मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
08-01-2016, 10:14 PM,
#74
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
सोचा था पूरी रात खूब मस्ती करेंगे ..
आज वो सब कुछ करेंगे जो केवल कल्पना ही किया करते थे ....

मगर अब मुझे अपने निर्णय पर बहुत ज्यादा पछतावा हो रहा था ...
मैं सपने में भी नहीं चाहता था कि जूली ..मेरी प्यारी जान को जरा भी कष्ट हो ....

उसकी मर्जी के बिना कोई उसे छू भी सके ...

मगर इस समय वो मेरे लिए कुर्वानी देने को तैयार थी ..
उसने अपना संगमरमरी बदन एक पुलिस वाले के हाथों से नुचवाने का सोच लिया ...

अगर वो अपनी मर्जी से कर रही होती तो मुझे कोई ऐतराज नहीं होता ..

मगर यहाँ तो सब कुछ अलग था ...

जिसे मैं कभी पसंद नहीं कर सकता था ....

मेरी जूली बिना वस्त्रों के नंगी पुलिस वालों कि जीप के अंदर थी ..
और वो इंस्पेक्टर भी उसके साथ था ...

ना जाने कमीना कैसे कैसे उसको परेसान कर रहा होगा ...

मैंने हवलदार को देखा... 
उसका ध्यान मेरी ओर नहीं था ..
वो साला लगातार जीप की ओर ही देख रहा था ...
जैसे उसको अपनी बारी का इन्तजार हो ..

मैं चुपचाप पीछे से निकल अपनी कार तक आया ..

और फ़ोन निकाल सोचने लगा किसको फ़ोन करूँ ..

१०० नंबर पर तो करना बेकार था ..
वो इसी को कॉल करते ...

तभी मुझे एक ओर से गाड़ी की लाइट नजर आई ...

जैसे ही गाड़ी निकट आई ..

मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा ..

ये अमित की गाड़ी थी ...
मुझे इसका ध्यान पहले क्यों नहीं आया ...

अमित के तो कई दोस्त पुलिस में हाइ रेंक में हैं ...

मेरे रोकने से पहले ही उसने गाड़ी रोक दी ...

शायद उसने भी मुझे देख लिया था ...

मैं जल्दी से उसके पास गया ....

अमित: अरे रोबिन तू ..इस समय ...यहाँ ???

मैं: ये सब छोड़ ..तू जल्दी नीचे आ ..
ये साले पुलिस वाले ...
उस जीप में जूली को ...

मेरे इतना कहते ही अमित सब कुछ समझ गया ...

वो बड़ी फुर्ती से नीचे उतरा ...

अमित: कौन है साला कुत्ता????
वो कुछ ज्यादा ही गुस्से में आ गया था ...

मैंने घड़ी देखी इस सबमे करीब १५ मिनट हो गया थे ..

जूली पिछले १५ मिनट से उस इंस्पेक्टर के साथ थी ..

ना जाने कमीने ने कितना परेसान किया होगा उसको ..

हम दोनों तेजी से जीप की ओर बड़े ...

हवलदार भी शायद मुझे ना पाकर जीप के पास चला गया था ...

उसको मेरे से ज्यादा दिलचस्पी जूली को देखने की थी ..

हम जैसे ही वहां पहुंचे ...

हवलदार ने हमको देख लिया ...

हवलदार: ऐ कहाँ जा रहे हो ...
रुको यहीं ...(वो बहुत कड़क आवाज में चिल्लाया..

मैं तो रुक गया ...

पर अमित सीधे जीप तक पहुंच गया ...

अमित: कौन है वे ...बाहर निकल ...

तभी इंस्पेक्टर गुस्से से बाहर निकला ...

अरे बाप रे ...

उसके काले और मोटे से शरीर पर केवल एक बनियान था ..
आस्तीन वाले बनियान में उसका थुलथुला शरीर बहुत ही भद्दा लग रहा था ...

मैंने नीचे देखा ..

उसका काल सा लण्ड दिखा जो ऊपर को खड़ा था ...

पता नहीं साला क्या कर रहा था ??...

