Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
09-17-2021, 12:22 PM,
#46
RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-48)

और धीरे धीरे मेरे अंदर भी रोज़ के प्रति कुछ कुछ होने लगा था…कमिशनर की मुझे कभी कभी बेहद दाँत सुन्नी पढ़ती…लेकिन उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं था रोज़ के खिलाफ इसी लिए उसे कभी गेरफ़्तार करने की नौबत ही नहीं आई…मैं कमिशनर की दाँत को खाके बस मुस्कराए केबिन से निकल जाता…और फिर रोज़ के साथ काम शुरू करता…जल्द ही रोज़ अपने नये नाम से प्रचलित हो गई सबको हैरानी थी आख़िर काला साया कहाँ गायब हो गया? और ऊस्की जगह रोज़ कहाँ से आ गयी? पुलिस का भांडा फहूट जाए इस बात का मैं पूरा ख्याल रखता था पुलिस निकाला साया को जान से मर डाला ये बात अगर पब्लिक को पता चली तो शायद बवाल हो जाए…सबकुछ सही जा रहा था…और मेरे दिल ही दिल में रोज़ को लेकर प्यार उमाधने लगा था

ऊस रात रोज़ गश्त लगाकर वापिस आयआई…ऊसने गॅंग्स्टर्स को आज पुलिस के हाथों अरेस्ट करवाया था..ऊसको थोड़ी चोटें आई थी….बाइक से उतरके मैंने फौरन उसे लाइट जाने को बोला….उसके पीठ में बहुत दर्द था…

देवश : के..क्या हुआ? रोज़ तुम ठीक हो?

रोज़ : पीठ पे गुंडों ने चाबुक बरसा दिया था..वो तो गनीमत थी की आहह मैंने तुम्हारे सिखाए रस्सी को काटने का हुनर सिख रखा था

देवश : श में गोद ई आम सॉरी मैं तुम्हारी ऊस वक्त मदद नहीं कर सका..ठीक है तुम एक काम करो पेंट के बाल लाइट जाओ मुझे एक इलाज आता है ला कर..इन तुम्हें अपना काप्रा उतारना पड़ेगा तुम्हारी पीठ के ज़ख़्मो को देखते ही मैंन्न

रोज़ : टीटी..हीक हे दर्द बहुत ज्यादा लग रहा है जो कुछ करना है कर दो…(मैंने मौके को समझते हुएफओुरन पास रखिी काली पट्टी अपने आंखों में बाँध ली)

रोज़ : ईए क्या कर रहे हो?

देवश : हाहाहा तुम्हारी झिझक दूर कर रहा हूँ मैं एक मर्द हूँ और तुम एक औरत इसलिए समझ रही हो ना (रोज़ ने मुस्कुराकर अपने लंबो पे लगी लाली दिखाई)

और फिर मेरे सामने पीठ कर ली….भैईलॉग आँख में पट्टी बँधी थी पर साली ट्रॅन्स्परेंट थी ..धीरे धीरे मेरे तरफ पीठ करके रोज़ ने अपना जॅकेट उटा फैका..और उसके बाद अंदर एक और बुलेटप्रूफ जॅकेट अफ उसके बड़ना के पीठ पे कितने लाल लाल निशान परे हुए थे…काश मैं ऊस वक्त मौज़ूद होता तो हूँ कुत्तों को जान से मर देता…रोज़ ने एक बार मुदके मेरी ओर देखा

और अपनी ब्रा जैसी पहनी डोरी को खोलने लगी बीच बीच में ओर देखती..मैं अंधेपण का नाटक करने लगा…दिख तो सब रहा था…फिर रोज़ ने मुस्कुराकर अपनी डोरी खोल डाली अब हूँ ब्रा में थी काली ब्रा में…हूँ वैसे ही छलके सोफे पे लाइट गयी…मैंने आवाज़ दी “हो गया क्या मैं लगौन?”….ऊसने भी जवाब दिया और अपने पास आने कहा मैं उसके पास आया

