RE: Antarvasna चुदने को बेताब पड़ोसन
यह कहानी मेरी मकान मालकिन की सहेली की है। जो उसके साथ ही बैंक में नौकरी करती थी। जैसा कि मेरी मकान मालकिन ने कहा था कि मैं अपनी सहेली को भी तुमसे चुदवाऊँगी। अगली बार वह एक 32 साल की औरत को लेकर आई थी। उसका नाम सपना था। वो दो बच्चों की माँ थी। उसके दोनों बच्चे अपनी नानी के घर रहते थे और दोना मियां-बीबी सरकारी नौकरी में होने के कारण अलगअलग रहते थे इसलिए वह ज्यादातर लण्ड की प्यासी ही बनी रहती थी।
जब वह मेरे कमरे में आई तो मैं उसे देखता ही रह गया, वह किसी अच्छे घर की लगती थी और बहुत खूबसूरत थी। मेरी तो लाटरी ही लग गई जो मुझे उस जैसी हसीन-तरीन हूर को चोदने का मौका मिल रहा था।
मेरी मकान मालकिन ने उसका परिचय कराया। मैंने हाथ मिलाते समय उसका हाथ हल्के से दबा दिया। जिससे वो शर्मा गई। यह तो उसको भी पता था कि वो आज यहाँ चुदने ही आई है। इसलिए मैं खुलकर उससे बातें करने लगा। जल्दी ही हम दोनों घुल-मिल गए।
भाभी बोली- राज, मुझे अभी अपने रिश्तेदार के पास जाना है। मैं लौटकर परसों सुबह ही आ पाऊँगी। तब तक तुम मेरी सहेली का ख्याल रखना।
मैंने कहा- “भाभी आप जाइए मैं इनका इनके पति से भी ज्यादा ख्याल रबँगा। वो हर चीज दूंगा, जिसकी इन्हें जरूरत है..."
वो हमें अकेला छोड़कर चली गई।
मैंने अगले दिन की छुट्टी ले ली। अब मजे के लिए पूरे दो दिन हमारे पास थे। पहले शाम को मैं उसे घुमाने ले गया। उसने मेरे लिए बहुत शापिंग की। साथ में बियर की बोतलें लेकर हम घर वापस आ गए। रात को हम दोनों ने एक-एक बियर पी और खाना खाकर हम एक ही बिस्तर पर आ गए।
वो अब भी शर्मा रही थी।
मैं बोला- सपना जी, शर्माओ मत, आप तो बहुत शर्मा रही हो।
सपना- वो क्या है राज कि मैं आज तक कभी किसी मर्द के साथ ना अकेली रही हूँ। ना कभी बियर पी है।
मैंने कहा- “तो क्या हुआ? हम आपके अपने ही तो हैं। दो दिन के लिए मुझे ही अपना मर्द समझ लो। देखो फिर तुम्हें कितना मजा आता है...” यह कहकर मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया और जांघ सहलाने लगा।
उसने विरोध नहीं किया। तो धीरे-धीरे मैंने उसकी भरी हुई चूचियां मसलनी शुरू कर दीं। अब वो भी धीरे-धीरे गरम होने लगी, मैंने उसका हाथ अपने लण्ड के ऊपर रख दिया। जिसे वो पजामे के ऊपर से ही सहलाने लगी। मैं भी उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा, उसको बाँहों में भरकर चूमने लगा।
वो भी मेरा साथ दे रही थी।
मैं बोला- “तो सपना, और मजे लेने के लिए पूरे कपड़े उतारने पड़ेंगे, तुम मेरे कपड़े उतारो। मैं तुम्हारे उतारता हूँ...” फिर मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए।
उसने भी देर ना करते हुए मुझे नंगा कर दिया। अब मेरा खड़ा लण्ड उसके सामने था।
मैंने लण्ड पर बियर गिराई और उसे चूसने को बोला।
वो मजे लेकर मेरे खड़े लौड़े को चूसने लगी थी। फिर बोली- “राज, तुम भी चूसो ना मेरी। मेरी चूत बड़ी खुजली कर रही है..."
