मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
08-01-2016, 10:30 PM,
#93
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
अपडेट 106


आज मैं बहुत ही खुश था ....मेरी अपनी ही बीवी की मदद से मुझे आज इस कुआँरी कली से खेलने का मौका मिल रहा था ....

अनु जैसी छोटी और बंद चूतों का मैं दीवाना था ....जिनकी चूत पर अभी बाल भी निकलना शुरू नहीं हुआ हो ....

ऐसी चूत के कच्चे रस का पानी मेरे लण्ड को और भी ज्यादा मोटा कर देता था ....

ये शौक मुझे बचपन से ही लग गया था ....जब अपने साथ खेलने वाली छोटी छोटी बच्चियों की फ़ुद्दी को मैं देखता और सहलाता था ...

कॉन्वेंट और कोएड में पढ़ने के कारण बहुत सारी लड़कियां मेरी दोस्त थी ...
और वो सभी ही अच्छे घरों से थीं ...खूब गोरी और चिकनी ...
वो सब भी इस सबका बहुत मजा लेती थी ...

अपने इसी गंदे शौक के कारण मेरी अपने ही घर में काफी बेजय्यति भी हुई थी ....
मुझसे छोटी ३ बहिने हैं मुझे उनकी फ़ुद्दी से भी खेलने का शौक हो गया ....
और मैंने एक एक कर तीनो को ही पटा लिया था ...फिर एक दिन डैडी ने हमको रंगे हाथों पकड़ लिया ...

हम चारों ही नंगे होकर खेल रहे थे ....
पर मैं सबसे बड़ा था ....और मेरे खड़े लण्ड के कारण पूरी सजा मुझे ही मिली...
और बाकी की पढ़ाई मुझे बाहर हॉस्टल में रहकर ही करनी पड़ी थी ....

फिलहाल मुझे अनु के साथ वही मजा आ रहा था ...

अनु की बुर ....उसकी टांगें उठने से पूरी खुलकर सामने आ गई थी ....

मुझे लग रहा था कि मुझे अपना लण्ड उसकी बुर में प्रवेश कराने के लिए बहुत ही मेहनत करनी होगी ...

क्युकि उसकी बुर की दोनों पुत्ति आपस में बुरी तरह से चिपकी थी ...
उसकी बुर का छेद ..जिसमें लण्ड को प्रवेश होना था ...लाल भभूका हो रहा था ....इसीलिए दिख भी रहा था ...वरना उसका पता भी नहीं चलता ....

पर आश्चर्य जनक रूप से मेरे लण्ड वहां रखते ही ..जैसे ही मैंने हल्का का दबाब डाला ...मेरे लण्ड का अगला भाग ...जिसे सुपाड़ा कहते हैं ....भाअक्क्क्क्क की आवाज के साथ अंदर घुस गया ....

अनु : अह्ह्ह्हाआआआआआआ

बस एक जोर से सिसकारी ही ली अनु ने ...उसको शायद कोई ज्यादा दर्द नहीं हुआ था ....

ये इसीलिए हुआ होगा कि ...या तो अनु बहुत ही ज्यादा गरम हो गई थी ...
या फिर उसकी बुर में बहुत चिकनाई थी ...
जो उसने इतना मोटा सुपाड़ा ...आसानी से ले लिया था ...

पर हाँ ..........

उसने अपने चूतड़ को पीछे करना चाह......पर मैं उसके छोटे मगर कोमल से दोनों चूतड़ों के गोलाई को कसकर पकडे रहा ...

मैंने उसको हिलने तक का भी मौका नहीं दिया ...

मेरे लण्ड का सुपाड़ा उसकी बुर में फंस गया था ....

उसको तकलीफ तो हो रही थी ...मगर ज्यादा नहीं ...ये मुझे पता लग गया था ...
इससे पहले भी मैंने कुआंरी बुर में लण्ड को डाला था ...इसलिए मुझे पूरा अनुभव था ....

मैं कुछ देर तक ऐसे ही लण्ड को उसकी बुर में फंसाये रहा ...

मैंने देखा वो अब खुद ही अपने चूतड़ों को उठाकर .. लण्ड को अंदर करने की कोशिश कर रही है ...

उसकी इस प्यारी सी हरकत पर मेरा दिल खुश हो गया ...

मैंने उसके चूतड़ों को कसकर पकड़....अपनी कमर को एक धक्का दिया ....

अनु : आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआआ

इस बार जरा जोर से सिसकारी ....क्युकि धक्का थोड़ा जोर से लग गया था ....

मेरा आधे से ज्यादा लण्ड उसकी कोमल सी बुर को चीरता हुआ अंदर चला गया था ....

और कमाल तो तब हो गया ....जब मेरा पूरा लण्ड अनु की बुर में बिना किसी रुकाबट के चला गया ...

