछ काम है। तबतक रुचि और मालिनी ने सेल नम्बर ले लिए थे एक दूसरे के।

फिर वो बाहर आकर कार में बैठे। मालिनी: पापा ये आपके दोस्त अच्छा आदमी नहीं है।

राजीव: अरे क्या हुआ बेटा?

मालिनी: पापा उनकी आँखें वासना से भरी हुई थीं।

राजीव: ओह ऐसा क्या। चलो छोड़ो । हो सकता है कि तुमको ग़लत फ़हमी हो गयी होगी।

मालिनी: पापा हम लड़कियों को सब समझ में आ जाता है कि आदमी कैसा है।

तभी हॉस्पिटल आ गया और दोनों अंदर पहुँचे। राजीव उसे लेकर डॉक्टर के चेंबर में ले गया। वह बाहर बैठे आदमी से बोला: डॉक्टर मैडम हैं ?

आदमी: वो तो आज नहीं आयीं हैं । उनकी तबियत रात को ख़राब हो गयी है।

राजीव: ओह तो कोई दूसरा डॉक्टर नहीं है?

आदमी : हाँ है ना वो सामने वाले चेम्बर में बैठे हैं।

राजीव अंदर गया और थोड़ी देर में बाहर आकर बोला: बहु दूसरा डॉक्टर तो है मगर वह बुज़ुर्ग आदमी है। उसे दिखाओगी क्या?

मालिनी: पापा आदमी को दिखाने में शर्म आएगी ना। प्लीज़ वापस चलो आज।

राजीव : बेटा डॉक्टर तो डॉक्टर होता है क्या आदमी और क्या औरत । मेरा ख़याल है इनको दिखा दो। उस मैडम से भी बड़े डॉक्टर है ।फिर मैं तो यही बाहर रहूँगा ही ना।

मालिनी: ठीक है पापा आप बोलते हो तो चली जाती हूँ।

वो अंदर गयी और अंदर डॉक्टर बैठा था जो कि क़रीब ६० साल का था। वो मालिनी को देखकर बोला: आओ बेटी। यहाँ बैठो। बताओ क्या नाम है? उम्र। वो उससे पूछ कर लिखता जा रहा था। फिर बोला: हाँ बोलो क्या तकलीफ़ है?

मालिनी: जी जी तकलीफ़ कोई नहीं है।

डॉक्टर: अरे तो फिर यहाँ क्यों आइ हो बेटी?

मालिनी: जी मेरा मतलब है कि मेरी शादी को ६ महीने हो गए हैं और मैं अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई हूँ।

डॉक्टर हंस कर: सिर्फ़ ६ महीने और प्रेगनेन्सी की बात। बेटी अभी तुमको मौज मस्ती करनी चाहिए। इतनी जल्दी क्या है माँ बनने की।

मालिनी: पर डॉक्टर हम दोनों रोज़ कई बार सेक्स करते है फिर भी मैं अभी तक क्यों प्रेगनेंट नहीं हुई? हम लोग कोई प्रटेक्शन भी नहीं उपयोग नहीं करते।

डॉक्टर: ओह तो क्या हुआ ।तुम लोग प्रयास करते रहो। सब कुछ ठीक हो जाएगा। वैसे अगर तुम चाहो तो मैं चेक अप कर लेता हूँ। चलो वहाँ लेट जाओ।फिर उसने फ़ोन पर एक नर्स बुलाया। क़रीब ४० साल की नर्स आकर मालिनी को बिस्तर पर लिटायी और तभी डॉक्टर आया। अब वो उसके पेट को चेक किया और फिर वहाँ दबाकर बोला: बेटी कहीं दर्द तो नहीं हो रहा है ?

