ससुर कमीना और बहू नगीना
04-09-2017, 03:05 PM,
#26
RE: ससुर कमीना और बहू नगीना
शिवा को नींद नहीं आ रही थी, उसकी आँखों के सामने मालिनी का चेहरा और उसका कसा हुआ बदन आ रहा था । दरअसल में शिवा एक शरीफ़ लड़का था और उसने कभी भी किसी लड़की के साथ प्यार या सेक्स नहीं किया था। आज जब उसके पापा सगाई के बाद उसे मालिनी को घुमाने को बोले, तो वह थोड़ा नर्वस सा हो गया था। पर मालिनी के सरल स्वभाव ने उसे जल्दी ही सामान्य कर दिया। वह मालिनी को कार से एक पार्क में ले गया , जहाँ उनके जैसे ही और जोड़े भी थे।

पार्क में वो दोनों एक अलग सी बेंच पर बैठे और बातें करने लगे। मालिनी उसे अपने भाई अपनी माँ और अपने स्वर्गीय पापा के बारे में बताने लगी। फिर वह अपनी पढ़ाई और अपने दोस्तों के बारे में बताई ।

तभी शिवा ने उसको टोका: क्या तुम्हारा कोई बॉय फ़्रेंड भी था?

मालिनी: नहीं कभी नहीं, इस बारे में शुरू से ही पक्के इरादे की थी कि मैं उसी से प्यार करूँगी जिससे मेरी शादी होगी। आपकी कोई गर्ल फ़्रेंड है?

शिवा: मैं भी तुम्हारी तरह सोचता हूँ। अब तुम ही मेरी गर्ल फ़्रेंड होगी। इस पर दोनों हँसने लगे। वह बोला: मालिनी जब तुम हँसती हो तो बड़ी प्यारी लगती हो।

मालिनी: इसका मतलब वैसे प्यारी नहीं लगती?

शिवा: अरे नहीं, मेरा ये मतलब नहीं था। वो दोनों फिर से हँसने लगे। तभी अचानक थोड़ी हवा चलने लगी और मौसम ख़राब होने लगा। शाम का समय था और पार्क में काफ़ी रौशनी थी। हवा चलने से मालिनी का पल्लू उड़ा और नीचे को गिर गया। शिवा की आँखें उसके कसे हुए ब्लाउस पर गयीं और वह थोड़ा सा उत्तेजित महसूस करने लगा। अब मालिनी ने अपना पल्लू ठीक किया। तभी हल्की सी बारिश होने लगी। वो दोनों भाग कर थ्रीडी दूर पर एक पेड़ के नीचे आ गए। अब पार्क ख़ाली सा हो गया था। शिवा ने मालिनी का हाथ पकड़ा और कहा: देखो मौसम भी आशिक़ाना हो रहा है।

मालिनी: सर्दी लग गयी तो छींकते रहना। तभी शिवा ने उसको अपने पास खिंचा और बोला: लगने दो सर्दी, तुम इलाज कर देना। मालिनी भी उसकी छाती पर सिर रख कर बोली: अब तो सर्दी लग ही नहीं रही।

शिवा उसकी पीठ सहलाकर बोला: अब तुम्हारे बदन की गरमी जो महसूस हो रही है।

मालिनी हँसकर: धत्त ऐसा क्यों बोले?

इसी तरह वो दोनों छोटी छोटी मीठी सी बातें कर रहे थे तभी उनको कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी जो कुछ दूरी पर एक पेड़ के पास से आ रही थी। वो समझ गए की उस पेड़ के पीछे भी उनकी तरह एक जोड़ा है। जिस पेड़ के नीचे ये दोनों खड़े थे उसने एक बड़ी शाखा V के आकर की थी और और उसके पीछे से वो दूसरे पेड़ को देख पा रहे थे। ये कुछ अंधेरे में थे , इसलिए दूसरा जोड़ा इनको अब तक नहीं देख पा रहा था।

अब शिवा ने उस V के गैप से झाँका और सन्न रह गया। वहाँ एक क़रीब उसकी उम्र का ही एक नौजवान एक जवान लड़की का कुर्ता उठाकर उसकी ब्रा में से उसके गोल गोल संतरों को दबाकर चूस रहा था। लड़की भी उसके सिर को अपनी छाती पर दबाए जा रही थी।

मालिनी : क्या देख रहे हो?

