Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
10-15-2019, 12:12 PM,
#3
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
दीदी ने मुझे छेड़ा और कहा कि इजाज़त हो तो अंदर आ जाए या फिर से होटल मे जाए? मैने मुस्करा दिया.वो दोनो अंदर आ गये. तभी अंदर से स्वेता की आवाज़ आई. मैं अंदर गया तो उसके कहा कि मुझे कपड़े तो पहना दीजिए.मैं अभी भी नंगी ही हूँ. मैने कमरे का गेट बंद किया और उसे कपड़े पहनाने लगा. मैं उससे बार बार कह रहा था कि आगे से ऐसा नही होगा.
और वो किसी से कुछ ना कहे वो बोली आप मेरे पति हैं मैं आपके खिलाफ किसी से कुछ कहने का सोच भी नही सकती. मैं यह सुन के बहुत खुश हुआ मैने उसे धीरे से चूमा तो उसने भी मुझे चूमा. मैं फिर उठ के बाहर आया तो माँ और दीदी दोनो सोफे पे बैठी हुई थी. उन्होने ने कहा कि बहू की बुलाओ. ज़रा चाइ पानी तो दे कुछ.

मैने कहा मैं बना देता हूँ वो अभी सो रही है.दीदी ने मुझे फिर से छेड़ते हुआ कहा कि बड़ी फ़िक्र है अपनी बीवी की तुम्हें. वैसे तो कभी चाइ नही बनाते थे. आज क्या हुआ? मैं बोला नही दीदी.ऐसा नही है. बस वो थोड़ा थक गयी है इसलिए सो रही है? दीदी ने फिर से चुटकी ली और कहा ऐसा क्या किया है उसने जो थक गयी है? रूको मैं देख के आती हूँ.

मैने कहा नही दीदी सोने दो ना उसे थोड़ी देर. थोड़ा आराम कर लेगी तो खुद बाहर आ जाएगी. मैं जानता था कि दीदी मुझे सिर्फ़ चिडाने के लिए ही यह सब कह रही थी. वो मेरे पास आई और बोली तो फिर तू भी तो थक गया होगा. रात भर जो उसने किया वो तूने भी तो किया होगा. वो तो बस लेटे लेटे थक गयी तो तू तो और भी ज़्यादा थका होगा. चल बैठ जा चाइ मैं बना लेती हूँ.

मेरे होश उड़ गये मारे शर्म के मैं गढ़ा जा रहा था और दीदी मेरे मज़े लिए जा रही थी मैं आके माँ के पास बैठ गया. माँ ने पूछा बेटा तू खुश तो है ना. मैने कहा हां माँ मैं बहुत खुश हूँ. हमने चाइ पी और उसके बाद वो लोग अपने रूम में चले गये. हमारा घर सिर्फ़ दो ही रूम का था. मैं हमेशा ड्रॉयिंग रूम में सोता था और एकएक बेडरूम दीदी और माँ का था.
लेकिन शादी के बाद दीदी और माँ एक बेडरूम मे शिफ्ट हो गये थे और एक बेडरूम मुझे दे दिया था. दीदी और माँ अपने बेडरूम मे थे मैं नहा के बाहर आया तो दीदी मेरे बेडरूम के डोर पे खड़ी थी. डोर अंदर से बंद था. दीदी बोल रही थी बन्नो डोर तो खोलो.हमसे मिल तो लो. इतना क्या शरमा रही हो. उसने अंदर से कहा पहले आप इन्हें भेजिए अंदर प्लीज़.

मैने सुना तो कहा रूको मैं जाता हूँ अंदर. मैं डोर पे आया और मैने कहा कि हन मैं हूँ डोर खोल दो. उसने अंदर से डोर खोला और मैं भीतर चला गया. दीदी अभी भी डोर पर ही थी. स्वेता ने मेरे अंदर आने पर कहा कि उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था और वो ठीक से खड़ी नही हो पा रही है.इस हालत में उनके सामने बाहर कैसे जाएगी. मैने कहा कि देखो दिन भर तो अंदर नही रह सकती ना.

