मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
08-01-2016, 10:18 PM,
#80
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
एक अनोखे रोमांच से मैं गुजर रहा था ...

और ये भी पक्का था कि रंजू भाभी को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ...

उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा कि इस तरह बिना कपड़ों के ..बिलकुल नंगी होकर वो फ्लैट के बाहर गैलरी में घूमेगी ...

जब नंगे बदन पर बाहर कि हवा लगती है तो ऐसा महसूस होता है ..जैसे कोई अजनवी पुरुष नंगे बदन को सहला रहा हो ...

रंजू भाभी उसी का आनंद ले रही थीं ...

जब वो अपने फ्लैट तक अपने मस्ताने नंगे बदन को लहराती हुई लेकर पहुंचीं ..
तभी उनको याद आया कि उनके फ्लैट कि चावी तो मेरे यहाँ ही रह गई है ...

मैं उनको एक प्लानिंग के तहत ही वहीँ छोड़ ..चावी खुद लेने अपने फ्लैट तक आता हूँ ...

चावी तो मुझे तुरंत ही मिल जाती है ...
मगर फिर भी मैं कुछ समय लगाता हूँ कि कोई न कोई ...भूला भटका ही सही ...वहां आ जाये और रंजू भाभी का मस्ताना बदन देख उसको मजा आ जाये ....

पता नहीं मेरी ये इच्छा पूरी होती या नहीं ...

पर आज किस्मत कुछ ज्यादा ही साथ थी ...

मुझे बाहर आहट सी हुई ...

मैं चावी लेकर बाहर को देखने का प्रयास करता हूँ ...

तो मुझे सीढी से किसी के उतरने का अहसास सा होता है ...
मतलब कोई नीचे से तो नहीं पर हाँ ऊपर से जरूर कोई आ रहा था ...

फॉर मैंने सोचा कि वैसे भी नीचे से तो वाही वहां आता जिसे हमारे फ्लोर पर ही रुकना होता ...
क्युकि १६ फ्लोर पर कोई भी लिफ्ट से ही आता था ...अब इससे ऊपर भी कोई आया होगा तो लिफ्ट से ही गया होगा ...

हाँ ऊपर से जरूर कोई सीढी से आ सकता था ..जो उस समय आ रहा था ...
अब ये देखना था कि उसको देखकर रंजू भाभी या उस पर क्या फर्क पड़ता है ...

..........

तभी मैंने देखा कि वो टॉप फ्लोर पर रहने वाले ..एक बुजुर्ग थे ...वो ८० साल से भी ज्यादा उम्र के थे ...
मगर बहुत ज्यादा हेल्थ कॉन्शियस थे ..
मैंने ज्यादातर उनको सीढी से ही आते जाते देखा था ..

आज भी वो अपनी फोल्डिंग छड़ी लेकर ..बहुत ही धीमी गति से ..एक एक सीढी उतर कर नीचे आ रहे थे ...

उनके आँखों का ऑपरेशन भी हो चुका था ....
उनकी आँखों पर हमेशा एक मोटा काला चश्मा चढ़ा रहता था ...

जहाँ तक मुझे याद है उनको बहुत ही कम दिखाई देता था ....

मतलब ये अहसास तो रहेगा कि कोई दूसरा वहां खड़ा है ....मगर उसको कितना दिख रहा है ...इसका पता नहीं चलेगा ...

मैंने अब थोड़ा आगे आकर रंजू भाभी को देखा तो वो भी सांस रोके एक साइड को होकर खड़ी थी ...

उनको भी लग रहा था कि वो अंकल बिना कुछ देखे चुपचाप निकल जायेंगे ...

और शायद होता भी ऐसा ही ...अगर कोई भी आवाज उनको नहीं आती तो वो कुछ भी देखने कि कोशिश नहीं करते ...

उनको शायद किसी एक ही आँख से जरा सा ही दिखता होगा ...
जिससे वो जांच परख कर एक एक कदम आगे बढ़ाते हैं ....

मगर या तो उनको किसी का अहसास हुआ ..या फिर उन्होंने कोई आवाज सुनी ..कि आखिर कि एक सीढी पहले ही उन्होंने एक ओर को देखा ...
फिर वो लड़खड़ाए और..... आअह.... की आवाज के साथ गिर पड़े ....

आदत अनुसार मैं एक दम आगे को बड़ा ..पर तुरंत ही मैंने अपने कदम पीछे खींच लिए ...
कारण रंजू भाभी भी उनको पकड़ने ..आगे को बढ़ी...

उनको आगे बढ़ते देख ..मैं पीछे को हो गया था ...

स्वाभिक्ता पूर्ण वो ये भूल गई कि उन्होंने कुछ नहीं पहना है ...
वो पूरी नंगी ही उनके पास पहुँच गई ...

...........

उन्होंने बिना कुछ सोचे अंकल को लपक कर उठा लिया ..

मैं रंजू भाभी की वाहों में अंकल को देख रोमांच से भर गया ...

पूरी नंगी भाभी ने झुककर अंकल को पकड़ लिया ...
पर अंकल ने भी तुरंत उनको पकड़ा ...

मैं गौर से उनकी हर हरकत को देख रहा था ...

