ससुर कमीना और बहू नगीना
04-09-2017, 04:34 PM,
#73
RE: ससुर कमीना और बहू नगीना
शिवा आकर सोफ़े पर बैठकर अपना खड़ा लौड़ा ऐडजस्ट किया और सोचने लगा कि ये क्या देखा मैंने? मम्मी ताऊजी से लगी हुईं हैं। क्या मालिनी को पता है? पर उसने कभी ज़िक्र नहीं किया। इसका मतलब है कि मालिनी भी मुझसे बातें छिपा लेती है? वह सोचा कि वो ख़ुद भी तो अपनी सास को ख़राब नज़र से देख रहा है। उसके लौड़े का बार बार खड़ा होना इसका सबूत था। वो अपने लौड़े पर हाथ फेरा मानो उसे तसल्ली दे रहा हो, और सोचने लगा कि उस दिन मम्मी की सहेली भी तो ऐसी ही औरत थी जो कि उसका लौड़ा ही चूस गयी थी। तो क्या सच में मम्मी चरित्रहीन है ?

तभी मालिनी और उसके कज़िन हँसते हुए कमरे में आए और चारु बोली: जीजा जी आज हम दीदी और आपके साथ मूवी देखेंगे।

शिवा: हाँ हाँ क्यों नहीं साली साहिबा। आप जो चाहेंगी वैसा ही होगा।

मालिनी: आह तेरे जीजा जी का मूड अच्छा है और कुछ भी माँग ले।

मुन्नी: जीजा जी मुझे मोबाइल दिलवाइए ना।

शिवा: बिलकुल दिलाएँगे अगर तुम एक मीठी सी पप्पी दोगी।

लाड़ प्यार में पली मुन्नी फट से आगे आयी और उसकी गोद में बैठ गयी और अपने गाल आगे करके बोली: लीजिए पप्पी।

शिवा की हालत ख़राब हो गयी। वो उसके पैंट में फँसे खड़े लौड़े पर बैठ गयी थी। अब उसे दुखने लगा था, वो जल्दी से उसकी पप्पी लिया और उसको अपनी गोद से उठाया और बोला: मालिनी इसे मोबाइल दिलवा देना। अब शिवा अपनी पैंट के ऊपर हाथ रखकर अपना इरेक्शन मालिनी से छुपाने की कोशिश किया। पर उसकी कोशिश नाकामयाब रही क्योंकि मालिनी को आभास हो गया था कि शिवा का लौड़ा शायद खड़ा है। पर क्यों? वो सोची।

मालिनी दिखाने के लिए ख़ुश होकर: जी दिलवा दूँगी। अब मुन्नी ख़ुश होकर मालिनी की गोद में बैठ कर उसको भी पप्पी दे दी।

तभी सरला आयी और बोली: चलो सब लोग खाना लग गया है।

मुन्नी: चाची, आपको पता है, जीजा जी मुझे मोबाइल दिलाएँगे। और आज हम सब मूवी भी देखने जाएँगे । हैं ना जीजा जी? वो शिवा की बाँह पकड़कर बोली।

शिवा मुस्कुराया: ज़रूर छोटी साली जी।

सब हँसने लगे। पर सरला सोच में डूब गयी। वो सोची कि ये अच्छा अवसर है अगर शिवा ना जाए तो बात आगे बढ़ सकती है। उसने एक योजना बनाई और बोली: देखो मैं तो नहीं जाऊँगी। तुम सब जाओ।

मालिनी: क्यों मम्मी आप भी चलो ना।

सरला: नहीं बेटी मैं नहीं जा सकती हूँ। तेरी ताई का भी ध्यान रखना पड़ता है। पिछले कुछ दिनों से उसकी तबियत ज़्यादा ही ख़राब है।

अब सब खाना खाने बैठे तब सरला धीरे से किचन में जाकर शिवा के फ़ोन में sms की। उसने लिखा: मुझे तुमसे बहुत ज़रूरी बातें करनी है,वो भी अकेले में। अगर तुम कुछ बहाना बना कर मूवी ना जाओ तो हम अकेले में बातें कर सकेंगे। बात इतनी सेन्सिटिव है कि अभी मैं मालिनी को भी नहीं बता सकती।