मालिनी: जी नहीं ।

डॉक्टर: चलो नर्स साड़ी उठाओ। वह साड़ी और पेटिकोट उठायी। अब उसकी पैंटी साफ़ दिख रही थी। नर्स उसे कमर ऊपर करने को बोली। मालिनी ने शर्म से आँख बंद की और अपनी कमर उठाई। नर्स ने पैंटी उतारी और अब वो मालिनी की टांगों को घुटनों से मोड़ी और उनको फैला दी। अब डॉक्टर उसकी जाँघों के बीच आ गया और उसने अपने हाथ में ग्लव्ज़ लगाया। और टॉर्च से मालिनी की खुली बुर का निरीक्षण किया। फिर उसने अपनी दो उँगलियों का उपयोग करके उसकी बुर को खोला। अब वो उसके अंदर झाँका और जाँच किया। उसकी गुलाबी बुर की छबी देखकर डॉक्टर भी मस्त हो गया। अब उसने उसके अंदर दो उँगलियाँ डाल दी और अच्छी तरह से चेक अप किया। फिर वो मानो उसकी उँगलियों से चुदाई करने लगा। वो उँगलियाँ अंदर बाहर कर रहा था। नर्स उसे हैरानी से देखी तो वो शांत होकर उँगलियाँ बाहर निकाला। तभी नर्स की निगाह डॉक्टर के पैंट में बने तंबू पर पड़ी। वो हैरान हो गयी कि ये इस उम्र में भी इतना गरम इंसान है? वो नर्स अभी कुछ दिन पहले ही आयी थी इस नौकरी पर और डॉक्टर उसे पता चुका था। तभी मालिनी को नर्स ने उठने का इशारा किया। वो अपनी पैंटी पहनी और कपड़े ठीक की। तभी उसे भी डॉक्टर का उठा हुआ पैंट का हिस्सा दिखाई दिया। वो भी हैरान हो गयी।


डॉक्टर: बेटी तुम्हारी अंदर की जाँच से तो सब ठीक ही लगता है।वो जाकर अपनी कुर्सी में बैठ गया। नर्स उसके पास आकर फुसफुसाई: सर ये क्या हो गया आपको आज? ऐसा ये कभी भी खड़ा नहीं होता ? वो उसकी पैंट की ओर इशारा करके बोली। उधर पार्टिशन की दूसरी तरफ़ कपड़े ठीक करती हुई मालिनी को कुछ बातों की आवाज़ें आयी तो वो कान लगाकर ध्यान से सुनने लगी। उसने नर्स की बात सुन ली थी।

डॉक्टर: अरे ऐसी पुसी कई दिनों के बाद देखा है। उफफफ बहुत ही मस्त टाइट और गुलाबी सी है। बहुत प्यारी सी है। इसलिए मेरा खड़ा हो गया।

नर्स: अरे आपका कितना चूसती हूँ तभी खड़ा होता है। आज तो मस्त खड़ा है आपका।

डॉक्टर: बस ये जाए तो इसके बाद तुमको चोदूँगा। आऽऽह्ह्ह्ह्ह वह अपना लंड दबाने लगा।

तभी मालिनी चुप चाप बाहर आयी और बोली: तो डॉक्टर मैं जाऊँ?

डॉक्टर: हाँ हाँ जाओ। बस कोशिश करती रहो, तुममें कोई कमी नहीं है। वैसे मेरी सलाह है कि इतनी जल्दी क्या है माँ बनने की। जवान हो ख़ूबसूरत हो अभी ज़िन्दगी के मज़े लो। बच्चे पैदा करने के लिए टाइम ही टाइम है।

मालिनी उसकी बातों को अनसुना करके बोली; तो क्या मेरे पति में कोई कमी होगी?

डॉक्टर: बेटी बिना चेक अप के तो नहीं बता सकता। पर अगर वो स्वस्थ है तो जेनरली कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। मेरा सुझाव है कि अभी और कोशिशें करो, भगवान फल देगा।

मालिनी: ठीक है डॉक्टर ।कहकर बाहर आ गयी।

बाहर राजीव इंतज़ार कर रहा था । वो बोला: बेटा क्या रहा? सब ठीक है ना?

