ससुर कमीना और बहू नगीना
04-09-2017, 04:35 PM,
#75
RE: ससुर कमीना और बहू नगीना
डिनर करते हुए मालिनी और लड़कियाँ मस्ती करती रहीं। अब सब खाना खाके थोड़ी देर गप शप मारे फिर सोने चले गए। मालिनी को शिवा के साथ एक कमरा मिल गया था।
शिवा कपड़े बदलते हुए बोला: तो आज बहुत मस्ती हुई बहनों के साथ?

मालिनी: हाँ आज बहुत मज़ा आया। लड़कियाँ बड़ी हो गयीं हैं और शरारती भी।

शिवा: बड़ी तो हो गयीं हैं । मुन्नी में अभी भी बचपना है।

मालिनी: हाँ वो अभी छोटी भी तो है।

शिवा अब सिर्फ़ चड्डी में था और उसका मस्त भरा हुआ बदन देखकर मालिनी की बुर ऐसी हालत में भी गरम होने लगी।
शिवा बोला: वैसे मुन्नी शरीर से तो बड़ी हो गयी है। उसके दूध भी काफ़ी बड़े दिख रहे थे इस बार। कोई BF है क्या जो दबाकर बड़ा किए जा रहा है? अब उसका लौड़ा आधा तन गया मुन्नी के दूध का साइज़ सोच कर। मालिनी हँसकर बोली: देखो आपका तो खड़ा होने लगा, उसके दूध का सोचकर।

शिवा हँसते हुए लोअर पहना और बोला: अब क्या करे बिचारा , दो दिन से प्यासा है। तुमने तो लाल झंडी लगा रखी है।

मालिनी बड़े प्यार से बोली: ओह बिचारा। लाओ चूस देती हूँ।

शिवा आज चूसवाना नहीं चाहता था क्योंकि उसे सरला को चोदना था। इसके पहले कि वो कुछ कहता दरवाज़े में आवाज़ आयी और वो अपनी टी शर्ट भी पहन लिया। तभी सरला अंदर आइ और दो गिलास दूध का लाई। उसने एक गिलास शिवा को दिया और एक मालिनी को दिया। दोनों दूध पीते हुए बातें करने लगे और सरला बोली:मैंने राजीव जी को बता दिया था कि तुम लोग कल सुबह आओगे।

शिवा: थैंक्स मम्मी जी। मालिनी का ध्यान टी वी पर था और शिवा अपने लौड़े का शेप लोअर से सरला को दिखाया और इशारा किया कि ये कब तक सो जाएगी?

सरला: अच्छा बेटी अब तुम दोनों आराम करो मैं चलती हूँ। वो शिवा को आँख मारी।

शिवा बाथरूम में जाकर शॉवर लिया और बाहर आया तो मालिनी बोली: मुझे बहुत नींद आ रही है । आपको लौड़ा चूसवाना है तो जल्दी करो।

शिवा: अरे जान तुमको नींद आ रही है तो सो जाओ यार। इसको कल चूस देना।

मालिनी: सच आप बहुत अच्छे हो। चलो मैं सोती हूँ । गुड नाइट।

जल्दी ही वह गहरी नींद में समा गयी। अब शिवा उठा और बाहर आया और राकेश के कमरे में गया। वह अभी भी पढ़ाई कर रहा था। उसको देखकर वो बोला: आप जा रहे हो मम्मी के कमरे में?

शिवा: हाँ मैंने सोचा की क्या मिस्ड कॉल करूँ , इसलिए तुमको बताने ही आ गया। चलो अब शो चालू करता हूँ। अपनी मम्मी को मुझसे चुदता देख लो।

राकेश खड़ा हुआ और उसका लोअर पूरी तरह से सामने से उठा हुआ था। शिवा उसकी हालत देखकर मुस्कुराया और बाहर जाकर उसको एक खिड़की के पास खड़ा किया और बोला: मैं अंदर से खिड़की खोलता हूँ तुम पर्दा हटा कर देखना। राकेश ने हाँ में सर हिलाया। शिवा कमरे में दाख़िल हुआ और सरला को एक करवट सोते पाया। उसकी बड़ी सी गाँड़ उसकी तरफ़ थी। वो चुपचाप जा जाके खिड़की को धीरे से थोड़ा सा खोला और जाकर बिस्तर पर बैठ कर सरला को निहारने लगा। कमरे में नाइट लैम्प जल रहा था। उसने एक सेक्सी गाउन पहना था। उसे शायद इंतज़ार करते हुए नींद आ गयी थी। उसकी आधी चूचियाँ गाउन से बाहर झाँक रहीं थीं। वो मस्ती से उसे देखा और फिर खिड़की की तरफ़ देखा। वहाँ उसे परदे के पीछे एक हल्की सी परछाईं दिखाई दी । वो समझ गया कि राकेश अपनी जगह ले चुका है। वो मन ही मन मुस्कुराया। आज एक बेटा अपनी माँ को अपने दामाद से चुदते देखेगा। वो ये सोचकर गरम हो गया।