सब खाना खा रहे थे। सरला ने शिवा के फ़ोन में sms आने की आवाज़ सुनी। पर वह मस्ती में बातें कर रहा था। उसने sms की तरफ़ ध्यान नहीं दिया। सरला चाहती थी कि वो एक बार फ़ोन चेक करे। पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो ये काम कैसे करे? ख़ैर सबने खाना खाया और शिवा ने खाने की बहुत तारीफ़ भी की। फिर सब खाना खा कर बैठे और मस्ती करने लगे। मूवी जाने में अभी एक घण्टे थे। इसी समय में सरला चाहती थी कि किसी तरह से शिवा अपना sms पढ़ ले।

जब बहुत देर हो जाने के बाद भी वो फ़ोन चेक नहीं किया तो सरला बोली: शिवा तुम्हारा फ़ोन मैंने आज लगाया था जब तुम यहाँ आ रहे थे। पर वो लगा नहीं। तुमने अपना नम्बर बदला है क्या?

शिवा: नहीं तो, मेरा नम्बर वही है।

सरला: अच्छा मैं तुमको एक मिस्ड कॉल देती हूँ तुम देखो बजता है कि नहीं। अब वो उसे फ़ोन करी और शिवा की घंटी बजी । अब वो अपना फ़ोन उठाया और बोला: मम्मी देखो आपका नम्बर आ रहा है।

सरला: ओह फिर ठीक है। तभी वो देखी कि शिवा ने sms को नोटिस किया। उसे पढ़कर वो सवालिया नज़रों से उसे देखा। सरला ने हाँ में सिर हिलाया और बोली: बेटा थोड़ा आराम करना हो तो मेरे कमरे में आराम कर लो।

शिवा उसका इशारा समझ गया और बोला: मालिनी तुम बातें करो मैं थोड़ी देर लेट लेता हूँ।

सरला उसे लेकर अपने बेडरूम में आयी और बोली: बेटा तुमको कोई बहाना बनाना है क्योंकि मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है। श्याम भी शाम के पहले नहीं आएँगे।

शिवा: वो तो मैंने sms में पढ़ा पर ऐसी क्या बात है जो आप मालिनी को भी नहीं बताना चाहती?

सरला: बेटा बात तुम्हारे पापा के बारे में है। प्लीज़ कोई बहाना बना लो।

शिवा हैरानी से : मेरे पापा के बारे में ? ओह, ठीक है मैं लेट जाता हूँ। बाद में मैं सिर दर्द का बहाना बना दूँगा।

सरला ख़ुश होकर: ठीक है बेटा आराम करो। वह झुक कर उसको चादर उढाई और झुकने के कारण उसके उभारों के दर्शन कर वह एक बार फिर से गरम हो गया। फिर वह बाहर चली गयी।

फिर वही हुआ जो सरला चाहती थी। ठीक समय पर शिवा ने सर दर्द का बहाना बनाया और मालिनी आख़िर में हराकर अपने कजिंस के साथ मूवी देखने चली गयी।

उनके जाने के बाद शिवा उठकर ड्रॉइंग रूम में आया और सरला से बोला: हाँ मम्मी जी अब बताइए क्या बात है वो भी पापा के बारे में?

सरला मुँह उतराके बोली: बेटा एक बहुत बड़ी समस्या आ गयी है।

शिवा: क्या समस्या आप बताइए तो सही।

सरला: बेटा तुम्हारे पापा दूसरी शादी का सोच रहे है।

शिवा: क्या ? आपसे किसने कहा?

सरला: ख़ुद तुम्हारे पापा ने।

शिवा: ओह ये तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी।

सरला: और भी सुनो, वो तो लड़की भी मालिनी से छोटी लाएँगे ऐसा बोले हैं !

शिवा: हे भगवान। ये पापा को क्या हो गया है?

सरला: बेटा, मुझे तो तुम दोनों की बहुत चिंता है। एक तो मालिनी की सास उससे छोटी उम्र की और दूसरी ओर उसके भी बच्चे हुए तो तुम्हारे लिए एक और सर दर्द हो जाएगा। जायदाद में वो भी बराबर का हिस्से दार हो जाएगा। घर की शांति भंग होगी वो अलग। मेरा तो सोच सोच कर सिर फटा जा रहा है। बेचारी मेरी बच्ची का क्या होगा? ये कहते हुए वो रोने लगी।

शिवा उसके रोने से हड़बड़ा गया और उठ कर उसके पास आकर बैठा और उसको दिलासा देते हुए बोला: मम्मी आप क्यों रो रही हो? हम कुछ करेंगे ना। पापा को समझाएँगे।

