Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
10-30-2019, 12:46 PM,
#93
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मैंने टांगें उठाईं. सर ने उन्हें मोड कर मेरे टखने मेरे कानों के इर्द गिर्द जमा दिये. कमर दुख रही थी. "अब इन्हें पकड़ो और मुझे अपना काम करने दो" कहकर सर मेरे सामने बैठ गये और लंड मेरी पूरी खुली गांड पर रखकर पेलने लगे. पक्क से लंड आधा अंदर गया. मैंने सिर्फ़ जरा सा सी सी किया, और कुछ नहीं बोला.

"शाबास बेटे, अब तू पूरा तैयार हो गया है, देखा जरा सा भी नहीं चिल्लाया मेरा लंड लेने में. कमर दुखती है क्या ऐसे टांगें मोड़ कर?"

"हां सर" मैंने कबूल किया.

"पहली बार है ना! आदत हो जायेगी. ये आसन बड़ा अच्छा है कमर के लिये, योगासन जैसा ही है. तेरी कमर लड़कियों से ज्यादा लचीली हो जायेगी देखना. अब ये ले पूरा ...." कहकर उन्होंने सधा हुआ जोर लगाया और लंड जड़ तक मेरे चूतड़ों के बीच उतार दिया. एक दो बार वैसे ही उन्होंने लंड अंदर बाहर किया और फ़िर सामने से मेरे ऊपर लेट गये.



मैंने थोड़ा ऊपर उठकर सर की पीठ को बांहों में भींच लिया और अपने पैर उनकी कमर के इर्द गिर्द लपेट लिये. बहुत अच्छा लग रहा था सर के सुडौल बदन से ऐसे आगे से चिपटकर. मेरा लंड उनके पेट और मेरे पेट के बीच दब गया था.

सर ने प्यार से मुझे चूमा और चोदने लगे. "अच्छा लग रहा है ? या तुझे थोड़ी देर को समझ ले कि तू लड़की है और चूत चुदा रही है" फ़िर मेरे गाल और आंखें चूमने लगे. वे मुझे हौले हौले चोद रहै थे, बस दो तीन इंच लंड बाहर निकालते और फ़िर अंदर पेलते.

कुछ देर मैं पड़ा पड़ा चुपचाप गांड चुदवाता रहा. फ़िर कमर का दर्द कम हुआ और मेरी गांड ऐसी खिल उठी जैसे मस्ती में पागल कोई चूत. गांड के अंदर मुझे बड़ी मीठी मीठी कसक हो रही थी. जब सर का सुपाड़ा मेरी गांड की नली को घिसता तो मेरी नस नस में सिहरन दौड़ उठती. मेरा लंड भी मस्ती में था, बहुत मीठी मीठी चुभन हो रही थी. मुझे लगा कि लड़कियों के क्लिट में कुछ ऐसा ही लगता होगा.

सर पर मुझे खूब प्यार आने लगा वैसा ही जैसे किसी लड़की को अपने आशिक से चुदवाने में आता होगा. मैंने उन्हें जम के अपनी बांहों में भींचा और बेतहाशा उन्हें चूमने लगा "सर .... मेरे अच्छे सर .... बहुत अच्छा लग रहा है सर..... चोदिये ना .... कस के चोदिये ना .... फ़ाड दीजिये मेरी गां .... चूत .... मेरी चूत को ढीला कर दीजिये सर ..... ओह सर ... आप अब जो कहेंगे मैं ... करूंगा सर .... आप .... आप मेरे भगवान हैं सर ....सर मैं आप को बहुत प्यार करता हूं सर .... सर .... आप को मैं अच्छा लगता हूं ना सर" और कमर उछाल उछाल कर मैं अपनी गांड में सर के लंड को जितना हो सकता है उतना लेने की कोशिश करने लगा.


सर ने मुझे खूब देर चोदा. हचक हचक कर धक्के लगाये और मेरी कमर करीब करीब तोड़ दी.


पाल सर से गांड मराने के बाद मुझे गांड मरवाने की तलब उठने लगी में ऐसे किसी लड़के की तलाश में जुट गया जिसे मेरी तरह गांड मारने और मरवाने का शोक हो ईस चक्कर में मुझे ढेर सारे नए दोस्त बने , उनमे से एक लड़का 'वरुण' मेरी तरह लोकल था , शहर में उसके पापा का गैराज था | |
एक दिन 11 बजे के करीब कालेज में वरुण ने मुझे क्लास बंक करके अपने घर चलने के लिए बोला क्योंकि उसकी माँ दो घंटे के लिए अपनी किसी सहैली के यहाँ जाने वाली थी | उसका घर कालेज से नजदीक है इसलिए एक क्लास ही बंक करना पड़ता अन्यथा मेरे घर पर जाने पर तो पुरे दिन की छुट्टी हो जाता इसलिए मौक़ा मिलने पर हम वरुण के घर ही जाते साथ ही उसका घर सुरक्षित भी था क्योंकि घर का मुख्य दरवाजा औटोमटिक लॉक था इसलिए गलती से खुला छुट जाने पर भी सिर्फ भिड़ा देने पर भी अपने आप बंद हो जाता और फिर चाभी से ही अन्दर या बाहर से खुलता | इसलिए हम उसके घर पहुंचकर वरुण के कमरे में निश्चिन्त होकर अपने काम में जुट गए …कमरा बंद करने की जरुरत भी नहीं समझा ....पहले धीरे धीरे फिर काम ने तेजी पकड़ लिया …

मै तूफानी गति से वरुण की गांड मार रहा था …बस कुछ क्षणों में ही मै झड़ने वाला था की एक आवाज ने मुझे जडवत कर दिया …..है ..भगवान् ! ……ये क्या हो रहा है …..छि.. छि ………………..वरुण ने अपनी माँ की आवाज पहचानते ही तुरंत मेरे नीचे से छिटककर बिस्तर के दूसरी तरफ कूद गया और इधर मेरा लंड ...फ …..क …..की आवाज के साथ वरुण की गांड से बाहर निकला और सांप की तरह हवा में एक बार लहराया मैंने उसे पकड़कर अपनी मुठ्ठी में भींच लिया क्योंकि विस्फोट तो हो चुका था और लावा बस ज्वालामुखी द्वार से बाहर निकलने को बेताब था …..मेरा दिमाग बिलकुल काम करना बंद कर दिया था ….मैं बस स्खलित होना चाहता था …..इसलिए मै अपना लंड दबाते हुए अपने आनंद के शत्रु उस आगंतुक की तरफ मुड़ा …..और तभी विस्फोट का लावा एक मोटी धार की शक्ल ले आगंतुक के गर्दन …छाती ….बांह …और …पेट …को तर कर दिया ……….अपनी माँ की ये स्थिति देख वरुण अपना पैंट समेटते हुए कमरे से बाहर की तरफ भागा ….
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RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ - by sexstories - 10-30-2019, 12:46 PM

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