इंस्पेक्टर: कौन हो वे तुम ???
निकलो यहाँ से ...
नहीं तो यहीं एनकाउंटर कर दूंगा ...

इंस्पेक्टर बहुत गुस्से में था ...

अमित बिना कुछ बोले किसी को फ़ोन कर रहा था ...

अमित: ले साले अपने बाप से बात कर ...
तेरी तो मैं ऐसी कम तैसी करता हूँ ...

इंस्पेक्टर: कौन है फ़ोन पर ???
मैं तो अपनी ड्यूटी कर रहा हूँ ...

इंस्पेक्टर की आवाज एक दम से नरम हो गई थी ...शायद उसको लग गया था कि जरूर किसी बड़े अफसर का फ़ोन होगा ...

उसने फ़ोन लेकर बात करनी शुरू कर दी ...

मुझे नहीं पता कि क्या बात कर रहा था ...

मैं चुपचाप जीप की ओर चला गया ...

हवलदार भी अब शायद डर गया था ...

उसने मुझे नहीं रोका ...

मैंने जीप के अंदर झांक कर देखा ...

पिछली सीट पर जूली पूरी नंगी लेटी थी ....

मैंने तुरंत उसको अपनी बाँहों में लिया ..

ओ माय गॉड ....

वो रो रही थी ...

मैंने किसी तरह उसको जीप से बाहर निकाला ... 

मेरे बराबर में अमित भी था ...

वो भी मेरे पीछे आ गया था ...

अमित: ओह ये क्या किया इसने साले हरामी ने ...
अभी इसकी खबर लेता हूँ ...

अमित ने अपना कोट निकाल जूली को दे दिया ...

जूली बहुत डर गई थी ...
लगता है उसने बहुत कुछ झेला है ...
जिसकी आदत शायद उसको बिलकुल नहीं थी ...

उसने कोट लेकर पहन लिया ..
और उसको कस कर आगे से पकड़ लिया ...

उधर इंस्पेक्टर ने भी अपनी पेंट पहन ली थी ...

दोनों बहुत डरे हुए थे .....

अमित ने बताया की उसने एस पी से बात कराई थी ..

इसीलिए दोनों बहुत डरे हुए थे ....

दोनों एक स्वर में: सर जी हमको माफ़ कर दो ...
ववव वो ....अब नहीं होगा ....

कमाल है ...
मैंने पहले बार पुलिस वालों को ऐसे रिरियाते देखा था ..

कमाल कर दिया था अमित ने ...

अमित: नहीं कमीनो ..तुमने मेरी भाभी के साथ ये नीच कर्म किया है ...
तुमको तो सजा मिलेगी ही मिलेगी ...

फिर मेरे से कहा ...

रोबिन सुन तू इनके ही पुलिस स्टेशन में जा ..
और इनके खिलाफ चार्जसीट दाखिल करके आ ...

मैं: प्प्प्पर इस समय ....और जूली ...

अमित: अरे तू भाभी की चिंता ना कर ..
मैं इनको घर छोड़ता हूँ ..
फिर वहीँ तेरे पास आ जाऊँगा ...
पर इन सालो को मत छोड़ना....

मुझे भी बहुत गुस्सा तो आ रहा था ...
पर जूली को इस समय ऐसी हालत में नहीं छोड़ना छह रहा था ...

पर जब अमित ने बोल दिया ...
तो फिर मुझे कोई डर नहीं था ...

अमित: सारे केस लगाना इन सालो पर ...
रेप, छेड़खानी, बिना वजह परेसान करना, मारपीट और ....

इंस्पेक्टर: नहीं सर ऐसा कुछ नहीं किया हमने ...
वो सब गलतफहमी हो गई थी ...
हमको नहीं पता था की ये वाकई इनकी पत्नी है ..
तो ....

अमित: तो साले बलात्कार कर देगा ...
पत्नी नहीं है तो तेरी जागीर हो गई ...

अमित बहुत गुस्से में था ...
वो तो इंस्पेक्टर पर हाथ भी उठा देता ..
मगर जूली ने पकड़ लिया ...