उसे लगा कि चोदने से ज़्यादा मज़ा तो ये सोच कर आएगा कि बेटा अपनी माँ को चुदते देख रहा है। अब उसने सरला के कमर से लेकर उसकी बग़ल से होकर उसके बाँह सहलाते हुए उसके गाल सहलाए। सरला हिली और उठकर बोली: बड़ी देर कर दी। मेरी शायद आँख लग गयी थी।

शिवा झुककर उसके गाल चूमा और बोला: मम्मी ,मालिनी के सोने का तो इंतज़ार करना ही था ना।

सरला: मैं ज़रा बाथरूम से फ़्रेश हो कर आती हूँ। तुम कपड़े उतारो। वह उसे चूमकर उठी और बाथरूम में चली गयी। शिवा ने लोअर और शर्ट उतारी और चड्डी में बिस्तर पर बैठ गया।
थोड़ी देर में सरला बाहर आयी और बोली: क्या बात है शर्म आ रही है चड्डी उतारने में ?

शिवा: नहीं मम्मी आप उतारोगी तो ज़्यादा मज़ा आएगा । वह पलंग के हेड बोर्ड के सहारे बैठा था। अब सरला उसके पास आयी और उसकी छाती में अपना सिर रख कर उसकी छाती के बालों से खेलने लगी। वह भी उसके मुँह को ऊपर किया और उसके होंठ चूमने लगा। दोनों क़रीब दस मिनट तक एक दूसरे के होंठ से चिपके रहे और जीभ चूसते रहे। शिवा के हाथ उसकी चूचियों और कमर और चूतरों पर घूम रहे थे। अब वो बोला: मम्मी इस सेक्सी नायटी में आप बहुत मस्त दिख रही हो। ज़रा गाँड़ मटका कर चल के दिखाओ ना।

सरला हँसती हुई खड़ी हुई और कमरे में एक कोने से दूसरे कोने तक अपनी गाँड़ हिला हिला कर चल कर दिखाई। उफफफफ क्या फाड़ू माल दिख रही थी। भरे बदन पर सेक्सी नायटी और उसके अंदर से उसके हिलते वक्ष और हिलते चूतर, किसी हिजड़े को भी मर्द बना सकते थे। शिवा और राकेश दोनों की हालत ख़राब हो रही थी। राकेश ने तो अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया था। उधर शिवा का भी लौड़ा चड्डी से बाहर आकर झाँक रहा था।

शिवा: मम्मी प्लीज़ गाउन उतार दो ना सेक्सी तरीक़े से । नीचे क्या पहना है आपने?

सरला: ख़ुद ही देख लेना कि नीचे क्या पहना है। हा हा ।
अब वह गाउन की रस्सी खोली और धीरे धीरे गाउन को अपने कंधे से नीचे को खिसखाई। उफफफ जैसे जैसे उसका बदन नंगा होता जाता, उसका गोरा बदन ग़ज़ब ढा रहा था। जब गाउन उतरा तो नीचे उसने एक सेक्सी ब्रा और उससे भी ज़्यादा सेक्सी पैंटी पहनी थी।
राकेश के लौड़े ने अपनी माँ को इस रूप में देखकर झटका मारा और उसे लगा कि वो अभी झड़ जाएगा। उग्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त रँडी लग रही थी वो। अब शिवा बोला: मम्मी अब एक बार फिर से चलकर दिखाओ ना प्लीज़।

वो हँसकर अपनी गाँड़ मटका कर फिर से चल कर दिखाई। सामने से उसकी ब्रा में से निपल बाहर निकले थे एक जाली से । उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ उस छोटी सी ब्रा में आधी भी नहीं छुप रहीं थीं। उसकी पैंटी के सामने हिस्से में एक जाली से उसकी बुर आधी नंगी दिख रही थी। पीछे का तो क्या कहना। सिर्फ़ एक रस्सी उसके चूतरों के दरार में फँसी हुई थी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उसके बड़े बड़े चूतर बुरी तरह से मटक रहे थे। वो तो जैसे पागल हो गया।राकेश अब अपने लौड़े को मुठियाने लगा। अब शिवा बोला: मम्मी एक बढ़िया गाना लगाता हूँ। आप डान्स करो प्लीज़। उसने मोबाइल में धीमी आवाज़ में - बिड़ी जला ले --बजाया। और फिर सरला ने एक ऐसी हरकत की जो दोनों मर्दों को पागल करने के लिए काफ़ी थी। वो अपनी छातियों को किसी रँडी की तरह हिलाकर और अपनी गाँड़ को भी मटका कर नाचने लगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या दृश्य था । शिवा के लौड़े ने प्रीकम छोड़ना शुरू किया। और बाहर राकेश का वीर्य ही झड़ गया। बिना आवाज़ के आऽऽऽहहह करे वो अपने रुमाल में पोंछा ।

शिवा अब मस्ती में आकर अपना लौड़ा बाहर निकाला और राकेश ने देखा कि उसका लौड़ा उसके हथियार से काफ़ी बड़ा है। वह अब देखा की शिवा भी अपना लौड़ा मूठिया रहा था।

