RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि चाचा और मनोहर दोनों मेरी गांड और चुत में लंड घुस्से हुए मुझे धकापेल चोद रहे थे.अब आगे..
मनोहर ने अपने लंड को मेरी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू किया, उधर चाचा भी मेरी गांड में अपना लंड जड़ तक घुसा दे रहे थे. फिर उसे पूरा अन्दर डाल के बाहर निकाल लेते.
मुझे बहुत अजीब सी सुरसुराहट हो रही थी. अब सारा का सारा दर्द पता नहीं कहां चला गया. ऐसी सेक्सी गुदगुदी महसूस होने लगी कि मुझे कुछ होश नहीं रहा कि मैं कहां हूं.दो-तीन मिनट बाद मैं अपनी कमर उछालने लगी, पता नहीं दर्द कहां गायब हो गया, मुझे खुद समझ नहीं आया.
मैं चाचा को बोली- चाचा मुझे कुछ होने लगा है.. बहुत सुरसुरी गुदगुदाहट हो रही है.. आपने यह क्या करवाया मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.. आह चाचा कुछ करिये ऐसा कि मैं नार्मल हो जाऊं.. आप तीनों को जो भी करना है, जल्दी करो मेरा पूरा जिस्म अकड़ने लगा है. मेरे बदन को मसल दो. अब मैं पागल हो रही हूं चाचा, क्या बताऊं कैसे बताऊं कैसा फील हो रहा है अब, आज के पहले कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ, पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं बहुत चिल्ला कर गंदी बातें गंदी गालियां दूं और मुझे अब कुछ लिहाज नहीं है, तुम तीनों बुरा नहीं मानना.. मैं पागल हो रही हूं.
चाचा बोले- संध्या, इसी आनन्द के बेपनाह मजे के लिए तो लड़की चुदाई करवाती है और मर्द इसी पागलपन के लिए चोदते हैं. अब तू सब भूल जा संध्या और बिल्कुल बाजारू रांड हो जा, जितनी गंदी गालियां, गंदी बातें बोल सकती है, खुलकर बोल.. उसी में तुझे आज जन्नत मिलेगी. बिल्कुल जानवर बन जा संध्या बहुत मजा आएगा, तुझे भी हम तीनों को भी. हम तीनों भी बस तुझे चोदते हुए पागल ही हो रहे हैं.. तू भी हम तीनों की किसी बात का बुरा मत मानना.
मैं बोली- नहीं, मैं भी बुरा नहीं मानूंगी मुझे जो भी बोलना है बोलो.. और जो करना है, जैसे भी करना है, करो. अब मुझसे रहा नहीं जाता.तभी चाचा बोले- साली संध्या, तू बहुत बड़ी रंडी है.. तुझे आज हम तीनों बहुत चोदेंगे अपनी रखैल बना लेंगे.. बता बनेगी हमारी रखैल?मैं बोली- हां चाचा, बनूंगी तुम्हारी रखैल आज से अभी से.. मेरे अन्दर बहुत जलन हो रही है.
चाचा पूछने लगे- कहां जलन हो रही है?मैं बोली- चूत और गांड दोनों जगह हो रही है.मनोहर लंड ठेलते हुए बोला- अब नहीं होगी मेरी जान.
वो मेरे बाल पकड़ कर अपने लंड से जोर जोर से धक्के चूत में मारने लगा. मैं जोर-जोर से आवाज करने लगी ‘ऊंहहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… वोहहहह…’मैं बोली- मनोहर और अन्दर लंड डाल कुत्ते भड़वे.. और घुसा जोर से बहुत मस्त चोदता है.तभी दिनेश अपना लंड पकड़ के मेरे मुँह में डाल कर बोला- तुझे चुदते देख कर संध्या मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. ले मेरा लौड़ा खड़ा है, इसे चाट और चूस.
ऐसा कह के मेरे मुँह में पूरा अन्दर डाल के गले तक उतार दिया. मुझे खांसी आने लगी. तब थोड़ा बाहर निकाला और फिर अन्दर बाहर करके मेरे मुँह को दिनेश चोदने लगा.
उधर मैंने थोड़ी गांड को पीछे किया तो चाचा जोर-जोर से गांड में मेरे लंड डालकर थूक लगाकर गांड में चोदने लगे.
अब मेरे गांड में और चूत में पूरा अन्दर तक लंड घुसा रहे थे. मैं मनोहर को पकड़ कर और अपनी बांहों में जकड़ कर उससे बोली- आह मस्त चोदता है तू.. मैं तुझसे ही चुदवाऊंगी, तू भले ही किसी भी जाति का रहे, मैं तेरी रखैल बन जाऊंगी बस कुतिया की तरह मुझे जमके चोद मनोहर साले हरामी.
मैं चाचा को भी बोली- चाचा, अभी से मैं तेरी रखैल बन गई.. जमके और चोद मुझे मेरी गांड को आज अपने लंड की गुलाम बना दे.. ऊंहहह मेरे चाचा जोर जोर से धक्का लगा.
अब मेरे तीनों तरफ लंड घुस चुके थे. दिनेश मेरे मुँह के अन्दर लंड डाल कर बहुत तेजी से अन्दर बाहर कर रहा था और जमके मेरे मुँह को चोद रहा था. पीछे चाचा मेरी कमर को कस के पकड़ कर गांड में लौड़ा डाले जमके अन्दर बाहर कर रहे थे. जैसे ही चाचा अन्दर बाहर करते, मुझे बहुत मजा आने लगता था.
मुझे कुछ होश नहीं रहा, तभी मनोहर पूरी ताकत से अपना लंड मेरी चूत में घुसा के अन्दर बाहर करने लगा और बोला- संध्या, तू आज से मेरी बीवी है और मैं तुझे रोज चोदूंगा ऐसे ही साली मादरचोदी कुतिया संध्या, तू बहुत बड़ी रंडी है, तुझे चोद चोद के मैं सब तरह से रंडी बना दूंगा. बता चलेगी मेरे साथ, जहां मैं बोलूंगा, ऐसे ऐसे लंड से चुदवाऊंगा कि तेरी लाइफ में कभी सोच नहीं सकती, वो सभी फौलादी मर्द होंगे.
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