मैंने भी उसकी चूत बियर से भिगाई और चाटने लगा। उसकी चूत में थोड़ी जलन हुई पर बियर के साथ चूत का रस मजेदार था।
थोड़ी देर बाद वो बोली- “मेरे पति ने तो मुझे बहुत बार चोदा है, आज मैं तुम्हें चोदना चाहती हूँ, तुम नीचे लेट जाओ...” उसने थोड़ा चूसकर मेरे लण्ड को और सख्त किया और अपने थूक से उसे गीला किया। फिर मेरे लण्ड पर बैठ गई और अपनी चूत को मेरे लण्ड पर धीरे-धीरे दबाकर लण्ड अन्दर लेने लगी। थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर था।
अब वो धीरे-धीरे उसे अन्दर-बाहर करने लगी। मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। फिर वो उछल-उछलकर चुदवाने लगी या यूँ कहो मुझे चोदने लगी। वो घूम-घूमकर चुदवा रही थी। कभी उसका मुँह मेरी ओर हो जाता था, तो कभी पीठ मेरी ओर।।
मुझे तो बड़ा मजा आ रहा था।
जब वो चोदते-चोदते थक गई तो बोली- राज, अब मैं थक गई हैं। अब तुम मुझे चोदो।
मैंने उसकी टाँगें अपने कंधे पर रखीं। लण्ड को चूत के दरवाजे पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा।
वो बोली- आह्ह... राज, मजा आ गया। पूरी ताकत से चोदना और जब तक मैं ना कहूँ रुकना मत। बस मुझे चोदते जाना।
मैं धक्के लगाने लगा।
पूरा कमरा उसकी सिसकारियों की आवाज से गूंजने लगा- “राज, आह... आह्ह्ह... उफ्फ्फ... जोर से... और जोर से राज आह्ह... आहह... ओह... आह्ह... और चोदो... और और तेज... और तेज राज..” वो भी लगातार चूत को उछाल-उछालकर मजे लेने लगी। जब चूत की हालत बुरी हो गई तो उसने पानी छोड़ दिया। अब उसे दर्द हो रहा था।
सपना- “राज तुमने मेरी नस-नस हिलाकर रख दी। मेरा तो बुरा हाल हो गया है। अब नहीं चुद सकती। मुझे अब दर्द हो रहा है। तुम अपना हथियार बाहर निकाल लो। मैं तुम्हारा लण्ड मुँह से चूसकर माल निकाल देती। हूँ...” फिर उसने मेरा लण्ड मुँह में लेकर पूरा रस निकाल दिया।
मैंने कहा- कैसा लगा सपना? खातिरदारी में कोई कमी तो नहीं रह गई? कहीं बाद में अपनी सहेली से शिकायत न करो।
सपना- “सच में बहुत मजा आया। मुझे ऐसी ही खातिरदारी चाहिए थी। बाकी कमी दो दिन में पूरी कर देना...”
और वो मुश्कुराने लगी।
उस रात मैंने उसे भी 4 बार चोदा। अगले पूरे दिन और पूरी रात 10 बार चुदाई की। मकान मालकिन के आने तक भी मैं सुबह भी उसे एक बार और चोद चुका था।
वो मेरे साथ चुद कर बहुत खुश थी। उसने मुझे गिफ्ट में एक लिफाफा दिया। जिसमें पूरे 10000 रूपये थे। मैंने लेने से मना किया तो बोली- “इतनी ज्यादा चुदाई तो मैंने अपनी पूरी जिन्दगी में नहीं की, तुमने बहुत मजा दिया, प्लीज मना मत करो। तुमने मेरी चूत की खुजली मिटा दी इस पर तुम्हारा हक बनता है."
मैंने लिफाफा ले लिया और वह जल्दी ही मिलने का वादा लेकर वापस चली गई।
end
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