RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
घर आने में ज़ादा लेट नहीं हुआ. सब काम ठीक से करके वापस आके डिनर भी कर लिया. माँ का एक मेसेज आया था जब मार्किट से वापस आ रहा था आनेके बाद उनसे बात भी कर लिया. आज बाकि दिनों से जल्दी उनसे बात ख़तम कर दि. हम दोनों को नीद की सख्त जरुरत है. पिछली ४ रातें हम बात ज़ादा किया है छुप छुप के और सोया कम. मुझे भी सुबह ऑफिस जाना पडता है और माँ को भी घर का काम वैगेरा संभल ने के लिए सुबह जल्दी उठना पडता है. पर आज हमारे दोनों की बॉडी थकी हुई थी और कल में अहमदाबाद जा रहा हुँ.
मा से आज देर रात तक बात नहीं होरही है, लेकिन में सो भी नहीं रहा हु इतनी जल्दी. अब में पीसी खोल के सामने बैठा हु. कल मैं उनसे बात करते वक़्त बहुत भावूक हो गया था और में उनके सामने एक चीज़ कन्फेशन भी किया. मैंने बता दिया की में कबसे उन्हें प्यार करते आ रहा हुँ. पिछला ६ साल से अपने मन में उन्हें एक दूसरी तरह प्यार करते आ रहा हु--यह बात साफ साफ बता दिया. मैंने यह भी बोला था की में कभी उस प्यार के बारे में किसी को जानने नहीं दिया, न देता कभी. पर आज हमारे नसीब में जब और कुछ लिखा हुआ है, तब में यह चीज़ उनको बताना जरुरी समझा क्यूंकि अब हमारे बीच कोई सीक्रेट नहीं रहना चहिये. माँ गौर से चुप होकर मेरी बात सुन रही थी और सरप्राइज भी हो गयी थी. मैंने बताया की हो सकता है मेरा वह सच्चा प्यार अन्जाने में हमारा नसीब में एहि परिणाम लिख दिया था लेकिन जब मैंने उन्हें कैसे प्यार करते आ रहा हु, यह चीज़ हसके हलके से बताने गया, तोह वह थोड़ा शर्मा गयी और फ़टाफ़ट टॉपिक चेंज कर दिया था मुझे मालूम है वह अभी भी कुछ चीज़ों में इतना भी सहज नहीं हो पाई मेरे पास की वह मेरे साथ सब कुछ खोलके चर्चा कर पाये. स्पेशली जहाँ सेक्स की बात जुड़ा है, उस जगह में वह अभी भी एक दिवार बनाके रखी है. पर में जानता हु वह इस बारे में कितनी प्यासी होंगी. पिछले अठरा साल उन्होंने अकेले गुजार दिये. ज़िन्दगी का अहम भाग उन्होंने वह सब के बिना काटी है. उनका भी तन चाहता होंगा एक परिपूर्ण तृप्ति. एक परिपूर्ण संतुष्टि. कुछ ही दिन में हमारी शादी होने जा रही है. और हम पति पत्नी बनके पूरा लाइफ गुजारने जा रहे है. मैं उन्हें वह सब कुछ देना चाहता हुँ. मैं अभी तक वर्जिन हुँ. और वह मुझसे १६ साल बड़ी है. मैं कभी इंटरनेट सेक्स में एडिक्टेड नहीं हुँ. पर में इस परिस्थिति में इंटरनेट से सेक्स एजुकेशन लेने का डिसिशन लिया. हस्बैंड वाइफ को क्या क्या करना चाहिए सुखी लाइफ बिताने के लिये. एक दूसरे को मेंटली, साथ साथ फिजिकली भी खुश रखना चहिये. सो में सेक्स गाइड पड़ना सुरु किया दो दिन से. स्पेशली में ज़ादा पड़ रहा हु " “How to satisfy Older Women in Bed” और आज, अभी में यही पढ़ रहा हुँ.
दरवाजा खोलके नानीजी मुझे स्माइल के साथ स्वागत किया. पर उन्होंने मेरे चेहरे की तरफ देख के, थोड़ा चिंतित होकर पुछा
" क्या हुआ बेटा!! तुम्हारी तबियत तो ठीक है?"
मैं पहले चोंक गया था थोडा. पर बाद में रीलाईज़ किया की शायद मेरे आँखों के नीचे जो हल्का सा काला धब्बा दिख रहा है, उसी के कारन नानीजी चिंतित हो गई होंगी. पिछले ५ रात ठीक से नीद पूरी नहीं हुई. माँ और में दो प्रेमी के तरह रात भर बातें करते रहे. और साथ ही साथ ऑफिस का काम के अलावा घर सजानेकी खरीदारी में बहुत बीज़ी हो गया था पर में यह सब उनको कैसे बताऊँ की उनकी बेटी से शादी करके घर बसाने के लिये, उनकी बेटी के साथ मिलके में क्या क्या कर रहा हुँ. मैं परिस्थिति सँभालने के लिए कहा
" हाँ नानीजी...में बिलकुल ठीक हुं"
नानीजी मेरे चेहरे को गौर से देखि और फिर नानाजी के तरफ नज़र घुमाई. तब नानाजी उनको बोले
" अरे भाई इतना दूर से ट्रवेल करके आरहा है. थक तो गया होंगा."
फिर मेरे तरफ देखके बोले
" आज रात कसके नीद ले लो, सुबाह एकदम फ्रेश्..है की नहीं?"
मैं थोड़ा हसके उनकी बातों को सहमति देणे लगा. मैं यह महसुस कर रहा हु कि, हालाँकि में उनलोगों का दमाद बनने जा रहा हुँ,पर में उनलोगों का पोता भी तो हुँ. सो आज तक नानीजी मुझे जिस नज़र से देखते आरहे है, जैसे मेरे बारे में चिंतित होती है आज भी वैसे ही प्यार, स्नेह और ममता के साथ मुझे देखा और अपनी चिंता बताई. यह भी सही है की माँ और में जैसे एक ट्रांसफॉर्मेशन के अंदर से गुजर रहे है, उन लोगों को भी तो टाइम लगेगा अपने पोते को पूरी तरह दामाद की नज़र से देखने के लिये. मैं सोचते सोचते दरवाजा खटखटाया था की क्या में माँ को सामने देख पाउँगा की नही. लेकिन नही. वह नज़्दीक कहीं दिखाइ नहीं दी.
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