Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:24 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
उसने कोई जवाब नही दिया बस चुप चाप चाइ पीती रही थोड़ी देर बाद उसने खाना लगा दिया एक अजीब सी तन्हाई आकर खड़ी हो गयी थी हमारे बीच मे पर ठीक ही था मैं उर्वशी की बस अच्छी यादे अपने साथ लेकर जाना चाहता था मर ही तो गया था उस पर मैं रात को काफ़ी ऐसे नझुक लम्हे आए थे कि बस टूट कर बिखरने से बाल बाल ही तो बचा था मैं




तो खामोशी को तोड़ते हुए उर्वशी ने कहा कि मेरी एक बात मानेगा मैने कहा बता तो उसने कहा कि आज आज और रुक जा तू मेरे साथ वैसे भी अभी काफ़ी टाइम है ड्यूटी जाय्न करने मे मैने कहा एक दिन क्या दो दिन रोक ले तो उसके चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कान आ गयी वो टूट ती हुई आवाज़ मे बोली तू भी मने प्यार करे सै ना मैने कहा बस एक इसी सवाल का जवाब नही है




हम दोनो फिर खामोश हो गये और अपनी प्लेट खाली करने लगे तो मेरे फोन की घंटी ने इस खामोशी को तोड़ा मैने देखा पद्मिीनी का फोन था उसने पूछा कहाँ हो तुम तो मैने कहा कि फ्रेंड के घर हू उसने कहा मैं तो घबरा ही गयी थी कि तुम बिना बताए ना चले गये हो उसने कहा कि घर आ जाओ मैने कहा आता हू कुछ देर मे दो चार बात और हुई और फिर मैने फोन रख दिया

आज सर्दी बहुत ही तेज पड़ रही थी मेरा नहाने का बिल्कुल मूड नही था तो मैं रज़ाई मे दुबक गया थोड़ी देर बाद उर्वशी भी अपना काम ख़तम करके मेरे पास आ गयी और रज़ाई को ओढ़ते हुए बोली कि फ़ौजी तन्ने उत मेरी याद आया करेगी मैने कहा अब याद है आए तो आ जाए ना आए तो ना आए ये तो डिपेंड करता है यादो पे वो बोली सीधे सीधे बता ना



मैने कहा यार तू भी कैसी बात करती है तेरी याद तो हमेशा आएगी वो संजीदा होते हुए बोली जब इसी बात सै तो फेर कर ले ना यह मेरे गेल मैने कहा यार तू घुमा फिरा के इधर ही आ जाती है वो मेरी आँखो मे देखते हुए बोली फ़ौजी एक वचन दे सके सै तू मने



मैने कहा हम बिल्कुल तो वो बोली कि धर मेरे सिर पे हाथ और कसम खा मैने उसके सर पर हाथ रखा और कहा कि मेरा वचन है कि ब्याह के अलावा तू जो भी कहेगी मैं तेरी मानूँगा तो वो बोली तू कल चला ज्यागा ईक दिन की खातिर मने तेरी लुगाई बना ले उर्वशी उठी और अपनी मम्मी की सिंदूर की डिबिया ले आई और बोली कि ले यो सिंदूर मेरी माँग मे भर के मने तेरी एक दिन की लुगाई बन ज्यान दे



मैने काफ़ी देर सोचा वो मेरे जवाब का इंतज़ार कर रही थी तो मैने कहा कि ठीक सै तू करले तेरी मन चाही पर कल को मने कोई दोष ना देगी और आज के बाद तेरी ज़िंदगी मे कदे भी मेरा जिकर ना करेगी वो बोली तन्ने ना भूल सकूँ मैं मैने कहा देख तेरी शर्त तो मैं पूरी कर दूँगा पर करूँगा अपने तरीके से तो उर्वशी किसी चिड़िया की तरह से चहकने लगी



वो बोली तू रुक मैं थोड़ी देर मे आउ सूं और बाथरूम मे भाग गयी करीब आधे घंटे बाद जब वो बाहर निकली तो उसके शरीर पे बस एक तौलिया ही था जो उसके योवन का भार संभाले हुए था उर्वशी बोली मैं चाहू सूं की तू आज मेरा सोलह शृंगार करे उसने मेरा हाथ पकड़ा और खुद के कमरे मे ले आई उसने अपनी अलमारी खोली और कहा



फ़ौजी जो भी कपड़ा तन्ने अच्छा लगे वो पहना मुझे आज तू सज़ा तेरी एक दिन की लुगाई ने ठंड के उस माहॉल मे भावनाओ की गर्मी जैसे बह चली थी इतना हक तो मिथ्लेश ने भी नही दिया था मुझे कभी और ये पगली कुछ ही दिनो की मुलाकात मे इतना करीब आ गयी थी उसकी झील सी गहरी आँखो मे मैं जैसे खो ही गया था उसमे ना जाने कैसा जादुई आकर्षण था


विधाता ने ना जानी किस अंजान डोर से मुझे उसके साथ बाँध दिया था मैं उसकी आँखो मे डूब ही जाने को था कि उसकी आवाज़ मुझे धरातल पे ले आई उसने कहा इतने जाड़े मे मैं कब तक यूँ खड़ी रहूंगी मैने उसकी अलमारी मे देखा तो एक सुर्ख लाल रंग की साड़ी दिखी मैने वो निकाल ली उर्वशी चहकते हुए बोली वाह लाल जोड़ा मेरे लिए



मैं बस हल्का सा मुस्कुरा दिया मैने उर्वशी को अपनी ओर खीचा तो उसका तौलिया खुल कर गिर गया उसने भी अपने शरीर को छुपाने की कोई कोशिश नही की उसके बदन से टपकती पानी की शबनबी बूंदे मैने अपनी जीभ निकाली और उसकी गर्दन से रिस्ते पानी को चाटने लगा उर्वशी ने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी मैने फिर उसके माथे पर एक चम्बन अंकित किया



और फिर उसको आईने के सामने खड़ी कर दिया आदमकद आईना भी उसकी खूबसूरती देख के शरमाने लगा बड़े ही प्यार से उसके प्रत्येक अंग को मैने तौलिए से पोछा और फिर उसके बदन को सहलाने लगा लाज़ के मारे उर्वशी ने अपनी आँखो को मूंद लिया वो मेरे आगे खड़ी थी मैने उसकी कमर मे हाथ डाला तो वो पीछे की ओर हो गयी मैं हौले हौले उसके बदन को सहलाने लगा



मेरा लंड तन चक्का था और उसके कुल्हो की दरार मे घुसने को बेताब हो रहा था पर ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसे मैं रोक नही सकता था उसको उसके पेट को सहलाते सहलाते मैं अपने हाथो को थोड़ा सा उपर की ओर ले गया और उसके रूई से भी ज़्यादा नरम उभारों को अपनी मुट्ठी मे क़ैद कर लिया और कस कर दबा दिया उसके होंठो से एक दर्द भरी लेकिन मस्ती से भरपूर आह निकल गयी
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