मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
08-01-2016, 10:05 PM,
#57
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
[b][b][b][b][b][b]कमरे में प्रवेश करते हुए एक डर सा भी था ..
बताओ अपने ही घर में घुसते हुए डर लग रहा था ..

जबकि पडोसी मेरी बीवी के साथ बेधड़क ..मेरे बेडरूम में घुसा था ...

और ना जाने क्या-क्या कर रहा था ...

मैं बहुत धीमे क़दमों से इधर उधर देखते हुए आगे बढ़ रहा था ..
कि कहीं कोई देख ना ले ..

सच खुद को इस समय बहुत बेचारा समझ रहा था ...

मुझे अच्छी तरह याद है करीब एक साल पहले ..एक फैमिली शादी के फंक्शन में भी जूली को साड़ी नहीं बंध रही थी...

तब उसके ताऊ जी ने उसकी हेल्प की थी ...
पर उस समय मैं नहीं देख पाया था ..कि कैसे उन्होंने जूली को साड़ी पहनाई ..

क्युकि ताउजी ने सबको बाहर भेज दिया था ...

और मैंने या किसी ने कुछ नहीं सोचा था ...

क्युकि ताउजी बहुत आदरणीय थे ...

मगर अब तिवारी अंकल को देखने के बाद तो किसी भी आदरणीय पर भी भरोसा नहीं रहा था ...

फ़िलहाल किसी तरह मैं बेडरूम के दरवाजे तक पहुंचा ..

दरवाजे पर पड़ा परदा मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं था ...

इसके लिए मैंने मन ही मन अपनी जान जूली को धन्यवाद दिया ...

क्युकि ये मोटे परदे उसी की पसंद थे ..
जो आज मुझे छिपाकर ..उसके रोमांच को दिखा रहे थे ...

अंदर से दोनों की आवाज आ रही थी ...

मैंने अपने को पूरी तरह छिपाकर ..
परदे को साइड से हल्का सा हटा अंदर झाँका ...

देखने से पहले ही ....मेरा लण्ड पेंट में पूरी तरह से अपना सर उठकर खड़ा हो गया था ...

उसको शायद मेरे से ज्यादा देखने की जल्दी थी ...

अंदर पहली नजर मेरी जूली पर ही पड़ी ..

माय गॉड ..ये ऐसे गई थी आज ..
पूरी क़यामत लग रही थी ..मेरी जान ...

उसने अभी भी जीन्स और टॉप ही पहना था ...

पर्पल कलर की लो वेस्ट जींस और सफ़ेद शर्ट नुमा टॉप ...
जो उसकी कमर तक ही था ...

टॉप और जींस के बीच करीब ६-७ इंच का गैप था ..
जहाँ से जूली की गोरी त्वचा दिख रही थी ...

जूली की बैक मेरी ओर थी ,...

इसलिए उसके मस्त चूतड़ जो जींस के काफी बाहर थे वो दिख रहे थे ...

अब मैंने उनकी बातें सुनने का प्रयास किया ...

अंकल: अरे बेटा तू चिंता ना कर ...
मैं सब सेट कर दूंगा ...

जूली: हाँ अंकल ..आप कितने अच्छे हो ...
मगर भाभी की ये साड़ी मैं कैसे पहनूंगी ...

अंकल: अरे मैं हूँ ना ... तू ऐसा कर तेरे पास जो भी पेटीकोट और ब्लाउज हों वो लेकर आ ...
मैं अभी मैच कर देता हूँ ...
देखना तू कल स्कूल में सबसे अलग लगेगी ...

जूली: हाँ अंकल ...में भी चाहती हूँ कि ..मेरी जॉब का पहला दिन सबसे अच्छा हो ...
मगर इस साड़ी ने सब व्यवधान डाल दिया ..

अंकल: तू जो साड़ी लाई है ..हैं तो सब बढ़िया ...

जूली: हाँ अंकल ..मगर इनके ब्लाउज, पेटीकोट तो कल शाम तक ही मिलेंगे ना ...
बस कल की चिंता है ...

जूली बेडरूम में ही अपनी कपड़ों की रेक में खोजने लगती है ...
मुझे याद है कि उसके पास कोई ३-४ ही साड़ी थीं ..
जो उसने शुरू में ही ली थी ...
और सभी साड़ी फंक्शन में पहनने वाली हैवी साड़ी थीं ..
जो नार्मल नहीं पहन सकते ...
शायद इसीलिए वो परेसान थी ...

तभी जूली अपनी रेक के सबसे नीचे वाले भाग को देखने के लिए उकड़ू बैठ गई ...

मैंने साफ़ देखा कि ..उसकी जींस और भी नीचे खिसक गई ..
और उसके चूतड़ लगभग नंगे देख रहे थे ...

