RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
तभी अजय ने कहा- “भैया आज इस छिनाल माँ के सामने मेरी ऐसी धुवांधार तरीके से गाण्ड मारिए जैसी की
आपने आज तक नहीं मारी। अपने हलब्बी लौड़े से मेरी गाण्ड के परखचे उड़ा दीजिए...”
अजय की बात सुनकर मैं दुगुने जोश में आ गया और भाई के निमंत्रण देते गाण्ड के छेद में अपने लण्ड को चांपने लगा। उधर मुन्ना भी एक मजे हुए गान्डू की तरह अपनी गाण्ड का छेद खुला छोड़ रहा था। फलस्वरूप मेरा लण्ड धीरे-धीरे गाण्ड में सरकने लगा। कुछ ही देर में मेरा 11' का लण्ड पूरी तरह से उसकी गाण्ड में समा गया।
मुन्ना- “क्यों भैया मजा आ रहा है ना? ऐसा छोटा भाई नहीं मिलेगा जो अपने बड़े भैया का मूसल सा लौड़ा पूरा का पूरा इतने शौक से अपनी गाण्ड में ठुकवा लेता है। आप ऐसे ही मेरी गाण्ड में अपना लण्ड चांपते रहिए। आज आप मेरी गाण्ड माँ के सामने बहुत मस्त होकर मारिएगा, मुझे बोल-बोलकर आपसे मरवाने में बहुत मजा आता है। देख माँ मैं कैसे भैया से गाण्ड मरवा रहा हूँ? मैं भैया के लण्ड का पक्का शौकीन हूँ। भैया मेरे सैंया है। और मैं अपने जानू भैया की लुगाई हूँ। देख मैं अपने प्यारे भैया से गाण्ड मरवा कर कितना खुश हूँ...”
मैं मुन्ना का जोश देखकर पूरा उत्तेजित हो गया और मैंने अजय की कमर दोनों हाथों से जकड़ ली। मैंने उसकी पीठ अपनी छाती से दबानी शुरू कर दी। मैं माँ के सामने गान्डू भाई की गाण्ड ताबड़तोड़ तरीके से मार रहा था। अब मुन्ना रह-रह गाण्ड कुछ आगे खींचता जिससे तीन चौथाई लण्ड बाहर आ जाता और फिर पीछे कस के जोर का धक्का देता जिससे मेरा लण्ड जड़ तक वापस उसकी गाण्ड में समा जाता। इस प्रकार वो काफी देर मरवाता । रहा और मैं भी उसकी गाण्ड में लण्ड चांपता रहा। तभी मैंने भाई के होंठ अपने होंठों में कस लिए और सिसकते हुए बहुत कामातुर होकर भाई का चुंबन लेने लगा। मैंने अपनी जुबान भाई के मुँह में डाल दी जिसे अजय चूसने लगा। उधर मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में एक पिस्टन की तरह आगे-पीछे हो रहा था।
माँ हम दोनों भाइयों की यह लीला बहुत ही आश्चर्यचकित होकर देख रही थी।
कुछ देर इस प्रकार तेजी से गाण्ड मरवाने के बाद अजय बेड पर घुटनों के बल चोपाया बन गया और अपनी गाण्ड मेरे लण्ड के सामने उभार दी। उसकी फूली हुई बड़ी सी गोरी गाण्ड मेरे सामने पूरी उभरी हुई बड़ी मस्त लग रही थी। गाण्ड का बड़ा सा गोल छेद बिल्कुल खुला हुआ साफ दिख रहा था। मैं भी अब घुटनों के बल बेड पर मुन्ना के पीछे बैठ गया। तब मुन्ना ने वापस अपनी गाण्ड का छेद मेरे लण्ड से भिड़ा दिया और अपनी गाण्ड जतब तक मेरे लण्ड पर दबाता चला गया जब तक की वापस मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में ना समा गया। एक बार फिर सटासट गाण्ड मरवाने की क्रिया शुरू हो गई।
मुन्ना- “हाय मेरे गान्डू भैया, आपसे गाण्ड मरा कर मुझे बहुत मजा आ रहा है। आप अपने छोटे भाई की फूलीफूली गाण्ड मारने के शौकीन हैं, तो आपका यह छोटा भाई भी अपने भैया के हलब्बी लौड़े का दीवाना है। भैया मैं तो तेरी रखैल हूँ। तुझसे अपनी गाण्ड की खुजली मिटाने में मुझे बहुत मजा आता है...”
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