ससुर कमीना और बहू नगीना
04-09-2017, 04:32 PM,
#70
RE: ससुर कमीना और बहू नगीना
मालिनी मम्मी के फ़ोन के बाद सो गयी। राजीव दोपहर को आया और मालिनी के कमरे में आया और सोती हुई मालिनी को बहुत देर तक प्यार से देखा और फिर बाहर आ गया। किचन में जाकर वो खाना गरम किया और खाना लगाया। फिर वो मालिनी के कमरे में आकर उसके पास बैठ गया। वह उसके सिर और गाल में हाथ फेरने लगा। मालिनी उठी और राजीव को पास देखकर मुस्करायी और उठी। उसने सलवार क़ुर्ती पहनी थी। चुन्नी पता नहीं कहाँ थी। उसकी बड़ी मस्त चूचियाँ राजीव के सामने थी । वह झुक कर उसके गाल चूमा और बोला: बेटा, चलो खाना खा लो। अब तबियत कैसी है । वो उसके चूतरों को सहलाया जहाँ उसको पैंटी और सैनिटेरी पैड का अहसास हुआ। वह बोला: बेटी ये ठीक है ना?

मालिनी: हाँ पापा आज तो पहला दिन ही है। आपको और शिवा को अभी सबर करना पड़ेगा। वो शरारत से मुस्करायी।

राजीव झुककर उसको चूमा और हल्के से उसकी चूचियाँ दबाया और बोला: कोई बात नहीं बेटी। चलो अब खाना खा लो।

मालिनी उठी और फ़्रेश होकर बाहर आयी तो टेबल पर खाना लगा हुआ था। वो बोली: पापा आपने क्यों तकलीफ़ की? मैं लगा देती ना?

राजीव उसे खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और बोला: बेटा, आज तुम थोड़ी ढीली हो तो एक दिन मैं लगा दिया तो क्या हुआ? चलो आज मैं ही खिलाऊँगा तुमको अपने हाथ से।

मालिनी मुस्कुराकर: पापा आज बहुत रोमांटिक हो रहे हो? सब ठीक है ना?

राजीव उसके गाल चूमकर : बेटी हम तो हमेशा रोमैन्स के मूड में रहते हैं पर तुमको दिखाई नहीं देता। अब वो उसे अपने हाथ से खिलाने लगा। वो उसके गोद में बैठकर उसकी छाती से चिपकी हुई थी। फिर मालिनी ने अपनी गाँड़ हिलाई और कोशिश की कि पापा के लौड़े का कड़ापन महसूस कर सके। पर उसे कुछ महसूस नहीं हुआ।

राजीव मुस्कुराकर : बेटी लौड़ा टटोल रही हो ? वो आराम से मेरे जाँघों के बीच सो रहा है। आज उसे पता है ना कि तुम ढीली हो और वो इस बात को मान चुका है।

मालिनी: पापा आप सच में बहुत अच्छे हैं। आप मम्मी को भी पिरीयड्ज़ के दिनों में तंग नहीं करते थे?

राजीव: बेटी उसको पहले दो दिन तकलीफ़ होती थी। बाद में बस थोड़ा सा ही होता था। तो दो दिन बाद वो लौड़ा चूस देती थी। और गाँड़ भी मरवा लेती थी।

मालिनी: आप मम्मी की गाँड़ भी मारते थे?

राजीव: हाँ मारता था और उसे भी बहुत मज़ा आता था। वो कई बार कहती थी कि जी आपकी साली खुजा रही है। वो बुर को बीवी और गाँड़ को साली कहती थी।

मालिनी: ओह ऐसा?

राजीव: मैंने तुम्हारी मम्मी की भी गाँड़ मारी है। वो भी मज़े से मरवाती है।

मालिनी: ओह , पर शिवा या आप तो जब मेरे पीछे ऊँगली डालते हैं तो मुझे जलन होती है।

राजीव: बेटी, गाँड़ को खोलने की एक कला होती है। जब तुम चाहोगी मैं तुम्हारी गाँड़ खोल दूँगा, पर कम से कम दर्द होगा ये मेरी गारण्टी है।

मालिनी हँसकर: इसका मतलब है कि मेरे एक छेद का उद्घाटन शिवा ने किया और दूसरे का उद्घाटन आप करोगे?