अब शिवा बोला: मम्मी अब पूरी नंगी हो जाओ और एक बार फिर से नाचो।

सरला हँसकर बोली: आज पूरी रँडी बनाने का मूड है बेटा। चल ये भी कर देती हूँ। अब वो अपनी ब्रा धीरे से खोली और ब्रा के कप को एक हाथ से पकड़कर उसको और ललचाई । फिर उसने ब्रा फेंक दी। अब उसकी बड़ी बड़ी गोरी चूचियाँ उसके नज़रों के सामने थी। वह अब अपनी पैंटी नीचे को करी और धीरे से नीचे खिसका कर अपनी पैंटी शिवा के ऊपर फेंक दी। शिवा उसको नाक के पास लेज़ाकर सूँघने लगा। और बोला: हम्म मम्मी मस्त गंध है आपकी बुर की। फिर वह उसको अपने लौड़े पर रगड़ने लगा। अब शिवा ने फिर से गाना लगाया और वो अब अपनी चूचियाँ हिलाकर और गाँड़ मटका कर नाचने लगी।
राकेश ने कभी नहीं सोचा था कि मम्मी को इस हालत में भी देखेगा।

शिवा अब मस्ती में आकर उठा और नंगा ही उसके साथ उसको अपने से सटा कर नाचने लगा। दोनों हँसते हुए बिस्तर पर गिर गए। अब शिवा उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा। फिर वो उसकी चूचियाँ दबाकर मस्ती से उनको चूसने भी लगा। अब सरला उठी और उसको लिटा कर उसके जाँघों के बीच में आकर उसके लौड़े को क़रीब बीस मिनट तक चूसी और चाटी और डीप थ्रोट भी दी। वह पूरे समय उसके बॉल्ज़ को सहलाती भी रही। राकेश को मम्मी का मुँह साफ़ साफ़ ऊपर नीचे होते दिखाई दे रहा था उसके लौड़े के ऊपर। वो अब फिर से मूठ्ठ मारने लगा था।

अब शिवा बोला: मम्मी ६९ करोगी?

सरला मुस्कुराई और ख़ुद ही उलटा होकर शिवा के ऊपर आ गयी और फिर से उसका लौड़ा चूसने लगी। अब शिवा भी उसकी बुर के फाँकों को फैलाकर उसके गुलाबी छेद को चाटने लगा। उफफफफ राकेश सोचा कि जिस छेद से मैं बाहर आया हूँ वहीं जीजा जी मुँह घुसेडे हुए हैं। अचानक राकेश ने देखा कि शिवा अब उसकी भूरि सी मख़मली गाँड़ का छेद भी चाट रहा था। अब सरला आऽऽहहह उइइइइइइ माँआऽऽऽ कहकर और ज़ोर से लौड़ा चूस रही थी। राकेश का बुरा हाल था। वो इस सबके किए तय्यार नहीं था।

अब वह सरला को बोला: मम्मी अब रुका नहीं जा रहा है। चलो चुदाई करते हैं। उस दिन जैसे आप पहले चढ़ जाओ मुझ पर।

सरला अब उसके ऊपर चढ़ी और कमर उठाकर उसके लौड़े को अपनी बुर में डालकर चुदवाने लगी। शिवा अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाकर नीचे से लौड़ा उछालकर उसको मज़े देने लगा। राकेश की आँखें मम्मी की बुर में अंदर बाहर हो रहे लौड़े पर थी। उफफफफ कैसे बुर का मुँह खुलता और लौड़ा अंदर चला जाता था और फिर वह जब बाहर आता था तो बुर का छेद साफ़ साफ़ दिखता था ।उफ़ गुलाबी बुर कैसे इतना बड़ा लौड़ा निगले जा रही थी। मम्मी की भूरि गाँड़ का छेद भी उत्तेजना से खुलता बंद होता दिख रहा था। तभी राकेश ने देखा कि शिवा ने अपनी ऊँगली मम्मी की गाँड़ में डाल दिया और उसको हिलाने लगा। अब मम्मी की चीख़ें और मस्ती से भर कर आती हुई सिसकारियाँ राकेश को मानो पागल किए जा रहा था।

वो चिल्लाई: आऽऽऽऽऽहहह और जोओओओओओर से चोओओओओओओओदो। फ़ाआऽऽऽऽऽऽड़ दो बेएएएएएएटा।

राकेश उत्तेजित हो कर ज़ोर ज़ोर से हाथ चलाने लगा। तभी उसने देखा कि शिवा अब मम्मी की चूचियाँ चूस रहा था। अब मम्मी बोली: बेटा अब ऊपर आकर चोद दे ना।

शिवा अब उसको नीचे लिटाया और ऊपर आकर उसकी बुर चोदने लगा। जल्दी ही सरला बड़बड़ाने लगी : आऽऽऽऽहहह बहुत अच्छा लग रहा है। हाऽऽयययग ऊं ऊं ऊं करके हर धक्के में वह ऊं ऊं करके चिल्ला रही थी।

