ससुर कमीना और बहू नगीना
04-09-2017, 03:14 PM,
#30
RE: ससुर कमीना और बहू नगीना
सरला और श्याम कार्ड बाँट कर पूरी तरह से थक चुके थे, पिछले तीन दिनों से वो कार्ड ही बाँट रहे थे।

श्याम: चलो थोड़ा आराम कर लेते हैं एक एक कॉफ़ी पी लेते हैं इस रेस्तराँ में। वो अंदर जाकर कॉफ़ी ऑर्डर करते हैं।

सरला: भाई सांब, चलो कार्ड बाटने का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। अब थोड़ी चैन की साँस के सकते हैं।

श्याम: राजीव का भी फ़ोन आया था । वह भी कार्ड बाट बाट कर पूरी तरह से थक चुका है।

सरला: उनके कार्ड बट गए?

श्याम: हाँ उनके कल ही पूरे बट गए थे। असल में वो हमको वहाँ बुला रहे हैं कल मज़े लेने के लिए। उसने सरला के हाथ को अपने हाथ में लिया और एक ऊँगली से उसकी हथेली से रगड़ कर चुदाई का सिग्नल दिया।

सरला लाल होकर : अभी उनको इसकी सूझ रही है? अब शादी को आठ दिन बचे हैं इनको मस्ती सूझ रही है। इनको बोल दो अब शादी के बाद ही प्रोग्राम बनाएँ।

श्याम: तुम ही बोल दो ना। मेरी कहाँ मानेंगे।

सरला ने राजीव को फ़ोन किया: हाय नमस्ते कैसे हैं?

राजीव: पागल हो रहा हूँ तुम्हारी याद में। बस अब आ जाओ श्याम के साथ।

सरला: क्या भाई सांब ? आप भी क्या बोल रहे हो? शादी को बस आठ दिन बचे हैं। इतना काम पड़ा है और आपको ये सब सूझ रहा है? महक बेटी कब आ रही है?

राजीव: वह परसों आ रही है, तभी तो कह रहा हूँ कि कल आ जाओ और इसके बाद और कोई मौक़ा नहीं मिलेगा।

सरला: पर यहाँ बहुत काम बचा है। दो दिनो के बाद रिश्तेदार भी आने लगेंगे। शादी के बाद प्रोग्राम जमा लीजिएगा ना प्लीज़।

राजीव: देखो सरला, अब कोई बहाना नहीं, कल आना ही होगा। अगर श्याम के पास समय नहीं है तो तुम अकेली आ जाओ।

सरला : आप भी बड़े ज़िद्दी हैं। फिर वह श्याम को बोली: आप ही समझाइए ना ये तो मान ही नहीं रहे हैं।

श्याम फ़ोन लेकर: देखो यार मन तो हमारा भी है पर टाइमिंग सही नहीं है। बहुत काम हैं यहाँ ।

राजीव: चलो ऐसा करो कल १० बजे आ जाना और खाना खा कर दो बजे वापस चले जाना। आधा दिन तो मिल ही जाएगा। अब कोई बहाना नहीं चलेगा। सरला को मनाओ।

श्याम: ठीक है भाई कल हम यहाँ से ८ बजे निकलते हैं और दो बजे तुम हमें फ़्री कर देना।

सरला: पर कल के काम ?

श्याम: चलो अब जैसे भी होगा काम चला लेंगे। ठीक है भाई, कल का पक्का।

राजीव: एक बार सरला से बात करा दो।

सरला फ़ोन पर आके: तो आपने अपनी बात मनवा ही ली?

राजीव: मेरी जान। तुम्हें चोदने को मरा जा रहा हूँ। इतना भी ना तड़पाओ ग़रीब को। आ जाओ कल और मजे से डबल चुदाई का आनंद लो। तुम कहोगी तो रानी को भी इसमे शामिल कर सकते है।

सरला: नहीं नहीं, जितने कम लोग जाने इसके बारे ने उतना ही भला है।

राजीव: ठीक है मेरी जान जैसा तुम चाहोगी वैसा ही सही। अब एक चूम्मा दे दो।

सरला: धत्त हम कोफ़ी पी रहे हैं बाहर। आप दे दो ।

राजीव: मुआ मुआ करके चुम्मी दिया। सरला ने कहा मिल गया। अब रखती हूँ।

श्याम: बड़ा ही सेक्सी आदमी है यह बंदा। कल लगता है तुम्हारी ज़ोर से चुदाई करेगा।

सरला: छी आप लोगों को गंदी बातें करने में मज़ा आता है ना? चलो अब चलें यहाँ से। सरला उठने लगी पर वह महसूस कर रही थी कि राजीव से बात करने के दौरान उसकी बुर पनियाने लगी थी और वह अपनी साड़ी ठीक करने के बहाने अपनी बुर को खुजा बैठी।