मैं कुछ पेनकिलर ले आता हूँ. तुम धीरे धीरे चलना दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा. वो बहुत ज़्यादा शरमा रही थी.लेकिन मेरी बात सुनके मान गयी. मैं मार्केट गया और उसके लिए कुछ पेनकिलर्स ले आया. बाकी दिन नॉर्मल ही बीता घर में अभी भी खुशियों का माहौल था.रात में माँ ने खीर बनाई. हम सब खाना खाने के बाद अपने अपने रूम में चले गये. मैं और स्वेता दोनो बेड पे थे.

राज- अब दर्द कैसा है?

स्वेता-ठीक है लेकिन अभी ख़तम नही हुआ है. आपने कल ठीक नही किया.

राज- ग़लती हो गयी. आगे से ध्यान रखूँगा. लेकिन कल मज़ा बहुत आया.

स्वेता-हटिए जी. आपको तो अपनी पड़ी है मेरी तो फट गयी थी.

राज-अर्रे बाबा आगे से आयिल लगा लेंगे ना.

स्वेता-दीदी मुझसे कितने सवाल पूछ रही थी

राज-क्या पूछी थी

स्वेता- पूछ रही थी कैसी रही कल की रात और मैं ठीक से चल क्यूँ नही रही हूँ मैने कहा दर्द हो रहा है तो मुझसे पूछा कि इतना बड़ा है क्या हाए राम मैं तो शर्म से गढ़ ही गयी वो आपकी दीदी हैं और आपके इसकी साइज़ पूछ रही थी.

राज-अर्रे नही सीरीयस मत हो वो तो बस तुम्हें छेड़ रही होंगी

स्वेता-नही जी, उन्होने तो मुझसे पूछा कि कितने राउंड लगाए कल मैने कहा कि सिर्फ़ एक तो बोली कि एक राउंड में ही यह हालत है तेरी फिर तो बहुत बड़ा होगा मेरी तो मारे शर्म के जान निकली जा रही थी मैने कभी अपनी सहेलियों से भी ऐसी बात नही की.

राज-अर्रे उन्हें लगा होगा कि तू यहाँ अकेली है तो तेरी सहेली बनने की कॉसिश कर रही हैं. उन्हें भी तो फ़िक्र है ना तेरी. तू नाराज़ मत हो वो तेरे भले के लिए ही पूछ रही थी.

स्वेता-मैं नाराज़ नही हूँ बस ऐसी बातें कभी किसी से की नही तो थोड़ा अजीब सा लग रहा था.
राज-अब ज़्यादा मत सोच इस बारे में चल शुरू करते हैं

स्वेता-लेकिन आज धीरे धीरे प्ल्ज़. मुझे अभी भी दुख रहा है

राज-हां आज बिल्कुल धीरे धीरे चोदुन्गा.

स्वेता-छी ऐसे गंदे वर्ड्स मत बोलिए

राज-आरे इसमे गंदा क्या है अभी हम वही तो करेंगे देखना तेरी चूत फैला के इसमे अपना लंड घुसा दूँगा तो तू चुदेगि ही ना इसे चुदाई ना कहूँ तो और क्या कहूँ

स्वेता- आप भी बड़े वो हैं चलो अब करो और ज़्यादा गंदा गंदा मत बोलो. मैने उसे नगी किया और खुद भी नंगा हो गया मेरा लंड भी खड़ा था पूरा मैने उसकी चूत में थोड़ा सा आयिल लगाया और फिर घुसेड़ना शुरू किया उसने बड़ा साहस किया लेकिन उससे सहन नही हो रहा था जल्दी ही उसकी आँख से आँसू निकलने लगे मेरा मूड थोड़ा ऑफ हो गया
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