RE: Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत
दिव्या भी काफी नाराज़ थी पर मैं उसे किसी तरह माफ़ी मांग कर मंदिर ले आया और पंडित जी ने मेरी शादी भी राजेश की बीवी से वैसे ही करवा दी जैसे मेरी बीवी की राजेश से करवाई थी. मैंने भी दिव्या की मांग भर दी.
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दिव्या मेरे ऊपर कुछ भड़की पर मैंने राजेश को फ़ोन किया और दिव्या के सामने ही उसे बता दिया की मैंने दिव्या से शादी कर ली है. अब दिव्या समझ गयी की ये सब राजेश की रजामंदी से हुआ है तो अब वो चुप हो गयी और हम होटल लौट आये.
मैंने दिव्या को उसके रूम में छोड़ा और राजेश को लेकर बाहर आ गया. मैंने राजेश को बोला की दिव्या चुप है पर पता नही मानी या नहीं मानी. राजेश ने मुझे बोला की दिव्या को तो मैं आज रात में मना लूँगा. तुम भी थोड़ी हिम्मत दिखाओ क्योंकि रेणुका भी अभी नही मानी है. तुम उसको बोल दो की टैक्सी परसों मिलेगी. आज तुम दोनों आराम करो और कल मैं फिर तुम लोगो से घूमने चलने को कहूँगा. कल दिन भर साथ रहेंगे तो शाम तक उसे मना ही लेंगे."
"हम्म्म. ठीक है. अब आप भी अपने रूम में रहो और मेरी नयी बीवी के साथ ऐश करो. मैं रेनुका को बोलता हूँ." मैंने राजेश को बोला और अपने कमरे में आ गया.
"कहाँ चले गए थे. इतनी देर लगा दी." उसने मुझसे पुछा. मैंने देखा की उसने राजेश का पहनाया मंगलसूत्र अभी उतारा नहीं था और मांग में सिन्दूर भी भरा हुआ था लेकिन उसने मुझसे मंदिर जाने वाली कोई बात नहीं बताई.
"क्या बताऊ तुमको. टैक्सी के चक्कर में बहुत परेशान हो गया. यहाँ कुछ ट्रांसपोर्ट की हड़ताल हो गयी है तो हमको परसों से पहले टैक्सी नहीं मिलेगी तो मैंने परसों सुबह टैक्सी लाने के लिए बोल दिया है." मैंने रेणुका को बताया.
"अरे टैक्सी नहीं है तो हम बस से चले चलते." रेणुका बोली.
"तुम्हे तो पता है की बस में मेरी तबियत ख़राब हो जाती है लेकिन फिर भी मैं बस अड्डे भी गया था लेकिन जब हड़ताल है तो बस भी कहाँ से मिलेगी... एक दिन की तो बात है और मैंने टैक्सी के लिए एडवांस भी दे दिया है." मैंने रेणुका से झूठ बोल दिया. रेणुका ने मुह बनाया और वापस बिस्तर में घुस गयी. उसकी थकान शायद उतरी नहीं थी तो वो फिर से सो गयी. उस दिन हम चारों कहीं बाहर नहीं निकले. खाना पीना सब रूम में ही हुआ. रेणुका ने भी मेरे साथ दो पेग मारे लेकिन जब मैंने रेणुका को चोदने की कोशिश की लेकिन उसने मना कर दिया.
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