अंकल का हाथ भाभी की कमर पकड़ने के लिए आगे बड़ा ...
और काँपता हुआ हाथ उनके नंगे चूतड़ों पर चला गया ..

भाभी ने उनको दोनों हाथों से संभाला हुआ था ..वो कुछ कर भी नहीं सकती थी ..

अंकल ने दोनों हाथ से भाभी के पैर को जांघ के पास पकड़ लिया ...

भाभी भी काँप रही थी ...
मगर उन्होंने अंकल को नहीं छोड़ा ...

अंकल तो कुछ थोड़ा बहुत बोल भी रहे थे ..
जो मुझे समझ नहीं आ रहा था ..

मगर भाभी कुछ नहीं बोल रही थी ...
शायद उनको अपनी आवाज पहचाने जाने का डर था ...

मगर तभी अंकल ऊपर को उठते हुए ही .... उनकी जांघ से हाथ सरकाते हुए उनकी कमर तक ले गए ...
और पूरी तरह ऊपर उठकर खड़े हो गए ...

अब उन्होंने भाभी के कंधे पकडे हुए थे ..
उनको कोहनी भाभी के नंगी चूची से छू रही थी ...

तभी मैंने अंकल की आवाज सुनी ...

अंकल: अरे रंजू तू यहाँ नंगी क्या कर रही है .???
ये तिवारी कहाँ है ...??

मैं चौंक गया कि ..अरे इनको तो सब दिखता है ...और इन्होने भाभी को पहचान भी लिया ..अब क्या होगा ???

.............

रंजू भाभी: कहाँ अंकल ...व्वव्वूो ...

अंकल: क्या वव लगा रखी है ...
कुछ पहना क्यों नहीं तूने ...ये नंगी क्यों है ...

और बोलते हुए बुड्ढे ने अपने एक हाथ से भाभी को कंधे से पकडे हुए ही ...
दूसरे हाथ से उनकी चूची को सहलाते हुए चिकने पेट तक लाये फिर उसको उनकी फूली हुई चूत के ऊपर रख दिया ...
बिना कच्छी या कुछ पहने क्या कर रही है तू यहाँ ...

रंजू भाभी: अरे दादा जी ...वो आप ...क्या आपको दिखने लगा ...??

अंकल: तो क्या तूने मुझे अँधा लगया था ...??
सब कुछ दिखता है ..
वो तो शरीर थोड़ा सा साथ नहीं देता बस .... 

अंकल ने अपना हाथ अभी भी भाभी कि चूत पर रखा था ...
और भाभी भी कुछ नहीं कह रही थी ..

तभी भाभी ने उनको सही करते हुए ..
सीधा खड़ा किया और उनकी छड़ी पकड़ाते हुए ..

रंजू भाभी: अरे अंकल वो मैं जूली के यहाँ थी ...काम ख़त्म करके नहाने जा रही थी ...
तभी आपकी आवाज सुनी ...और बिना कुछ सोचे आपको उठाने आ गई ...
जल्दी में कुछ भी नहीं पहन पाई ...

अंकल भाभी के कंधे और चूतड़ों पर हाथ रखे आगे बढ़ने लगे ...

अंकल: हा हा हा इसका मतलब आज पहले बार मेरा गिड़ने से फायदा हुआ ...

रंजू भाभी: कैसा फ़ायदा अंकल ...

अंकल: चल छोड़ ...मुझे अपने यहाँ ले चल ..लगता है घुटने में चोट आई है ...

अब भाभी के पास कोई चाडा नहीं था ...
वो उनको पकडे मेरे फ्लैट की ओर ही आने लगी ...
क्यों कि उनका फ्लैट तो बंद था ...

अब मैं अगर खुद को उनकी नजर में आने देता तो मामला बिगड़ जाता ..
बुड्ढा एक दम समझ जाता कि मेरे और भाभी के बीच जरूर कोई चुद्दम चुदाई हुई है ...

मैंने दोनों को आते देख तुरंत चावी को वहीँ रखा और अपने फ्लैट से बाहर आ किचन वाली खिड़की की ओर चला गया ...
वहां से एक दम से किसी की नजर मुझ पर आसानी से नहीं पड़ सकती थी ...

जब दोनों मेरे फ्लैट के अंदर चले गए ...

मैंने देखा अंकल का हाथ पूरा फैला हुआ भाभी के चूतड़ों पर था ..

मतलब ये बुड्ढा भी साला पूरा चालू था ...

तभी भाभी ने पीछे मुड़कर देखा ....

मैंने हसते हुए खुद तो ऑफिस जाने का इशारा किया ...
और अपने एक हाथ से गोल बनाकर ..दूसरी हाथ की ऊँगली उसमें डालते हुए चुदाई का इशारा किया ...
कि मजे करो ...

उन्होने मुझे गुस्से से देखा ...
पर मैं दोनों को वहीँ छोड़कर अपने ऑफिस के लिए निकल गया ...

ऑफिस जाते हुए मैं ये भी सोच रहा था कि ३ घंटे हो गए ये तिवारी अंकल जूली को छोड़कर अभी तक आये क्यों नहीं ...??
क्या वो वहीँ रुके होंगे ???
या उसको कहीं ओर ले गए होंगे ...

..........
............................ 

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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - by desiaks - 08-01-2016, 10:18 PM

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