RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
वह इस तरह की अधलेटी पोजीशन में चुदाई करने जा रहे थे और वो भी फिर से कार में. ये एक यादगार चुदाई होने वाली थी.
सतीशके लंबे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए, शिला को अपनी गांड काफ़ी ऊपर उठानी पड़ी..
सतीशने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर, शिला की चूत के दरवाजे पर सही जगह लगाया..
अब ये शिला की ज़िम्मेदारी थी की वह उस को अपनी सुविधा के अनुसार, अपनी चूत में डाले,
शिला ने अपनी गांड थोड़ी नीचे की तो सतीश के गरम लंड का अगला भाग, उसकी चूत में घुस गया…
ये चुदाई के लिए, एक मुश्किल पोज़िशन थी..
अब ज़रूरत थी, उन दोनों को अपनी चुदाई की क़ाबलियत दिखाने की ताकि वह एक अच्छी चुदाई का मज़ा ले सकें,
ऐसा लग रहा था की शिला उसके तने हुए लंड के डंडे के ऊपर बैठी है..
शिला ने अपनी पकड़ दरवाजे के हैंडल पर ढीली की तो उसकी गांड थोड़ी और नीचे आई और सतीश का चुदाई का औज़ार उसकी चूत के अंदर की दीवारों को रगड़ता हुआ और थोड़ा, उसकी चूत में घुस गया..
शिलाने अभी भी दरवाजे से अपने हाथों का सहारा ले रखा था और उसकी गांड हवा में थी,
शिला थोड़ा ऊपर हुई तो सतीश का लंड करीब करीब उसकी चूत से बाहर आ गया, सिर्फ़ उसके लंड का सुपाड़ा ही उसकी चूत के अंदर था,
शिलाने अचानक अपने हाथों का सहारा छोड़ दिया और झटके के साथ, अपनी गांड नीचे की,
शिला की चूत में झटके के साथ, सतीशके लंबे लंड के पूरे घुसने से उसकी चूत में थोड़ा दर्द हुआ.. पर, उसका पूरा का पूरा लंड शिला की चूत ने खा लिया था..
सतीशका पूरा लंड, अपनी चुत में लिए वह उसके लंड पर, उसकी गोद में बैठी हुई, लंबी लंबी साँसे ले रही थी,
शिला नीचे देखा, सतीश के लंबे लंड का मुँह, उसकी चूत के अंदर से उसके पेट तक पहुँच रहा था..
चुदाई करने के लिए, धक्के लगाने के लिए उन्होंने पोज़िशन बनाई और शिला ने फिर से अपनी गांड ऊपर की..
अब सतीश नीचे से अपनी गांड, ऊपर नीचे करके अपने लंड को शिला की चूत में अंदर बाहर कर के, आसानी से उसे चोद सकता था और शिला भी ऊपर से चोद सकती थी और चुदवा सकती थी…
सतीश ने एक धक्का, चूत में अपने लंड का अपनी गांड उठा कर लगाया तो उसका लंड, फिर शिला की चूत में घुस गया..
जब सतीशने, अपनी गांड नीचे की तो फिर उसका लंड थोड़ा बाहर आया,
शिला भी हैंडल और सीट पकड़े हुए, चुदाई और धक्के लगाने में साथ देने लगी,
जब सतीश की गांड नीचे होती तो वह अपनी गांड, ऊपर करती और जब उसकी गांड ऊपर होती तो शिला अपनी गांड, नीचे करती.. ..
इस तरह, सतीश लंड उसकी चूत मे अंदर बाहर करते हुऐ चोदने लगा और शिला चुदवाने लगी…
दोनों को ही चुदाई की इस नई पोज़िशन में, मज़ा आने लगा,
सतीश ने अपने हाथ उसकी गांड के नीचे रख कर उसे सहारा दिया और साथ ही साथ उसकी गांड दबाता भी जा रहा था..
उनकी चुदाई का ये कार्यक्रम हाइवे के पास, नीचे जंगल मे खड़ी कार में चलने लगा और किसी को भी पता नहीं चल रहा था की वहाँ उन दोनों के बीच चुदाई हो रही है…
दो चुड़क्कड़, एक दूसरे को पूरी ताक़त से, पूरी क़ाबलियत से और पूरे मज़े से चोद रहे थे…
मज़ा ले रहे थे, मज़ा दे रहे थे…
उनका धक्के मारना, चोदना और चुदवाना लगातार जारी था और ज़रूरत के अनुसार, उनकी गति बढ़ती गई..
शिला की चूत की अंदर की दीवार, सतीश के लंड की रगड़ खा कर मस्त हो रही थी..
चुदाई की गरमी, कार के अंदर बढ़ती गई और बाहर लगातार बरसात होती रही,
उनके चोदने और चुदवाने की गति ज़ोर ज़ोर से, लंड चूत के धक्कों के साथ बढ़ती गई..
शिला का सर आगे पीछे हो रहा था और उसकी गांड, ऊपर नीचे हो रही थी…
सतीश उसकी गांड पकड़े, उसको दबा रहा था और बीच बीच में उसके स्तन भी मसल देता था…
बाहर, बरसात का संगीत था..
पानी की बूँदें, कार की छत पर गिर कर आवाज़ कर रही थी तो अंदर कार में सतीश का मोटा, ताज़ा, लंबा लंड, शिला की चूत को रगड़ता हुआ, अंदर बाहर होता हुआ, फ़चा फक… फ़चा फक… फ़चा फक… की आवाज़ कर रहा था..
शिला के हाथों में अब दर्द होने लगा तो उसने थोड़ा नीचे झुक कर, अपने दोनों हाथ उसकी जांघों पर रख लिए.. जिस से, उसे थोड़ा आराम मिला..
चुदाई, बिना रुके लगातार जारी थी..
सतीश का मज़बूत लंड, उसकी चूत को चोदते जा रहा था… चोदते जा रहा था… …
शिला चुदवाते हुए झड़ने के करीब पहुँच चुकी थी और उसे लग रहा था की सतीश के लंड का रस भी उसके झड़ने के साथ ही निकलेगा क्यों की उस के लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में फूल रहा था और उसके चोदने की रफ़्तार, लगातार तूफ़ानी होती जा रही थी…
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