अब मैंने अंकल को देखा ..
वो ठीक जूली के पीछे ही खड़े थे ...
और उनकी नजर जूली के नंगे चूतड़ों की दरार पर ही थी ...

फिर अचानक अंकल जूली के पीछे ही बैठ गए ..
मुझे नजर नहीं आया ..
मगर शायद उन्होंने अपना हाथ ..जूली के उस नंगे भाग पर ही रखा था ...

अंकल: क्यों आज तू ऐसे ही पूरा बजार घूम कर आ गई ..बिना कच्छी के ..
देख सब नंगे दिख रहे हैं ...

जूली: हाँ हाँ लगा लो फिर से हाथ बहाने से ...
आप भी ना अंकल ...
तो क्या हुआ ...??
सब आपकी तरह थोड़ी होते हैं ...

अंकल भी किसी से कम नहीं थे .
उन्होंने हाथ फेरते हुए ही कहा ..

अंकल: अरे मैं भी यही कह रहा हूँ बेटा ...
सब मेरे तरह शरीफ नहीं होते ...
मैं तो केवल हाथ ही लगा रहा हूँ ...
बाकी रास्तें में तो सबने क्या क्या लगाया होगा ...

जूली हाथ में कुछ कपडे ले जल्दी से उठती है ...

जूली: अच्छा अंकल जी छोड़ो इन बातों को ...
आप तो जल्दी से मेरी साड़ी का सेट करो ..
मुझे बहुत टेंशन हो रही है ...

तभी कुछ देर तक अंकल और जूली कपड़ों को उलट पुलट करके कोई एक सेट निकलते हैं ..

अंकल: बेटा मेरे हिसाब से तू इन सबमे बहुत ठीक लगेगी ...

जूली: मगर अंकल इस साड़ी के साथ ..आपको ये पेटीकोट कुछ गहरा नहीं लग रहा ...

अंकल: अरे नहीं बेटा ...तू कहे तो मैं तुझको बिना पेटीकोट के ही साड़ी बांधना सिखा दूँ ...
पर आजकल साड़ी इतना पारदर्शी हो गई हैं कि सब कुछ दिखेगा ...

जूली: हाँ हाँ आप तो रहने ही दो ...
चलो मैं ये दोनों कपडे पहन कर आती हूँ (वो पेटीकोट और ब्लाउज) हाथ में ले लेती है..
फिर आप साड़ी बांधकर दिखा देना ...

अंकल: अरे रुक ना ...कहाँ जा रही है बदलने ..

जूली: अरे बाथरूम में ..और कहाँ ...
आप साड़ी ही तो बांधोगे ना ..
ये पेटीकोट और ब्लाउज तो मुझे पहनने आते हैं ...

अंकल: जी हाँ ..पर साड़ी के साथ पेटीकोट और ब्लाउज मैं फ्री पहनाता हूँ ...
अब तुम सोच लो पेटीकोट और ब्लाउज भी मुझ ही से पहनोगी ..तभी साड़ी भी पहनाऊंगा...
हा हा हा ...

जूली: ओह ब्लैकमेल ...मतलब साड़ी पहनाने कि फीस आपको एडवांस में चाहिए ...

अंकल: अब तुम जो चाहे समझ लो ...
मेरी यही शर्त है ...

जूली: हाँ हाँ उठा लो मज़बूरी का फ़ायदा ...
अच्छा जल्दी करो अब ..
रोबिन कभी भी आ सजते हैं ..(उसने अपना मोबाइल को चेक करते हुए कहा )...

एक बार तो मुझे लगा कि कहीं वो मुझे कॉल तो नहीं कर रही ...
मैंने तुरंत अपना मोबाइल साइलेंट कर लिया ...

अंकल जूली के हाथ से ब्लाउज ले खोलकर देखने लगे ..

जूली ने अपने टॉप के बटन खोलते हुए ...

जूली: अब ये कपडे तो मैं खुद उत्तर लूँ ..या ये भी आप ही उतारोगे ...

अंकल: हाँ रुक रुक ...आज सब मैं ही करूँगा ...

और जूली बटन खोलते खोलते रुक जाती है ...

अब अंकल ब्लाउज को अपने कंधे पर डाल ..
बड़े ही फनी अंदाज़ से जूली के टॉप के बाकी बचे बटन खोल देते हैं ...

और जूली भी बिना किसी विरोध के अपना टॉप निकलवा लेती है ..

थैंक्स गॉड उसने अंदर ब्रा पहनी थी ...
जो बहुत सेक्सी रूप से उसके खूबसूरत गोलाइयों को छुपाये थी ...
मगर लो वेस्ट जींस में उसका नंगा सुत्वाकार पेट और ऊपर केवल ब्रा में ..कुल मिलकर जूली सेक्स की देवी जैसी दिख रही थी ... 