सरला ज़ोर से रोती हुई बोली: वो सब मैं कर चुकी हूँ वो नहीं मान रहे हैं। अब शिवा उसके हाथ को सहलाया और बोला: मम्मी रोने से कोई समस्या हल नहीं होगी। वह उसकी बाँह को सहलाया और उसकी उँगलियाँ उसके बड़े स्तन से छू गयीं। उसे जैसे बिजली का झटका लगा। उधर सरला ने रोते हुए अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया था और उसकी साड़ी का पल्लू भी गिर गया था । अब शिवा को उसके आधे दूध जो कि ब्लाउस से बाहर थे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे और उसके लौड़े ने फिर से अपनी अकड़ दिखानी शुरू कर दी।

सरला भी अब रोते हुए बोली: क्या करूँ रोने केअलावा और क्या कर सकती हूँ?

शिवा अब सरला को अपनी ओर खींचकर बोला: मम्मी प्लीज़ चुप हो जाओ। मैं हूँ ना कुछ ना कुछ करूँगा । अब वो अपने हाथ से उसके गाल को सहला कर उसके आँसू पोंछने लगा। शिवा की नाक में उसके सेंट और उसके बदन की मादक गंध भी समा रही थी। मालिनी का बदन गठा हुआ था और सरला का मुलायम थोड़ा चरबी लिए हुए था ।वह उसको चुप कराते हुए उसके पेट पर से ले जाकर उसकी चिकनी कमर पर एक हाथ रखा और सरला को अपनी ओर खिंचा और गाल सहलाकर बोला: मम्मी पहले आप चुप हो जाओ। अब सरला की एक चूची उसकी बाँह से पूरी सट गयी थी। उसका सिर शिवा के कंधे पर था। सरला की आँखें बंद थीं। उसके होंठ खुले थे मानो कह रहे हों मुझे चूस लो।

शिवा का लौड़ा अब पूरी तरह से सख़्त हो चुका था, वह अब उसके ऊपर झुका और उसकी आँख को चूमा और बोला: मम्मी प्लीज़ रोना बंद करो। मैं कुछ ना कुछ करूँगा। फिर वह उसकी दूसरी आँख को भी चूमा । अब वो नीचे आकर उसके गाल चूमा और बोला: मेरे रहते आपको कभी आँसू नहीं बहाना पड़ेगा। फिर वह कसकर सरला को अपनी बाँह में भींच लिया और सरला भी उसकी छाती में अपना मुँह घुसा दी। अब शिवा उसकी नंगी पीठ को सहला रहा था जहाँ ब्लाउस के नाम पर एक छोटा सा पट्टा भर था। अब वो उसके कंधे को चूमने लगा। सरला भी मस्ती में आ गयी थी और उसने शिवा के पैंट में तने हुए तंबू को साफ़ साफ़ देख लिया था और अंदाज़ा कर लिया था कि इसका भी इसके बाप जैसा ही तगड़ा हथियार है। अपना हाथ सरला ने उसकी जाँघ पर रखा जो कि तंबू के काफ़ी पास ही था।

शिवा का अब अपने आप पर क़ाबू नहीं रहा और वो सरला के सिर पर हाथ रखकर उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठ से चिपका दिया। सरला आऽऽऽऽह नहीं नहीं बोली पर सिर्फ़ दिखावे के लिए ।शिवा अब उसके होंठ चूसने लगा। वह विरोध का नाटक करते हुए अपना मुँह घुमाई। सरला: आऽऽऽऽह बेटा ये ग़लत है । प्लीज़ छोड़ दो। आऽऽऽहहह।

शिवा उसे और ज़ोर से जकड़ के उसके होंठ और गाल चूमने लगा। सरला अब भी विरोध कर रही थी। तभी शिवा ने उसकी छातियों पर अपना मुँह घुसेडा और उनको ब्लाउस जे ऊपर से ही चूमने लगा। सरला: आऽऽऽऽऽह बेएएएएएटा ये ग़लत है। तुम मेरे दामाद हो।

शिवा उसकी दोनों चूचियों को अपने पंजों में दबाते हुए बोला: मम्मी ग़लत तो वो भो है जो अभी थोड़ी देर पहले आप ताऊ जी के साथ कर रहीं थीं । अगर वो ग़लत नहीं है तो ये भी नहीं है। वो और ज़ोर से उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मसलने लगा।

सरला चौंकी और बोली: ओह तो तुमने देख लिया? देखो बेटा श्याम जी का मैं तुमको समझा सकती हूँ।

