RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
शादी के बाद वाली सुबह ही मेरी बहन तनु की विदाई हो गई। लडकी की विदाई का क्षण एक ऐसा क्षण होता है कि हर कोई भावुक हो ही जाता है और तनु तो मेरी एकलौती बहन थी। घर के सब लोग अब थकान के कारण इधर-उधर आराम करने के मूड में आ गए। मैं भी चुपचाप बहन की विदाई के गम से थोड़ा दु:खी हो कर अपने कमरे में जा कर लेट गया और मेरी आँख लग गयी। करीब तीन घन्टे के बाद मेरी आँख खुली तो मैंने चाय पी और तब मैं अब अपने होशो-हवास में आया। अब मुझे याद आया कि आज की रात मेरी बहन की सुहागरात है और आज वो अपने जीवन में पहली बार चुदेगी। यह सब सोचते हुए मुझे कुछ अजीब सा लगा पर यही सच था और अब मुझे याद आया कि इसी दिन के लिए मैंने और बब्लू ने कैमरा, माइक्रोफ़ोन, और एक २ टीबी एक्सटर्नल हार्ड-ड्राइव पर करीब १४००० खर्च दिये थे। मैंने अब फ़िर से अपनी बहन के बदन के बारे में सोचना शुरु कर दिया कि वो उन सेक्सी ब्रा-पैन्टी में कैसी दिख रही होगी...वगैरह वगैरह...। तभी तनु का फ़ोन आया माँ के पास कि वहाँ पर भी पूजा-वूजा हो गया है और अब सब आराम करने जा रहे हैं। मेरी माँ कह रही थी, "ठीक है बेटी... आराम कर लो अच्छे से। रात भर की थकान है... ठीक है जाओ सो रहो कुछ देर... ठीक है, बाद में उठना तब फ़िर फ़ोन करना....बाय, हाँ खुश रहो"। इसके बाद मेरे घर पर अब चर्चा शुरु हुई और कहा गया कि कल मुझे तनु के घर जाना है कुछ गिफ़्ट लेकर और फ़िर उसके अगले दिन मुझे तनु को अपने साथ लाना है उसके पति के साथ, तीन दिन वो दोनों यहीं मेरे घर रहेंगे और फ़िर उसके बाद उसकी दूसरी बार विदाई होगी तब शादी का सब विधि-विधान पूरा हो जाएगा। उसके बाद वो जब जैसे चाहे अपने मायके आना-जाना कर सकेगी। मैंने शाम में कहा, "जरा बब्लू के घर से हो कर आता हूँ, तनु का भी हाल मिल जाएगा", पर इस पर मेरी चाची ही बोली, "नहीं बेटा, आज नहीं.... अब कल तुमको जाना है वहाँ, अब उस घर में तनु की ससुराल है तो अब इस एक विधान को भी सही से हो जाने दो फ़िर दोस्त से दोस्ती निभाना"। घर पर सब अब मुझे मना कर दिये। असल में मेरा इरादा तनु का हाल जानने से ज्यादा, यह जानना था कि हमारे कैमरे ने क्या सब रिकार्ड किया है तनु और उसके पति के साथ के आराम के समय का। वैसे जैसी हालत हमसब की थी थकान के कारण, यह तो पक्का था कि वो लोग अभी चुदाई का खेल नहीं खेले होंगे, फ़िर भी चुम्मा-चाटी का जुगाड़ तो था हीं। पर अब तो मन मसोस कर ही रह जाना था, बस एक तसल्ली थी कि मेरी बहन के साथ वहाँ जो-जो हो रहा होगा, मेरा दोस्त बब्लू उस सब को निश्चित ही मेरे लिए रिकार्ड करके रखेगा।
अगले दिन करीब करीब तीन बजे मैं तनु के ससुराल सब के लिए गिफ़्ट ले कर गया। आज की रात मुझे वहीं रहना था और अप्ने बहन-बहनोई को एक फ़ौर्मल न्योता देना था मेरे घर आने का। मैं बस यही सोच रहा था कि जल्द-से-जल्द वहाँ पहुँचूँ और फ़िर बब्लू से सब हाल लूँ। खैर वहाँ पहुँचने के बाद करीब आधा घन्टा सब से गप-शप करने के बाद मुझे नयी दुल्हन यानि मेरी बहन के साथ हमें अकेला छोड दिया गया। तनु मुझसे बडे जोर से चिपक कर गले मिली जैसे उसने भाई के रूप में कोई खजाना पाया हो। मेरी नजर उसके चहरे पर थी और मैं उसके चलने के तरीके पर गैर कर रहा था। मुझे लग रहा था कि अगर वो चुदी होगी तो उसकी बूर की सील तूटी होगी और उसको दर्द हो रहा होगा। मुझे किसी कुँवारी को चोदने का अनुभव तो था नहीं, बस ऐसे ही अनुमान लगा रहा था। लेकिन मुझे तनु में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा था। तनु तब एक लाल रंग की चुनरी और मैंचोंग ब्लाऊज में बहुत सुन्दर दिख रही थी। उसकी माँग में भरपूर लाल सिंदूर लगा हुआ था और उसका गोरापन हद से ज्यादा दमक रही थी। शादी के तुरंत बाद वैसे भी सब लड़कियाँ पहले से थोडा ज्यादा सुन्दर दिखने लग जाती हैं। थोडी देर तक हम बात-चीत करते रहे और फ़िर बब्लू भी वहीं आ गया। हम सब ने साथ ही शाम की चाय पी और फ़िर मैं तनु को यह बोल कर कि अब जरा बब्लू के कमरे में जाकर आराम कर लेता हूँ, कह कर बब्लू के साथ तनु के कमरे से बाहर निकल गया।