श्याम उसको बरसों से जानता था वो मुस्कुराया और बोला: लगता है खुजा रही है कल की चुदाई का सोचकर।

सरला लाल होकर: चुपचाप चलिए यहाँ से । ख़ुद तो कुछ करते नहीं और मुझे उलटा पुल्टा बोल रहें हैं।

श्याम: अरे क्या नहीं करता? अपने घर में मौक़ा ही मुश्किल से मिलता है । आज रात को आ जाना , तुम्हारी भाभी को नींद की गोली खिला दूँगा फिर मस्ती से चोदूँगा तुमको, ठीक है।

सरला: रहने दीजिए अब कल का प्रोग्राम तो बन ही गया है , आज आराम से सोते हैं, वैसे भी कार्ड बाट कर बहुत थक गयी हूँ।

श्याम: जब मैं प्रोग्राम बनाता हूँ तो तुम पीछे हट जाती हो, और मुझे ही सुनाती हो।

अब सरला हंस दी और बोली: सॉरी बाबा, ग़लती से बोल दिया। आप बहुत अच्छे हैं एंड आइ लव यु । यह कहकर उसने उसका हाथ दबा दिया।
अब दोनों घर के लिए निकल पड़े।

राजीव बहुत ख़ुश था कि सब कार्ड बट ही गए। साथ ही कल सरला और श्याम आएँगे और बहुत मज़ा लेंगे। वह अपना लौड़ा दबाकर मस्ती से भर उठा।

अगले दिन उसने रानी को बताया कि सरला और श्याम आ रहे हैं और मस्त चुदाई का प्लान है। इसलिए वह खाना बना कर १० बजे के आसपास चले जाये।

अगले दिन जब सरला ने मालिनी को बताया कि वो और श्याम उसके ससुराल जा रहे हैं तो वो हैरानी से पूछी: ऐसा क्या काम आ गया है?

सरला: बस कुछ ज़ेवर फ़ाइनल करने हैं, तेरे ससुर जी थोड़ी मदद कर देंगे । उनकी अच्छी पहचान है वहाँ। हम शाम तक वापस आ जाएँगे।

मालिनी: क्या मम्मी, ज़ेवर तो हमारे शहर में भी मिलते हैं। इसके लिए भला वहाँ जाने की क्या ज़रूरत है?

अब सरला क्या कहती अपनी बेटी से कि उसके ससुर की ज़िद के आगे उसकी नहीं चली और वह अभी उससे चुदवाने जा रही है। और तो और आज सरला ने अपनी झाँटें भी साफ़ की थी क्योंकि वो भी काफ़ी बड़ी हो गयीं थीं। वह बोली: चलो देख आते हैं, पसंद नहीं आएँगे तो नहीं लेंगें। तभी श्याम आ गया और उसकी आँखें सरला की सुंदरता देख कर चमक उठीं। आज सरला ने नाभि दर्शना साड़ी पहनी थी जो कि स्लीव्लेस ब्लाउस और उसकी छाती की गहराइयों को भी काफ़ी कुछ दिखा रहे थे। श्याम का लंड सरसरा उठा। उसके चूतरों में भी साड़ी का उठान बहुत ही मादक दिखाई दे रहा था।

जब दोनों बाहर आए और पास के बस स्टैंड के लिए चल पड़े। श्याम: आज तो बहुत मस्त माल दिख रही हो? क्या सजी हुई हो? लाल होंठों के लिपस्टिंक को तो देख कर ही मेरे खड़ा हो गया है।

सरला: अच्छा फिर शुरू हो गयी गंदी बातें।

श्याम: इसमें गन्दा क्या है, तुम दिख ही रही हो इतनी मस्त। देखो वो काली क़मीज़ में बूढ़ा तुमको कैसे देख रहा है जैसे खा ही जाएगा। देखो अब अपना लंड भी खुजाने लगा।

सरला उसको देखकर मुस्कुराती हुए बोली: आप बस भी करो ।

श्याम: अच्छा छोड़ो ये सब, बताओ झाटें साफ़ की या नहीं? परसों जब चोदा था तो साली गड़ रहीं थीं।

सरला आँख मटका कर बोली: हाँ साफ़ कर ली हैं आज सुबह नहाने के पहले।

श्याम: चलो, अच्छा किया , राजीव को चिकनी बुर पसंद है।

सरला: और आपको बालों वाली पसंद है क्या? थोड़े से भी बढ़ जाते हैं तो हल्ला मचाने लगते हैं आप।

श्याम हँसने लगा। वो बस स्टैंड पहुँच गए थे। एक बस आइ तो उसमें बहुत भीड़ थी। श्याम बोला: जाने दो और आएँगी। पर पता नहीं क्या बात थी कि सभी बसें भरी हुई ही आ रही थी। आख़िर में सरला बोली: अब जो भी बस आएगी ऊसीमे घुस जाएँगे, वरना देर हो रही है।