अब सरला आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह करके झड़ने लगी। शिवा ने अब अपना लौड़ा निकाला और राकेश को दिखाकर उसने अपना पूरा गीला लौड़ा मम्मी के मुँह में दे दिया । वो उसे चूसने लगी। अब जल्दी ही वो ह्न्म्म्म्म कहकर उसके मुँह में झड़ने लगा। राकेश ने आँखें फाड़कर देखा कि मम्मी का मुँह इसके सफ़ेद गाढ़े वीर्य से भर गया था और होंठों के कोनों से बाहर निकल रहा था। वो अब लौड़ा बाहर निकाला और उसके आँख, नाक और गाल में भी अपना वीर्य गिराया। सफ़ेद रस में सनी मम्मी किसी रँडी से कम नहीं लग रही थी।

राकेश अब दूसरी बार मूठ्ठ मारने लगा और झड़ गया। शिवा अब उसके बग़ल में लेट गया । फिर सरला अपना मुँह पोंछकर उठी और बाथरूम से फ़्रेश होकर आयी। अब दोनों साथ में बैठकर बातें करने लगे। शिवा ने देखा कि राकेश अब वहाँ से हट गया था। वो समझ गया कि वो जो देखना था देख चुका है। अब शिवा बोला: मम्मी अब नींद आ रही है। एक बार और चुदवाएँगी क्या?

सरला: नहीं बेटा अब बहुत थक गयी हूँ।

शिवा: तो मैं मालिनी के साथ जाकर सोता हूँ। सुबह जाना भी तो है।

सरला उसको चूमकर बोली: ठीक है बेटा। जाओ अब सो जाओ। वो उठकर बाहर आया और जाकर राकेश के कमरे में गया। तभी सरला को भी प्यास लगी तो वो किचन की ओर गयी और अचानक उसने राकेश के कमरे में बात करने की आवाज़ सुनी। वो सोची कि इस समय राकेश किससे बात कर रहा है? वो चुपचाप उसके कमरे की खिड़की के पास खड़ी होकर देखी कि कौन है राकेश के कमरे में।

वो अंदर झाँकी और हैरान रह गयी क्योंकि वह और कोई नहीं शिवा था। वो उनकी बात सुनने लगी। वो जो सुनी तो सन्न रह गयी।
शिवा: तो मज़ा आया मम्मी की चुदाई देखने में?

राकेश: जीजा जी आप क्या चुदाई किए उफफफफ मैं तो पागल ही हो गया।

शिवा: तुमने देखा कि वो कैसे रँडी की तरह नंगी होकर नाच रही थी।

सरला को लगा कि वो जैसे कोई सपना देख रही है। ये क्या हो रहा है? उसका दामाद उसकी चुदाई उसके अपने बेटे को दिखा रहा था । उसे शिवा पर बहुत ग़ुस्सा आया।

राकेश: आऽऽऽऽह वो दृश्य तो मैं सारी ज़िंदगी में कभी नहीं भूलूँगा। क्या चूचि और गाँड़ हिला हिला कर नाचे जा रहीं थी।
उफफफफ क्या सेक्सी है मम्मी।

सरला तो जैसे शॉक में ही आ गइ। ये उसका अपना बेटा क्या बोल रहा है।

शिवा: देखा क्या मस्ती से चुदवाती है? गाँड़ उछाल कर।

राकेश: हाँ जीजा जी, सच में बहुत चुदक्कड है मम्मी। उफ़फ़्फ़ क्या मज़ा ले रहीं थीं । गाँड़ उछाल कर चुदवाने का मज़ा ली है।

शिवा : वैसे उनकी बुर और गाँड़ का स्वाद बहुत मस्त है। चाटकर मस्ती आ जाती है।

राकेश: हाँ उनकी बुर और गाँड़ दोनों मस्त हैं। और एक बात बताऊँ उनकी चूचियाँ आपके हाथ में आती नहीं थी इतनी बड़ी हैं।

सरला सोची कि उसका बेटा और दामाद उसके बारे में कैसी कैसी बात कर रहे हैं। उसको बड़ी शर्म आयी।

राकेश बोले जा रहा था: जीजा जी वो आपका रस भी कितने प्यार से पी गयीं। उगफफ बहुत ही गरम माल है मम्मी जी।

सरला चौकी कि उसका बेटा उसे गरम माल कह रहा था।

तभी शिवा की बात से वो एकदम से सकते में आ गयी। शिवा बोल रहा था: देख राकेश अब तू देख लिया ना कि मम्मी जी कितनी गरम है और उनको कितना मज़ा आता है चुदवाने में? अब तुम्हारी बारी है उनको पटाने की। मैं तो कल चला जाऊँगा वापस। अब तुम कोशिश करके उनको पटाओ और उनको चोदने का अपना सपना साकार करो। और हाँ मैं कल सुबह तुम्हारी सिफ़ारिश कर दूँगा।

राकेश: सिफ़ारिश करेंगे कैसे?

शिवा: मैं उनको समझाऊँगा कि तुम उनको बहुत प्यार करते हो और उनको चोदना चाहते हो। वह समझ जाएँगी।

राकेश: आपको लगता है कि ये इतना आसान होगा?

शिवा: मैं उनसे तेरी सिफ़ारिश करूँगा। अच्छा एक काम करना तुम कल सुबह मम्मी को किचन में जाकर पीछे से पकड़ लेना और अगर वो तुमसे छूटने की कोशिश नहीं करें तो समझ लेना कि वो पट गयी है। ठीक है?