शिवा: मम्मी मुझे कुछ नहीं समझना है । मुझे बस आपकी चूचियाँ दबानी है।

सरला: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ धीरे दबाओ ना दुखता है।

अब शिवा जोश में आकर उसकी एक चूचि को ब्लाउस के अंदर हाथ डालकर निकाल लिया और उसे दोनों हाथों से दबाने लगा। वो बोला: आऽऽऽऽऽह क्या मस्त चूची है मम्मी आपकी। मेरी मम्मी की भी ऐसी बड़ी बड़ी थीं । मैं हमेशा चाहता था कि ऐसी बड़ी बड़ी चूची दबाऊँ और चूसूँ। अब वो उसकी चूची चूसने लगा। निपल में जीभ भी रगड़ने लगा। अब सरला चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह मरीइइइइइइइ । उइइइइइइ ।

शिवा अब दूसरी चूची भी ब्लाउस से बाहर निकाला और उसे भी दबाया और चूसा। सरला उसकी जाँघ दबाए जा रही थी। शिवा ने मस्ती में आकर उसका हाथ अपने तंबू पर रख दिया। सरला ने भी बिना देर किए उसे मूठ्ठी में भर लिया और उसको दबाने लगी। अब कुछ बचा नहीं था छिपाने को।
सरला: आऽऽऽऽऽह सब कुछ यहाँ ही कर लोगे क्या? चलो बेडरूम में।

शिवा उठा और उसको अपनी गोद में उठाने लगा। सरला हँसकर बोली: मैं मालनी की तरह हल्की फुलकि नहीं हूँ । मैं अच्छी ख़ासी भारी हूँ। तुम मुझे उठा नहीं पाओगे। गिर जाऊँगी तो हड्डी टूट जाएगी।

शिवा: मम्मी देखो कैसे बच्ची की तरह आपको उठा लेता हूँ। ये कहते हुए उसने उसकी टांगों के नीचे और पीठ के नीचे भी हाथ डाला और उसे आराम से उठा लिया और बोला: देखो आपको इतने आराम से उठा लिया ना। अब वो झुककर उसकी चूचि चूसने लगा। और बेडरूम की ओर बढ़ा। वहाँ पहुँचकर उसने सरला को बिस्तर पर लिटा दिया। सरला बिस्तर पर पीठ के बल लेटीं थी और उसकी चूचियाँ ब्लाउस के बाहर थी और उनपर शिवा का गीला थूक लगा हुआ था ।

वह अब अपनी क़मीज़ उतारा और फिर बेल्ट खोला और पैंट भी उतार दिया । चड्डी में से उसके लौड़े का उभार देख कर सरला की बुर गीली होने लगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त हथियार है - वो सोची। चड्डी में सामने का हिस्सा थोड़ा सा गीला हुए जा रहा था उसके प्रीकम से।

अब वह उसके ऊपर आया और उसके होंठ चूसने लगा। सरला भी अब उसका साथ देने लगी। शिवा ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली और सरला उसको चूसने लगी। फिर शिवा ने अपना मुँह हटाया और खोल दिया अनुभवी सरला ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी जिसे शिवा चूसने लगा। शिवा के हाथ अब उसकी चूचियों पर आ गए थे । वह बोला: आऽऽऽऽऽह मम्मी कितने सॉफ़्ट और फ़र्म है आपके दूध। म्म्म्म्म्म चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है। फिर वो उसकी चूचि चूसते हुए उनको दबाने लगा।

सरला: आऽऽऽऽऽह बेएएएएएएटा क्या माआऽर ही डालेगाआऽऽ। बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

शिवा अब नीचे आया और उसके चिकने पेट को चूमा और नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा।

सरला: उइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ क्याआऽऽऽऽ कर रहे हो। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

अब शिवा और नीचे खिसका और उसने कमर से लिपटी साड़ी को निकाल दिया । पूरी साड़ी खुल गयी थी। उसने उसे निकाल दिया।सरला ने अपनी क़मर उठाकर उसको निकालने में उसकी मदद की। पेटिकोट में वह बहुत मस्त दिख रही थी। अब उसने उसकी नाभि को जीभ से चाटा और पेटिकोट का नाड़ा खोला और उसको नीचे करने लगा। सरला ने भी पूरी बेशर्मी से अपनी क़मर उठाकर उसे निकालने में पूरी मदद की। वो आज भी पैंटी नहीं पहनी थी। उसकी जाँघें चिपकी हुईं थीं ।उसकी बुर का थोड़ा सा ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा था। वो उसकी जाँघों को सहलाने लगा और फिर उसकी पेड़ू को सहलाया। सरला हम्म कर उठी। अब उसने जाँघों को फैलाया और सरला ने इसमे भी सहयोग किया।अब मदमस्त जाँघों के बीच कचौरी की तरह फूली हुई बुर और उसकी फाँक की ग़हरी लकीर साफ़ दिखाई पड़ रही थी और उसके लौड़े ने और प्रीकम छोड़ दिया ।