राजीव: बेटा तुम हाँ तो करो। मैं काम में लग जाऊँगा। वो उसे चूमने लगा।

मालिनी मुस्कुराकर: जब देनी होगी तो बता दूँगी। फिर वो बोली: पापा मेरा हो गया। उठ जाऊँ?

राजीव उसे छोड़कर बोला: ठीक है बेटा उठो, मेरा भी हो गया।

मालिनी जब उठी तो राजीव ने उसके चूतरों को सहलाया और बोला: तुम्हारी कुँवारी गाँड़ मारने में मज़ा आएगा।

मालिनी हँसकर सामान उठाकर किचन में जाते हुए बोली: पापा आपके मज़े होंगे और मेरी सज़ा होगी। हा हा ।

फिर वह किचन में चली गयी।

उधर शिवा रात को घर पहुँचा तो वह बहुत गरम था। आज सरला और रंजू की हरकतों ने उसे बहुत उत्तेजित कर दिया था। वह घर आया और मालिनी को कमरे में आते ही पकड़ लिया और बोला: बड़ी हॉट लग रही हो आज।

मालिनी: हॉट? आज तो मेरा मीटर ही डाउन है। जनाब मेरा पिरीयड आ गया है। वैसे आज मैं आपको हॉट क्यों लग रही हूँ?

शिवा हताश होकर बोला: अरे बस लग रही हो तो लग रही हो। चलो कोई बात नहीं।

फिर वह कपड़े उतारा और चड्डी में उसका आधा खड़ा लौड़ा देखकर मालिनी: क्या हुआ बताओ ना? आज बहुत गरम लग रहे हो।

शिवा: अरे कुछ नहीं बस कार में आते हुए तुम्हारे बारे में सोचा और यह खड़ा हो गया। अब इस ग़रीब को क्या पता था कि तुम्हारी रेड लाइट जल रही है। हा हा ।
वह उसे थोड़ी ना कह सकता था की तुम्हारी माँ और उसकी सहेली ने उसका यह हाल किया है। वह फ़्रेश होने बाथरूम में गया और जब बाहर आया तो मालिनी वहाँ बिस्तर पर बैठी थी। वह चड्डी के ऊपर से उसके लौड़े को दबाते हुए बोली: पहले खाना खाएँगे कि यह चूसवाएँगे ?

शिवा हतप्रभ उसे देखा और बोला: आऽऽह जान सच में झड़ने की बहुत इच्छा हो रही है। पहले चूस दो ना। फिर खाना खा लेंगे।