राकेश अपने लौड़े को दबाकर बोला: आऽऽऽह मेरा तो सोच कर ही खड़ा हो गया। फिर मम्मी के पास वापस जाना पड़ेगा।

राकेश: दीदी की ले लीजिए, वो भी तो है।

शिवा: अरे उसका पिरीयड्ज़ आया हुआ है। मम्मी की ही लेता हूँ और तुम्हारी सिफ़ारिश भी करता हूँ।

राकेश अपने लौड़े को दबाता हुआ बोला: आऽऽऽऽऽह मैं फिर से देखूँगा। आऽऽऽह मम्मी मान जाए तो मैं भी कल ही उनको चोद दूँगा।

सरला ने आँखें फाड़ कर अपने बेटे के लोअर के ऊपर से खड़ा लौड़ा देखी जो कि उसके लिए ही खड़ा था। सरला का मन दो जवान लड़कों के खड़े लौड़ों को देखकर गुदगुदी से भर उठा। उसका हाथ अपनी बुर पर चला गया।

शिवा: अच्छा चलता हूँ। कहकर बाहर आया और वापस सरला के कमरे की ओर चल पड़ा। सरला पहले ही वहाँ से हट कर अपने बिस्तर पर आकर सोने का नाटक कर रही थी। वह अंदर आकर पूरा नंगा हुआ और फिर अपना लौड़ा सहलाते हुए उसके बग़ल में लेट गया और उसके बदन को सहलाया। सरला उठाकर बोली: अरे तुम फिर आ गए?

शिवा : हाँ मम्मी नींद नहीं आ रही थी तो सोचा कि एक राउंड और करलेते हैं।

सरला अनजान बनकर: ओह पर मैं तो थक गयीं हूँ ।

शिवा: अरे मम्मी अभी आपकी मालिश कर देता हूँ थकान मिट जाएगी। वह उसका गाउन खोलते हुए बोला। सरला ने गाउन उतारने में उसकी मदद की। अब वो सिर्फ़ ब्रा में थी।

शिवा: मम्मी आपने पैंटी उतार दी?

सरला: हाँ बेटा पैंटी पहनकर नींद नहीं आती। यह कहते हुए सरला ने खिड़की की ओर देखा और वहाँ उसे परदे के पीछे राकेश के होने का अहसास हुआ। वो और उत्तेजित हो उठी कि उसका अपना बेटा उसकी चुदाई देख रहा है।

शिवा उसके बदन को दबाता हुआ बोला: मम्मी बताओ कहाँ कहाँ दबाऊँ। वह उसकी बाँह और जाँघ दबाते हुए बोला।

सरला: आह बेटा सब जगह अच्छा लग रहा है।

अब वो ब्रा खोला और दूध दबाकर बोला: इनको दबवाने में मज़ा आता है?

सरला: आऽऽऽऽऽह बेटा इनको जब तुम दबाते हो को मैं स्वर्ग की सैर करने लगती हूँ। हाऽऽऽऽययय।

अब वो उसको करवट लिटाया और इसके बग़ल में लेता और उसकी जाँघ को अपनी जाँघ पर चढ़ा कर मज़े उसकी बुर में अपना लौड़ा दबाया और आराम से चोदने लगा।

शिवा: मम्मी इस आसन में मैं मालिनी को एक घंटा चोद लेता हूँ। आज आपको भी एक घंटा रगड़ूँगा।

सरला अपनी गाँड़ हिला कर बोली: आऽऽऽऽह बहुत मज़ा आ रहा है बेटा। चोद जब तक तेरा मन करे। हाऽऽय ।

राकेश को खिड़की से दोनों के सटे बदन साफ़ दिखाई दे रहे थे। वो अपना लौड़ा बाहर निकाल कर मसल रहा था।

अब दोनों अपनी कमर हिला कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे। शिवा उसकी चूचियाँ होंठ और जीभ भी चूस रहा था। शिवा का एक हाथ उसके एक बड़े से चूतर पर था और वो उसे दबाए जा रहा था ताकि उसका लौड़ा पूरा अंदर उसकी बुर में जा सके।

सरला: उइइइइइइइइ माँआऽऽऽ । आऽऽऽहहहह । बहुत अच्छाआऽऽऽऽऽऽऽ लग रहाआऽऽऽऽ है बेएएएएएएएएरटा ।

थोड़ी देर बाद चोदते हुए वह बोला: मम्मी आज मैं और राकेश पार्क में गए थे। वहाँ राकेश के बारे में एक बात पता चली।

सरला: वो क्या?

शिवा: कि उसको बड़ी उम्र की औरतें अच्छी लगती है।

राकेश ध्यान से सुनने लगा।

सरला: ओह ऐसा क्यों?

शिवा: ऐसा इसलिए कि उसने आपको नंगी देखा है ताऊ से चुदवाते हुए। तभी से वो बड़ी उम्र की औरतें ही पसंद करता है। अब शिवा ने उसे पार्क का पूरा क़िस्सा सुनाया।

सरला: ओह तो वो औरत खुले आम पार्क में अपने भतीजे से चुदवा रही थी?

