Hindi Porn Story हसीन गुनाह की लज्जत - 2
12-09-2019, 12:09 PM,
#23
RE: Hindi Porn Story हसीन गुनाह की लज्जत - 2
और धीरे-धीरे मैंने अपनी दसों उँगलियों को ऊपर की ओर जुम्बिश देनी शुरू की और अपनी हथेलियाँ ठीक ऐसे ऊपर को उठाने लगा जैसे छतरी बंद करते हैं. तत्काल वसुन्धरा के मुंह से आनंदप्रद सिसकारियों का सिलसिला शुरू हो गया. वसुन्धरा के वक्ष पर मचलती मेरी उँगलियों की जुम्बिश और वसुन्धरा के मुंह से निकलने वाली सिसकारियों की तेज़ी में ग़ज़ब का तारतम्य था.

जैसे जैसे मेरी उंगलियां पर्वतों के शिखरों के पास, और पास पहुँचती जा रही थी वैसे वैसे वसुन्धरा के मुख से निकलने वाली सिसकारियों में तेज़ी आती जा रही थी- आह … हा..हा.. आह..सी.. ओह … सी..ई..ई … ई … ई!
वसुन्धरा रह रह कर दांत किटकिटा सी रही थी और उसके मुंह से निकलने वाली सीत्कारों का कोई ओर-छोर नहीं था.

अचानक ही वसुन्धरा ने अपने दोनों हाथ अपने चेहरे से उठा कर मेरे सर को दोनों कानों के पीछे से थाम लिया और अपने लब मेरे लबों पर टिका दिए. मैंने मौके का फायदा उठाया और फ़ौरन अपनी जीभ वसुन्धरा के मुंह में डाल दी. वसुन्धरा बड़ी आतुरता से मेरी जीभ चूसने लगी और उसके दोनों हाथों की दसों उंगलियां मेरे सर में यहां-वहां गर्दिश करने लगी.

ऊपर की ओर बढ़ती मेरे दोनों हाथों की उँगलियां बस, दोनों शिखरों तक पहुँचने ही वाली थी कि पर्वत शिखरों की ऊंचाई और बढ़ने लगी और साथ ही मेरी उँगलियों के पोरुओं तले पर्वतों का तल कुछ-कुछ कठोर हो उठा था. वसुन्धरा के दोनों वक्षों के निप्पल धीरे-धीरे तनने, सख़्त और सख़्त होने लगे थे. क्षण-भर बाद ही मेरी उँगलियों के पोरुओं की गिरफ़्त में सिर्फ दो निप्पल ही थे.
कुछ कुछ नर्म, कुछ कुछ कठोर … मैंने अपने दोनों हाथों से हल्का सा दबा कर दोनों निप्पलों की सख्ती को जांचा.
वसुन्धरा का प्रत्युत्तर बहुत उत्तेजक और अप्रत्याशित था. वसुन्धरा ने तत्काल एक घुटी-घुटी सिसकी ली और मेरी जीभ इतनी जोर से अपने मुंह के अंदर खींची जैसे वो मेरी जीभ को अपने अंदर उतार लेना चाहती हो.

जवाब में मैंने वसुन्धरा के दोनों निप्पलों को जरा सा और भींच दिया. वसुन्धरा का मुंह खुला और उसके मुंह से जोर से ‘आह’ की सिसकारी निकली और इसके साथ ही मेरी जीभ वसुन्धरा की पकड़ से छूट गयी. मैंने फ़ौरन वसुन्धरा के ब्लाऊज़ के हुक खोलने शुरू किये और दो क्षण में ही वसुन्धरा के ब्लाऊज़ दोनों पटल दाएं-बाएं खुले पड़े थे और अंदर लेसिज़ वाली डिज़ाईनर ब्रा में दो हंसों का जोड़ा अपनी झलक से वातावरण चकाचौंध करने लगा.

इससे पहले कि वसुन्धरा कुछ शर्मो-हया दिखाती, मैंने फ़ौरन वसुन्धरा की दायीं कोहनी मोड़ कर उसकी बाज़ू ब्लाऊज़ की पकड़ से आज़ाद कर दी और अपना बायां हाथ उसकी बगल में से पीछे ले जा कर ब्रा का हुक खोल दिया और साथ ही अपना हाथ बाहर खींचते हुए साथ ही मेरी बायीं ओर वाला ब्रा का स्ट्रैप वसुन्धरा की पीठ से बाहर खींच कर वसुन्धरा की दायीं बाजू को ब्रा की पकड़ से भी आज़ाद दिया.

बस … पर्दा उठने को था और हंसों के इस अछूते जोड़े पर मेरी पूरी मनमानी चलने को थी. जैसे ही वसुन्धरा का वक्ष अर्ध-नग्न हुआ, एक मोहक, नशीली सी काम-आह्लादित करने वाली तीक्ष्ण गंध मेरे नथुनों में प्रवेश कर गयी. यूं कमरे में सर्वत्र काम-गंध तो पहले से ही छायी हुई थी.

मैंने अपनी बायीं ओर ज़रा झुक कर वसुन्धरा की दायीं बगल से ज़रा नीचे इक भरवां चुम्बन लिया और मेरे होंठों ने एक एक चुम्बन लेते हुए वसुन्धरा के दाएं उरोज़ के निप्पल की ओर बढ़ने का मोहक और नशीला सफर शुरू किया.
“सी..ई..ई … ई … ई …!..आ … आ … आ..आ … ह … ह … ह! … ऊ..ऊ … ऊ..फ़!” मेरे हर चुम्बन के साथ साथ वसुन्धरा के मुंह से जैसे एक दीर्घ ग़ुर्राहट सी निकलती.

वसुन्धरा के दोनों हाथों से मुझे अपने साथ कसे हुए थी, मेरा दायां हाथ अभी भी वसुन्धरा के ब्रा के ऊपर से ही वसुन्धरा के बाएं वक्ष के निप्पल के साथ अठखेलियां कर रहा था.

अब मेरे लबों का सफ़र वक्ष के ऊपर पड़े ब्रा के कप की वजह से थोड़ा सा दुश्वार होने को था कि तभी आनंद की किलकारियों से सराबोर वसुन्धरा ने अपने दाएं हाथ से अपने ब्रा का कप ज़रा सा ऊपर उठा कर मेरे होंठों को अपना सफर जारी रखने का मौन निर्देश जारी किया.
और इसके साथ ही शमा की झिलमिलाती रोशनी में मुझे वसुन्धरा के दाएं अमृत-कलश की पहली झलक मिली … सुडौल, झक सफ़ेद, नर्म-गर्म गोलाकार गुंबद के शीर्ष के चारों ओर एक रूपये के सिक्के के आकार का थोड़े गहरे रंग का वलय और शीर्ष पर मटर के दाने जिनता अमृतकलश का शिखर.

यही ज़न्नत थी और मेरे होंठ इस जन्नत का लुत्फ़ लेने से एक-डेढ़ इंच ही दूर थे. मैंने जीभ निकाल कर उस मटर के दाने को हल्का सा बस छुआ भर ही. वसुन्धरा के शरीर में एक छनाका सा हुआ और वसुन्धरा सिहर-सिहर उठी, हम दोनों के जिस्म का रोआं-रोआं खड़ा हो गया और उत्तेजना की एक तीखी लहर हमारे जिस्मों में से गुज़र गयी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Porn Story हसीन गुनाह की लज्जत - 2 - by sexstories - 12-09-2019, 12:09 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,544,698 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,360 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,250,862 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 945,687 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,679,427 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,102,194 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,987,543 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,176,798 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,076,860 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,123 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)