शिवा अब उसकी जाँघों को चूमने लगा और फिर उसकी बुर को भी नाक डालकर सूँघा वो बोला: मम्मी आऽऽऽह क्या मस्त गंध है आपकी बुर की। वो उसे सहलाता रहा।फिर वह उसकी फाँकों को फैलाया और वहाँ के गुलाबी हिस्से को देखा और उसमें जीभ डाला और उसे जीभ से मानो चोदने लगा। सरला: आऽऽऽऽऽऽऽह कर उठी। अब वो बोला:मम्मी मालिनी की डिलिवरी नोर्मल हुई थी या सजेरीयन ?

सरला: आह्ह्ह्ह्ह मेरे दोनों बच्चे नोर्मल हुए थे।

शिवा: इसका मतलब है कि मालिनी इसी छेद से बाहर आयी थी? ह्न्म्म्म्म्म । अब वो उसे चाटने लगा। सरला की सिसकियाँ निकलने लगी। अब उसने उसकी जाँघों को और ऊपर उठाया और उसकी गाँड़ के छेद को देखकर मस्ती से ऊँगली से सहलाया और एक ऊँगली अंदर किया । उसने देखा कि ऊँगली आसानी से अंदर चली गयी। वो अब दो ऊँगली डाला और वो भी आराम से चली गयीं। वो बोला: मम्मी जी आपकी गाँड़ बहुत मस्त है और खुली हुई है, क्या ताऊजी गाँड़ भी मारते है?

सरला: आऽऽऽंह अच्छा लग रहा है बेटा। हाँ मारते हैं। पर अभी इधर कुछ दिनों से नहीं मारी।
शिवा: क्या मालिनी के पापा भी गाँड़ मारते थे?

सरला: हाँ बेटा, वो तो मेरी गाँड़ के पीछे पागल थे। उनको मेरे चूतर बहुत पसंद थे।

शिवा: मम्मी आपके चूतर तो मुझे भी बहुत पसंद हैं । वो उनको चूमकर बोला और फिर जीभ से गाँड़ भी कुरेदने लगा। सरला: आऽऽऽऽऽहाह ।

शिवा मुँह उठाकर बोला: मम्मी मैंने भी अभी तक किसी की गाँड़ नहीं मारी है। आज आपकी मारूँगा दूसरे राउंड में ठीक है ना?

सरला: आऽऽऽह मार लेना बेटा आऽऽऽऽह अब बुर तो मार पहले हाय्य्य्य्य्य्य्य। बहुत खुजा रही है।

शिवा अब उसने उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा तो वो उछल पड़ी और उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करके उसके मुँह को हटाई और बोली: वहाँ हमला किया तो एक मिनट में ठंडी पड़ जाऊँगी झड़कर।

शिवा मुस्कुराते हुए उठा और आकर उसके बग़ल में लेटा और उसकी चूचियाँ दबाकर चूसने लगा। अब सरला भी उठी और उसके ऊपर आ कर उसके निपल्ज़ को दाँत और जीभ से छेड़कर उसे मस्त कर दी फिर नीचे जाकर उसके पेट और नाभि को चूमते हुए उसकी चड्डी तक पहुँची। उसने वहाँ नाक रखी और प्रीकम को सूँघा और फिर उसकी जीभ से चाटकर मस्ती में आकर बोली: आऽऽऽंब तुम्हारी गंध भी बहुत मस्ती ले आने वाली है बेटा। अब वो उसकी चड्डी निकाली और उसका लौड़ा देखकर बोली: आऽऽऽऽहहहह क्या मस्त हथियार है उगफफ कौन ना पागल हो जाए इसको देखकर। म्म्म्म्म्म्म। कहकर वो उसको पूरी लम्बाई में चुमी और चाटी। फिर उसके एक एक बॉल को भी चूम और चाट कर मस्ती से बोली: उम्म्म्म्म्म्म बहुत मस्त है ये । पुच पुच करके उसको चुमी। अब वो अपनी जीभ लेज़ाकर उसके लौड़े के सुराख़ को चाटी और प्रीकम को खा गयी और फिर अब वो उसके सुपाडे को मुँह में लेकर चूसने लगी।

