RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मुझे बहुत तेज दर्द हुआ जैसे कि मेरी गांड फट गई हो… और मैं चीखने लगी.
तभी अंकल ने मेरे होठों को अपने होठों से कस लिया और चूसने लगे, बोले- संध्या, बस थोड़ा रुक जा!और जोर से मेरी कमर पकड़कर अंकल ने बहुत जोर का धक्का मारा, अपना पूरा लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया. मैं बिल्कुल चिल्लाने लगी और बोलने लगी- छोड़ दो… निकालो! मैं मर जाऊंगी, बहुत दर्द हो रहा है, निकालो, मुझे नहीं कराना, मुझे मत करो बहुत दर्द हो रहा है.
मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे, अंकल नहीं माने, इधर सतीश जीजा ने भी मेरी गान्ड फैला कर जोर से 2-3 धक्के मारे.
मैं बस रोए जा रही थी तो सतीश जीजा ने मेरा मुंह दबा लिया ताकि चिल्लाऊं या रोऊं तो आवाज बाहर ना जाये और बोले- संध्या, बस 2 मिनट और!उनका भी लन्ड पीछे पूरा गान्ड में घुस गया था.
तभी सतीश जीजा बोले- अंकल, आप संध्या की चूत में लन्ड अंदर बाहर करना शुरू कर दो और मैं इसकी गांड में करता हूं.और फिर दोनों अंदर बाहर एक साथ गांड में और चूत में अपना लन्ड करने लगे, मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी.
इतने में अंकल ने मेरे नीचे चूत की तरफ देखा और बोले- अरे यार सतीश, मैं कितना लकी हूं, यह संध्या तो सच बोल रही थी, उसको आज तक किसी ने नहीं चोदा, मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो आज मैंने संध्या की सील तोड़ दी. संध्या तो सील पैक माल थी, इतनी बदनाम होकर भी आज तक इसकी सील बची रही, गजब की बात है, इसे आज अपनी रंडी बना दिया, अब आज से यह फुल रंडी बनने लायक हो गई, इसकी चूत का उदघाटन मैंने कर दिया है. अब यह किसी से भी चुदाई करवा सकती है, आज मैंने संध्या की सील तोड़ दी.
और जोश में आकर जम कर अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगे. कुछ मिनट तक मुझे लगा कि मैं मर गई… मैं बेहोश तक होने लगी. पर करीब 10 मिनट बाद जब सतीश जीजा और अंकल दोनों मेरे अंदर बाहर अपना लन्ड गांड में और चूत में करते रहे, तब जाकर पता नहीं कैसे एकदम से पूरा का पूरा दर्द दोनों तरफ चूत और गांड से गायब सा हो गया.
यह जादू कैसे हो गया मुझे कुछ समझ नहीं आया, मुझमें एकदम से फुल जोश अंदर से आ गया और मैं आकाश में उड़ने से लगी और अंकल को पकड़कर उनके होठों को चूमने लगी और कमर अपने आप उछालने लगी, अपने आप ही पता नहीं यह कैसे हो गया.
तभी जीजा बोले- संध्या बता साली, और डालूं तेरी गांड में?मैं बोली- हां जीजा, और घुसा दो, पूरा का पूरा लन्ड मेरी गांड में अपना डालो और जोर जोर से अंदर बाहर करो!
तभी मैंने अंकल को बिल्कुल कस के पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगी और अंकल को बोली- अंकल, आज मुझे जमके करो पूरा का पूरा लन्ड डालो अंदर तक, आप की रंडी बन गयी हूं, मैं आज बहुत चुदासी हूं, और ज्यादा जोर जोर से चोदो!
और अपने आप मेरे मुंह से बहुत गंदी गंदी बातें निकलने लगी, वो सब बातें जो मैंने सेक्स की किताब में पढ़ी थी, वही सब बोलने लगी.
अंकल और सतीश जीजा जोश में पूरा लन्ड अंदर करते और फिर बाहर निकालते. मेरी चूत और गांड में से फच फच फच फच की आवाज निकलने लगी, पूरा रूम में फच फच गूंजने लगा.तभी अंकल दोनों हाथों से दूध पकड़ कर पूरी ताकत से दबाते हुए बोले- साली संध्या रंडी, तू पागल है, तेरी चूत तो कयामत है और जन्नत भी है. बोल साली कुतिया कितना बड़ा लन्ड चाहिए तेरी चूत को? लगता है हम दोनों के लौड़े छोटे पड़ गये.
मेरे मुंह से अपने आप निकल गया- अंकल, जितने बड़े लन्ड डलवा सकते हो डलवा दो, सब घुसवा लूंगी. सच में तुम दोनों के लन्ड मुझे छोटे लग रहे हैं. फिर भी जोर से चोदो तुम दोनों कुत्ते पूरा का पूरा अपना अपना लन्ड मेरी गान्ड और चूत में घुसा दो, फाड़ दो मेरी चूत और गांड दोनों, अगर दम है तो!
मैंने जो भी सेक्सी कहानियों में पढ़ा था वो सब अपने आप मेरे मुंह से निकलने लगा.
अब मैंने जीजा को बोला- साले जीजा गांडू और डाल अपना पूरा लन्ड मेरी गांड में… बहुत मर्द बनता था कि तेरी चीख निकाल दूंगा मैं… यही बोलता था तू? कहां गया वो तेरा चीख निकालने वाला लन्ड? फाड़ अब मेरी गान्ड! कमीना कुत्ता जीजा, बहुत तड़पता था मुझे चोदने के लिए… अब तेरे साथ बिस्तर में लेटी हूं निकाल ले अपने सब अरमान… देख तेरी संध्या हूं.
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