मालिनी: जी पापा सब ठीक है। आप पेमेंट करिए। मैं कार में बताऊँगी।

जब वो कार में जा रहे थे तो मालिनी ने डॉक्टर के साथ हुई बातें उसको बतायीं। राजीव ने उसकी जाँघों को सहलाया और बोला: बेटा मैं बोला था ना कि तुममें कोई कमी नहीं है।

मालिनी: अपना मतलब क्या है कि कमी शिवा में है?

राजीव: हाँ हो सकता है और हो नहीं भी सकता है। जब तक वो चेक अप नहीं कराएगा , कैसे कह सकते हैं।

मालिनी दृढ़ता से बोली: मैं उनका चेक अप नहीं करवाऊँगी। मुझे पता है कि उनमें कोई कमी नहीं है।

राजीव ने सोचा कि इस पर अब कोई फ़ायदा नहीं बहस करने से । फिर मालिनी ने राजीव को डॉक्टर और नर्स के बीच में हुई बातों को भी बताया। तो राजीव हँसकर बोला: देखो वो डॉक्टर रोज़ दस बीस बुर देखता होगा। और उसने तुम्हारी बुर की इतनी तारीफ़ की है तो कोई तो बात है ना इसमे। वह साड़ी के ऊपर से ही उसकी बुर को दबाकर बोला।

दोनों घर पहुँचे तो मालिनी का फ़ोन बजा। उधर शीला थी : हाय मालिनी, कैसी हो?

मालिनी: ठीक हूँ तुम कहाँ हो?

शिला: अरे मैं तुम्हारे घर के पास ही आयी हूँ। तभी तुम्हारी याद आइ। अगर तुमको कोई परेशानी ना हो तो चाय पीने आ जाऊँ?

मालिनी: हाँ हाँ आओ ना। मैं अपना पता sms करती हूँ। बाई।

राजीव : ये कौन है? मैं तो तुमसे मज़े लेना चाहता था।

मालिनी: पापा ये वोहि रिज़ॉर्ट वाली लड़की है जो अपने ससुर से मज़ा ले रही थी।

राजीव: ओह हाँ हाँ तुमने बताया था। चलो ठीक है हम भी मिल लेंगे। वो आँख मारते हुए बोला।

मालिनी हँसकर : पापा आप भी ना छैला हो। यह कहकर वो उसके लंड को दबा दी और बोली: चेक कर रही हूँ कि खड़ा हो गया है क्या शीला का नाम सुनकर। फिर वो हँसने लगी।

तभी घंटी बजी और मालिनी शीला को अंदर लायी। राजीव अभी अपने कमरे में ही था। सोफ़े पर बैठ दोनों बातें करने लगी। एक दूसरे के परिवार को जानने के बाद बातें शीला के पति पर आ गयीं।

शीला रुआंसी होकर: मेरी तो कई बार इच्छा होती है कि आत्म हत्या कर लूँ। मेरे पति को मुझसे कोई मतलब नहीं है। महीनो बाहर ही रहते हैं। घर आते हैं तो भी मुझसे कोई सम्बन्ध नहीं रखते। कई बार तो मुझे लगता है कि वो गे है। अगर सास ससुर का ख़याल नहीं होता तो सच में मर चुकी होती अब तक।

मालिनी: अरे ऐसा क्यों कहती हो? परेशानी तो जीवन में आती रहती है ।हमको उसका मुक़ाबला करना होता है। कम से कम तुमको सास ससुर तो अच्छे मिले हैं ।

शीला: हाँ वो दोनों बहुत अच्छे हैं । मालिनी सोची कि ससुर कितने अच्छें है वो तो मैं देख चुकी हूँ। मज़े से चोद रहे थे इसे। वो बोली: तुम बैठो मैं चाय लाती हूँ।
शीला : चलो मैं भी किचन में ही चलती हूँ।

मालिनी और शीला किचन में थीं तभी राजीव बाहर आया और उसको किचन से बात करने की आवाज़ें आने लगी। वह जाकर चुपचाप किचन के साइड में खड़ा हो गया और उनकी बातें सुनने लगा।

मालिनी: तुम बोली ना कि तुम्हारा पति से कोई ख़ास शॉरीरिक सबँध नहीं बन पता। तो अपनी प्यास कैसे बुझाती हो?

