RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
अपडेट 64
बाहर अँधेरा हो गया.
फिर भी आसमान मे मैं उजाला देख पा रहा हु.
स्ट्रीट लाइट जल रही है.
चारों तरफ बिजली की रौशनी छा गयी है. फिर भी नेचर की अद्भुत महिमा से आसमान अभी भी उजाले जैसा है.
गर्मी के टाइम ऐसे ही कुछ कुछ शाम होती है, जहाँ एक अद्भुत रोशनाई से चारों दिशाएं भर जाती है. और तब एक ऐसी अनुभुति मन के अंदर आती है जो कभी किसी भी परिस्थिति में मन को वैसा फील नहीं करवाती है.
कुछ खुशी, कुछ ग़म मिलकर वह अनुभुति हम को सब के बीच में रहकर भी हमे सब से अलग कर देती है..कुछ पलों के लिये.
मैं आसमान की तरफ से नज़र हटा के नीचे लाया तो एक साईकल रिक्शा मेरे सामने तब तक आ गया था.
मैं उसमे चढ़के बाजार की तरफ जाते जाते सोचा..क्या अद्भुत इस दुनिया का नियम.
हमारे पास कितनी सारी मटेरिअलिस्टिक चीज़ें होती है.
हम एक चीज़ देकर उसी के बराबर तोलमोल के दूसरी चीज़ पाते है.
पैसा सब के पास समान तरीके से नहीं है. इस लिए बहुत कुछ चीज़ें तोलमोल ने के चक्कर में ज़िन्दगी में अधुरी रह जाती है.
लेकिन हमारे पास एक कारख़ाना है,
जहाँ हम हमारी मर्ज़ी के माफ़िक जो चाहे जितना चाहे कुछ चीज़ उतना पा सकते है.
और उनके दम पर हमे बहुत कुछ मिल सकता है.
हा..हमारा मन. हमारा मन एक ऐसी चीज़ों का कारख़ाना है
जहाँ से हमे जितना चाहे ईमोशन, पैशन, लव, लॉयलटी, आनेस्टी मिल सकती है.
और उस चीज़ के बलबुते से हम बहुत कुछ मन पसंद, मन चाहे चीज़ पा सकते है, और नेचर उसको पाने में आपको सहयोग देता है.
मेरा माँ के प्रति प्यार ऐसा ही एक बलिष्ट नमुना.
मैं उनको शायद जाने-अनजाने में इतना प्यार कर बैठा था,
इतना चाहने लगा था की आज ज़िन्दगी के इस मोड़ पे हम एक साथ हो गये
माँ भी मन से शायद अनजाने में ऐसाही कुछ चाही होगी,
इस कारन वह आज अपने बेटे की ज़िन्दगी में हमेशा के लिए उसकी पत्नी बनके आगयी.
एक अदृश्य धागे से हमारा मन बंध गया था
और अब हम इस समज में एक नये रिश्ते में जुड़कर, एक नयी ज़िन्दगी जीने की शुरुआत कर दिया.
आज हमारे ज़िंदगीका वह स्पेशल दिन है, जो हर कपल, हर पति पत्नी के जीवन में एक बार आता है.
और इस अनोखे पल को में स्पेशल,
मेरी माँ के लिये, मेरी बीवी के लिए बहुत स्पेशल बनना चाहता हु.
जब हमारे बाल ग्रे हो जायेंगे, जब हम सारी चीज़ें बोलने से ज़ादा मेहसुस करेंगे, हमारे पोता पोती आजु-बाजु घूमते रहेंगे,
तब बालकनी में ऐसे ही एक शाम को हाथ में हाथ रखके बैठ्कर,
आसमान की तरफ देखते हुए इस पल को, इस दिन को याद करके कुछ ख़ुशी मेहसुस करेंगे.
माँ के साथ घरमे जो जो चीज़ें लेने के लिए डिस्कुस किया था,
वह सब सारा सामान में ले लिया.
और में माँ को न बताकर एक चीज़ लिया. बहुत सारे गुलाब के फूल और गुलाब की पंखुड़िया. बाकि सब सामान के साथ फूलों का भी एक बड़ा पैकेट बनाया और रिक्शा लेकर घर वापस आगया.
कालिंग बेल्ल बजाते ही माँ दरवाजा खोल दि. माँ को देख के मेरी छाती में छनछन करके एक सिहरण खेल गई.
यह माँ का और एक रूप जो आज पहली बार देखने को मिला.
माँ स्माइल करके मुझे देख रही थी. उनके बालों को एकट्ठा करके ऊपर की तरफ उठाके सरके ऊपर एक काजुअल जुड़ा बना हुआ है.
मांग में सिंदुर का लाल रंग जलजल कर रहा है. गले में मंगल सूत्र लटक के उसकी लॉकेट उनके मुलायम और डीप क्लीवेज के पास पड़ी हुई है. और उनके कंधो में एक टॉवल रखी हुई है.
मुझे एक झलक देख के पता चल गया की वह नहाने के लिए जा रही थी.
एक तो इतना गरमि, दूसरी यह है की कल से हम ट्रैन में थे. आज दिन भर नहाने का मौका नहीं मिला.
इस लिए अब वह नहाने के लिए तैयार हो रही थी.
लेकिन उनके इस रूप को एक झलक देख के मेरा मन ख़ुशी से पिघल रहा था और मेरा पेनिस सख्त होकर फुदक ने लगा.
वह बहुत ज़ादा सेक्सी लग रही थी.
उनके वह साज, वह अदायें और यह परिस्थितियां मुझे उनकी तरफ खींच रहा था और अंदर से बहुत आर्गी फील हो रहा था.
मैं बस स्माइल कर रहा था.
मेरे दोनों हाथों में इतना सारा सामान देखकर माँ हस पड़ी और बोली
"अरे ..सारा बाजार उठाकर लेकर आये क्या"!!
बोलकर मेरे हाथ से कुछ पैकेट्स और कैर्री बैग्स लेने की कोशिश कि.
मैं ने सावधाणी से फूलों का पैकेट न देकर बाकि कुछ समान उनको दे दिया.
और अंदर आगया. माँ सामान लेकर किचन की तरफ चल पडी. मैं डोर बंध करके उनके पीछे पीछे जाने लगा.
उनके हर स्टेप में मुझे हल्का हल्का झूम झूम आवाज़ सुनाई देणे लगा.
वह जो पायल पहनी हुई है, यह उसकी आवाज़ है.
उनको पीछे से ऐसे आवाज़ करते जाती हुई, दिल में आग लगने वाली एप्पल शेप हिप्स की एक रदम में,
ऐसे अकर्षित करनेवाली एक अंदाज़ में जाते हुए देखकर मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा.
माँ आज रात मेरी बाँहों में होगी.
मेरी बीवी बनकर मुझे पति के सारे अधिकार देगी.
उनके शरीर को हर जगह में छुने का,
हर कोने में किस करने का,
मेरी बाँहों में लेकर जी भर के प्यार करने का अधिकार देगी.
उनका तन पूरी तरह से उनके बेटे के पास,
उनके पति के पास समर्पण करेगि.
मैं इसके लिए बेताब हु और वह भी मन में इसके लिए इंतज़ार कर रही होगी जरुर.
माँ किचन में दाखिल होगयी.
और में किचन में घूसने से पहले फूलों का पैकेट वहि पड़ी हुई एक रैक के ऊपर रख दिया और किचन में घुस गया.
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