जैसे ही हम बब्लू के कमरे में पहुँचे जो तनु के कमरे के ठीक बाजू में ही था और उन दोनों कमरों के बीच में सिर्फ़ एक पाँच इंच की दीवार थी। हमने पहले ही सब जाँच लिया था कि वहाँ कैमरे का सिग्नल बेहतरीन रहता था तो मैं बड़ी उत्सुकता से बब्लू से कहा, "यार, अब दिखा ना जरा सा ट्रेलर कल की रात का। पूरा तो आराम से रात में सोते समय देखा जाएगा।" मेरी आवाज में मेरी बेचैनी दिख रही थी। बब्लू यह देख मुस्कुराया, "साले.... बहुत जल्दी है अपनी छोटी बहन की पहली चुदाई देखने की।" उसने जिस अंदाज में कहा मुझे शर्माना ही था। फ़िर वो बोला, "पर यार... कल तो सब थके हुए थे, तो कुछ खास नहीं हुआ.... बस थोडी सी चुम्मी-वुम्मी लेने के बाद भैया और तनु दोनों ही सो गये। मैं बेकार में करीब दो घन्टे जाग कर बिताया कि कहीं तो कुछ होगा। पर यार इस चक्कर में एक दूसरा चीज दिखाता हूँ, तुमको ज्यादा मजा आएगा"। मुझे कल रात सब सो गये होंगे इसका अंदाजा था, पर फ़िर बब्लू की बात सुन कर अब मैं चकराया कि ये क्या दिखाने की बात कर रहा है। बब्लू ने बताया कि जब देखा कि कैमरा वाला आयडिया बढिया काम कर रहा है तो उसने इ-पोर्टल से तीन माईक और एक कैमरा और मँगवा लिया। दो माईक को उसने अपने भाई के पलंग के दोनों साइड पर चिपका दिया और फ़िर एक कैमरा और एक माईक उसने अपनी बहन बब्ली के कमरे में सेट कर दी थी। उसने बताया कि उसने रात में बब्ली को सोने के पहले अपने बूर में उँगली करते हुए रिकार्ड किया है। कैमरा तो वो ज्यादा बेहतर सेट नहीं कर पाया क्योंकि यह सब सामन शादी की सुबह ही आया और फ़िर उसको बेहतर जगह सोच कर लगाने का मौका नहीं मिला, फ़िर भी बब्ली की छोटी-छोटी चुचियों और उसके चेहरे का हाव-भाव बेजोड मस्ती देता है। उसने यह सब कहते हुए अपना लैप-टौप चला दिया। सामने बिस्तर पर बब्ली बैठ कर अपने कपडे उतारती हुई दिखी। फ़िर पूरी तरह से नंगी हुई पर कैमरा का कोण ऐसा था कि हमें उसकी बूर नहीं दिखी बस उसकी नाभी तक ही दिख पाई जो बडी सुन्दर दिख रही थी। एक्बर हल्का सा झलक मिला उसकी झाँट का पर बूर जरा भी नहीं दिखा। हाँ उसकी छोटी-छोटी गोल अनार के आकार की चुच्चियाँ मस्त दिख रही थी। मुझे साफ़ लग गया कि जो ब्रा हमने बब्ली के लिए खरीदी थी उस दिन वो उसको अभी थोड़ा ढ़ीला होगा, पर अब तो उसकी चूचियों के बढने के दिन थे तो आज-न-कल वो ब्रा उसको फ़िट आनी ही थी। उसने अपनी एक उँगली को जीभ से चाट कर गीला किया और फ़िर उसको नीचे ले गयी। मुड़े हुए घुटने दिख रहे थे जो अब हाथ नीचे जाने के बाद फ़ैल गये थे औए हम समझ गये थे कि मेरी बहन तनु इंटर करने के बाद भी वैसी माल नहीं बनी है जितना गरम माल बन दसवीं में पढने वाली तनु बन गई है। उसके बिस्तर के नीचे लगे माईक से उसकी सिसकियाँ और उसकी सेक्सी आवाजें साफ़ सुनाई दे रही थी। बब्लू आराम से मेरे बगल में बैठ कर मेरे साथ ही बब्ली को अपने बूर में ऊँगली करते हुए देख रहा था। जल्द ही उसकी साँस तेज हुई और फ़िर वो हाँफ़ते हुए शान्त हो गयी। हमें समझ आ गया कि वो अब झड गई है। वो अब धीरे-धीरे अपनी छाती को सहलाते हुए बिस्तर से उठी और फ़िर अटैच्ड बाथरूम की तरफ़ बढ गयी। ऐसे जाते हुए कैमरे ने उसकी चुतड़ की गोलाईयों के दीदार हमें करा दिया और जब वो लौटी तो उसके बदन पर एक नाईटी थी। बब्लू ने कहा, "अब कल जब तुमलोग चले जाओगे तो फ़िर से उसके कमरे में जाकर कैमरा को बेहतर तरीके से लगा दूँगा कि अब जब भी वो अपने बूर से खेलेगी तब हम भी सब देखते हुए मस्ती करें। वैसे भी अब मुझे पूरा आइडिया हो गया है कि कैमरा का कोण कैसा रहे तो सबसे बेहतर दिखेगा बिस्तर पर का खेल।"
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