शिवा अब मस्ती में आकर बड़बड़ाया: आऽऽऽऽऽऽह मम्मी आऽऽऽऽऽहहह क्या चूसती हो आऽऽऽऽऽप। वाआऽऽऽऽऽऽऽहहह।
सरला अब उसको डीप थ्रोट दे रही थी। पहली दफ़ा शिवा ये अनुभव प्राप्त कर रहा था। वो अब कमर उछालकर अपना लौड़ा उसके मुँह को नीचे से चोदने लगा। सरला अब मज़े से उसको चूसे जा रही थी।

अब सरला उठी और आकर उसके ऊपर बैठी और उसके होंठ चूसने लगी। वो भी उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ दबाने लगा। अब वो अपनी कमर उठाई और उसके लौड़े को पकड़कर अपनी बुर के मुँह पर रखी और नीचे दबाकर अपनी बुर में उसको अंदर करते हुए उइइइइइइइ कहकर अपनी कमर को पूरा दबा दी और लौड़े को जड़ तक अपने अंदर कर लिया। अब वह अपनी कमर उछालकर उसे चोदने लगी। शिवा भी नीचे से धक्के मारकर ह्म्म्म्म्म्म कहते हुए मस्तीसे उसका साथ देने लगा।

अब मालिनी : आऽऽऽऽऽहहह बेएएएएएटा आऽऽऽऽऽऽऽह फाऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ मेरीइइइइइइइइ बुर।

शिवा: ह्म्म्म्म्म्म मम्मी क्या मज़ा आ रहा है। सरला की कमर हिले जा रही थी। फिर वो बोली: बेटा अब मैं थक गयी हूँ। तुम ऊपर आ जाओ।

शिवा उसको अपनी बाहों में भरकर उसे लिए हुए ही पलट गया और ख़ुद ऊपर आ गया। अब वो उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रखकर बुरी तरह से चोदने लगा । अब तो कमरा सरला की आऽऽऽऽऽह उइइइइइइइ ऊम ऊम ऊम की आवाज़ों से भर गया। पलंग की चरमराहट अब अपनी चरम सीमा पर था जो बुरी तरह से हिल रहा था। मालिनी सोची कि जवान लड़के की चुदाई अलग ही होती है। उफफफफ क्या ताक़त है इस लड़के में। फिर वह चिल्ला कर उइइइइइइइइइ मॉआऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी। शिवा भी ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। अब वह आकर उसकी बग़ल में लेट गया। अब वो सरला के गाल चूमकर बोला: मम्मी आपको पता नहीं है कि आपने आज मुझे कितना मज़ा दिया है। मेरे सालों की इच्छा थी कि मैं एक आपकी उम्र की औरत को चोदूँ। आज मैं बहुत संतुष्ट हूँ।

सरला: अच्छा वो क्यों?

शिवा: मैंने अपनी मम्मी को कई बार कपड़े बदलते हुए नंगी देखा था। उनकी बड़ी बड़ी छातियाँ और उनकी बड़ी गाँड़ मुझसे बहुत आकर्षित करतीं थीं। आज आपको चोदते समय मुझे लगा मानो मैं अपनी मम्मी को ही चोद रहा हूँ। मेरी बहुत बड़ी फ़ैंटासी को मानो आपने रीऐलिटी में बदल दिया है।
अब वो उसकी चूचि चूसने लगा। अब शिवा ने उसके बड़े बड़े चूतरों को सहलाया और बोला: मम्मी आपके चूतर तो मख्ख्नन की तरह चिकने हैं । फिर वह अपनी ऊँगली गाँड़ में घुमाने लगा। वह बोला: मम्मी मालिनी की गाँड़ में तो एक ऊँगली भी मुश्किल से जाती है। बहुत टाइट है उसकी गाँड़। मेरी हिम्मत ही नहीं होती उसकी गाँड़ मारने की।
सरला: पहली बार गाँड़ मरवाने में सच में बहुत दर्द हुआ था पर अब सब ठीक है। अब तो कुछ दिन ना मरवाओ तो गाँड़ खुजाने लगती है बेटा। आऽऽऽऽहहह क्या कर रहा है? थूक लगा कर डाल ना ऊँगली। सूखे ही घुसेडे जा रहा है अंदर?