अगले २ ही प्रयास में मैंने अपना पूरा लण्ड उसकी बुर में डाल दिया ....

अनु ने कोई ज्यादा विरोध नहीं किया ...उसने बहुत प्यार से मेरा पूरा लण्ड ग्रहण कर लिया ....

मैंने बहुत ध्यान से उसकी बुर में फंसे हुए अपने लण्ड को देखा ....
लण्ड बुरी तरह से जकड़ा हुआ था ...
उसकी बुर लाल सुर्ख हो रही थी ....मगर खून नकलने का कोई निसान नहीं था ...

मतलब उसकी बुर की झिल्ली पहले से ही फटी हुई थी ...अब ये पता नहीं की खेलकूद में फटी थी या किसी दूसरे के लण्ड ने कमाल दिखाया था ....

.....................

मुझे थोड़ा सा अफ़सोस तो हुआ ...मगर फिर भी बुर बहुत टाइट थी ...मेरा लण्ड टस से मस नहीं हो रहा था ...
मैं उसी का मजा लेने लगा ....

मैंने धीरे धीरे .....लण्ड को बाहर निकाला और फिर से अंदर कर दिया ...

मैं बहुत जरा सा ही लण्ड बाहर निकाल रहा था ....

अधिक से अधिक १ या २ इंच ....बस इसी तरह उसको चोदने लगा ...

कुछ ही देर में लण्ड ने वहां जगह बना ली ...और मेरा लण्ड आराम से अंदर बाहर होने लगा ....

अब कमरे में फच फच आवाज भी आ रही थी ....

अनु की बुर ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था ....

लण्ड इतना... फंसा फंसा... अंदर ...आ ... और जा रहा था कि ..मुझे जन्नत का मजा आ रहा था ....

अब मैंने अपनी स्पीड बहुत धीमी कर दी ...

मैं उसको बहुत देर तक आराम से चोदना चाहता था ...

मैंने उसके लांचे को ठीक से ऊपर को किया ...और आराम से लण्ड पेलने लगा ...

अनु मजे से सिसकारी ले रही थी ...

मैं : अह्हा ...हाँ तो अब ...अनु सच बता .... क्या किया तिवारी अंकल ने तेरी दीदी के साथ ...

अनु ने मस्त आँखों से मेरी ओर देखा ...अब वो भी इस चुदाई की अभ्यस्त हो गई थी ....

उसने सिसकारते हुए ही जवाब दिया ...

अनु : अह्हा अह्ह्ह हाँ ....अंकल ने दीदी के साथ यही सब किया था ....तभी से मेरा दिल भी कर रहा था ...
अह्हा अह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआ

मैं : क्या उन्होंने तेरे सामने ही जूली को चोदा ...

अब मैं उसको जल्द से जल्द पूरी तरह खोलना चाह रहा था .........
इसीलिए अभी शब्द खुलकर बोलने लगा ...

अनु ने मुस्कुराकर मुझे देखा ....

अनु : हाँ ..मैं उनके सामने तो नहीं पर यहीं किचन में तो थी ही ...
अह्ह्ह अह्ह्ह्ह्हाआआ
उनको पता तो था ही ....
अह्हा अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ....

...................


और वो सब कुछ दरवाजा खोलकर ही कर रहे थे ...

मैंने एक कसकर धक्का लगाया ....

आह्ह्ह्हाआआआआआआआ ...वो भी तेजी से सिसकारी ...

मैं : अरे क्या कर रहे थे ...देख अगर तुझे हमेशा मुझसे मजे लेने हैं और ...मेरा प्यार चाहिए तो तुझे सब कुछ खुलकर बताना होगा ....
देख मुझे जूली के कुछ भी करने पर कोई ऐतराज नहीं है ...
बस मैं जानना चाहता हूँ की वो सब कुछ कैसे करती है ...
और तू इतनी छोटी भी नहीं है जो सब कुछ ना समझती हो ...
इसलिए सब कुछ खुलकर बता ...

मैंने बदस्तूर अपने धक्के एक ही स्पीड में चालू रखे ...


अनु भी अब मजे लेती हुई बहुत ही मजेदार तरीके से बताने लगी ..

उसके मुहं से आहों के साथ जूली की चुदाई की कहानी सुनने में बहुत मजा आ रहा था ...

अनु : अह्हा वो क्या है भैया ....अंकल ने दीदी को कपडे पहनाने के लिए उनके सभी कपडे उतार दिए ...वैसे भी उन्होंने केवल एक नाईटी ही पहनी थी ...
वो अंकल के सामने ऐसे ही नंगी घूम रही थी ...अंकल उनको बार बार छू रहे थे ....

मैं : और अंकल क्या पहने थे ...?? आह्ह्हा

अनु : अह्हा अह्हा उन्होंने केवल टॉवल ही बाँधा हुआ था ...क्युकि मुझे नहलाने के बाद उन्होंने कछ नहीं पहना था ...