मालिनी मुस्करायी : ठीक है चलिए लेट जाइए।

शिवा लेटा और मालिनी ने उसकी चड्डी उतार दी। अब वो उसके खड़े लौड़े को ऊपर से लेकर नीचे तक सहलाई। फिर उसके बॉल्ज़ को भी अपनी हथेली में लेकर सहलाई। फिर वह झुकी और उसके जाँघ को चुमी और चाटने लगी। फिर वह उसकी जाँघों के जोड़ को चाटी और फिर वो उसकी नाभि को चाटने लगी। अब वो उसके लौड़े के आसपास के हिस्से को चुमी और जीभ से चाटी । शिवा उसको चूसते देखा और मस्ती से उसके गाल सहलाते हुए बोला: उफफफ रानी क्या मज़ा आ रहा है। हाय्यय ।
अब मालिनी उसके लौड़े के सुपाडे को चाटने लगी और उस पर आए हुए प्रीकम को चाट कर मस्ती से सुपाड़ा चूसने लगी। फिर वो बॉल्ज़ भी चूसी और जल्दी ही उसका मुँह लौड़े के ऊपर नीचे होने लगा और उसका हाथ उसके बॉल्ज़ पर घूमने लगा। अब शिवा भी नीचे से आऽऽहहह करके अपनी कमर उठाके उसके मुँह को मानो चोदने लगा। क़रीब दस मिनट चूसते हुए मालिनी अब अपने गालों को अंदर की ओर चिपका कर उसके लौड़े जो ज़बरदस्त घर्षण का आनंद देने लगी। अब शिवा भी ह्म्म्म्म्म्म करके मुँह की चुदाई में लग गया। तभी मालिनी ने अपनी उँगलियाँ नीचे को खिसकाया और उसने शिवा की गाँड़ के छेद में अपनी ऊँगली चलाई और फिर उसे अंदर करने लगी। अभी आधी ऊँगली ही अंदर गयी थी कि शिवा आऽऽऽह करके झड़ने लगा। मालिनी ने उसकी वीर्य की एक एक बूँद गटक ली। वह कमर उछालकर आऽऽऽऽहहह कहकर मालिनी के मुँह में अपना रस गिराए जा रहा था ।

जब मालिनी ने अपना सिर उसकी जाँघ से हटाया तो शिवा उसके मुँह में लगे हुए सफ़ेद गाढ़े रस देखकर मस्ती से भर गया । मालिनी अपना मुँह पोंछकर बोली: अब ठीक है? अच्छा लगा?

शिवा उसको अपनी ओर खींचा और बोला: सच जान तुम लाखों में एक हो। क्या चूसती हो जान? उफफफफ मस्ती छा गयी पूरे बदन में। थैंक यू जान।

मालिनी हँसकर: चलिए अब खाना लगाती हूँ। पापा भी रास्ता देख रहे होंगे।

फिर वो तीनों खाना खाए और सोने चले गए। सोने के पहले शिवा मालिनी को याद दिलाया कि कल वो उसकी मम्मी के घर जाएँगे।
मालिनी बोली : हाँ याद है ।

फिर वो सो गए।

सरला भी करवट बदल रही थी। अभी अभी वो बिस्तर पर आयी थी सोने के लिए। दिन भर की घटनाए उसकी आँखों के सामने किसी फ़िल्म की भाँति घूम रही थीं। वो सोची कि आज जो उसने शिवा का रूप देखा है वो काफ़ी हैरान करने वाला है, वो रंजू के चक्कर में इतनी आसानी से फँस गया। उसे याद आया कि रंजू बोली थी कि वो उसका लौड़ा चूसी थी। और उसने ख़ुद देखा था कि वो कैसे मज़े से रंजू से अपना लौड़ा दबवा रहा था । उफ़्फ़ वह क्या करे? क्या वो अपनी बेटी के पति को फुसला कर ख़ुश हो पाएगी? पर वो सोची कि कोई और चारा भी तो नहीं है उसके पास। उसका कमीना ससुर दूसरी शादी की धमकी दे रहा है। तभी उसे रंजू की बात याद आइ। वो बोली थी कि उफफफ क्या मस्त हथियार है शिवा का ! और भी बहुत कुछ बोली थी वो । शिवा भी तो उन दोनों की चूचियों को देखे जा रहा था। काफ़ी हॉट लड़का है। अचानक उसका हाथ अपनी बुर में चला गया। अब वो एक हाथ से अपनी चूचि दबा रही थी और अपनी नायटी उठाकर अपनी बुर में ऊँगली करने लगी। उसकी आँखें बंद थी और वो सोच रही थी कि शिवा उसे चोद रहा है । वो आऽऽऽहहह करके अपनी उँगलियाँ ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी। फिर वो अपनी कमर हिलाकर झड़ने लगी और फिर वो शांत होकर सो गयी। सोने के पहले वो सोची कि पता नहीं कल क्या होने वाला है।

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RE: ससुर कमीना और बहू नगीना - by desiaks - 04-09-2017, 04:32 PM

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