जूली: अब छोड़ो न अमित ...
मुझे बहुत डर लग रहा है ...
अब चलो यहाँ से ...
और हाँ रोबिन तुम भी घर ही चलो ..
मुझे नहीं करना कोई केस ...

पर अब मैं कैसे छोड़ सकता था ...

मैंने भी कमर कस ली ....

मैं: नहीं जान इसने तुम्हारे साथ गलत हरकत की है ..
मैं अब इसको नहीं छोड़ूंगा ...

अमित जूली को पकड़ अपनी गाड़ी की ओर ले गया ..

मैंने भी उसको ठीक से पकड़ गाड़ी में बैठा दिया ...

अमित: देख रोबिन तू वहां पहुंच ...
मैं भाभी को घर छोड़ फिर वहीँ आता हूँ ...
छोड़ूंगा नहीं इनको ...

फिर उसने जूली से पूछा ..
भाभी इसने क्या क्या किया ...

जूली ने अपना सर झुका लिया ...

उसकी आँखों में फिर से आंसू आ गए थे ...

अमित: चलो रहने दो भाभी ...
मैं समझ गया इसने सब कुछ कर लिया था ना ...
अब तो मैं इनको बिलकुल नहीं छोड़ने वाला ...

चल तू पहुंच ..मैं आता हूँ ...

और उसने अपनी गाड़ी आगे बड़ा दी ...

अब इंस्पेक्टर और हवलदार वहीँ मेरे से माफ़ी मांगने लगे ...

पर मैं कैसे उनकी बार मानता ...

काफी देर बाद हम उनके पुलिस स्टेशन पहुंचे ...

वहां भी वो दोनों मेरी खातिरदारी और माफ़ी में ही लगे रहे ...

जब वो लिखने को राजी ही नहीं हो रहे थे ...

तब मैंने अमित को फ़ोन किया ...

अमित: हाँ बोल रोबिन ...
मैंने ध्यान दिया वहां से खिलखिलाने की आवाजें आ रही हैं ...

मैं: यार ये तो लिख ही नहीं रहे ...
तू क्यों नहीं आ रहा ...???

अमित: अरे यार छोड़ उनको ...
ये जूली भाभी मुझे आने ही नहीं दे रही ..
मना कर रही है ...
और सुन वो इंस्पेक्टर कुछ नहीं कर पाया था ...
जूली भाभी ने मुझे सब कुछ बता दिया है ...
मुझे लगता है उसकी भी ज्यादा गलती नहीं है ...
ऐसा कर तू आजा यहाँ ...

मैंने घडी देखी सुबह के ४ बजने वाले थे ...

हुआ कुछ नहीं और मैं डेढ़ घंटे से परेसान हो रहा था ...

मैंने उन दोनों को वहीँ छोड़ा और थके कदमो से अपनी गाड़ी की ओर बड़ा ...

मैने सोचा जूली पहले भी वो सब बता सकती थी ..
फ़ालतू मैं मेरे २ घण्टे खराब हो गए ..

अब गाड़ी चलाते हुए फिर से मेरा दिमाग घूमने लगा ..

अव्े साले पिछले २ घंटे से अमित तो जूली के साथ ही है ...
और आज तो उसने उसको पूरा नंगा भी देख लिया है ..

ना जाने वो क्या कर रहे होंगे ...???

और अमित कह भी रहा था ...
कि वो उसकी सेवा कर रही है ...

मेरा पैर एक्सीलेटर पर अपने आप दव गया ...

घर जाने की जल्दी जो थी ...

देखू जूली कैसी सेवा कर रही है ...

????????????

........
..............................


सुबह की हलकी रोशनी चारों और फैलनी शुरू हो गई थी ....

मुझे भी कुछ थकान सी महसूस होने लगी थी ...

सब कुछ बहुत अच्छा हुआ था ...
मगर बस मुझे ये पुलिस वाला किस्सा बिलकुल पसंद नहीं आया था ...

गाड़ी चलाते हुए मैं किसी तरह अपने कॉलोनी तक पहुंचा ...

