Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
10-27-2020, 01:06 PM,
#34
RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
लड़की जान बचाने के लिये सीक्रेट एजेंट की फर्जी कहानी खड़ी करने की कोशिश कर रही थी ।
“क्‍या सीक्रेट है उसमें ?” - प्रत्‍यक्षतः वो बोला - “सीक्रेट एजेंट है तो क्‍या सीक्रेट मिशन है उसका यहां ?”
“मु-मुझे नहीं मालूम ।”
“लेकिन ये मालूम है कि वो सीक्रेट एजेंट है ?”
“हं-हां ।”
“क्‍या खाक सीक्रेट एजेंट है जिसकी हकीकत एक कालगर्ल ने, एक बारबाला ने भांप ली ?”
“अब मैं क्‍या बोलूं !”
“उसने खुद तो नहीं किया अपना राज फाश तेरे पर ?”
“वो किसलिये !”
“तेरे से कोई बयान हासिल करने के लिये ?”
“बयान !”

“तसदीकशुदा ! साईंड स्‍टेटमेंट !”
“किस बाबत ?”
“यहां की खुफिया कारगुजारियों की बाबत !”
“मैं तो कुछ जानती नहीं !”
“शायद जानती हो !”
उसने मजबूती से इंकार में सिर हिलाया ।
“साली, मेरे साथ सोती थी । तू जानती है मैं कई बार नशे में लापरवाह हो जाता हूं । शायद नशे में मैंने ही कुछ कहा हो जो याद कर लिया हो ! अपने बार के बारे में ! इम्‍पीरियल रिट्रीट में चलते मैग्‍नारो के जुआघर के बारे में ! मनोरंजन पार्क की ओट में चलते ड्रग्‍स ट्रेड के बारे में ! किसी भी बारे में !”

वो खामोश रही ।
“जवाब दे !”
“मैं कुछ नहीं जानती ।”
“तू बराबर कुछ जानती है ।”
“नहीं ।”
महाबोले ने होल्‍स्‍टर से गन निकाल कर उसकी कनपटी से सटा दी ।
“जवाब दे ! - वो सांप की तरह फुंफकारा - “सच बोल । वर्ना अगली सांस नहीं आयेगी ।”
रोमिला स्‍पष्‍ट सिर से पांव तक कांपी । उसे अपनी आंखों के सामने मौत नाचती दिखाई दी ।
“स-सच बोलूं तो” - वो बड़ी मुश्किल से बोल पायी - “बख्‍श दोगे ?”
“हां ।”
“जानबख्‍शी कर दोगे ?”
“सच बोलेगी तो !”
“वादा करते हो ?”
“करता हूं । तू मेरा खिलौना है” - महाबोले का लहजा नर्म पड़ा - “कोई अपना खिलौना खुद अपने हाथों से तोड़ता है ?”

“फिर भी कनपटी से गन सटाए हो !”
“क्‍योंकि तू बाज नहीं आ रही ।”
“अब आ रही हूं न !”
“सच बोलेगी ?”
“हां । कसम गणपति की ।”
महाबोले ने गन वापिस होलस्‍टर में रख ली ।
“अब बोल !” - वो बोला ।
“अपना वादा याद रखना !”
“याद है । बोल अब !”
“तुम्हारा खयाल सही है । तुम नशे में बहुत बोलते हो । उस वजह से इस आइलैंड पर क्‍या कुछ होता है, उसकी बाबत मैं बहुत कुछ जान गयी हूं । दिन में मेरे बोर्डिंग हाउस के कमरे में जैसे तुम मेरे से पेश आये थे, उसने मुझे बहुत दहशत में डाला था । मुझे लगा था कि तुम कभी भी मुझे मक्‍खी की तरह मसल दोगे; बस, मेरे तुम्‍हारे हाथ में आने की देर थी । दहशत की मारी तभी से मैं तुम से छुपती फिर रही थी । मैं जानती थी तुम मुझे तलाश करावा रहे होते इसलिये पायर पर कदम रखना खुदकुशी करने जैसा था । मैं अपना सामान वगैरह उठाने के लिये बोर्डिंग हाउस के अपने कमरे में भी नहीं लौट सकती थी क्‍योंकि मुझे गारंटी थी कि तुम्‍हारा कोई न कोई आदमी वहां मेरे लौटने का इंतजार कर रहा होगा । ऐसे में मुझे कहीं से कोई आदमी मदद हासिल होने की उम्‍मीद हुई तो वो गोखले से ही हुई । मैं उस पर जाहिर कर भी चुकी थी कि मैं उसे कोई और ही समझती थी । मैंने उससे कांटैक्‍ट करने की कोशिश की तो वो हो न सका । कांटैक्‍ट करते रहने के लिये किसी सेफ ठिकाने की जरूरत थी और वैसे ठिकाने के तौर पर मैंने सेलर्स बार को चुना जिससे मैं पहले से वाकिफ थी । सेलर्स बार जिस इलाके में है, वो आइलैंड की घनी आबादी से-आई मीन, वैस्‍टएण्‍ड से-दूर है, हैसियत में मामूली है, इतना कि तकरीबन टूरिस्‍ट्स को तो उसके वजूद की भी खबर नहीं लगती । मैं वहां चली गयी और गोखले से लगातार कांटैक्‍ट करने की कोशिश करने लगी ।”