शिवा ने उसे चुप रहने का इशारा किया और देखने को बोला: अब मालिनी भी देखी और बुरी तरह से चौक गयी। उसने शिवा को देखा जिसकी आँखें वहीं चिपकी हुई थीं। वो भी देखने लगी। अब वह लड़का नीचे बैठा और उसने उसकी सलवार खोल दी। अब वह पैंटी को नीचे किया और उसकी बुर में अपना मुँह घुसेड़ दिया। अब लड़की की हल्की सी सिसकारियाँ सुनाई पड़ने लगी।

इधर शिवा का लौड़ा भी तन गया था और उससे सटी मालिनी की जाँघ पर रगड़ रहा था। मालिनी की भी सांसें फूलने लगी थीं। अब मालिनी भी शिवा से और ज़ोर से चिपक गयी थी। शिवा के हाथ उसकी पीठ पर घूमते हुए नीचे जाकर उसकी नंगी कमर पर घुमने लगे थे। उधर वो लड़का उसके चूतरों को दबाकर उसकी बुर चाटे जा रहा था। अब वह उठा और उसने अपनी पैंट का ज़िपर खोला और अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया। शिवा ने देखा कि सामान्य साइज़ का ही था।

अब मालिनी ने अपना मुँह घुमा लिया और शिवा से बोली: चलिए यहाँ से अब । बहुत हो गया।

शिवा उसको अपने से लपेट कर बोला: फ़्री में ट्रेनिंग मिल रही है , ले लेते हैं ना। मैंने कभी ये सब किया नहीं है। और शायद तुमने भी नहीं किया होगा।

मालिनी: शायद का क्या मतलब? मैंने सच में ऐसा कुछ नहीं किया है।

शिवा : देखो वो क्या कर रही है? अब मालिनी ने मुँह घुमाया और देखा कि अब लड़की नीचे बैठी है और उसके लौड़े को प्यार से चूस रही है। फिर उस लड़के ने लड़की को उठाया और पेड़ के सहारे से उलटा होकर झुकने को बोला। फिर वह उसके पीछे से आकर उसकी बुर में अपना लौड़ा डाला और उसकी चूचियों को दबाकर उसे चोदने लगा। वह लड़की अब आऽऽऽह और हाऽऽय्यय करके अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी । शिवा और मालिनी की आँखें जैसे वहाँ उसके अंदर बाहर हो रहे लौड़े पर ही चिपक गयीं।अब शिवा का हाथ मालिनी के उभरे हुए चूतरों को दबा रहा था और मालिनी की बुर भी गीली हुए जा रही थी। अब शिवा ने उसका हाथ पकड़कर अपने पैंट के ऊपर से लौड़े पर रखा और मालिनी भी उत्तेजनावश उसका विरोध ना कर उसे दबाने लगी। शिवा का एक हाथ ब्लाउस में गया और वह उसकी चूचि को हल्के से दबाने लगा। अब मालिनी भी मस्ती में आकर हाऽऽऽय्य कहकर बोली: आऽऽहाह क्या कर रहे हैं? शादी के पहले ये सब ठीक नहीं है।