शिवा: हाँ और तभी शिवा ने बताया कि वो आपको चोदना चाहता है?

सरला अनजान बन कर: हे भगवान ! ये कैसे हो सकता है?

शिवा: मम्मी आजकल सब चलता है। आप भी अभी अपने दामाद से चुदवा रही हो कि नहीं? तो बेटे से भी चुदवा सकती हो? और फिर ये भी हो सकता है कि वो बड़ी उम्र की गंदी रँडियों के चक्कर में पड़ जाए तो उसको गंदी बीमारियाँ भी लग सकती हैं।

सरला: नहीं नहीं ये नहीं होने दूँगी मैं। इससे अच्छा तो यही होगा कि वो मुझे ही चोद ले।

यह सुनकर राकेश का लौड़ा उसके रुमाल पर अपना रस छोड़ने लगा। वो सोचा कि मम्मी तो चुदवाने के लिए मान ही गयी।

शिवा: मम्मी कल सुबह शिवा आपको आकर किचन में पीछे से पकड़ेगा। आप विरोध मत करना तो उसको हरी झंडी मिल जाएगी। अब वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।

सरला: उइइइइइइ आऽऽऽऽऽऽह । ठीक है आऽऽऽऽऽऽह मैं राकेश को मना नहींइइइइइइइ करूँगीइइइइइइइइइइइ । हाऽऽऽऽयययय क्या मज़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है बेएएएएएएएटा।

शिवा ने भी जोश में आकर उसकी गाँड़ में दो ऊँगली भी डाल दी।
अब दोनों उन्न्न्न्न ऊँननन करके झड़ने लगे।

फिर वो आपस में लिपटकर नंगे ही सो गए। राकेश अब अपने कमरे में आकर अगले दिन मम्मी के साथ मिलने वाले मज़े का सोचते हुए सो गया।

अगली सुबह सरला ने शिवा को उठाया तो वो कपड़े पहनकर अपने कमरे में चला गया। मालिनी अब भी सो रही थी। वो नहाया और बाहर आकर मालिनी को उठाया। वो बाहर आया और किचन में गया जहाँ सरला चाय बना रही थी। वो बोली: अरे नहा भी लिए।

शिवा चाय लेकर पीते हुए बोला: हाँ मम्मी जल्दी वापस जाना है ना। आप मालिनी के लिए भी चाय दे दो । मैं ले जाता हूँ।

सरला उसको चाय दी और वो पहले एक बार उसको बाहों में लेकर चूमा और बोला: थैंक्स मम्मी बहुत मज़ा आया। अरे हाँ राकेश आया था क्या?

सरला शर्मा कर: अभी तक तो नहीं आया। एक बात बताओ क्या माँ बेटे का ये सब करना ठीक होगा?

शिवा: अगर आप नहीं करोगी तो वो रंडियो के चक्कर में पड़ेगा। अब आप देख लो।

सरला: ओह ये मैं नहीं होने दूँगी। ठीक है बेटा देखा जाएगा।

शिवा मुस्कुराता हुआ उसके होंठ चूमकर मालिनी के लिए चाय लेकर वहाँ से निकल गया।

मालिनी चाय पीकर फ़्रेश हुई और नहाई फिर तय्यार होते हुए बोली: कल रात मुझे बहुत गहरी नींद आयी थी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था।

शिवा उसको अपने से लिपटाकर उसके होंठ चूमकर बोला: अच्छा है ना माँ के घर में आराम मिल गया।

वो हँसकर बोली: हाँ वो तो है ही। और इस बार आपने भी पिरीयड्ज़ में बिलकुल तंग नहीं किया। थैंक्स।

शिवा: अब तक तो क्लीयर हो गया होगा ना, आज रात को तो चुदवाओगी ?

मालिनी हँसकर उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबायी और बोली: हाँ जी आज रात को जी भर के चोद लेना। इसकी प्यास बुझा दूँगी।

शिवा सोचा कि इसको क्या पता है कि इसकी प्यास तो मम्मी जी ने कई बार बुझा दी है।

उधर राकेश की नींद खुली और वो फ़्रेश होकर किचन में गया। उसका बदन उत्तेजनावश काँप रहा था। उसका लौड़ा लोअर में पूरा खड़ा था। वह किचन में गया तो सरला सब्ज़ी काट रही थी। उसने पीछे से जाकर उसको पकड़ लिया और बोला: मम्मी आइ लव यू। और उसके गाल में चूम्मा ले लिया ।सरला को मानो करेंट का झटका लगा। वो सोची कि अगर अभी इसे नहीं रोका तो शायद बात हाथ से निकल जाएगी। तभी उसने अपना हाथ उसके पेट पर फेरा और चिकने और नरम पेट के अहसास पा कर वह उत्तेजित हुआ और अपना लौड़ा उसकी गाँड़ से सटा कर उसे दबाकर वह मस्ती से भर गया। सरला का रहा सहा विरोध उसके लौड़े की चुभन से धरा का धरा रह गया। उसकी इच्छा हुई कि वो गाँड़ हिलाकर उसके लौड़े का मज़ा ले ले। तभी मम्मी की सहमति मान कर वह अब अपना हाथ मम्मी के दोनो चूचियों पर रखा और उनको दबाने लगा। सरला की अब आऽऽऽऽऽह निकल गया। अब वह खुलकर अपना लौड़ा उसके गाँड़ की दरार में दबाने लगा।
सरला: अरे छोड़ मुझे। मैं तेरी माँ हूँ कोई गर्ल फ़्रेंड नहीं हूँ।