थैंक्स गॉड अब कुछ नया नहीं हुआ था ...
वहां भी कोई नहीं था ...

मैंने पार्किंग में गाड़ी खड़ी की...
बाहर की ओर अमित की गाड़ी भी खड़ी थी ..

इसका मतलब अभी तक जनाव मेरे फ्लैट में ही थे ..

ना जाने क्यों मेरे होंठो पर एक मुस्कराहट सी आ गई .. 

मैने घड़ी देखी ४:२५ हो चुके थे ... 
पूरी रात खूब धमाचौकड़ी मचाई थी...

अब तो फ्लैट में जाने की जल्दी थी ..
मुझे इस बात की चिंता नहीं थी ...बिलकुल नहीं थी ..
कि जूली ..अमित के साथ अकेली है ...
या वो वहां कुछ हरमन झोली कर रही होगी ...

मैं तो चाह रहा था ...
कि वो चाहे किसी से भी चुदाई करे ..
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था ....
मैं उसकी हर मस्ती में साथ था ...

पर मेरी इच्छा उसको चुदाई करवाते देखने की थी ...

और इतना सब होने के बाद भी ...
मझे दुःख इसी बात का था ...
कि जूली ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ....

मैं तो उसके हर बात में साथ हूँ ...
फिर उसने मुझे पुलिस वालों के साथ क्यों जाने दिया ??
जब उसने कुछ करना ही नहीं था ...

अगर उसको अमित के साथ ही कुछ करना था तो मैं कोन सा उसको रोक रहा था ...

पर मेरा इतना समय भी ख़राब हुआ और कितनी थकान भी हो गई ...

पूरे कम्पार्टमेंट में कोई नहीं था ..
मैं आसानी से अपने फ्लैट तक पहुंच गया ...

मैंने कोई बैल नहीं बजाई ..
ये मैंने पहले ही सोच लिया था ...
कि आज जूली को बिना बताये ही फ्लैट में प्रवेश करूँगा ...

अगर उसने पूछा तो मेरे पास वाहना भी था ...
कि तुमको डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था ..
इसीलिए खुद अंदर आ गया ...

मैंने अपने पर्स से चावी निकाल बहुत चुपके से फ्लैट का दरवाजा खोला ...
और बहुत शांति से ही अंदर प्रवेश कर गया ...

पहली नजर में मुझे वहां कोई नजर नहीं आया ...
मैंने चुपके से दरवाजा बंद किया ..

पर जैसे ही घूमा ...
अरे बाप रे ...

मेरे सभी विचारों को लकवा मार गया ...

अमित सोफे पर बैठा ड्रिंक कर रहा था ...

उसने मेरे को देख लिया था ...

अमित बहुत धीमी आवाज में ही बोला ...

अमित: चल अच्छा हुआ तू आ गया ...
मैं तेरा ही इन्तजार कर रहा था ...
बहुत मुस्किल से भाभी को सुलाया है ...
लगता है बहुत ज्यादा ही डर गई हैं विचारी ...

मैं: अरे तो टी यहाँ अकेला ही बैठा है ...
तेरे को ऐसे छोड़ कैसे सो गई यार ...

अमित: अरे तू फ़ोर्मल्टी मत कर ..
वो बहुत ज्यादा थकी और परेसान थीं ..
इसीलिए मैंने उनको सुला दिया था ...
फिर सोचा तू आ जाये तभी निकलूंगा ...
चल अब मैं भी चलता हूँ ..
तू भी आराम कर ले ...

मैं: तू पागल हो गया है क्या ...??
अब इस समय कहाँ जायेगा ...
३-४ घंटे यहीं आराम कर ले ...सुबह चले जाना ..

मैंने अब देखा अमित ने कपडे पहले ही चेंज कर लिए हैं ..
मतलब उसका भी दिल अभी जाने का नहीं है ...

उसने मेरा ही एक लोअर पहना हुआ था ...
और ऊपर उसका अपना सेंडो बनियान ...

मगर मुझे उसके कपडे वहां कहीं नजर नहीं आये ...

मतलब उसने मेरे बैडरूम में ही कपडे बदले होंगे ...

