RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
यह कहते-कहते माँ हुमच-हमच कर अजय को चोदने लगी और फलस्वरूप साथ-साथ मेरे से उसकी गाण्ड भी । मरवा रही थी। माँ पीछे होते हुए जब अजय का लण्ड अपनी चूत से निकालती उस समय मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में चला जाता और फिर एक झटके से माँ आगे होकर अजय का पूरा लण्ड वापस अपनी चूत में ले लेती।
मैं माँ की चूचियां मसल रहा था और मुन्ना माँ के रसीले होंठों का पान कर रहा था। अब मैं झड़ने की बिल्कुल कगार पर था और मैंने अपना लण्ड माँ की गाण्ड से निकाल लिया और कंडोम भी निकाल दी। मेरे नीचे उतरते ही अजय ने माँ को चित कर दिया और खुद उसके ऊपर आ गया। ऊपर आ उसने एक ऐसा करारा शाट चूत में मारा की उसका लण्ड जड़ तक अंदर चला गया। इस भीषण धक्के से माँ कराह के हाय हाय करने लगी। यह एक धक्का मारकर अजय रुका नहीं और उसी प्रकार के जोरदार धक्के मार-मार माँ को कस के चोदने लगा।
अजय- “ले झेल मेरे धक्के। तेरे में बहुत गर्मी है ना, तेरी चूत में बहुत ताकत है ना, आज मैं तेरी सारी गर्मी झाड़ दूंगा, चोद-चोदकर तेरी चूत छितरा दूंगा। तू बहुत चुदसी है ना तो ले चुदा अब अपनी भैया से मारी हुई गाण्ड उछाल-उछाल के...” अजय प्रचंड तरीके से माँ को चोद रहा था।
मैंने अजय का ऐसा जोश पहले नहीं देखा। वो जिंदगी में पहली बार चूत चोद रहा था और आज उसके जोश के सबर का सारा बाँध टूट गया था और उसका जोश उफान मारते हुए माँ को चोद रहा था। माँ ने दोनों हाथ कस के अजय की पीठ पर जकड़ रखे थे और अपनी गाण्ड उछाल-उछालकर अजय के धक्कों से ताल मिला रही थी। अजय माँ के होंठ भी चूस रहा था और फचा-फछ फचा-फछ चूत चोदे जा रहा था।
तभी मैंने अपना लण्ड माँ और अजय दोनों के होंठों से लगा दिया। अजय ने मेरा सुपाड़ा मुँह में ले लिया और
माँ मेरे लण्ड की जड़ को और गोटियों को चूसने लगी। कुछ देर ऐसे लण्ड चूसने से मैं झड़ने के बिल्कुल कगार पर आ गया।
विजय- “चूस मुन्ना, भैया का लण्ड रस छोड़ने वाला है। मेरे लण्ड का रस पूरा पीकर ताकत वाला बन जा और इस रंडी माँ की चूत के परखच्चे उड़ा डाल। मेरा रस पीकर इसे दुगुने जोश से चोदना। ले मेरा रस पी। हाय... मैं
झड़ रहा हूँ। देख आज मेरा लण्ड कितना रस छोड़ रहा है...” यह कहते-कहते मैं मुन्ना के मुँह में झड़ने लगा।
मेरे लण्ड से गाढ़ा वीर्य तूल तूल करता बह रहा था। अजय के मुँह से चू चू कर मेरा वीर्य माँ के मुँह को भी पूरा लपेट रहा था। तभी अजय जीभ से माँ के गाल और होंठ पर पड़े मेरे रस को चाटने लगा। मेरे लण्ड से अभी भी रुक-रुक कर वीर्य टपक रहा था जिसे मैं कभी माँ के चेहरे पर गिर रहा था और कभी मुन्ना के चेहरे पर। उधर माँ भी अजय के चेहरे पर गिरे हुए मेरे रस को चाटने लगी। थोड़ी ही देर में मैं पूरा खलास हो गया और अजय की गाण्ड के नीचे आकर अजय का लण्ड माँ की चूत में पिस्टन की तरह जाते हुए देखने लगा। बीच-बीच में मैं माँ की चुदती चूत पर जीभ भी फिरा रहा था।
राधा- “हाय अजय, तूने तो पहली ही बार में मेरी नस-नस ढीली करके रख दी। उन्ह... मुझसे और बर्दास्त नहीं हो रहा है। चोद मुझे... खूब चोद रे... मैं भी झड़ रही हूँ। मेरी चूत से कुछ बह रहा है। हाय मेरे प्यारे देवर राजा अपनी इस मस्त भाभी को चोद। मैं तेरे भैया की लुगाई तो हूँ ही अबसे तेरी भी जोरू बन गई हूँ..” यह कहतेकहते माँ कुछ ढीली पड़ने लगी।
पर अजय बिल्कुल नहीं रुका और वो उसी प्रचंड तरीके से माँ को चोद रहा था। अब वो पूरा लण्ड चूत से निकाल कर एक ही धक्के में जड़ तक वापस पेल रहा था। माँ में उसके धक्कों को बर्दास्त करने की और ताकत नहीं । बची थी। वो अजय की पीठ को जकड़ी हुई निश्चल पड़ी थी। अजय उसे करीब 5 मिनट तक और चोदता रहा
और वो भी झड़ने लगा।
अजय- “माँ मेरा रस तेरी चूत में गिर रहा है। माँ तूने मुझे झड़ा दिया। भैया ऐसा मजा तो मुझे आज तक नहीं
आया। मैं तो लोगों को लण्ड चुसा चुसा और उनसे मुट्ठी मरवाकर आज तक अपना माल बर्बाद कर रहा था। माँ की चूत में झड़कर तो बहुत मजा आ रहा है। माँ ले अपने छोटे बेटे का रस। हाय मेरी रानी। अब मैं तेरी चूत में ही अपना रस छोडूंगा। तू तो मेरी भी बीवी हो गई। तू हम दोनों भाइयों की लुगाई है। देख इस उमर में तुझे दोदो जवान पति मिल गये हैं...”
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