राकेश: मम्मी मुझे जीजा जी ने बताया कि आप मुझसे चुदवाओगी। प्लीज़ थोड़ा मज़ा ले ने दो अभी। मैंने रात को आपको उनसे चुदते देखा था।

अब सरला सहम गयी और बोली: चुप कर अब । अभी जा यहाँ से । कहीं कोई आ गया तो।

राकेश: मम्मी सब लोग तो ११ बजे तक चले जाएँगे फिर आप मुझसे चुदवा लेना। बहुत तमन्ना है आपको चोदने की।

सरला: अभी जा बाद की बाद में देखेंगे।

राकेश ख़ुश होकर मम्मी की चुम्मी लेकर अपने हाथ को साड़ी के ऊपर से उसकी बुर पर रखा और दबाकर हँसते हुए वहाँ से चला गया।

फिर सबने नाश्ता किया और मालिनी और शिवा सबसे विदा लेकर वहाँ से चले गए।

रास्ते में कार में शिवा बोला: पापा से बात हुई क्या?

मालिनी : नहीं मैं सोची कि आप बात कर लिए होगे।

शिवा: अभी फ़ोन लगा लो।

मालिनी : ठीक है। अब वो फ़ोन लगाई और बोली: पापा जी नमस्ते। मैं और शिवा अभी कार में है और हम एक घंटे में घर पहुँच जाएँगे।

राजीव: ठीक है बेटा , आ जाओ।
उसने कोई भी उलटी सीधी बात नहीं की क्योंकि मालिनी की बातों से वह समझ गया था कि शिवा उसके साथ है।
थोड़ी देर में कार उस ढाबे के पार हुई जहाँ कल आते हुए उन्होंने चाय पी थी। शिवा: देखो वही ढाभा जहाँ तुमको शिला मिली थी जो कि अपने ससुर से लगवा रही थी।

मालिनी: हाँ याद है। अच्छा आप ये तो बताओ की दो दिन से आप एक बार भी झड़े नहीं हो। मुझसे चुसवा भी नहीं रहे हो आख़िर आपका काम कैसे चल रहा है?

शिवा पैंट के ऊपर से अपने लौड़े को दबाकर बोला: बस आज रात को देखना क्या मस्त चुदाई करूँगा।

मालिनी हँसकर: आज रात तो मैं भी आपको नहीं छोड़ने वाली हूँ। मेरा तो मन कर रहा है कि अभी आपको चूम लूँ। इतने हैंडसम दिख रहे हो आप अभी।

शिवा ने हँसते हुए कार चलाते हुए अपने गाल उसकी तरफ़ कर दिए। वो उसको चूम ली। फिर इसी तरह चूहलबाज़ी करते हुए वो घर पहुँचे । राजीव अभी भी ट्रैक सूट में था और टी वी देख रहा था। दोनों ने उसके पैर छुए और वो शिवा से गले मिला और मालिनी के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। दोनों अपने कमरे में गए और शिवा जल्दी से तय्यार हुआ और दुकान चला गया । मालिनी ने भी घर के कपड़े सलवार कुर्ता पहना और बाहर आयी और किचन में जाकर बाई से काम करवाने लगी और खाने की तय्यारी भी करने लगी। जब वो किसी काम से ड्रॉइंग रूम से गुज़रती तो राजीव उसे देखकर मुस्कुरा देता और वो भी मुस्कुरा देती। क़रीब १२ बजे बाई काम करके चली गयी । उसके जाने के बाद मालिनी दरवाज़ा बंद करी और सीधी आकर राजीव के सामने आकर खड़ी हुई । राजीव भी उसे देखे जा रहा था । अब वो एकदम से उसके गोद में बैठी और उससे पूरी तरह लिपट गयी और उसके गाल चूमने लगी और फिर अपने होंठ उसके होंठ पर रख दी। अब दोनों एक प्रगाढ़ चुम्बन में डूब गए । अब होंठ और जीभ भी एक दूसरे की चूसे जा रहे थे। फिर जब दोनों हाँफने लगे, तब मालिनी बोली: पापा मैंने आपको बहुत मिस किया। मैं अब आपको प्यार करने लगी हूँ। आपसे एक दिन भी अलग रहकर मुझे चैन नहीं मिला। और वो रोने लगी।

राजीव उसको चूमकर बोला: बेटी मेरा भी यही हाल था और मैं भी एक दिन तुमको देखे बिना नहीं रह सकता। पर रो क्यों रही हो।

मालिनी: पापा ये क्या अजीब सी बात हो गयी है की मैं शिवा को भी बहुत प्यार करती हूँ और अब आपसे भी प्यार करने लगी हूँ। ये क्या हो रहा है?

