RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
तभी उसने मेरे एक दूध को पकड़ के मुंह में भर लिया, और जैसे ही चूसना शुरू किया, जाने मुझे क्या होने लगा, मैं बहुत जोर से सांस लेने लगी.इतने में उसने अपना लोअर और अपनी अंडर वियर को खींचकर एक हाथ से नीचे कर दिया और मेरी जांघों पर अपने लन्ड को मेरी चूत के पास रगड़ने लगा, चूत के अगल बगल और ऊपर नीचे लन्ड टच करता रहा और मैं मदहोश होती चली गई.
अंकित की इस अजीब सी हरकत से मेरी हालत लगातार खराब होती जा रही थी.
तभी उसने अपने लन्ड को पकड़ कर वहीं खड़े खड़े मेरी चूत में फिट करने लगा, पर अंकित से नहीं बन रहा था, बस चूत के उपर ही उसका लन्ड मेरी जांघों में रगड़ने लगा.
अब वो मेरे बूब्स को पीने लगा, साथ ही अपनी उंगली एक ले जाकर मेरी चूत में जोर से घुसा दी और उंगली को जैसे अंदर घुसाई, अपने आप मैंने उसे कस के पकड़ लिया और बोली- मार डालेगा अंकित क्या? अब मुझसे नहीं रहा जा रहा, तुझे अभी जो करना है कर ले … क्योंकि मैं अब अपने बस में नहीं हूं.
मेरे मुंह से कुछ भी अपने आप निकल रहा था- अंकित, तू बहुत मस्त लड़का है, चल जो तेरा मन है अभी कर ले!तब अंकित बोला- संध्या तू बहुत मस्त है, बहुत सेक्सी है और तू सच में बहुत गर्म चुदासी लड़की है, लाखों करोड़ों में कोई एक तेरे जैसी होती है, तू इसका फायदा उठा, मैं तुझे उन दोनों अंकल से मिलाना चाहता हूं, तुझे उन दोनों से चुदवाना चाहता हूं, बस तू मान जा संध्या … तू बहुत फायदे में रहेगी और बहुत मजा आयेगा.
ऐसा कह कर अंकित ने पूरी जीभ मेरी चूत में घुसा दी और इतना ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत को चाटने लगा कि मैं अंकित का सर पकड़ के अपनी चूत में दबाने लगी और अब मैं जाने किस नशे में हो गई थी, मैं बोली- अगर हिम्मत है अंकित तो अभी बुलवा दे अपने दोनों अंकल को … अभी जो करना है कर ले! मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी है, जल्दी बुला अपने अंकलों को!मैं ऊंहहह आहहहह करने लगी.
अंकित बोला- तू साली बहुत मस्त चीज़ है संध्या … अब रूक जा, तुझे अभी तो नहीं पर दो दिन के अंदर इतने अमीर बड़े लोगों के साथ सुलवाऊंगा कि तेरी लाइफ बन जाएगी.और अंकित बोला- संध्या ले मेरा लौड़ा जमकर चूस!और अंकित खड़ा हो गया, अपने लन्ड को अपने हाथ से पकड़ा और मेरे सर को झुका कर मेरे मुंह में लन्ड अपना रख दिया.
जैसे ही मेरे होंठों में लन्ड छुआ, उसकी एक अजीब सी महक मेरे नाक में समा गई, इतना गर्म था अंकित का लन्ड कि लगा जैसे मेरे होंठ जल जायेंगे.तभी अंकित ने मेरी चूत में एक साथ दो उंगलियां डाल दी.मैं तड़प उठी और सीधे अंकित का लन्ड कस कर पकड़ लिया और मुंह में डालने लगी. पर उसका लौड़ा आठ इंच से भी बड़ा और बहुत मोटा था इसलिए मेरे मुंह में घुस नहीं रहा था, नार्मल लड़कों से बहुत बड़ा था, मैं अपने जीभ से अंकित का लन्ड चाटने लगी और चूसने लगी.
उधर नीचे मेरे चूत में अंकित अपनी दो उंगलियां घुसाये हुआ था और उन्हें चूत में अंदर बाहर करने लगा.अब मैं बिल्कुल मदहोश हो गई थी, मैं अपनी कमर उठा उठा कर उंगलियां और अंदर बाहर करवाने लगी.
अब पूरा का पूरा मुंह खोला तो अंकित ने अपना लन्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और बोला- संध्या, तू साली कुतिया … तुझे जो चोदेगा वो दुनिया का सबसे लकी इंसान होगा. क्या मस्त लन्ड चूसती है रे ! इतनी कम उम्र में तूने एक नंबर की रंडियों को भी फेल कर दिया. गजब है तू … और चूस ले मेरा लौड़ा … आहहहह वोहहहह मेरी डार्लिंग ऊंहहह उंहहह!
सिसकारियों की आवाज लगातार अंकित के मुंह से निकल रही थी कि तभी अचानक जोर से टायलेट का दरवाजा किसी ने खटखटाया और बोला- अंकित, निकल जल्दी … तू वहीं सो गया क्या?जो आवाज आई, उसे सुनते ही अंकित ने जल्दी से अपना लन्ड मेरे मुंह से बाहर निकाला, मुझे छोड़ा, अपने कपड़े पहन कर बोला- लगता है पिटूंगा आज! ये मेरे पापा हैं.
इतना सुनते ही मैं बहुत डर गई और घबराने लगी, मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े पहने और खड़ी हुई, अंकित से बोली- प्लीज़ मुझे बचा लो! ऐसे हम दोनों को टायलेट में अंदर देख लेंगे तो मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचूंगी.अंकित बोला- तू डर मत, कुछ नहीं होगा बस अंदर रहना, जब मैं बोलूं तभी बाहर आना! पहले मैं बाहर जाता हूं!मैं बहुत डर रही थी.
|