जूली होंठो पर मुस्कुराहट लिए लगातार अंकल की आँखों और उनके कांपते हाथों को देख रही थी ..

और अंकल की पतली हालत को देखकर मुस्कुराते हुए ..वो पूरी सैतान की नानी लग रही थी ..

अंकल ने जैसे ही ब्रा को उतारने का उपक्रम किया ..
तभी ...

जूली: अर्र्र्र्रीई इसे क्यों उतार रहे हैं ..ब्लाउज तो इसके ऊपर ही पहनओगे ना ...

अंकल: व्व्व्व्वो हाँ ..पर क्या तुम ब्रा नहीं बदलोगी ..

जूली: वो तो सुबह भी देख लुंगी ..
अभी तो ऐसे ही पहना दो ...

मैं केवल ये सोच रहा था ..
की चलो ऊपर का तो ठीक ही है ...
पर नीचे का क्या होगा .???
नीचे तो उसने कुछ नहीं पहना है ...
जींस उतरते ही उसकी चूत, चूतड़ सब दिखाई दे जायेंगे ...
क्या ये ऐसे ही खड़ी रहेगी ..

मैं अभी सोच ही रहा था ,,कि .....

अंकल ने जूली की जींस का बटन खोल दिया ..

तभी जूली ने फिर थोड़ा सा विरोध किया ...

जूली: अरे अंकल पहले ब्लाउज तो पहना ही देते ..
फिर नीचे का ...

अंकल ने जैसे कुछ सुना ही नहीं ...

चाहते तो जींस की चेन ..दोनों भाग को खींच कर खुल जाती ...मैंने भी कई बार खोली है ..पर 

अंकल ने जींस की चेन को अपने अंगूठे और उँगलियों से पकड़ बड़े रुक रुक कर खोल रहे थे ...

चेन ठीक जूली की फूली हुई चूत के ऊपर थी ..

१०० % उनकी उंगलिया जूली की नंगी चूत को टच हो रही होंगी ...

इसका पता जूली के चेहरे को देखकर ही लग रहा था ..

उसने मदहोशी से अपनी आँखे बंद कर ली थी ..

और उसके लाल रक्तमय होंठ काँप रहे थे ...

चेन खोलने के बाद अंकल ने उसकी जींस दोनों हाथ से पकड़ ..
पहले जूली के चूतड़ से उतारी ..और फिर जूली के जांघों और पाओं से ..
जूली ने भी बड़े सेक्सी अंदाज़ से अपना एक एक पैर उठा ..उसे दोनों पाओ से निकलबा दिया ...

इस दौरान अंकल की नजर ऊपर जूली की चूत ..और उसकी खुलती ..बंद होती कलियों पर ही थी ...

मेरे बेडरूम में अंकल की सांसे इतनी तेज चल रही थी ..
जैसे कई मील दौड़ लगाकर आये हों ...

और अब जूली अंकल के सामने ..
कमरे की सफेद रोसनी में केवल छोटी मिनी ब्रा में पूरी नंगी खड़ी थी ...

अब शायद उसको कुछ शर्म आ रही थी ..

उसने अपनी टांगों को कैची की तरह बंद कर लिया था ..
अंकल ने मुस्कुराते हुए ही पेटीकोट उठाया और उसको पहनाने लगे ...

अब मुझे अंकल बहुत ही शरीफ लगने लगे ...

एक इतने खूबसूरत लगभग नग्न हुस्न को देखकर भी अंकल उसको बिना छुए ..बिना कुछ किये ...कपडे पहनाने लगे ...

बाकई बहुत सयंम था उनमे ...

अंकल ने ऊपर से पेटीकोट ना डालकर ...
फिर जूली के पैरों को उठाकर नीचे से पेटीकोट पहनाया ..
और बहुत ही सेक्सी अंदाज़ से ..जूली को टीस करते हुए उसके पेटीकोट का नाड़ा बाँधा ...

फिर उन्होंने जूली को ब्लाउज पहनाते हुए कई बार उसकी चूची को छुआ और बटन लगाते हुए दबाया भी ..

मैं बुरी तरह बैचेन हो रहा था ...
और सोच रहा था की क्या ताउजी ने भी जूली को ऐसे ही टीस किया होगा ...
या इससे भी ज्यादा ...

क्योंकि उस शादी से पहले एक बार भी हमारे घर ना आने वाले ताउजी उस शादी के बाद ३-४ बार चक्कर लगा चुके हैं ...

अब ये राज तो जूली या फिर ताउजी ही जाने ..

इस समय तो तिवारी अंकल बहुत प्यार से बताते हुए जूली के एक एक अंग को छूते हुए ..
उसको साड़ी का हर एक घूम सिखा रहे थे ...
...

......
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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - by desiaks - 08-01-2016, 10:05 PM

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