राजीव ने उसके होंठ चूमे और बोला: बेटी इसमें कोई ग़लत बात नहीं है। एक इंसान दो लोगों से क्यों नहीं प्यार कर सकता। क्या पता शिवा भी किसी और से प्यार करता हो? वो मन में सोचा कि अब जल्दी ही ये बात इसको बतानी होगी और फिर देखे क्या रायता फैलता है?

मालिनी: ओह पापा कई बार मैं बहुत उलझन में पड़ जाती हूँ।

राजीव अब उसके चूचियों पर हाथ फेरा और बोला: बेटा पिरीयड्ज़ का क्या हाल है?

मालिनी: पापा आज शाम तक क्लीयर होना चाहिए। आपको इच्छा हो रही है तो चूस दूँ क्या?

राजीव: अभी ऐसी ही गोद में बैठी रहो और बातें करो। बाद में चूस देना। अच्छा ये बताओ सरला कैसी है?

वो अपना मुँह उसकी छाती में घुसाई और बोली: मम्मी ठीक हैं । मेरी बहने और भाई भी ठीक है। पर इस बार मुझे मम्मी के साथ टाइम बिताने का मौक़ा ही नहीं मिला। मेरे भाई बहनों के साथ ही ऊधम करती रही।

राजीव सोचा कि तभी तो सरला को शिवा से चुदवाने का मौक़ा मिला, वरना कहाँ मिलता। दोनों बड़ी देर तक बातें करे। फिर राजीव ने उसका कुर्ता उतारा और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाया और उनको चूमा। फिर वह उसकी बाँह उठाया और उसकी बग़ल सूँघा और मस्त होकर चाटने लगा। मालिनी भी अपने गाँड़ के नीचे उसके लौड़े को कड़ा होते महसूस करने लगी।

अब वह उसकी चूचि चूमते हुए बोला: बेटा चूसोगी क्या अभी?

मालिनी: जी पापा , लूँगी निकाल दीजिए। और वह उसकी गोद से उठ गयी।

राजीव अब लूँगी निकाला और मालिनी नीचे ज़मीन पर बैठी और उसके लौड़े को बड़े प्यार से सहलाई और फिर चूमने लगी। लौड़े को ऊपर से नीचे चाटकर वो अब उसको चूसने लगी। राजीव इसकी छातियों को ब्रा के ऊपर से दबाए जा रहा था। जल्दी ही वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और हाथ से उसके बॉल्ज़ को भी सहलाने लगी। अब राजीव आऽऽह ह्म्म्म्म्म्म करके उसके मुँह में अपना रस छोड़ने लगा। वह उसको पी गयी और उसके सुपाडे को चाट कर साफ़ कर दी। आख़री बूँद जो कि उसके लौड़े के छेद में लगी थी उसे भी जीभ से चाट ली। अब वो मुँह पोंछकर खड़ी हुई तो राजीव उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबाकर बोला: बेटा इसे चूस दूँ?

मालिनी: नहीं पापा अभी पूरा बंद नहीं हुआ है। कल चूस लेना। फिर वह अपनी कुर्ता पहनी और किचन में जाकर चाय बना कर लाई और दोनों चाय पीने लगे।

मालिनी: पापा आप बोले थे ना कि मैं गायनोकोलोजिस्ट से अपना चेक अप करवा लूँ। आप डॉक्टर से बात किए?

राजीव : हाँ बेटा अच्छा याद दिलाया । फिर वो मोबाइल से डॉक्टर को फ़ोन किया और बोला: हाँ डॉक्टर नमस्ते। मेरी बहु आपसे अपना चेक अप करवाना चाहती है। शादी को ६ महीने हो गए हैं और वो अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई है ।

डॉक्टर: -----

राजीव: हाँ हाँ आप सही कह रही हो अभी समय है पर एक बार चेक अप कर लो ना । इसमें कोई हर्ज है क्या ?

डॉक्टर: ------

राजीव: ठीक है मैं उसे कल १२ बजे लेकर आता हूँ। नमस्ते।
फिर उसने फ़ोन बंद किया और बोला: चलो कल १२ बजे तुमको दिखा ही देते हैं।

मालिनी उठकर उसके गोद में आकर बैठी और बोली: पापा मान लो मेरा सब ठीक हुआ तो? क्या शिवा का भी चेक अप करवाएँगे?

राजीव: तब की तब देखेंगे। अभी से क्यों सोच रही हो? वैसे डॉक्टर भी यही बोल रही थी कि आपको इतनी जल्दी क्या है? अभी एक साल भी नहीं हुआ है शादी को।

मालिनी: हाँ ये भी सच है। पर एक बार चेक अप करवा ही लेती हूँ। ठीक है ना पापा?

राजीव उसको चूमते हुए उसकी पीठ सहलाया और बोला: ज़रूर बेटा, चेक अप कराने में क्या हर्ज है।
फिर दोनों एक दूसरे से चिपके हुए प्यार से बातें करते रहे।

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RE: ससुर कमीना और बहू नगीना - by desiaks - 04-09-2017, 04:35 PM

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