“इरादा क्‍या था ?”
“इरादा उससे सौदा करने का था । जो वो जानना चाहता था, वो मैं उसे बताती, बदले में वो मुझे आइलैंड से सुरक्षित बाहर निकालने का इंतजाम करता और तब तक मेरे लिये प्रोटेक्‍शन का इंतजाम करता जब तक कि...कि...उसका सीक्रेट मिशन मुकम्‍मल न हो जाता ।”
“हूं ।”
“मेरी दूसरी प्राब्‍लम थी कि मेरी जेब खाली थी । घर से निकलते वक्‍त मैं एक कायन पर्स ही उठा पायी थी जिसमें यूं समझो कि कायन ही थे, चिल्‍लर ही थी । गोखले से कांटैक्‍ट हो जाता तो मुझे उससे माली इमदाद की भी उम्‍मीद थी ।”

“हुआ ?”
“क्‍या ?”
“अरे, भई, कांटैक्‍ट ?”
“हां, आखिर हुआ । उसने सेलर्स बार में मेरे पास आना कबूल किया । मैं उसके इंतजार में पीछे मौजूद थी, वो तो पहुंचा नहीं, तुम आ गये ।”
“उसने सेलर्स बार में पहुंचने की हामी भरी थी ?”
“हां । रास्‍ते में कहीं अटक गया होगा लेकिन आया जरूर होगा । मेरा दिल कहता है कि इस घड़ी वो वहीं होगा । बेशक खुद वापिस चल के देख लो, वहां खड़ा मेरा इंतजार करता मिलेगा ।”
“उसको जो कुछ बताती वो तो मुलाकात पर - जो कि हुई नहीं - बताती न ! पहले से क्‍या बता चुकी है ?”

“कुछ नहीं ।”
“कुछ नहीं ?”
“खास कुछ नहीं । अब तुम मेरी जानबख्‍शी कर दोगे तो कुछ बताऊंगी भी नहीं । अपनी जुबान को ताला लगा लूंगी ।”
“तेरे लगाये ताले पर मुझे ऐतबार नहीं । वक्‍त की जरूरत ऐसे ताले की है जो कि हमेशा के लिये लगे । ऐसा ताला सिर्फ मेरे पास है ।”
“क-कैसा ताला ?”
“सोच ।”
रोमिला ने हड़बड़ा कर उसकी तरफ देखा । अंधेरे में भी उसे उसकी आंखो में मौत बसी दिखाई दी ।
नहीं, उस शख्‍स का अपना वादा निभाने का कोई इरादा नहीं था । वो झूठा था, फरेबी था, उसे नहीं बख्‍शने वाला था ।
Reply


Messages In This Thread
RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट - by desiaks - 10-27-2020, 01:06 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,572,774 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,522 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,263,689 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,519 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,694,646 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,115,373 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,010,926 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,257,324 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,102,522 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,781 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)