RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
अब तक आपने पढ़ा कि कैसे भाई-बहन और पत्नी ने घर में खुलेआम चुदाई का माहौल बना लिया था और पूरी मस्ती के साथ रह रहे थे तभी राजन को याद आया कि उसने सोनिया को उसके भाई से चुदवाने का वादा किया था और फिर वो उसके लिए प्लानिंग करने लगे।
अब आगे…
अगले दिन मैं क्लीनिक चला गया और नेहा कॉलेज, तब सोनिया ने समीर (सोनिया का भाई) को कॉल लगाया।
सोनिया- क्या बात है यार, तुम तो अपनी बहन को भूल ही गए? कभी खुद भी कॉल कर लिया करो।
समीर- नहीं दीदी, आपको कैसे भूल सकता हूँ, वो ज़रा प्रोजेक्ट में बिजी हो गया था। फाइनल इयर है ना तो इसलिए!
सोनिया- ओह हाँ! वो तो है, फिर सारा टाइम पढ़ाई में ही लगे रहते हो या कोई दोस्त भी बनाई है?
समीर- ‘बनाई है?’ मतलब आप गर्लफ्रेंड के बारे में पूछ रही हो? पहले तो कभी नहीं पूछा जब यहाँ थीं तब। अब क्या जीजाजी की संगत का असर हो गया जो भाई की गर्लफ्रेंड की फिकर होने लगी।
सोनिया- हा हा हा… नहीं यार, सोचा अब तुम हमें मिस नहीं करते हो तो शायद कोई गर्लफ्रेंड बना ली हो। हम तो तुम्हें बहुत मिस करते हैं। अभी नहाने जा ही रही थी कि सोचा तुमको फ़ोन करके पूछ लूँ कि तुमको हमारी याद क्यों नहीं आती।
समीर- ओह्ह… मतलब… हम्म… अब मैं क्या बोलूँ?
वो सोनिया की बात में छिपा इशारा समझ गया था लेकिन पहले कभी उसने सोचा नहीं था कि सोनिया कभी इस बारे में बात करेगी। वैसे सोनिया और समीर दोनों ही ये जानते थे कि वो एक दूसरे को छिप छिप कर नहाते हुए देखते थे। दोनों ये भी समझते थे कि ये बात दोनों को पता है क्योंकि दोनों ना केवल देखते थे बल्कि दिखाते भी थे।
समीर ने सोनिया की जो अदाएं देखीं थीं उस छेद से उसे देखने के बाद वो भी जानता था कि उसकी दीदी उसको रिझाने की पूरी कोशिश कर रही थी।
लेकिन एक तो माता-पिता के साथ एक छोटे घर में रहते हुए दोनों का साथ में अकेले होना ही बहुत कम होता था उस पर कभी पढ़ाई की टेंशन तो कभी किसी का मूड ठीक नहीं। इन सब के बाद भी जो कुछ मौके मिले तो फटी पड़ी रहती थी कि कहीं कुछ गलत हो गया तो जितना मजा मिल रहा है वो भी हाथ से ना चला जाए। कभी कभी जब जैसे तैसे हिम्मत जुटाई तो मौका ही हाथ से फिसल जाता था।
ऐसे करते करते काफी समय हाथ से निकल गया और फिर सोनिया की शादी हो गई।
आज जब सोनिया ने इशारे में ही सही लेकिन वही पुराने तार छेड़े तो समीर के दिल कि धड़कन अचानक बढ़ गई और वो हड़बड़ा गया लेकिन फिर उसने अपने आप को सम्हालते हुए कहा- दरअसल दीदी ऐसा है ना, कि मैं कॉलेज में थोड़ा पढ़ाकू लड़कों की श्रेणी में आता हूँ, तो जो लड़कियाँ सारा टाइम पढ़ाई की ही बात करती हैं, बस उन्ही से बात हो पाती है। बाकी किसी से बात करने का कभी मौका ही नहीं मिलता, तो पढ़ाई के अलावा लड़कियों से कैसे बात करना है उसमें मैं थोड़ा कमज़ोर हूँ।
सोनिया- अच्छा ये बात है। तो ठीक है, तू एक काम कर कुछ दिन के लिए यहाँ आ जा, यहाँ राजन की बहन नेहा भी हमारे साथ रहती है। कुछ दिन उसके साथ रहेगा तो तेरी झिझक भी निकल जाएगी और क्या पता तुझे नेहा ही पसंद आ जाए और तू उसे ही गर्लफ्रेंड बना ले।
समीर- बात तो ठीक है लेकिन यहाँ मम्मी-पापा को क्या कहूँगा कि पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर मैं कुछ दिन के लिए दीदी के पास जा रहा हूँ और वो भी लड़की पटाने की ट्रेनिंग लेने? हा हा हा…
सोनिया- ओके बाबा! लेकिन राखी पर तो आ सकता है ना? उसके लिए तो कोई मना नहीं करेगा?