तभी वहाँ वह जोड़ा फ़च फ़च की आवाज़ के साथ ज़बरदस्त चुदाई किए जा रहा था। और फिर वो लड़की चिल्लाई : उईइइइइइइइइइइइइ मैं गयीइइइइइइइइइ।
उधर लड़का भी ह्म्म्म्म्म्म्म्म आऽऽऽऽऽह करके उसकी बुर में अपना माल गिराने लगा। फिर वह उसकी छोड़कर ज़मीन में बैठ गया और उसका नरम होता लौड़ा अभी भी गीला होकर लटका सा दिख रहा था।
लड़की भी अब अपना रुमाल लेकर अपनी बुर साफ़ की और फिर झुक कर बड़े प्यार से उसका नरम लौड़ा भी साफ़ की। फिर दोनों ने अपने कपड़े पहने और एक दूसरे के होंठों को चूमा और वहाँ से चलने लगे। लड़के ने पूछा: भाभी मज़ा आया?

लड़की: तुम्हारे भय्या जो मज़ा देते हैं उसका डबल मज़ा आया। और फिर दोनों हँसते हुए पानी में भीगते हुए चले गए।

अब शिवा ने उसके होंठ को चूमा और बोला: मालिनी अब तो हम शादी करने वाले हैं तुम क्यों इतना सोचती हो?

मालिनी: मैं शादी के पहले इस सबको ग़लत समझती हूँ।यह कहते हुए उसने अपना हाथ उसके लौड़े से हटा लिया। फिर वह बोली: ये दोनों भाभी और देवर थे? है ना?

शिवा: हाँ उनकी बातों से तो ऐसा ही लगा।

मालिनी: चलो अब चलते हैं। थोड़ा भीगेंगे और क्या होगा।

शिवा उसके क़मर को सहला कर: सच कहूँ मज़ा आ गया उनकी मस्ती देख कर । क्या मज़े से चु- मतलब सेक्स किया उन्होंने। क्या हम भी इतना ही मज़ा लेंगे?

मालिनी शर्माकर: आप बहुत बेशर्म हो । मुझे नहीं पता।

शिवा: अच्छा ये बताओ कि तुम भी उतनी ही गरम ही गयी हो जितना मैं हो गया हूँ?

मालिनी: ये सब देखकर तो दिमाग़ ख़राब होता ही है। अब चलिए पानी बंद हो गया है।

शिवा ने उसके गाल को चूमा और बोला: चलो चलते हैं। अब वो वापस आने लगे, शाम के आठ बज चुके थे और वो रास्ता भूल गए। थोड़ी दूर जाने के बाद शिवा बोला: लगता है रास्ता भूल गए हैं। पानी रुक गया है , चलो किसी से पूछते हैं कि बाहर जाने का रास्ता किधर है।

मालिनी: ये सुनिए उधर से कुछ आवाज़ आ रही है, वहाँ चलते हैं। उनसे पूछते हैं रास्ता।

उस तरफ़ जाते हुए उन्होंने देखा कि उस तरफ थोड़ा अँधेरा सा था। वहीं पहुँच करके उन्होंने देखा कि आवाज़ एक बेंच में बैठे हुए दो लोगों के पास से आ रही थी। अभी वो एक पेड़ के पास ही पहुँचे थे कि उनको आवाज़ अब साफ़ सुनाई पड़ी और शिवा ने मालिनी को रोका और उसे भी पेड़ के पीछे कर लिया ।अब वो दोनों उनकी बातें सुनने लगे।

आदमी: आह बहू आज कितने दिन बाद तू मेरा लौड़ा चूस रही है। मैं तो तरस ही गया था इस सुख के लिए। ये घर में साले इतने मेहमान आ गए हैं की हमारी चुदाई भी नहीं हो पा रही है।

अब शिवा ने मालिनी को दिखाया और कहा: देखो , ऐसा लगता है कि बहू अपने ससुर का लिंग चूस रही है।

मालिनी: छी , ऐसा भी होता है क्या? मुझे तो सोच कर भी गन्दा लगता है। ससुर तो पिता समान होते हैं।
तभी वो आदमी बोला: आह चलो अब उठो और चोदने दो।