श्याम : ठीक है अब जो भी आएगी उसमें ही चलते हैं।

तभी एक बस आयी और श्याम भाग कर उसमें चढ़ गया और सरला भी किसी तरह जगह बना कर अंदर आ गयी। तभी भीड़ आइ और श्याम आगे को हो गया। सरला के आस पास १८/१९ साल के दो लड़के खड़े थे जो उसे घूरने लगे। सरला समझ गयी कि ये लड़के उसको आज छोड़ेंगे नहीं। एक लड़के का हाथ तो उसकी नंगी कमर पर आ भी चुका था,और दूसरा भी उसके चूतरों को छू लेता था।

तभी सरला ने देखा कि अगले स्टॉप पर एक आदमी उतरने के लिए खड़ा हुआ तो वो जल्दी से उसकी सीट पर बैठ गयी। अब उसने देखा कि उसकी बग़ल में एक क़रीब ४० साल का बंदा बैठा था जो कि उसे बड़ी ही गंदी नज़र से देख रहा था। उधर वो दोनों लड़के अब उसके सीट के साथ आ कर खड़े हो गए थे। एक लड़के ने सरला के पीठ के पास वाली रोड पकडली और उसका हाथ बार बार उसकी पीठ से टकराने लगा। दूसरा लड़का अपना अगला भाग सरला की गरदन से बार बार छुआ रहा था । अब बग़ल में बैठा आदमी भी उसकी तरफ़ सरका और दोनों की जाँघें रगड़ने लगीं।

फिर वह लड़का अपने पैंट के आगे के भाग को उसके कंधे पर चुभाने लगा। दूसरे लड़के ने अब उसकी गरदन और पीठ सहलाना शुरू किया और उसका पड़ोसी अब उसकी जाँघ सहलाने लगा। सरला एक मिनट के लिए तो ग़ुस्सा हुई फिर मन ही मन सोची की क्यों ना मज़ा लिया जाए इस परिस्थिति का भी। फिर वह रिलैक्स हो गयी और उसने इन सबको मज़ा सिखाने का सोचा। उसने अपना पल्लू ठीक करने के बहाने उसको नीचे किया और अब उसकी बड़ी बड़ी आधी नंगी छातियाँ उन तीनों के सामने थी। फिर वह पल्लू को वापस इस तरह से रखी कि उसकी एक छाती साड़ी के बाहर थी। अब वह आगे होकर सामने की सीट का रॉड पकड़ ली और अब उसकी नंगी गदराई बाँह के नीचे एक चूचि कसे ब्लाउस में फँसी हुई थी। वो लड़का जो उसके कंधे पर अपना लण्ड रगड़ रहा था , अब उसके ब्लाउस पर लण्ड रगड़ने लगा । सरला को अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई।
उधर दूसरा लड़का पीछे से हाथ लगाकर उसकी साड़ी के अंदर हाथ डाला और दूसरी चूचि के नंगे भाग को छुआ। पड़ोसी तो जाँघ सहला ही रहा था। अब सरला ने अपना ख़ाली हाथ अपनी छाती के पास मोड और पहले लड़के के लण्ड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया। अब उस लड़के की हालत ख़राब होने लगी। इस बात की उसने कल्पना नहीं की थी जो हो रहा था। अब सरला बग़ल वाले का अपनी जाँघ पर रखा हाथ पकड़ी और उसको दबाने लगी। वह भी बुरी तरह से उत्तेजित हो गया। तभी पीछे वाला लड़का उसकी चूचि दबाने लगा। अब सरला ने अपने हाथ का लंड ज़ोर ज़ोर से दबाना चालू किया और जल्दी ही वह लड़का अपना पानी छोड़ दिया और उसके पैंट के ऊपर एक धब्बा सा बन गया।

सरला मुस्कुराई और उसको पीछे को धक्का दी और फिर मुँह मोड़कर दूसरे लड़के को आगे आने का इशारा की। वह फट से आगे आया और अपना लंड उसके दूध पर दबाने लगा। सरला उसके भी पैंट के ऊपर से लंड पकड़ ली और तीन चार बार दबाने से ही वह भी झड़ गया। वह भी अब पीछे हट गया। सरला अपनी मस्ती से बहुत ख़ुश थी।

