RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
अगले दिन,
पूरा दिन संदेह, संशय और घबराहट के बादलों के बीच बीता | शरीर का रोम रोम अत्यंत रोमांच से भरा हुआ रहा | आज जिस तरह का जासूसी मैं करने वाला था, वो पहले कभी नहीं किया था मैंने | पहली बार ऐसे किसी प्लान का हिस्सा बन कर बड़ा ही अजीब वाला ख़ुशी मिल रहा था | दिल ज़ोरों से धड़के जा रहा था और मन बार बार कई तरह के आशंकाओं से भरे जा रहा था | चाचा के ऑफिस निकल जाने के बाद चाची थोड़ी देर के लिए मार्किट के लिए निकली थी | जब आई तब उनके हाथ में कुछ प्लास्टिक बैग्स थे | मैंने ध्यान नहीं देने का नाटक किया और अपने काम में लगे रहा | पर चाची के नहाने के लिए बाथरूम घुसते ही मैं दौड़ कर उनके कमरे में गया और उन बैग्स को चेक किया | सब में तरह तरह के कपड़े थे,.... किसी में टॉप नुमा तो किसी में नई साड़ी ब्लाउज, इत्यादि | मेरे मतलब का कुछ खास नहीं मिलने पर मैं चुपचाप उनके कमरे से निकल आया | पूरा दिन हम दोनों का किसी न किसी काम में व्यस्त रहते हुए बीत गया | बीच बीच में रह रह कर चाची के चेहरे पर चिंता की कुछ लकीरें उभर आती थीं पर साथ ही उन्हें किसी बात को लेकर बहुत कन्फर्म भी दिखाई दे रहा था | दोपहर में चाचा को उनके ऑफिस फ़ोन कर अपने किसी सहेली के यहाँ जाने का बहाना कर दी, ये भी कहा की उन्हें शायद पूरी रात अपनी सहेली के यहाँ ही बीतनी पड़े; इसलिए वो (चाचा) कोई चिंता नहीं करे |
शाम पाँच बजे से ही तैयार होने लगी चाची | मेरे पूछने पर भी उन्होंने वही सब कुछ दोहराया जो उन्होंने चाचा को सुनाया था | ठीक ठाक ही मेकअप किया उन्होंने | एक अच्छी सी साड़ी पहनी , बढ़िया परफ्यूम लगाया | वक्ष: स्थल पर नज़र डालने पर ऐसा प्रतीत होता था कि शायद उन्होंने आज अन्दर एक पुश-अप ब्रा पहना है | देख में बहुत हसीं लग रही थी | ठीक सवा छ: बजे वो घर से निकल गई | मैंने छत पर से देखा, घर से दूर, वह ठीक मोड़ वाले वाले रास्ते को क्रॉस कर एक पेड़ के नीचे खड़ी हो गई | मुश्किल से पाँच मिनट हुए होंगे कि एक काली वैन आ कर रुकी चाची के सामने और चाची के उसमें सवार होते ही वो वैन चल पड़ी |
अब तैयार होने की बारी मेरी थी | मैंने उस कागज़ में लिखे बातों को एक बार फिर से पढ़ा और तय किये गए समय के मुताबिक घर से निकल गया ठीक पौने सात बजे | मैं भी उसी मोड़ वाले रास्ते को पार कर रोड के दूसरी तरफ़ खड़ा हो गया | कुछ सेकंड्स में ही वही वैन (पहले वाले दिन) आकर रुकी | मैं उसमें सवार हो गया | घर से वही बैग लेकर निकला था | गाड़ी में बैठे बैठे ही मैंने वेटर वाले कपड़े पहन लिए और दूसरे कपड़े को उसी बैग में रख कर सीट के नीचे रख दिया | चेहरे पर कुछ मेकअप पोता और एक घनी पर पतली मूंछ लगाया और थोड़ी बड़ी हुयी नकली दाढ़ी भी | इसके बाद मैंने अपना हेयर स्टाइल भी बदला | अब मेरा हुलिया बिल्कुल बदल गया | कोई माई का लाल मुझे पहचान पाने में सक्षम नहीं था | अब इंतज़ार था असल एक्शन का |