शिवा: सारी मम्मी । फिर वो ऊँगली में थूक लगाया और गाँड़ में दो उँगलियाँ डाल दिया। सरला आऽऽऽऽह कर उठी।

शिवा: मम्मी ये पापा की दूसरी शादी का क्या अपने मालिनी को बताया है?

सरला उसके लौड़े को सहलाकर: हाँ उसे पता है। वो काफ़ी परेशान है। पर तुमको इस लिए नहीं बताई कि वो तुमको परेशान नहीं देख सकती।

शिवा गाँड़ में उँगलियाँ घुमाते हुए: ओह, ऐसा? एक बात पूँछु मम्मी अगर ग़ुस्सा ना होगी तो?

सरला: अरे पूछ ना बेटा जो भी पूछना है। वो उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली।

शिवा:पापा ने आपको क्यों बताया कि वो दूसरी शादी करने का सोच रहे है?

सरला हड़बड़ा कर: मुझे क्या पता? ऐसा क्यों पूछा?

शिवा: मम्मी मुझे शक है कि आपके और पापा के बीच भी कुछ हो चुका है। उस दिन पार्टी में पापा जिस तरह से आपको देख रहे थे और आप भी उनको जैसी निगाहों से देख रहीं थीं, मुझे तो गड़बड़ लगी थी।

सरला: देखो बेटा, अब तुमसे ये सब करने के बाद अब मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूँगी। वह उसके लौड़े को मुठियाते हुए बोली: हाँ मैं उनके साथ भी ये सब कर चुकी हूँ।

शिवा: ओह तो मेरा शक सही था। कितनी बार मिली हो आप पापा से ?

सरला: तीन चार बार। बस अब कुछ और ना पूछना। मुझे अजीब लग रहा है।

शिवा: ठीक है नहीं पूछूँगा । बस इतना बता दीजिए कि क्या आपने पापा से गाँड़ भी मरवायी थी? वह उसकी गाँड़ में उँगली करते हुए कहा।

सरला: हाँ मरवाई है। उनको बहुत अच्छा लगता है गाँड़ मारना। वो बताए थे।

शिवा: ओह तो ताऊजी भी मारते है क्या?

सरला: हाँ मारते हैं।

शिवा: मम्मी उस बार जब आप और ताऊजी हमारे घर आए थे और रात रुके थे पार्टी के बाद । उस दिन भी आप पापा से चुदवायी थी ना?

सरला: हाँ।

शिवा: पर ताऊ भी तो थे वहाँ । उनको तो पता होगा ना?

सरला: बेटा, तुम मुझे बहुत एम्बारस कर रहे हो।

शिवा : प्लीज़ मम्मी बताइए ना। वह अब उसकी चूचि चूसने लगा।

सरला: आऽऽँहह । हाँ श्याम को सब पता है बल्कि उस रात को हम तीनों ने साथ में ही किया था।

शिवा का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था। वो बोला: मतलब आप तीनों ने एक साथ सेक्स किया था? Wow। तो कैसे किया था? किसने आपकी गाँड़ मारी थी और किसने बुर? वह चूचि चूसकर दबाते हुए बोला । उसकी उँगली अभी भी गाँड़ में घुसी हुई थी।

सरला अब गरम हो चुकी थी । वो बोली: आऽऽहहह हाँ एक गाँड़ मारता था और दूसरा बुर चोदताथा। ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाय । अब कुछ करो ना। प्लीज़ ।

शिवा भी गरम हो चुका था और उसने सरला को लुढ़का कर पेट के बल लिटाया और वो उसके मस्त चूतरों को सहलाया और दबाया । दिर वह उनको चूमने लगा। अब सरला ख़ुद ही चौपाया बन गयी और अपनी गाँड़ बाहर कर उसे चोदने का मानो आमंत्रण दी। सरला बोली: बेटा थोड़ा सा क्रीम लगा ले। और डाल दे। सच बहुत खुजा रही है।

शिवा मस्त होकर क्रीम लेकर उसकी गाँड़ में और अपने लौड़े पर लगाया और उसके चूतरों को फैलाया और अपने लौड़े को उसके छेद में लगाकर धक्का दिया। अब लौड़ा उसकी गाँड़ में धँसता चला गया। सरला आऽऽऽहहह मरीइइइइइइइ चिल्लाई।

