RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
गरिमा-चल तो सकती हूँ लेकिन मम्मी से इतना बड़ा झूठ नहीं बोल सकती ,कर्ण से मिलने आना होता है तो झूठ बोलती हूँ वो भी मुझे बड़ा बुरा लगता है काश मैं मम्मी को सच बता पाती ।
दिया(रमा गरिमा की बात सुनकर इतनी खुश हो जाती है कि एक पल के लिए वो भूल जाती है कि वो माँ के रूप में उससे बात नहीं कर रही)- आह.. मेरी प्यारी बेटी । ध्यान आने पर वो अपनी गलती सुधारती है ....चाची भी तो माँ जैसी ही होती है ।
गरिमा-लेकिन आप चाची नही मेरी दोस्त हो ।अच्छा अपना नंबर तो दो आपसे बात किए बिना अब मैं एक दिन भी नहीं रह सकती ।
रमा(बहाना बनाती है)-अभी तो इंडिया में शिफ्ट हुई हूँ , नंबर लिया ही नहीं ।
गरिमा-कोई बात नहीं आप मेरा नम्बर ले लो और बाद में मुझे मेसेज कर देना , कर देना भूल मत जाना ।
इधर मां बेटी की अनोखी मुलाकात चल रही थी तो दूसरी तरफ तनु पॉकेट मनी की लालच में राहुल की लाने घर से निकल रही थी ।
तनु ने पहले एटीएम से पैसे निकाले और फिर बबिता के घर की तरफ चल पड़ी । बबिता के घर के गेट के अभी वो अंदर भी नहीं थी कि उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई देने लगी ।
बबिता-चूसते -2 थक गई मैं ...तेरा तो निकलता ही नहीं
राहुल- अरे ये तो शुरूआत है.. निकलेगी क्रीम जिसे तू हमेंशा पी जाती है.. तू बस चूसती रह।
बबिता-ऐसा मूसल लौड़ा नहीं देखा मैंने आज तक 15 मिनट से चूस रही हूँ होंठ दर्द करने लग गए ।
"यह बबिता के घर से कैसी आवाज़ें आ रही हैं कौन किसका चूस रही है ...क्या बबिता उस बुद्धू का .....नहीं नहीं.....तो उसके सामने ही ....पक्का कमीनी ने काम पे लगा रखा होगा उसे....चुपचाप चाबी वाले छेद से देखती हूँ" तनु मन में सोचती है और झुककर चाबी के छेद से अंदर का नज़ारा देखकर दंग रह जाती है पर दिक्कत यह थी कि वो लड़के का चेहरा नहीं देख पा रही थी बबिता जो ज़मीन पर बैठे एक विशाल काय लन्ड को चूस रही थी उसका चेहरा तो साफ-2 नजर आ रहा था पर लड़के का नहीं वो उसको केवल छाती तक देख पा रही थी ।"ओह माय गॉड कितना बड़ा लन्ड है ,बबिता की बाजू जितना लम्बा मोटा तो उससे भी ज्यादा" तनु मन में सोचती है ।
बबिता सीधे जाकर उस व्यक्ति के खड़े लंड पर अपनी चुत सैट करके बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी।
व्यक्ति- आह.. रानी तू तो बड़ी समझदार है आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… कूद रानी मेरे लंड पे कूद आह.. कर दे इसको अपनी चुत में गायब आह.. उहह ले आह.. ले पूरा खा ले।
अब वो बंदा भी अब नीचे से झटके मारने लगा था और बबिता गांड को ऊपर-नीचे करके मज़ा ले रही थी। अब कमरे में दोनों की आहें गूँजने लगी थीं और चुदाई का तूफान जोरों पे था। बबिता हर धक्के पर एक एक फुट ऊपर उछल रही थी।
इधर बबिता की चुदाई का नज़ारा देखकर तनु भी गर्म होने लगी थी इससे पहले उसे लाइव चुदाई देखने का मौका नहीं मिला था । उसके बदन में अजीब सा कसाव आता जा रहा था उसे अपने निप्पल कसते हुए महसूस हो रहे थे । वो पोर्न फिल्मों में हब्शियों के लन्ड देखती तो सोचती थी कैसे लेती होंगी लड़कियां इतने बड़े लन्ड पर अब वो लाइव देख रही थी ।
बबिता- आह.. राजा आह जोर से आह.. काश मेरी शादी तेरे से हो जाये आह.. मज़ा आ जाता आह.. कब से प्यासी थी में आह.. आज अपने मेरी चुत को तृप्त कर दिया आह.. आह..आह...आज इस मज़े के कारण जान निकल जायेगी.....आह..
बबिता की बातें उस अनजान शख्स का जोश बड़ा रही थी , तनु देख रही थी कि कैसे उस शख्स के धक्कों की रफ्तार बढ़ती जा रही और बबिता के स्तनों को कभी मसल रहा है तो कभी चूस रहा है । तनु अनजाने में ही एक हाथ से अपने मोटे गोल मम्मों को मसलने लगी थी तो दूसरे हाथ से अपनी लेग्गिंग के ऊपर से चूत सहला रही थी । "राहुल....यह....राहुल है क्या ....ऐसा लन्ड....उफ्फ कितना सुंदर है ....नहीं नहीं यह वो नहीं हो सकता ...." तनु के विचार इधर उधर भटक रहे थे ।
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