कुछ ही देर में होटल के सामने था | गाड़ी कुछ दूरी पर रुकी थी | मैं वैन से उतर कर मन ही मन भगवान को याद करता हुआ पूरे आत्म-विश्वास के साथ होटल की ओर बढ़ गया | कागज़ में लिखे मुताबिक मेरे ब्लेजर के अंदरूनी पॉकेट में एक कागज़ सा टोकन होगा | उस टोकन को होटल के मुख्य द्वार पर खड़े दरवान को दिखा कर अन्दर घुसना था | मैंने ऐसा ही किया | दरवान ने टोकन देखते ही बड़े ही आदर से तुरंत ही गेट खोल कर हाथ सीधा कर अन्दर जाने का इशारा किया | अन्दर जा कर मैं सीधे ड्रिंक्स वाले काउंटर में चला गया | वहां नीली शर्ट पहने, आँखों में चश्मा लगाए एक आदमी ड्रिंक कर रहा था | मैं उसके बगल में जाकर खड़ा हुआ और थोड़ा अदब के साथ सिर को झुकाते हुए बोला,
“एनीथिंग एल्स यू वुड लाइक टू हैव ........सर?” ‘सर’ शब्द पर मैंने एक खास लहजे से जोर डाला |
सुनते ही वह आदमी एकदम से मेरी ओर पलटा ओर ऊपर से नीचे तक अच्छे से देखने के बाद हल्का सा मुस्कराया और अपने दायें हाथ की तर्जनी उंगली दिखाते हुए ‘ना’ का इशारा किया | मैं समझ गया | ये इशारा है.... मतलब की कोई खतरा नहीं... काम पर लग जाओ | मैं तुरंत वहां ऑर्डर्स लेने लगा | एक से ढेर घंटे इसी तरह काम करता रहा | नौ बजने में कुछ मिनट्स बाकी होंगे ... की तभी एक आदमी ने एक ऊँचे से जगह से माइक के सहारे ये अनाऊंस किया कि, ‘अब कुछ ही देर में हमारे स्पेशल गेस्ट्स आने वाले हैं, प्लीज़ शांति बनाये रखें |’
थोड़ी देर में वहां बहुत से अमीर आदमियो का जमावड़ा लग गया | एक से एक स्मार्ट तो एक से एक भद्दे से शकल सूरत वाले लोग थे | जितने भी लड़के वेटर थे उन लोगों को कुछ समय के लिए काउंटर के साइड या पीछे तरफ़ खड़े होने को कहा गया | मैं किसी के नज़रों में आने से बचने के लिए सब के पीछे जा कर खड़ा हो गया | करीब दस मिनट बाद वहां बहुत सी लड़कियाँ और औरतें आ कर खड़ी हो गई और जो काम हम कर रहे थे, मतलब वेटर का वो काम अब वो लोग करने लगी | सब के ड्रेस बहुत ही बेशर्मी से बहुत खुले खुले से थे | किसी के शर्ट के बटन सारे खुले थे तो किसी ने बिना साड़ी पहने बड़े गले का ब्लाउज-पेटीकोट पहन रखे थे | कई ऐसी भी लड़कियां थीं जो सिर्फ ब्रा-पैंटी में ही लोगो से ऑर्डर ले रही थीं | पर मुझे इन सब में सभी कोई रूचि नहीं थी | मेरी आँखें बेसब्री से चाची को ढूँढ रही थी | बैकग्राउंड में गाना बज रहा था, ‘रात बाकी, बात बाकी ... होना है जो... हो जाने दो...’ | कुछ लडकियां और औरतें नाचते हुए उन अमीर लोगों के पास जाती है और उनको पकड़ कर डांस फ्लोर पर ले गई | थोड़ी देर के डांस के बाद उनके हाथ पकड़ कर सीढ़ियों से ऊपर ले जाने लगी | बगल वाले एक वेटर से पता चला की आज रात ये लडकियां और औरतें इन्हीं अमीरजादो के बिस्तर गर्म करेंगी | इन अमीरजादों में कई विदेश में बसे दो नंबर का धंधा करने वाले बड़े बिजनेसमैन या फिर गैंगस्टर्स हैं | यहाँ इस होटल में जब मन करे आ जा सकते हैं | किसी न किसी पुख्ता कारण से पुलिस भी इनपर हाथ नहीं डालती है |
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