राजीव के कान मालिनी का प्रश्न सुनकर खड़े हो गए।

शीला: वो वो अब क्या बताऊँ। बोलने में भी शर्म आती है। छोड़ो इन बातों को।

मालिनी: अरे बताओ ना। मन की बात कहने से मन हल्का हो जाता है।

शीला: ये मैं नहीं बता सकती।

मालिनी: चलो मैं ही बता देती हूँ। मैंने तुमको उस दिन कोट्टेज में अपने ससुर से करवाते देखा था।

शीला का चेहरा सफ़ेद पड़ गया। वो हकला कर बोली: आप आप मतलब याने कि ओह हे भगवान।

मालिनी: हाँ और तभी से मैं सोच रही हूँ कि ये सही है या ग़लत?

शीला रोने लगी। अब मालिनी ने उसको अपनी बाँहों में लेकर चुप कराया और बोली: अरे मैं तो बस वही बता रही हूँ जो मैंने देखा। अच्छा ये बताओ कि ससुर ज़बरदस्ती किए हैं क्या?

राजीव ने साँस रोकी कि देखो क्या जवाब देती है वो।

शीला आँसू पोंछकर : नहीं बिलकुल नहीं। जो भी हुआ मेरी रज़ामंदी से ही हुआ। ससुर जी बड़े भले आदमी हैं।

चाय बन चुकी थी सो मालिनी बोली: चलो बाहर बैठ कर पीते हैं। अब राजीव वहाँ से हटकर अपने कमरे में जाकर सुनने लगा।

मालिनी: तो ये सब कैसे शुरू हुआ?

शीला: असल में मैं बहुत उदास रहती थी।हमारी शादी को २ साल हो चुके थे। पति का ना ही साथ था और ना ही शारीरिक संतुष्टि। तब एक दिन पापा मेरी उदासी का कारण पूछे। मैं उनको बता दी कि उनका बेटा नकारा है। वो हतप्रभ रह गए। फिर धीरे धीरे वो मुझसे बातें करने लगे और मैं भी उनसे खुलने लगी। जल्दी ही हम अच्छे दोस्त बन गए। सास को भी मैंने इशारे में सब बता दिया क्योंकि वो मुझे बच्चे के लिए कहती रहती थी। एक दिन सास कीर्तन में गयी थी तब मेरे पति का फ़ोन आया। वो बोले कि मुझे तीन महीने और लगेंगे बाहर में। उनका फ़ोन रख कर मैं रोने लगी। तब पापा ने मुझे चुप कराया और तभी मैं उनके सीने में सर रखकर रोए जा रही थी।फिर सब कुछ अपने आप जैसे होता चला गया। और मैं उनके साथ बिस्तर पर थी और सब कुछ हो गया। बात ये थी किमैं तो प्यासी थी ही। ससुर भी प्यासे थे क्योंकि सासु माँ आजकल धर्म कर्म में बहुत विश्वास करती है। और कई कई दिन उनको छूने नहीं देती है। बस तब से हम छुप छुप कर मिलते रहते हैं।

मालिनी: ओह कभी सास को पता चल गया तो?

शीला: पापा बोलते हैं देखा जाएगा। वैसे पापा को शक है कि माँ को पता है या शक है हमारे रिश्ते का।

अचानक पता नहीं मालिनी को क्या सूझा कि उसके मुँह से निकल गया: एक बात बताओ कि अपने ससुर के अलावा भी किसी से मज़ा ली हो?

शीला: हाँ जब मायके जाती हूँ तो अपने रिश्ते के मामा से करवा लेती हूँ। क्या करूँ ऐसा निकम्मा पति मिला है।

मालिनी: ओह । मेरे घर में भी एक प्यासा मर्द है, उसको दोगी?

शीला चौक कर बोली: क्या? कौन है?