मैं : मतलब तूने अंकल का लण्ड देख लिया था ...

अनु : अह्हा अह्ह्ह्हाआ हाँ वो तो बाथरूम में ही देख लिया था ....जब मुझे नहलाने के लिए उन्होंने अपना पायजामा खोल दिया था ...

मैं : तो उन्होंने तेरे साथ भी कुछ किया था ....

अनु : नहीं ..बस छुआ ही था ....

मैं : क्या तूने भी उनका लण्ड छुआ था ..???

अनु : अह्ह्हाआआ वैसे नहीं ....बस जब वो उसको मेरे से चिपकाते थे ...तभी उसको अपने से दूर करती थी ...

मैं : अच्छा छोड़ ये सब ..फिर बता क्या हुआ ...??

......................

अनु : अंकल दीदी को पकड़ बार बार अपना बम्बू उनके चूतड़ों में घुसा रहे थे ....
दीदी उनको मना तो कर रही थी ...मगर वो मान ही नहीं रहे थे ...
फिर दीदी ने मुझे किचन में काम करने भेज दिया ...
कुछ देर बाद जब मैं आई तो दीदी को यहाँ बेड के बराबर में खड़ा कर वो उनको चोद रहे थे ...

मैं : ओह तो तूने क्या देखा ..??? क्या उनका लण्ड जूली की चूत में था या वो पीछे से चूतड़ों में घुसाये हुए थे ...

अनु : अह्हा अह्ह्ह्हाआ मैंने पूरा देखा ...उनका बम्बू दीदी के आगे ही घुसा हुआ था ....
और दीदी पूरा मजा ले रही थी ...
अह्हा अह्ह्हाआआआ अहह अह्ह्हाआआआ
वो ये भी कह रही थी ...की जल्दी करो ..अंकल ये आते होंगे ....वो उनको बिलकुल मना नहीं कर रही थी ..
फिर उनका पानी भी निकला ..जैसे आपने उस रात मेरे ऊपर गिराया था ....
आह्ह अह्ह्हाआआआ अह्हा अह्हा

मैं : ओह्ह्ह तो तूने उनको डिस्चार्ज होते हुए भी देखा ...अह्हा मतलब वो तेरे से डर रहे थे ...इसीलिए तुझे वहां से हटाकर उन्होंने चुदाई की ....अह्हा

अनु : अरे नहीं भैया ...वो तो वैसे ही दीदी ने कहा होगा ...फिर दोनों नंगे ही किचन में पानी पीने आये ...
अंकल बार बार मेरे को भी छू रहे थे ...इसीलिए मैंने कच्छी पहन ली ....
अह्हा अहहः अह्हा

उसकी बातें सुनकर मुझे इतन मजा आया कि मैं तेजी से धक्के लगाने लगा ..
और कुह देर में ही मेरा निकलने वाला था ....

मैंने तेजी से लण्ड उसकी बुर से बाहर निकाल लिया ...

और उसके मुहं कि ओर ले गया ...

आश्चर्य जनक रूप से उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और मुठ मरने लगी ..जैसे ही उसमे से पानी निकला उसने अपना मुहं वहां रख दिया ...
उसने एक सेक्स की देवी जैसे ही मुझे मजा दिया ..
मेरे लण्ड को चाट चाट कर पूरा साफ कर दिया ...

मैं : अनु तूने पहले भी सेक्स किया है न ....

अनु : क्या भैया ????

मैं : हा हा ..अरे अब भैया तो मत बोल ना ....तूने मेरे साथ चुदाई कर ली ..फिर भी ....

अनु : तो क्या हुआ ....इससे क्या होता है ....

मैं : अच्छा ये बता पहले इसमें कोई ऐसे ही अपना लण्ड घुसाया है ...
मैंने उसकी बुर को कुरेदते हुए पूछा ...

अनु : हाँ मेरे पापा ही ...रोज रात को ...कुछ कुछ करते हैं ....

मुझे पहले से ही पता था ...साला बहुत ही हरामी था ..शराब पीकर जरूर इसको पेलता होगा ...मैं तो केवल छेड़खानी ही समझ रहा था ...मगर अब पता चला कि सुसरा सब कुछ ही करता है ....

मैं अभी अनु से उसके बारे में और कुछ भी पूछना चाह रहा था ...
कि तभी रंजू भाभी की कॉल आ गई ....

मैंने तुरंत रिसीव की ...क्युकि इस समय रंजू भाभी की हर कॉल बहुत मजेदार हो रही थी ...

पता नहीं इस समय वो मुझे क्या सुनाने वाली थी ...

?????????????????

........
.......................

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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - by desiaks - 08-01-2016, 10:30 PM

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