शिवा अब मस्ती में आकर उसकी गाँड़ मारने लगा। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मज़ाआऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽ है। वह अब पिस्टन की तरह आगे पीछे होकर उसकी गाँड़ मार रहा था सरला की चीख़ें निकल रही थी। शिवा हाथ नीचे कर के उसकी चूचियाँ दबाए जा रहा था । जल्दी ही सरला भी आऽऽऽंहहह करके अपनी बुर की क्लिट मसलने लगी। फिर उसने शिवा का हाथ पकड़ा और उसे अपनी क्लिट में रगड़ने लगी। शिवा अब ख़ुद उसकी क्लिट रगड़ने लगा और गाँड़ में धक्के भी मारता रहा। जल्दी ही दोनों चिल्ला कर झड़ने लगे।

सरला पेट के बल गिर गयी और वो उसके बग़ल में लेट गया। सरला हाँफते हुए बोली: जानते हो आज तो तुमने मेरे साथ ये चुदाई की है । ये मेरे जीवन की सबसे बढ़िया चुदाई है जिसे मैं जीवन भर नहीं भूलूँगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या ताक़त है तुममें। कितना दम में है तुम्हारी कमर में। सच में मालिनी बहुत क़िस्मत वाली है जो उसे ऐसा बढ़िया चुदक्कड पति मिला है। जितनी बढ़िया तुमने बुर चोदी उतनी ही बढ़िया गाँड़ भी मारी।

शिवा हँसकर: मम्मी अभी तो एक राउंड और होगा।

सरला: नहीं नहीं बस मैं थक गयी हूँ। और नहीं करवा सकती।

शिवा: मम्मी ये सब मूवी देखकर अब आते होंगे । चलो हम तय्यार होकर ड्रॉइंग रूम में चलते हैं। वो दोनों फिर बाथरूम में फ़्रेश होकर ड्रॉइंग रूम में पहुँचे और सरला चाय बनाकर लाई। वो इस बीच अपनी जेठानी को भी पानी और चाय उसके कमरे में दे आयी थी।

शिवा: मम्मी एक बात पूछूँ ? ग़ुस्सा मत करना।

सरला: सब कुछ तो बता दिया है । अब और क्या बताना है?

शिवा: मम्मी मालिनी और राकेश क्या श्याम ताऊ जी के बच्चें हैं।

सरला: नहीं वो मेरे पति से हैं । बल्कि यहाँ उलटा है।

शिवा चाय पीते हुए: उलटा मतलब ?

सरला:असल में चारु और मुन्नी मेरे पति की संतान हैं। ये बात मैंने कभी किसी को नहीं बतायी। यहाँ तक कि मालिनी को भी नहीं। हुआ ये था कि जब जेठानी के बच्चा नहीं हो रहा था तब उसका चेक अप करवाया था मैंने । और वो बिलकुल ठीक थी कमी ज़ेठ जी यानी श्याम जी में थी। उनके वीर्य में कुछ कमी थी। फिर मैंने अपने पति को मनाया और जेठानी को उनसे चुदाया और वो दो बच्चियों की मॉ बनी। इसलिए जेठानी के बच्चे मेरे बच्चों से छोटें है।

शिवा: ओह ये तो बड़ी अजीब बात है। ताई जी पापा जी से आपके सामने चुदतीं थीं क्या?

सरला: हाँ शुरू में वो झिझकती थीं ना। इसलिए मैं वहाँ सामने रहती थी। बाद में वो ख़ुद दोपहर को चुदवा लेती थीं।

शिवा: और आप ताऊ जी से कैसे शुरू हुई?

सरला: वो तो मेरे पति की मृत्यु के बाद श्याम मुझे पटा लिए। मैं भी प्यासी थी तो फँस गयी।

शिवा : ओह , । तभी बहुत शोर करते हुए सभी बच्चे मालिनी के साथ अंदर आए। और मूवी के बारे में उत्साह से बताने लगे।

मुन्नी भी बहुत ख़ुश होकर अपना नया मोबाइल शिवा को दिखाई और बोली: थैंक्स जीजा जी , दीदी ने आपके कहने से दिलवा दिया। और उसने शिवा के पास आके उसकी पप्पी ले ली। सब हँसने लगे। शिवा ने भी मुन्नी के गाल में एक पप्पी दे दी।

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RE: ससुर कमीना और बहू नगीना - by desiaks - 04-09-2017, 04:34 PM

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