RE: प्यारी भाभी
उनदेर से भभि के करहने कि अवज़ के सथ सथ फुच।।फुच।।फुच जैसि अवज़ भि आ रहि थि जो मैन समझ नहिन सका।बहर खरे हुए मैन अपने आप को सोनत्रोल नहिन कर सका और मेरा लुनद झर गया। मैन जलदि से वपस आ कर अपने बिसतर पर लैत गया। अब तो मैन रात दिन भभि को चोदने के सपने देखने लगा। मैने आज तक किसि लदकि को नहिन चोदा था लेकिन चुदै कि कला से भलि भनति परिचित था। मैने एनगलिश कि बहुत सि गनदि विदेओ फ़िलमस देख रखि थि और हिनदि तथा एनगलिश के कयि गनदे नोवेल भि परहे थे। मैन अकसर कलपना करने लगा कि भभि बिलकुल ननगि होकर कैसि लगति होगि। जितने लुमबे और घने बाल उनके सिर पर थे ज़रूर उतने हि घने बाल उनहि चूत पर भि होनगे। भैया भभि को कोन कोन सि मुदरावँ मेन चोदते होनगे। एकदुम ननगि भभि तनगेन फैलै हुए चुदवने कि मुदरा मेन बहुत हि सेक्सी लगति होगि। यह सुब सोच कर मेरि भभि के लिये कम वसना दिन परतिदिन बरहति जा रहि थि।
मैन भि लुमबा तगरा अदमि हुन। कद करिब 6 फ़ूत है। अपने सोल्लेगे का बोदी बुइलदिनग का चमपिओन हुन। रोज़ दो घनते कसरत और मालिश करता हुन। लेकिन सुबसे खस चीसे है मेरा लुनद। धीलि अवसथा मेन भि 8 इनच लुमबा और 3 इनच मोता किसि हथोरे के मफ़िक लतकता रेहता है। यदि मैन उनदेरवेअर ना पहनुन तो पनत के उपर से भि उसका अकर साफ़ दिखै देता है। खरा हो कर तो उसकि लुमबै करीब 10 इनच और मोतै 4इनच हो जति है। एक दोसतोर ने मुझे बतया था कि इतना लुमबा और मोता लुनद बहुत कम लोगोन का होता है। मैन अकसर वरनदह मेन अपनि लुनगि को घुतनोन तक उथा कर बैथ जता था और नेवसपपेर परहने का नतक करता था। जब भि कोइ लदकि घर के समने से निकलति, मैन अपनि तनगोन को थोरा सा इस परकर से चौरा करता कि उस लदकि को लुनगि के उनदेर से झनकता हुअ लुनद नज़र आ जये। मैने नेवसपपेर मेन छोता सा छेद कर रखा था। नेवसपपेर से अपना चेहरा छुपा कर उस छेद मेन से लदकि कि परतिकरिया देखने मेन बहुत मज़ा आता था। लदकिओन को लगता था कि मैन अपने लुनद कि नुमैश से बेखबर हुन। एक भि लदकि ऐसि ना थि जिसने मेरे लुनद को देख कर मुनह फेर लिया हो। धीरे धीरे मैन शदिशुदा औरतोन को भि लुनद दिखने लगा कयोनकि उनहेन हि लुमबे ,मोते लुनद का महतवा पता था।
एक दिन मैन अपने कमरे मेन परह रहा था कि भभि ने अवज़ लगै,
" रमु, ज़रा बहर जो कपरे सूख रहे हैन उनहेन उनदेर ले आओ। बरिश आने वलि है।"
" अछा भभि!" मैन कपरे लेने बहर चला गया। घने बदल छये हुए थे, भभि भि जलदि से मेरि हेलप करने आ गयि। दोरि पर से कपरे उतरते समय मैने देखा कि भभि कि बरा और कछि भि तनगि हुइ थि। मैने भभि कि बरा को उतर कर सिज़े परह लिया; सिज़े था 38स। उसके बाद मैने भभि कि कछि को हाथ मेन लिया। गुलबि रनग कि वो कछि करीब करीब परदरशि थि और इतनि छोति सि थि जैसे किसि दस साल कि बछि कि हो। भभि कि कछि का सपरश मुझे बहुत अननद दे रहा था और मैन मन हि मन सोचने लगा कि इतनि छोति सि कछि भभि के विशल नितमबोन और चूत को कैसे धकति होगि। शयद येह कछि भभि भैया को रिझने के लिये पहनति होगि। मैने उस छोति सि कछि को सूनघना शुरु कर दिया तकि भभि कि चूत कि कुछ खुशबू पा सकुन। भभि ने मुझे करते हुए देख लिया और बोलि
" कया सूनघ रहे हो रमु ? तुमहरे हाथ मेन कया है?"
मेरि चोरि पकरि गयि थि। बहना बनते हुए बोला
" देखो ना भभि ये छोति सि कछि पता नहिन किसकि है? येहन कैसे आ गयि।"
भभि मेरे हाथ मेन अपनि कछि देख कर झेनप गयि और छीनति हुइ बोलि
" लाओ इधेर दो।"
"किसकि है भभि ?" मैने अनजान बनते हुए पूचा।
" तुमसे कया मतलब, तुम अपना काम करो" भभि बनवति गुस्सा दिखते हुए बोलि।
"बता दो ना । अगर पदोस वलि बछि कि है तो लोता दुन।
" जी नहिन, लेकिन तुम सूनघ कया रहे थे?"
"अरे भभि मैन तो इसको पहनने वलि कि खुशबू सूनघ रहा था। बरि मदक खुशबू थि। बता दो ना किसकि है?’
भभि का चेहरा ये सुन कर शरम से लाल हो गया और वोह जलदि से उनदेर भाग गयि।
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