XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-17-2021, 12:36 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
जैसे जैसे नैना डायरेक्ट करती रही, वैसे ही चुदाई का प्रोग्राम चलता रहा. प्रेमा को भी घोड़ी बना कर चूत की गहराई में और उसके बच्चेदानी के मुंह के अंदर दो बार छुटवाया.उसके बाद रानी को भी मैंने बड़े आलखन से बिना किसी जल्दी के हल्के हल्के धक्कों से चोदा.आज उसको पहले दिन से भी ज्यादा मज़ा आ रहा था क्यूंकि उसके मन में कोई टेंशन नहीं थी.
वो भी मेरी चुदाई से दो बार छूटी और फिर नैना की डायरेक्शन में मैंने उस को अपने नीचे लिटा कर चोदा और उसकी भी बच्चेदानी के मुंह के अंदर फव्वारा छुटाया.और तब मैंने रानी के कान में कहा- तुम गर्भवती हो गई हो, और इसका सबूत तुमको आज शाम ही मिल जाएगा.रानी के चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी और वो ख़ुशी के मारे मुझ से बार बार लिपट रही थी.
उधर प्रेमा की उदासी को कम करने की कोशिश नैना कर रही थी. फिर वो प्रेमा को मेरे हज़ूर में लेकर आई और बोली- हज़ूर, आप इस नाचीज़ पर भी रहम कीजिये और आज इसकी भी मुराद ज़रूर पूरी कर दें.मैं बोला- ऐ बेगमाते ऐ अवध, इस लौंडिया को भी गर्भवती करने के लिए यह नवाबज़ादा पूरी तरह से तैयार बैठा है, पेश करो उस हसीना को, अभी हम उस को औलाद का नायाब तौफा दे देंगे.सब हंसने लगे.
अब प्रेमा को मैंने मज़बूत बाँहों में घेर लिया और एक निहायत ज़ोर की जफ़्फ़ी डाली और उसके गोल और मोटे मम्मों को एकदम से अपनी चौड़ी छाती में दबा दिया.मैंने उसके मम्मों को चूसा और होटों को भी चूस कर लाल कर दिया. फिर मैं सरकते हुए उसकी चूत में मुंह को डाल कर उसके सख्त हुए भग को चूसने लगा.प्रेमा की चूत जल्दी जल्दी खुलने और बंद होनी शुरू हो गई और फिर मेरी जीभ के कमाल से 5 मिन्ट में ही कांपती हुई झड़ गई.
अब मैं उसके ऊपर चढ़ा और लम्बे और मोटे लंड का कमाल दिखाने लगा, जब ज़ोर से चुदाई का आलम गर्म हुआ तो प्रेमा अपनी कमर उठा उठा कर लंड का स्वागत करने लगी और फिर एक ज़ोरदार झटके से वो छूटने लगी.छूटने के दौरान उसने मुझको अपनी बिलोरी जांघों में कैद कर लिया था जिस से मैं हिल भी नहीं सकता था.
जब वो ढीली पड़ी तो मैं फिर से उसकी चूत में हमले करने लगा, तेज़ हल्के और फिर तेज़… यही क्रम बाँध दिया.अब मेरा छूटने वाला हुआ तो मैंने उसकी कमर के नीचे हाथ रख कर चूतड़ों को ऊपर उठा लिया और अपने लंड को पूरा अंदर डाल कर फिर बाहर निकालने लगा और थोड़े समय में ही मैं छूटने की कगार पर पहुँच गया.
आखिरी धक्के में जब मेरा छूटने वाला था तो मैंने प्रेमा की चूत को अपने पेट से जोड़ कर लंड की पिचकारी छोड़ दी जो उसकी सारी चूत में फैल गई.प्रेमा बोली- उफ्फ, क्या गरम लावा है सतीश तुम्हारा पानी, मैं तो निहाल हो गई..
हम सब थक गए थे तो नैना कपडे पहन कर गई और ठंडी कोकाकोला की बोतलें ले आई और हम सब पीते रहे और एक दूसरे को बड़ी ही गर्म नज़रों से देखते रहे.
नैना बोली- प्रेमा और रानी, आपने अपने पति से कल रात चुदवाया था या नहीं?प्रेमा बोली- कल नहीं परसों की रात को चुदवाना था सो चुदवा लिया.रानी बोली- हाँ, मैंने भी चुदवा लिया था.नैना बोली- पर पतियों को कैसे मनाया चुदवाने के लिए?
प्रेमा बोली- मेरा पति तो सीधा है, मैंने रात को अपना रात का चोग़ा ज़रा चूत के ऊपर कर लिया था सोने से पहले और जैसे ही उसकी नज़र पड़ी मेरी चूत पर तो वो बत्ती बुझा कर मेरी चूत पर से चोग़ा हटा कर अपने 5 इंच वाले लंडको गीली चूत में अंदर डाल कर मुश्किल से 10-12 धक्के ही मार पाया था कि उसका लंड टपक गया. वो मेरे ऊपर से उठ कर बेड पर लेटा और खर्राटे मारने लगा.
रानी बोली- मुझ को काफी मुश्किल हुई उसको चोदने के लिए तैयार करने में.जैसे नैना ने बताया था, मैंने एक चाल खेली, जैसे ही वो कमरे में आया और लेटा, मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया कि मेरी नाइटी में कीड़ा है और थोड़ी उछल कूद मचाने लगी. और जल्दी ही मैंने अपनी नाइटी उतार दी और पूरी नंगी हो गई और झूठ मूठ के कीड़े को ढूंढने लगी. मैं जानबूझ कर अपनी चूत और मम्मे सेठ के मुंह के पास ले जा कर ढून्ढ रही थी कीड़ा.बस सेठ ने मेरा जिस्म देखा और झट से 4 इंची लंड को निकाल कर मुझ पर चढ़ बैठा और जैसे ही उसने डाला, मैंने ‘आह उह’ करना शुरू कर दिया जिससे उसको यकीन हो गया कि मुझको बड़ा आनन्द आ रहा है और वही हर बार की तरह सिर्फ़ 5 मिन्ट में ही छूटा बैठा सेठ और मेरे ऊपर से उठ गया, बाद में मुझ को ऊँगली मारनी पड़ी.
नैना बोली- लेकिन प्रेमा और रानी, यह तुम लोग भी तो सोचो कि सेठ और उसका परिवार तुम दोनों को काफी सारा धन सोना और हीरे जवाहरात भी तो प्रदान करता है.मैं बोला- हर चीज़ का अपना सुख और दुःख होता है, तो जिस हाल में मौला रखे उसी हाल में हम सब को खुश रहना चाहिये. क्यों नैना?नैना बोली- वाह छोटे मालिक, बड़ी ऊंची बात कह गए आप तो! वाह!
अब प्रेमा और रानी कपड़े पहनने लगी और मेरे देखते देखते ही चाँद बादलों में छिप गया, हुस्न नज़रों से ओझल हो गया.दो दिन बाद फिर आने का वायदा कर के दोनों चली गई.

कहानी जारी रहेगी.
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