Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
12-09-2019, 02:13 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
आदम : अर्रे कुछ नही माँ बस ऐसे ही वो शरमा रहा था क्यूंकी आगे जाने का आक्सेस अडल्ट्स को है और हम यही तो देखने आए है

माँ : उफ्फ उसे पता तो नही चला हमारे बारे में

आदम ; अबे यार हम यहाँ घूमने आए है और तुमको तो अपना भेद खुलने का ही डर सता रहा है वो कोई हमारा जानने वाला है क्या? हुहह छोड़ो चलो आगे चलो (माँ और मैं एकदुसरे का हाथ थामें आगे बढ़े)

कोई भी हमे नोटीस करता तो यही समझता कि हम प्रेमी जोड़ा है या शादी शुदा कपल है..इस बीच हमने देखा कि गार्ड से अँग्रेज़ लोग कॅमरा अंदर ले जाने की हुज़्ज़त कर रहे थे पर उन्हें इंग्लीश में सॉफ बोर्ड दिखाते हुए कहा कि नो पर्मिशन अलोड कॅन'ट आक्सेस विद कॅमरास.....हम आगे बढ़े माँ उन्ही को देख रही थी...जल्द ही हम आगे बढ़े तो हमे नगन अवस्थाओ में दीवारो पे बनी वो शिलप आकृतियों का दीदार हुआ...वाहह काफ़ी रचनाओं में और काफ़ी चित्रो की दृष्टि में दिखाई दे रही थी लाइन से....वाक़ई कहीं दरबार तो कहीं देवता तो कहीं जानवरों का इन सब को एक सुत्र में जैसे आकृतियों में दिखाया गया था...माँ और मैं इस बीच काफ़ी आनंद ले रहे थे क्यूंकी हर एक मुद्रा में आलिंगन में जकड़े कहीं एक तो कहीं अनेक आकृतियाँ एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई थी....उनकी बनावट में महिला और पुरुष सॉफ सॉफ जान पड़ रहे थे माँ ये देखके शरमाने लगी..

माँ : यही सब तू दिखाने मुझे यहाँ लाया था बेशरम (माँ ने मुस्कुराते हुए कहा)

आदम : माँ इसमें बेशर्मी कैसी? ये सब तो प्रेम और काम को जैसे और एक्सप्लाय्ट कर रहे है देखो किन मुद्राओ में ये प्राचीन शिल्प आकृतियाँ है उफ्फ यक़ीनन किसी बड़े महान कलाकार की रचना है यह वाक़ई

माँ : हां रे उफ्फ (माँ की नज़र एक आकृति पे गयी जिसमें काफ़ी कामुकता थी जिसमें एक लिंग को थामें तो एक महिला पुरुष की गोद में हुए उन्हें चुंबन कर रही थी)

ये सब देखते ही देखते मेरे मन में भी कामवासना सी जाग गयी....मैने भी सोचा कि काश मैं माँ को राजा रानी की वेशभूषा और जेवरतो में नंगी देखता और उसके साथ सेक्स करता उफ्फ कामवसना तो अपने आप मुझमें जाग रही थी...हम एकटक खामोशी से आगे बढ़ते हुए एकदुसरे का हाथ पकड़े उन शिल्प आकृतियों को घूर्र रहे थे...

माँ ने एक जगह पे मुँह पे हाथ रखके शरम से मुस्कुराया फिर मुझे ड्काहने को इशारा किया मैं भी हंस पड़ा सच में ऐसा लग रा था की बार बार इन एरॉटिक स्कूल्पुतुरेस को देखता राहु वाक़ई क्या नागन आकृतीया थी वो..हमने इस बीच पाया की आस पास काफ़ी कपल लोग मज़ूद एकदुसरे के साथ छेड़म छेड़ करते हुए उन आकृतीयो का नज़ारा ले रहे थे...हम फिर वापिस लौटे..फिर और कुछ मंदिरो के बारे में जो सुना उसे देखने गये...डेढ़ घंटे बिताने के बाद हम वपयस बाहर लौटे इस बीच धुंप तेज़ हो गयी थी ऐसा लग रहा था जैसे दोपहर अपने पयमाने पे था..