अब वो लड़की मुँह ऊपर को और उन्होंने देखा कि मस्त गोरी सुंदर जवान लड़की थी। वह अपनी सलवार उतारी और कुर्ता ऊपर करके अपनी बुर अपने ससुर के आगे करके बोली: लीजिए बाबूजी इसे थोड़ा सा प्यार कर दीजिए। अब वह उसकी बुर में अपना मुँह घुसेड़ दिया और उसके चूमने की आवाज़ साफ़ आ रही थी। शिवा के लौड़े ने फिर से अंगड़ाई लेनी शुरू की और वह मालिनी के चूतरों से उसको सटा कर वहाँ रगड़ने लगा। मालिनी का ध्यान उधर था और वह देखी कि अब उस आदमी ने उस लड़की को घुमाया और उसके चूतरों को दबाकर चूमने लगा और फिर उसने उसकी चूतरों की दरार में भी मुँह घुसा दिया और गाँड़ को चाटने लगा।
मालिनी के मुँह से फिर निकला : छी कितना गन्दा आदमी है, कोई उस जगह को भी चाटता है भला?

शिवा: हाँ सच में बड़ा अजीब लग रहा है, पर उसे तो बहुत मज़ा आ रहा है। यह कहते हुए शिवा अपने लौड़े को उसकी गाँड़ पर रगड़ कर अब उसकी चूचि सहलाने लगा। तभी वह आदमी लड़की से बोला: आओ बेटी मेरी गोद में बैठो और चुदवाओ। वह लड़की उसके लौड़े पर अपनी बुर रखकर बैठने लगी और फिर वह उछल उछल कर चुदवाने लगी। वह कुर्ते को उठा कर उसकी चूचियाँ दबाए जा रहा था। फ़च फ़च की आवाज़ें आ रही थीं और लड़की की ऊहन ऊहन उइइइइइइइ की भी आवाज़ निकाल रही थी। फिर वो बोला: आऽऽऽह बेटी क्या बुर है तेरी, चल अब उठ मैं चोदता हूँ। वह खड़ी हुई और बेंच को पकड़कर झुकी और वह पीछे से उसकी बुर में लौड़ा डालकर उसकी ज़बरदस्त चुदाई करने लगा।
शिवा ने उत्तेजना ने आकर अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे मालिनी की गाँड़ में साड़ी के ऊपर से रगड़ने लगा। लौड़ा उसकी गाँड़ की दरार से होकर उसकी पतली सी पैंटी के अंदर उसकी बुर को छूने लगा था। मालिनी की बुर एकदम से पनिया गयी थी। उसकी साँसे भी तेज़ चलने लगी थी।

उधर वह लड़की अब बड़बड़ा रही थी: आऽऽऽऽह और ज़ोर से हाय्य इसी मज़े के लिए मरी जा रही थी हाय्य बाऊजी क्या चोद रहे हैं। और जोओओओओओओओर से आऽऽऽऽऽऽह फ़ाआऽऽऽड़ दोओओओओओओओओ मेरीइइइइइइइइ। अब वह अपनी गाँड़ पीछे करके अपनी ओर से भी धक्का दे रही थी। फिर वो दोनों सिसकियाँ भरते हुए झड़ने लगे। शिवा भी अपने लौड़े को रगड़ते हुए अपनी मूठ मारने लगा और झड़ने लगा। उसने मालिनी की साड़ी ख़राब नहीं होने दी। मालिनी आँखें फाड़कर उसके मोटे और लम्बे लौड़े को झटके मारते हुए सफ़ेद वीर्य छोड़ते हुए देखा। मालिनी का हाथ भी अपनी बुर पर चला गया और वह वहाँ खुजा बैठी।

उधर से आवाज़ आयी। लड़की: बाऊजी आज तो आपने बहुत मज़ा दिया ,सच में तरस गयी थी ऐसी चुदाई के लिए।