मालिनी: मेरे ससुर जी। वो भी बहुत प्यासे हैं। करवाओगी उनसे ? सासु माँ के जाने के बाद वो बहुत बेचैन रहते हैं।

राजीव चुपचाप उनकी बातें सुन रहा था। उसका लंड ठुमकने लगा। और उसे अपनी बहु पर बहुत प्यार आया।

शीला: मगर ये कैसे सम्भव है? मतलब तुम्हारे सामने?

मालिनी: मैं पापा को बोलती हूँ । अगर वो चाहेंगे तो सब हो जाएगा। तुम अपना बोलो की तुम करवाओगी क्या?

शीला हिचकते हुए : मैंने उनको आज तक देखा नहीं है। और आप बोलती हो कि मैं उनसे करवा लूँ। ये कैसे सम्भव है।

मालिनी: अरे तो मिल लो ना अभी। मैं उनको बुलाती हूँ।

वो राजीव के कमरे में जाकर आवाज़ दी: पापा बाहर आयिए ज़रा।

राजीव अपना लंड दबाकर बाहर आया और बोला: हाँ बहू बोलो क्या बात है?

मालिनी: पापा आओ ना इनसे मिलो ये शीला हैं । और शीला ये मेर ससुर जी हैं ।

शीला ने उसे नमस्ते की। राजीव उससे बातें करने लगा। एक दूसरे के परिवार के बारे में बातें किए।

अब मालिनी ने शीला को इशारे से पूछा कि पापा पसंद हैं ?

शीला शर्मा कर हाँ में इशारा की। राजीव ने सब देखा पर ना देखने का अभिनय किया।

अब मालिनी राजीव को बोली: पापा आपसे अकेले में बात करनी है। आओ ज़रा।

वो दोनो उसके कमरे में गए। वहाँ मालिनी बोली: आपको शीला कैसी लगी?

राजीव मन ही मन ख़ुश होकर: ठीक है, क्यों क्या हुआ?

मालिनी : पापा मैं उसे आपसे चुदवाने के लिए तय्यार की हूँ। बोलो क्या कहते हो?

राजीव ने ख़ुशी से उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठ चूमकर बोला: बेटी दिल ख़ुश कर दिया तुमने । सच में तुम बहुत प्यारी और समझदार लड़की हो। चलो उसको बता दो किमैं उसे अभी चोदना चाहता हूँ।

मालिनी हँसकर बाहर आयी और शीला को बोली: पापा बुला रहे हैं।

शीला शर्मा कर : बड़ा अजीब लग रहा है । पहली बार मिली हूँ और इतनी जल्दी ये सब। मैं कभी सोच भी नहीं सकती कि कोई बहु अपने ससुर के लिए लड़की जुगाड़ेगी। तुम बहुत स्पेशल हो।

मालिनी हँसकर: जाओ और मज़े लो।

शीला राजीव के कमरे में गयी तो वह वहाँ टहल रहा था । शीला ने देख किउसकी पैंट में एक बड़ा सा उभार था। वो शीला को देखकर बोला: आओ शीला बैठो।

शीला बिस्तर पर बैठ गयी और बोली: मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा है।

राजीव उसके साथ सट कर बैठा और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर बोला: मुझे मालिनी ने बताया कि तुम अपने ससुर से चुदवाती हो। तुम उनको क्या बुलाती हो?

शीला: उनको पापा बुलाती हूँ।

राजीव: और वो तुमको?

शीला: बेटी बुलाते है।

राजीव: चुदाई के दौरान भी ?

शीला: जी उस समय भी।

राजीव अब उसको अपनी गोद में खींच कर बिठाया और बोला: तो मैं भी तुमको बेटी ही बुलाऊँगा। ठीक है बेटी?

शीला उसके सीने में मुँह छिपाकर: जी पापा ।

अब राजीव के होंठ उसकी होंठ की ओर और उसके हाथ उसके ब्लाउस की ओर बढ़े।

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RE: ससुर कमीना और बहू नगीना - by desiaks - 04-09-2017, 04:37 PM

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