आदम : अफ मज़ा आया ना

माँ : अफ मुझे तो बड़ा अज़ीब लग रहा था सब हमे भी देख रहे थे

आदम : हाहाहा यहाँ किसी को किसी से क्या मतलब शादी शुदा क्या प्रेमी जोड़ा क्या? सब जाते है देखने खासकरके उन आकृतीयो को देखा कितनी हिस्टॉरिकल और प्राचीन साइट है हमारे देश में

माँ : ह्म वाक़ई चल बहुत भूक लगी है अब कुछ खा ले

आदम : हां चल ना

बाहर निकले तो गाड़ी के पास ही इमदाद मिला उसने हमारी मज़ूद्गी का अहसास पाते ही गाड़ी से उठ खड़ा हुआ फिर हम दोनो को देखके मुस्कुराया उसने सॉफ देखा माँ पसीना पोंछ रही थी और उसकी साँसें एकदम तेज़ चल रही थी..मैने उसकी चुप्पी तोड़ने के लिए कहा कि यार भूक लगी है कोई रेस्टोरेंट है आस पास तो उसने कहा हां बस थोड़ा चलना होगा पास ही में है...तो मैने उसे कुछ पैसे की वो भी कुछ खा ले तो उसने कहा कि वो ख़ाके आ चुका है वो यही इन्तिजार करेगा हमारा तब तक हम आ जाए..

हम रेस्टोरेंट गये और वहाँ दोपहर का भोजन किया..भोजन में हमने फास्ट फुड ही लिया था..खा पीके जब वापिस लौटे तो इमदाद ने हमारे लिए गाड़ी के दरवाजे खोल दिए...हम वहाँ से फिर होटेल के लिए रवाना हुए...इमदाद इस बीच एकदम चुप था फिर उसने पूछा की कैसा लगा सर?...मैने कहा बात ही जुदा है बॉस आजतक तो सिर्फ़ मुगलो का ही मीनार देखा था आज इतने ऐतिहासिक चीज़ें भी दिख गयी मैं तो मंदिर के साथ साथ उन शिल्प आकृतीयो की भी प्रशंसा उसके सामने कर बैठा तो वो मुस्कुरा दिया..इस बीच मैने पाया कि माँ मेरे कंधे पे सर रखके सो गयी थी तो मैने फॅट से अपना एक हाथ उसकी साड़ी के अंदर से ले जाते हुए उसके पेटिकोट की डोरी को हल्का सा खीचते हुए अंदर तक सरका दिया....अफ मुझे सॉफ अहसास हुआ कि वहाँ कुछ चिपचिपा सा लगा था क्या माँ अंदर ही अंदर कामवासना से स्खलित हो गयी थी हो भी क्यूँ नही उस पल मैने माँ के नितंबो को भी साड़ी के बाहर से और पेट के भाग पे भी कितना हाथ फेरा था....और उपर से खाना ख़ाके सुस्ताहट और ज़्यादा चल फिरने से थकान हुई थी इसलिए वो गहरी नींद में थी पर उसे अपनी चूत पे मेरे हाथ का स्पर्श तो महसूस हुआ ही होगा

आदम : अफ यार सच कह रहा हूँ तुम अपनी वाइफ को लेके अंदर एक बार जाना

इमदाद : देखूँगा सर हहहा अगर वो मानी तो

आदम : भाई शादी कर लिए हो धीरे धीरे खुल जाएगी फ्रॅंक्ली कह रहा हूँ (तो इमदाद शरमा गया फिर उसने बातों में मुझे उसकी बीवी की तस्वीर दिखाई काफ़ी सेक्सी थी वो देखने में साला मज़े तो बराबर लेता होगा सोचते ही मेरा लॉडा खड़ा हो गया)

आदम : ह्म सुंदर है भाई

इमदाद : थॅंक यू सर

आदम : अभी बच्चे वाच्चे मत लेना थोड़ा एंजाय करो लाइफ को (कहते हुए मैने उसे आँख मारी तो वो झेंप सा गया और फिर हँसने लगा)
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RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत - by sexstories - 12-09-2019, 02:13 PM

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