समीर- हाँ वो तो है। तब तक मेरा प्रोजेक्ट भी ख़त्म हो जाएगा।
सोनिया- गुड! अच्छा ठीक है अब रखती हूँ… नहाने जा रही हूँ… अब तो तू ज़रूर मिस करेगा मुझे।
शरारती अंदाज़ में इतना कह कर सोनिया ने फ़ोन रख दिया और नहाने चली गई। आज उसकी पुरानी यादें ताज़ा हो गईं थीं और वो साधारण तरीके से नहाने के बजाए उसी कामुक तरीके से नहा रही थी जैसे उसका भाई अभी भी उसे देख रहा है। उसने अपने उरोजों को अपने दोनों हाथों में भर के मसला और चूचियों को चुटकी से पकड़ कर उमेठा, फिर खींचा।
पानी से भीगते अपने बदन को सहलाते हुए अपना दायाँ हाथ वो अपनी जाँघों के बीच ले गई और अपनी एक उंगली से भगनासा (क्लिटोरिस, चूत का दाना) को सहलाने लगी। एक एक करके बाकी उंगलियाँ उसने अपनी चूत में डाल लीं और अन्दर बाहर करने लगी। उसकी आँखें बंद थीं और उसके मन में उसके भाई का लंड घूम रहा था.
आम तौर पर सोनिया हस्त-मैथुन नहीं करती थी। खासकर शादी के बाद तो उसने ऐसा कभी नहीं किया था लेकिन आज अपने भाई के लंड की कल्पना करते हुए उसे ऐसा करने में बड़ा मजा आया था।समीर का लंड राजन के लंड से बड़ा और मोटा था और ज्यादा गोरा होने से थोड़ा गुलाबी था जो उसे बहुत प्यारा लगता था वो सोचने लगी कि जब वो सच में उसे चोदेगा तब कैसा लगेगा।
उधर समीर की धड़कन अभी भी बढ़ी हुई थी, उसका मन अब प्रोजेक्ट में नहीं लग रहा था, बेचैनी में वो इधर उधर टहल रहा था, उसका लंड खड़ा तो नहीं था लेकिन उसमें एक अजीब सी गुदगुदी सी हो रही थी जैसे नींद खुलने पर अंगड़ाई लेने का मन करता है, वैसे ही उसका भी अपने लंड को मसलने का मन कर रहा था।वह अपनी बहन का दीवाना था वह उसको पाने के लिये कुछ भी कर सकता था
आखिर ऐसे ही टहलते टहलते जब वो बाथरूम के पास से गुज़रा तो उसे अन्दर नहाने की आवाज़ सुनाई दी। उसे पता था कि अन्दर उसकी माँ नहा रही होंगी क्योंकि उस वक़्त घर में वो दोनों ही थे।
शीतल वैसे तो दो बड़े बच्चों की माँ थी लेकिन हमेशा अपने काम में क्रियाशील रहने और व्यस्तता के कारण उनका शरीर सुडौल और त्वचा सुन्दर थी।
वैसे तो समीर ने कभी शीतल को इस नज़र से नहीं देखा था लेकिन आज उसकी बेचैनी ने उसे मजबूर कर दिया था। उसने सोचा न समझा और अपनी आँख उस छेद से लगा दी जिससे वो अपनी बहन सोनिया को देखा करता था। उसकी आँखों ने जो देखा उसकी खबर शायद उसके दिमाग से भी पहले उसके लंड को लग गई थी, वो लंड जो अब तक बेचैन पड़ा करवटें बदल रहा था, वही अब अंगड़ाई ले कर उठ खड़ा हुआ था।
समीर ने अपना लंड अपनी मुट्ठी में लेकर हिलाना शुरू कर दिया। उसने पहली बार अपनी मम्मी के हुस्न को इस तरह नंगा देखा था। 36-30-35 का सुडौल बदन, डी कप साइज के बड़े बड़े उरोज जो ज़्यादा लटके नहीं थे और वो मस्त गोल भरे हुए नितम्ब… समीर का लंड थोड़ी ही देर में झड़ गया, वो इतना ज्यादा झड़ा जितना पहले कभी नहीं झड़ा था।
वैसे तो 42 साल की शीतल अपनी बेटी सोनिया से कुछ काम सुन्दर नहीं थी लेकिन आज समीर के इस कदर झड़ने का करण इससे कहीं ज़्यादा था। उसकी एक गर्लफ्रेंड है पर उसने दिदी को नही बताया और वह उसको कई बार चोद चुका था और भी तीन चार लड़कियों को चोद चुका था पर दिदी उसका पहला प्यार था उसको पाने के लिये वह उसकी नंनद को पटाने का नाटक भी कर सकता था कभी कभी भोला बनकर भी बहोत काम बनते है फिर अभी अभी सोनिया ने पुरानी यादें ताज़ा कर दी थीं और इन सब पर तुर्रा ये कि उसने अपनी माँ को नंगी देखा था।
सनी लियोनी को नंगी देख कर किसी को इतना झटका नहीं लगेगा जितना किसी पड़ोस की लड़की को नंगी देख कर लगेगा क्योंकि जिस बात की आप अपेक्षा नहीं करते, जब वो होती है तो उत्तेजना ज़्यादा होती है। और अगर वो औरत आपकी माँ हो तो फिर तो बात नियंत्रण से बाहर हो जाती है।
समीर भी इतनी उत्तेजना सहन नहीं कर पाया और जल्दी से लंड और हाथ धोकर अपने कमरे में जा कर सो गया।
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