पता नहीं क्या क्या हुआ होगा ..???
ये सब तो मेरे से निकल ही गया था ...

अमित: पर यार तुम लोग डिस्टर्ब होगे ...
मुझे जाने दे ..

मैं: तूने सोनिया को तो बोल दिया होगा ना ...

अमित: वो उसकी तो कोई फ़िक्र नहीं ..
उको तो रात ही फोन कर दिया था ...

मैं: तो तू अब कुछ मत सोच ...
चल अंदर तू आराम कर ...

मैं भी फ्रेश होकर आता हूँ ...

अमित ने एक दो बार और थोड़ा सा ही विरोध किया ..
फिर वो रुकने को राजी हो गया ...

मैं उसको अंदर ले गया ...

बिस्तर पर एक ओर चादर ओढ़े जूली सो रही थी ..

मुझे नहीं पता उसके बदन पर क्या था ???
या उसने कुछ पहना भी था या नहीं ...

मुझे उसका चेहरा तक नहीं दिख रहा था ...

वो अपनी तरफ मुहं किये सो रही थी ...
बहुत थक गई थी बेचारी ...

अमित ने मेरी ओर देखा ...

मैंने उसको बिस्तर की और इशारा किया ...

उसकी आँखे जरा सी सिकुड़ी ...

मैं फुसफुसाते हुए ही ...

मैं: तू इधर को सो जा ...
मैं बीच में लेट जाऊंगा ...

वो बिना कुछ कहे दूसरे कोने में सिकुड़ कर लत गया ..

ना जाने क्यों ???
मुझे उस पर कुछ ज्यादा ही शक हुआ ...

कि ये जो सब जगह कितना मजाकिया था ...
हर समय महिलाओं में घुसा रहता था ...

हर समय बस फ़्लर्ट ही करता रहता था ...
आज इतना सीधा क्यों है ..??
क्यों इतना ज्यादा सरीफ बन रहा है ...

और जूली भी चाहे कितना भी थकी हो ..
वो अमित को अकेला छोड़ कैसे सो गई ...

सब कुछ अजीव सा लग रहा था ...
मगर वो सब मैं केवल अनुमान ही लगा सकता था ...

फिलहाल दोनों को छोड़ मैं बाथरूम में चला गया ...
जल्दी से फ्रेश हो कपडे बदल मैं भी रूम में आ गया ...

ये क्या ???
जूली ने करवट बदल ली थी ...
उसका मुहं अब अमित की ओर था ...
ओर सबसे बड़ी बात ...
वो बिस्तर के बीच आ गई थी ...

मैं चाहता तो उसको एक ओर कर बीच में लेट सकता था ...

मगर अभी भी मेरे दिल में शरारत ही थी ..

जूली को बीच में लिटाने में भी मुझको कोई ऐतराज नहीं था ...

मैंने अमित को देखा ...
वो दूसरी ओर करवट लिए सो रहा था ..
या सोने की एक्टिंग कर रहा था ...

मैं चुपचाप दूसरी ओर लेट गया ... 

मुझे बहुत तेज नींद आ रही थी ...

मगर दिल में एक उत्शुकता थी जो मुझे सोने नहीं दे रही थी ...

कि जूली ना जाने कैसे कपड़ों में या हो सकता है नंगी ही हम दोनों के बीच लेटी है ...

अमित इतना सीधा तो नहीं है ...
कि एक नंगी खूबसूरत नारी को अपनी गाड़ी में लेकर आया ...
जो हलके नशे में भी थी ..
उसको बिना चोदे छोड़ा हो ...

और अब दोनों मेरे सामने ऐसे एक्टिंग कर रहे हैं ...

अगर कुछ हुआ होगा तो जरूर कुछ न कुछ तो बात करेंगे ही ...

जहाँ इतना अपनी नींद की कुर्वानी दी है ...
वहां कुछ ओर भी कर सकता हूँ ...

हालाँकि नींद मेरे पर हावी होती जा रही थी ...

पता नहीं क्या हुआ ओर होगा ..????

.......
........................


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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - by desiaks - 08-01-2016, 10:14 PM

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