RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
राज के दोनो कान सुन्न होने लगे उससे बर्दास्त नही हो रहा था...स्वेता बहुत बुरा-भला सुना रही थी. राज की दीदी अनिता ने जब देखा कि अब राज गुस्से मे ज़यादा आ गया है तो अनिता कुच्छ सोचते हुए,,स्वेता..
स्वेता एक दम अनिता पर गुस्सा होते हुए,,चुप कर रंडी अपने भाई से मुँह काला करवाने मे तुझे शर्म नही आई अपनी गंदी ज़ुबान से राज का नाम मत ले राज तेरा मुँह नोच लूँगी..तू एक नंबर की रंडी है बल्कि रंडियो से भी बदतर है..
अपनी बीवी स्वेता के मुँह से अपनी दीदी अनिता के बारे मे इतनी घटिया गालियाँ सुनकर राज को लकवा मार गया वो गुस्से से एक दम पागल हो गया उसका पूरा बदन काँपने लगा. राज अपनेआप से बाहर हो गया.. वो गुस्से मे काँपते हुए अपनी बीवी स्वेता के सामने आया और खीच कर एक ऐसा थप्पड़ स्वेता के गाल मे मारा कि स्वेता का दिमाग़ सुन्न पड़ गया..स्वेता की आँखो के आगे अंधेरा छाने लगा..वो बेहोश होकर नीचे गिरने लगी तभी अनिता ने दौड़ कर स्वेता को अपनी बाहों मे थाम लिया.. राज गुस्से मे आकर अपने रूम मे चला गया..अनिता ने स्वेता को सोफे पर लिटाया ऑर दौड़ कर एक ग्लास पानी ले आई..ऑर स्वेता के मुँह पर छिड़कने लगी. स्वेता तुरंत होश मे आ गई उसके गालो पर राज की पाँचो उंगलिया छप गयी थी..एक ही थप्पड़ मे उसका दिमाग़ शांत हो गया होश मे आते ही स्वेता की आँखो से आँसू बहने लगे..अनिता उसके पास मे बैठते हुए,,उसकी आँखो से बहे आँसुओ को पोछने की चेस्टा करने लगी तो स्वेता अचानक अनिता के हाथो को झटक कर अपने रूम मे चली गयी...अनिता वहाँ से उठी ऑर वो भी स्वेता के पिछे चली गयी..अंदर घुसते ही अनिता ने रूम को अंदर से बंद कर दिया..राज बेड पर किनारे बैठा हुआ था स्वेता अपने दोनो पैरो को लटका कर बैठी हुई थी..
राज काफ़ी गुस्से मे लग रहा था अनिता अपने दोनो को जोड़ कर स्वेता के सामने अपने घुटनो के बल बैठते हुए,,प्लीज़ स्वेता अगर तुम्हारे दिल मे थोड़ी सी भी जगह मेरे लिए है तो मुझे माफ़ कर दे.. मुझे प्लीज़ माफ़ कर दे राज तुम्हारी ऑर राज की जिंदगी मे कभी नही आउन्गी ..इतना बोलते ही अनिता की आँखो से आँसू बहने लगे... लेकिन स्वेता पर कोई प्रभाव नही पड़ा उसने अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया.
.अनिता ये देख कर चुप-चाप वहाँ से रोते हुए रूम से बाहर निकलने लगी.. राज अपनी दीदी अनिता को रोता देखकर एक झटके मे बेड पर से नीचे उतरा ऑर दौड़ कर अपनी दीदी अनिता को गले से लगा लिया..अनिता अपने भाई के गले से बुरी तरह चिपक कर रोने लगी..प्लीज़ माफ़ कर दो राज तुम्हारी जिंदगी मे दखल नही दे सकती..अब तुम अपनी बीवी के साथ सुख शांति से रहो..
अपनी दीदी की बातो को सुनकर राज का कलेज़ा फॅट गया उसने अपनी दीदी को ज़ोर से अपनी सीने मे चिपकाते हुए,,नही अनिता तुम भी मेरी बीवी हो राज तुमसे बहुत प्यार करता हूँ राज तुम्हारे बगैर एकपल भी जिंदा नही रह सकता.
तुम मेरे ही पास ही रहोगी..तुम मेरी हो.. आइ लव यू अनिता जान..
अनिता अपने भाई के सीने पर अपने गालो को रगड़ते हुए,,आइ लव टू राज.. राज भी तुम्हारे बगैर जिंदा नही रह सकती..
बहुत देर तक राज ने अपनी दीदी को अपनी बाहों मे चिपकाए रखा..स्वेता इन्दोनो भाई-बहन के प्यार को देख कर जुल-भुन गयी..थोड़ी देर के बाद राज अपनी दीदी को अपने साथ लिए स्वेता के सामने आया ऑर उसके आँखो मे देखते हुए,,अपनी आँखो को खोल कर देख ये मेरी दीदी पहले थी लेकिन अब मेरी बीवी है इनके गले मे बँधा मंगलसूत्र कोई शोभा की वस्तु नही है ये राज ने बँधा है.. माँग मे दमकता सिंदूर भी चीख -चीख कर राज का नाम पुकार रहा है..ये मेरी प्यारी दीदी पहले थी लेकिन अब मेरी जान बन गयी है ये मुझसे अलग हो गयी तो राज एक पल भी जिंदा नही रह पाऊँगा..इनके शरीर मे मेरे प्राण बसते है.. अब तू फ़ैसला कर ले कि तुझ को रहना है या नही..अगर तुम मिलकर रहोगी तो रह सकती हो नही तो यहाँ से जा सकती हो..
स्वेता अपने पति की बातो को सुनकर अवाक रह गयी..राज ने बिना कुच्छ बोले अनिता को अपनी बाहों मे उठा लिया ऑर लाकर उसे बेड के दूसरे किनारे पर लिटा दिया..स्वेता खून के घूँट पीते हुए,,ठीक है राज भी यहाँ एक पल भी नही रह सकती.. राज सुबह होने से पहले ही चली जाउन्गी..इतना कहते ही स्वेता लेट गयी बीच मे राज ऑर दूसरे तरफ अनिता
तीनो सोने की कोशिस करने लगे लेकिन किसी की भी आँखो मे नींद नही थी. कब कौन सो गया पता ही नही चला..सुबह जब लगभग 8:00 राज की आँखे खुल गयी..राज जैसे ही उठा तो चॉक पड़ा राज स्वेता को अपनी बाहों मे भरे सो रहा था. राज उठ कर बैठ गया उसने इधर-उधर देखा तो अनिता उसके पास मे नही थी राज नीचे उतरा तभी उसके बेड पर एक काग़ज़ दिखाई दिया राज ने उसे उठाया...वो एक चिट्ठी थी वो उसे पढ़ने लगा,,
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