RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
अपडेट 93
“मेरी....जान....ऊऊफ़्फ़्फ़...आप क्या कर रहे है ओह.”
माँ सेक्स में पूरी तरह डूब चुकी थी पूरे बीस साल बाद उन्हें वह लज्जत मिल रहि थि जो वह लगभग भूल चुकी थी
आज इतने सालों बाद वही प्यार वह फिर से पा रही थी जो उनके नसीब में बहुत कम समय के लिए लिखा था
वह अपने आप को बहुत भाग्यशाली मान रही थी वह फिरसे ना सिर्फ सुहागन बनी थी
उन्हें पति भी बहोत खूबसूरत मिला था जो न सिर्फ उन्हें सबसे ज्याद प्यार करता है उनकी केअर भी करता है
वह उन्हें सारी जिंदगी प्यार करता रहेगा
एक बीवी की तरह ही नही एक माँ की तरह भी
मेरे सर पर उत्तेजना का भूत सवार था .
मैं दोनों स्तन को बारी बारी से चूस रहा था,
चाट रहा था, अपनी जीभ की नोंक से चुभला रहा था .
मेरा मुंह अब दोनों स्तन के बीच की घाटी में घूमने लगा .
मैं स्तन के बीच की घाटी को चूमता, चाटता, अपना मुंह धीरे धीरे नीचे ले जाने लगा .
स्तन से होकर नीचे की और जाते हुए मेरा मुह उनके गोरे पेट पर घुमने लगा . मेरी जिव्हा माँ के पूरे पेट पर घुमती उसे चाट रही थी .
मेरे होंठ अपनी माँ के दुधिया पेट के हर हिस्से को चूम रहे थे .
हर बीतते लम्हे के साथ माँ की आहें ऊँची होती जा रही थीं .
जिस्म की आग उसे जला रही थी और उनका बेटा था जो उस आग को बुझाने की बजाए उसमें तेल डालकर उसे और तेज़ भड़का रहा था.मेरी जिव्हा अब माँ की नाभि तक पहुँच गई थी .
मैंने जिव्हा को नाभि के आखरी छल्ले पर घुमाया. नाभि के दस बारह चक्कर काटने के बाद मैने अपनी जिव्हा नाभि में घुसा दी और मेरे होंठ नाभि के ऊपर जम जाते हैं .
मैं नाभि में जीभ घुमाता उसे चाटता और चूसता रहा .
माँ कमर को कमान की तरह तान रही थी . कमरे में बस उनकि सिसकियों और मेरी भारी साँसों की आवाज़ आ रही थी .
मैने पेट पर होंठ सटाए अपना मुंह नाभि से नीचे, और नीचे, और नीचे लाता गया और मेरा मुंह माँ की काली पेन्टी की इलास्टिक को छूता है .
माँ का बदन कांपने लगता है .
उनके बेटे के होंठ उनकि योनि से मात्र कुछ इंच की दूरी पर थे .
मैंने पहले अपनी जिव्हा कच्छी की इलास्टिक में घुसाई और उसे माँ की कमर पर एक सीरे से दुसरे तक इलास्टिक में घुसाए रगड़ी .
फिर मैंने अपना चेहरा हटा लिया और माँ के स्तन पर से भी हाथ हटा लिया
माँ के स्तन की दुधिया रंगत मैंने ने स्तन को चूस, चुम्म, चाट, मसलकर गहरे लाल रंग में तब्दील कर दी थी .
मगर मेरा ध्यान अब अपनी माँ के स्तन की और नहीं था .
मेरी नज़र माँ की भीगी काली कच्छी में से झांकती उनकि योनि पर था .
मेरी हरकतों से माँ इतनी गर्म हो चुकी थी कि उनकि योनि ने पानी बहा बहाकर सामने से पूरी पेन्टी गीली कर दी थी .
मुझे अपनी योनि घूरते पाकर माँ की बैचेनी और भी बढ़ गई थी जिनसे भीगी पेन्टी इस प्रकार चिपक गई थी कि माँ की योनि के साथ साथ उनके बीच की हल्की सी दरार भी साफ़ नज़र आ रही थी .
माँ बहुत बेताबी से मेरे आगे बढ़ने का इंतज़ार कर रही थी .
उस पर एक एक पल अब भारी गुज़र रहा था .
मैंने अपनी माँ के बदन में छाये तनाव से उनकि बेताबी को भांप लिया .
मैंने अपना चेहरा नीचे लाया .
माँ गहरी और तीखी सांस लेती है .
मैं तब तक चेहरा नीचे करता रहा जब तक मेरा चेहरा लगभग अपनी माँ की योनि को छूने नहीं लग जाता .
मैं अपनी माँ की योनि से आती खुशबू को सूंघ सकता था .
मैने योनि से नाक सटाकर गहरी सांस अन्दर खींची जैसे योनि को सूंघ रहा हु .
मैने शादी से पहले इंटरनेट पर सेक्स के विषय मे जितना पढ़ा हु वह सब अब आजमा रहा हु की किसी भी औरत को सेक्स के टाइम क्या क्या अच्छा लगता है
कोई भी औरत हो उसे सीधे चुदाई पसंद नही होती वह चुदाई से पहले अपने साथी के साथ फोरप्ले करना चाहती है
फिर वह जवान लड़की हो या कोई भी बड़े उम्र की लेडी सब चाहती है उनका साथी उसे प्यार से धीरे धीरे आखरी मंजिल तक ले जाये मैं वही सब ज्ञान अपनी माँ कम बीवी पर आजमा रहा हु
नजाने मुझे भी अब सब कुछ अच्छा लग रहा है प्राइवेट पार्ट को चाटना चुसना सूंघना मेरी जिस तरह से परवरिश की गई थी जिस माहौल में मैं पढ़ा लिखा था बडा हुआ था उस परिवेश में मैं इस तरह के सेक्स के बारे में सोच ही नही पाता
पर जब माँ और मेरी शादी फिक्स हुई तब मुझे सेक्स के बारे में जानना जरूरी हो गया तब मैंने इंटरनेट पर राजशर्मा की बहोत सी माँ बेटे की सेक्सी स्टोरीस पढ़ी
बहोत सारी पोर्न मूवीस देखी जिनमे ज्यादातर बड़ी उम्र की औरतों की मूवीज देखता ताकि मैं भी समझ सकू की उन्हें किस तरह संतुष्ट किया जाता है आज उसीका परिणाम है
कि मैं अपनी माँ के साथ वह सब कर रहा हु जो मैंने इंटरनेट से जाना था और अब मुझे वह सब अच्छा भी लगने लगा
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