अब उसने अपने बग़ल वाले को देखा और अपनी साड़ी का पल्लू फिर से ठीक करने के बहाने अपनी एक चूची उसके सामने कर दी। वह तो आधी नंगी चूची देखकर ही बुरी तरह से उत्तेजित हो गया। अब सरला उससे सट कर बैठी और अपना साड़ी का पल्लू उसकी पैंट के ऊपर गिरा दी। अब वह अपनी साड़ी के पल्लू के नीचे से उसकी पैंट पर हाथ ले गयी और उसका लंड दबाने लगी। वह आदमी तो जैसे मस्ती के मारे उछल ही पड़ा। अब वह भी सरला की जाँघ को दबाते हुए उसकी चूचि को घूरते हुए अपनी कमर को हिलाने लगा , मानो उसके हाथ को चोद रहा हो। वह भी अब इस विकट परिस्थिति में झड़ने लगा। पैंट के ऊपर बन गए धब्बे को छुपाने जे लिए वह रुमाल निकाला और धब्बे के ऊपर रख दिया । सरला भी टिशू पेपर निकाली और अपना हाथ साफ़ की जिसने तीनों का थोड़ा सा वीर्य लगा था। फिर उसने वह किया जिसकी कल्पना भी उस आदमी ने कभी नहीं की थी। वह अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी बुर को अच्छी तरह से खुजाई और ये करते हुए वह मुस्कुराते हुए उस आदमी की आँखों में देखती रही। उस आदमी के पैंट में फिर से तंबू बनने लगा। अबके सरला ने ऐसे मुँह फेर लिया जैसे उस आदमी का अस्तित्व ही इस दुनिया ने नहीं है। अब वह चुप चाप बैठे हुए था। सरला अपनी बिजय पर मुस्कुराई।

थोड़ी देर में श्याम आया और उतरने को बोला। सरला उठी और अपने पिछवाड़े को उस आदमी की तरफ़ करके अपनी साड़ी ठीक करने के बहाने अपनी गाँड़ अच्छी तरह से खुजाई । फिर वह मुड़कर उसे देखी तो हँसने लगी क्योंकि वह फिर से अपना लौड़ा दबाकर झड़ रहा था , उसका चेहरा इस बात की गवाही दे रहा था।

सरला और श्याम उतरे तो श्याम बोला: भीड़ बहुत थी, कोई परेशानी तो नहीं हुई।

सरला मन ही मन मुस्कुराकर बोली: नहीं मुझे तो कोई परेशानी नहीं हुई। हाँ तीन लोगों को ज़रूर हुई।

श्याम: कौन तीन लोग?

सरलाटालते हुए बोली: अरे वही जिन्होंने मुझे बैठने के लिए जगह दी।

श्याम को कुछ समझ नहीं आया और उसने भी आगे कुछ नहीं पूछा।

फिर श्याम बोला: मैंने फ़ोन किया है राजीव आता ही होगा। तभी उसे वह दिख गया। वह फिर से बोला: देखो तुम्हारा आशिक़ आ गया। क्या जींस और टी शर्ट में अपनी मसल दिखा रहा है, इस उम्र में भी।

सरला हँसने लगी और मस्ती से बोली: मसल क्या अभी तो और बहुत कुछ दिखाएगा।

श्याम चौक कर उसे देखा और सोचने लगा कि इसे क्या हुआ है, एकदम से मस्ती के मूड में आ गई है। उसे भला क्या पता था कि यह औरत अपनी मस्ती में इसलिए है कि वह अभी तीन तीन लंडों का रस निकाल कर आइ है। और ख़ुद भी अपनी पैंटी गीली कर चुकी है।

तभी राजीव आया और श्याम से गले मिला और सरला के पास आकर उसकी कमर सहला कर बोला: क्या हाल है मेरी जान। बहुत ख़ुश दिख रही हो?

सरला चहक के बोली: बिलकुल बहुत ख़ुश हूँ आपसे मिलने जो आयी हूँ। इतने दिनों के बाद आपको देखकर अच्छा लग रहा है।

राजीव: आज तो तुम एकदम चक्कू ( चाक़ू) लग रही हो मेरी जान। पता नहीं किसको किसको कटोगी।

सरला: चक्कू तो आपके पास है मेरे जानू, मैं तो बस कटने आइ हूँ।

राजीव हँसते हुए : एक चक्कू साथ में भी तो लाई हो? उसने रास्ते में काटा तो नहीं?

सरला: वह चक्कू तो मेरे पास बैठा ही नहीं था, कैसे काटता ?

श्याम: चलो अभी घर चलो , वहाँ चक्कू और ख़रबूज़ा की बातें कर लेना।

तीनों हँसते हुए कार में बैठे और घर की तरफ़ चल पड़े। सरला की बुर बहुत गरम थी और वह घर पहुँचने का इंतज़ार कर रही थी। वह अकेली पीछे बैठ कर अपनी बुर को खुजा कर थोड़ी शांत हुई।

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RE: ससुर कमीना और बहू नगीना - by desiaks - 04-09-2017, 03:14 PM

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