ससुर: मुझे भी बहुत मज़ा आया बेटी, बस ये मेहमान जाएँ तो हमारी रेग्युलर चुदाई फिर से चालू ही जाएगी। और हाँ मेरा दोस्त नज़ीर भी तुझे याद कर रहा था।

लड़की अपने कपड़े पहनती हुई बोली: बाऊजी नज़ीर अंकल तो उस दिन मेरी चूचि दबाए थे और पैंट के ऊपर से अपना लौड़ा भी पकड़ाए थे मुझे।

ससुर: अरे बेटी वो तुमको चोदने को मरा जा रहा है। मेहमानों के जाते ही हम दोनों मिलकर तेरी चुदाई करेंगे।

लड़की: बाऊजी मुझे भी इसी दिन का इंतज़ार है। फिर वो दोनों एक दूसरे से लिपटकर चूमे और जाने लगे।

मालिनी: चलिए ये बाहर जा रहें हैं, हम इनके पीछे पीछे बाहर निकल जाएँगे। वो दोनों बाहर आकर कार ने बैठे। मालिनी: आज जो देखा, मेरा तो सिर ही घूम गया। क्या ससुर और बहू भी इतनी नीच हरकत कर सकते हैं।

शिवा: हैरानी तो मुझे भी बहुत हुई और फिर वो कमीना अपने किसी दोस्त से भी उसे चु-- मतलब करवाने के लिए बोल रहा था।

मालिनी: सच बड़ा ही कमीना आदमी था और लड़की भी उतनी ही रँडी थी, है कि नहीं?

शिवा : हाँ सच में वो भी ऐसी ही थी। बेकार सी।

मालिनी हँसकर बोली:: पर आपका तो उसको देख कर रस ही छोड़ दिया था ।बहुत पसंद आयी थी ना आपको?

शिवा: अरे नहीं , पर बहुत गरम दृश्य था ना वो। तुम भी तो अपनी वहाँ खुजा रही थी।

मालिनी शर्माकर: धत्त गंदे कहीं के । कुछ भी बोलते हैं। और ये बताइए की आपने मेरे यहाँ क्यों हाथ रखा था! वो अपनी छाती की ओर इशारा करके बोली।

शिवा: सॉरी वो सब देखकर मैं बहुत उत्तेजित हो गया था। मुझे माफ़ कर दो।

मालिनी: धत्त सॉरी क्यों बोल रहे हो। आख़िर ये हैं तो तुम्हारे ही ना। तुम इन्हें छू लिए तो क्या हुआ।

शिवा: सच तुम बहुत प्यारी हो। इसका मतलब ये मेरे हैं, यही ना? और तुमने इनको इतना बड़ा मेरे लिए ही किया है, है ना? यह कहकर उसने हाथ बढ़ाया और उसकी छाती दबा दिया।

मालिनी उसके हाथ पर अपना हाथ मारकर बोली: धत्त अभी हटाओ अपना हाथ । मैं शादी के बाद की बात कर रही थी, बदमाश कहीं के। और एक बात आज मैंने आपका वो देखा, बाप रे कितना बड़ा है? उन दोनों आदमियों से भी बड़ा है जिनको आज हमने नंगा देखा है। मुझे तो डर लग रहा है।

शिवस अरे अभी सुहाग रात में बहुत समय है, अभी से क्यों डर रही हो।

फिर दोनों हँसने लगे और तभी होटेल आ गया और वो दोनों सबके पास वापस आ गए थे और बाद में मालिनी अपने परिवार के साथ वापस अपने शहर चली गयी थी।
इधर शिवा अब अपना लौड़ा दबाया और नींद में समा गया।

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply


Messages In This Thread
RE: ससुर कमीना और बहू नगीना - by desiaks - 04-09-2017, 03:05 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,546,905 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,594 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,251,910 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 946,439 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,680,775 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,103,139 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,989,397 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,182,425 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,078,907 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,343 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)