RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
विजय- “अरे मुन्ना आज तो तू बड़ी सयानी-सयानी बातें कर रहा है। एक ही दिन में तू बड़ा हो गया रे। जैसे कुँवारी लड़की एक बार चुदवाते ही पूरी सयानी हो जाती है वैसे ही भैया से एक बार गाण्ड मरवाते ही तू तो पूरा सयाना हो गया। इसका मतलब उन दोनों चूतियों ने तेरी ऊपर-ऊपर से मारी थी। वास्तव में तो तेरी गाण्ड कुँवारी ही थी, इसकी सील तो कल मैंने ही तोड़ी है। तो तू भैया का चूसेगा? तू भी क्या याद रखेगा? कल जितने प्यार से तेरी मारी थी आज उतने ही प्यार से तुझे चुसवाऊँगा..” यह कहकर मैंने अपना नाइट पायजामा, ब्रीफ और गंजी सारे कपड़े उतार दिए। मैंने दोनों टाँगें सोफे के हैंडल पर रख ली और सामने शीशे में बँटे सा सिर उठाए मेरे लण्ड का प्रतिबिंब मुझे गौरवान्वित कर रहा था।
अजय ब्रीफ और बनियान में खड़ा मेरे लण्ड को निहार रहा था। तभी मैं उठा और अजय के पीछे खड़ा हो गया। मेरा बिल्कुल सीधा खड़ा लण्ड उसकी गाण्ड की दरार में धंस रहा था। मैंने अजय की बनियान खोल दी और ठुड्डी से पकड़कर उसका चेहरा ऊपर उठा लिया और उसके चेहरे पर झुक गया। मुन्ना के मंद-मंद मुश्कुराते होंठों को अपने होंठों में कस लिया और अत्यंत कामतुर होकर उसके होंठ चूसने लगा। प्यारे भाई का लंबा सा चुंबन लेने के बाद मैं अजय के आगे घुटनों के बल बैठ गया और उसका ब्रीफ भी खोल दिया। अजय का लण्ड बिल्कुल खड़ा था। कुछ देर मैं उसकी गोटियों को दबाता रहा और उनसे खेलता रहा। दो-तीन बार लण्ड को भी मुट्ठी में कसा। अब मैं वापस खड़ा हो गया और एक पाँव ड्रेसिंग टेबल पर रख दिया।
विजय- “ले मुन्ना, देख इसे और खूब प्यार कर। खूब प्यार से पूरा मुँह में लेकर चूसना। ऐसा मस्त लण्ड चूसेगा
तो पूरा मस्त हो जाएगा। जितना मजा चुसवाने वाले को आता है उतना ही मजा चूसने वाले को भी आता है। आजकल की फारवर्ड और मस्त तबीयत की औरतें तो चुदवाने से पहले मर्दो का पूरा मुँह में लेकर जी भर के चूसती है और जब पूरी मस्त हो जाती हैं, तब गाण्ड उछाल-उछाल के चुदवाती हैं."
मेरी बात सुनकर अजय ड्रेसिंग टेबल पर मेरे खड़े लण्ड के सामने बैठ गया, मेरा मस्ताना लण्ड उसके चेहरे पर लहरा रहा था। मैंने अपना लण्ड एक हाथ में ले लिया और अजय के चेहरे पर लण्ड को फिराने लगा। ड्रेसिंग टेबल के आदमकद आईने में दोनों भाई यह मनोरम दृश्य देख रहे थे की बड़ा भैया अपने कमसिन छोटे भाई को अपना मस्ताना लण्ड कैसे दिखा रहा है।
विजय- “क्यों मुन्ना मुँह में पानी आ रहा है क्या? ले चूस इसे देख भैया तुझे कितने प्यार से अपना लौड़ा चूसा रहे हैं?”
मेरी बात सुनकर अजय ने मेरे लण्ड का सुपाड़ा अपने मुँह में ले लिया। वो काफी देर मेरे सुपाड़े पर अपनी जीभ फिराता रहा।
तभी मैं और आगे सरक गया और अजय के सिर के पीछे अपने दोनों हाथ रखकर उसके सिर को मेरे लण्ड पर दबाता चला गया। मुन्ना जैसे-जैसे अपना मुँह खोलता गया वैसे ही मेरा लण्ड उसके मुँह में समाने लगा। मेरा लण्ड शायद उसके हलक तक उतर गया था। उसके मुँह में थोड़ी भी जगह शेष नहीं बची थी। लण्ड उसके मुँह में ठस गया और चूसने के लिए उसके मुँह में और जगह नहीं बची थी।
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