रोज़ : अब पट्टी खोल दो तुम वरना पीठ के बजाय बालों पे लगा दोगे क्रीम

देवश : त..एक है जैसी आपकी इच्छा मेमसाहेब

मैंने जैसे ही पट्टी उतारी साला संगमरमर जैसी पतली कमरिया क्या चिकना बदन था?…मैंने थूक घोंटते हुए फौरन इलाज शुरू किया…पहले छोटे बाल्टी में गुगुला पानी लाया और फिर उसे बारे ही आहिस्त आहिस्ते निसान पे लगाकर साफ करने लगा…गरम भीगे तौलिए के अहसास से रोज़ आंखें मुंडें सिहर जाती है…सिसक उठती

मैं भी सोफे पे पालती मारें बैठा उसके पीठ को तौलिए से पोंछ रहा था उसके बाद…उसके निशानो पे हाथ पाहिरा…और क्रीम लगाने लगा….एक आहह भी रोज़ के मुँह से ना निकली…हूँ बस अनके मुंडें पड़ी रही..बार बार उसका ब्रा बीच में लग जाता वहाँ पे एक निशान था जिसपे क्रीम लगाना मुश्किल था…मैंने रोज़ से कहा की हूँ अपनी ब्रा की हुक खोल दे ताकि मैं पूरे पीठ पे क्रीम लगा सुकून…रोज़ ने आंखें मुंडें ही अपना हाथ बढ़के हुक को खोल डाला..ब्रा 2 पीस में जैसे दोनों ओर गिर पड़ी उसका एकदम नंगा पीठ मेरे सामने था

मैंने बारे अच्छे से क्रीम लगाकर उसके दर्द में राहत दी….रोज़ को काफी सुकून मिला…”अगर तुम कहो तो मसाज भी कर दम”………मैंने मौके को समझके बोला “ऐसी वैसी हरकत तो नहीं करोगे ना”………रोज़ ने मुस्कुराकर बोला….”ईमान का पक्का हूँ”…….मैंने भी जवाब दिया…”ऑलराइट देन दो इट”…..ऊसने फिर आँख मूंद के लिए सोफे पे ही सर रख दिया

मैंने थोड़ा सा तेल लाया और उसके गर्दन और हाथ सब जगह की मालिश करने लगा पीठ पे बचे कुचे निशानो से दूर के हिस्सों में मालिश करते हुए उसके कमर में बार बार हाथ चला जाता फिसल के….रोज़ कोई हरकत नहीं कर रही थी…और ना कसमसा रही थी…मुझे नहीं लगता उसे कुछ फील होने वाला था…मैंने धीरे से ऊस्की निचले पीठ के हिस्सों पे तेल मलके वहाँ माँस को मुट्ठी में भरके मालिश किया…इस पे रोज़ थोड़ी कसमसा जाती…धीरे धीरे उसके हाथ को फिर मलते हुए ऊस्की नाज़ुक उंगलियों की भी मालिश की शायद हूँ सो गयी थी…मैंने सोचा क्यों ना टांगों की भी कर दम..साला तेल की कटोरी लिए उसके ताअंगो से थोड़ा थोड़ा करके एलास्टिक पेंट हटाया और वहां तेल मलने लगा…उसके पाओ पे भी…रोज़ ने कोई हरकत ही नहीं की…हूँ शायद सो चुकी थी…मैंने उसके घुटने तक फिर जाँघ तक तेल को माला…इस बीच में बार बार मेरा हाथ उसके गांड पे लग जाता..लेकिन ज्यादा आगे बढ़ना रीलेशन को खराब करने वाली बात थी…

अचानक मुझे अहसास हुआ की मालिश के चक्कर में साला अपना पेंट के अंदर में कबका खड़ा वज्र गोरी में के पीठ और टांगों पे भी दबा हुआ था…मुझे बहुत शर्मिंदा महसूस हुआ..और साथ में खुद पे गुस्सा भी आया मैं अभी उठने वाला ही था की रोज़ ने मेरे हाथ को पकड़ लिया
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो - by desiaks - 09-17-2021, 12:22 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,571,712 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,399 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,263,203 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,087 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,694,060 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,114,819 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,009,934 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,253,027 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,101,537 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,661 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)