RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
जैसे ही अंकल का लौड़ा चूसने लगी, मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि अंकल का लन्ड बहुत बड़ा था जिससे मुंह में जा नहीं रहा था, पर उन्होंने तब भी पूरा लन्ड मुंह में घुसा दिया था.और उनके लन्ड की खुशबू भी अलग थी, तब भी मुझमें इतना जोश आ गया कि मैं अंकल का लन्ड चूसने लगी, चाटने भी लगी. और उसके बाद मैंने अंकल को पहली बार पकड़ लिया और कस कर अपनी बांहों में भर लिया.
अंकल बोले- तू रंडी है और एकदम से पागल हो गई है संध्या. तुझसे चुदासी लड़की मैंने देखी नहीं!करीब 5 से 7 मिनट मैं अंकल का लौड़ा चूसती रही.
तभी सतीश जीजा मेरे पीछे मेरे कूल्हों को फैला कर अपना बहुत सारा थूक मेरी गान्ड में लगा कर बोले- आज संध्या तेरी मस्त गांड मै चोदूंगा, और अंकल आप संध्या की चूत में अपना लन्ड घुसा दीजिए.अंकल बोले- सच सच बता संध्या, आज तक में तूने कितने मर्दों से चुदाई करवायी है? कितनी बार अपनी चूत में लन्ड खाया है?मैं बोली- अंकल, आपकी कसम, अपनी कसम… फर्स्ट टाइम है, पहली बार आज आप करोगे, अभी तक कभी नहीं करवाया.
फिर अंकल बोले- सतीश देखो, संध्या कितना झूठ बोल रही है.सतीश जीजा बोले- यह सच में रंडी है, बहुत बदनाम है अपने नगर में यह ना जाने कितनों के लन्ड ले चुकी है.मैं फिर बोली- जीजा आप गलत समझ रहे हैं, मैं जानती हूं, यह सच भी है कि मैं बहुत बदनाम हूं, और मेरे नगर में और आस पास के लोग यही समझते हैं कि मैं पैसे लेकर लोगों के साथ सेक्स करती हूं, उनके साथ सोती हूं, पर ऐसा सब मेरी मम्मी के कारण लोग मेरे बारे में ऐसा सोचते हैं और बातें करते हैं. मैं अब सच बता देती हूं.
एक कमलेश सर हैं जो ट्यूशन पढ़ाते हैं, वही बस मुझे टच किए हैं, उनका लन्ड मुंह में लेकर चूसा है मैंने और उन्होंने नीचे मेरी चूत चाटी है. पर अपना लन्ड मेरी चूत में नहीं घुसाया, मतलब डाला नहीं. मैं झूठ नहीं बोल रही… फर्स्ट टाइम आज आप दोनों चोदने वाले हो.
मेरे मुंह से सब कुछ अपने आप साफ साफ निकलने लगा.
तभी अंकल बोले- चल रंडी, झूठ मत बोल, तेरी चूत और दूध ऐसे बता रहे हैं कि तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.और फिर बोले- बता लन्ड लेगी अपने चूत और गांड में? हम दोनों चोदें?मैं बोली- हां अंकल, मैं मर रही हूं! मुझे चोद दो जम के!अंकल बोले- तेरी चूत बहुत पतली है, छोटी है, दो लन्ड ले पाएगी?मैं बोली- हां अंकल, जैसा आप दोनों को ठीक लगे!
तभी सतीश जीजा बोले- मैं तो संध्या की आज गांड चोदूंगा… और अंकल आप चूत में डालो!तभी दोनों मेरे ऊपर आ गये, मुझे टेढ़ा करके लिटा दिया, अब मेरे पीछे तरफ सतीश जीजा ने मुझसे लिपटकर मेरे पीछे से दूध पकड़ कर मेरी गांड में अपना लन्ड फिट किया और सामने तरफ मकान मालिक अंकल ने मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चूत के लिए मेरी टांगों को फैला कर जैसे ही अपना लन्ड मेरी चूत में टच कराया, मैंने अंकल को कसके पकड़ा और उन्हें अपनी ओर खींच लिया ताकि उनका लन्ड मेरी चूत में घुस जाये!
पर यह मेरी नादानी थी, पीछे से मुझे कसकर सतीश जीजा ने पकड़ लिया और बोले- संध्या, आज तू मेरी साली नहीं मेरी घर वाली है, और तेरे साथ मैं सुहागरात मना रहा हूं.उधर अंकल मेरी टांगों को फैला कर अपना लन्ड मेरी चूत में टच करा ही चुके थे, मैं उन्हें कस के अपनी बाहों में जकड़ कर बिल्कुल अंकल से लिपट गई और अपनी कमर उठा दी तो फिर अंकल ने मेरे होठों को चूसने के लिए मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए, उनका नंगा सीना अब मेरे सीने से चिपका हुआ था, मेरे बूब्स पर उसका सीना भी चिपक गया था.
अब अंकल अपना लन्ड जोर से मेरी चूत में घुसाने लगे, मुझे बहुत दर्द होने लगा, मैं बहुत तेजी से चिल्लाने लगी- छोड़ दो मुझे!और रोने भी लगी.ऐसा लगा कि जैसे मेरे प्राण निकल गये, पर अंकल नहीं रुके और जोर से एक धक्का मारा अपने लन्ड का… जिससे मैं और जोर से रोने लगी.
उधर सतीश जीजा ने भी मेरे कूल्हों को पकड़ कर मेरी गान्ड को फैलाया, फिर पीठ पर हाथ रखकर पीछे से कमर पकड़कर पीठ पर जोर लगाकर एक जोर से धक्का मारकर मेरी गान्ड में अपने लन्ड को घुसा दिया. मुझे बहुत ज्यादा दर्द गांड में होने लगा, लंड घुस नहीं रहा था तो उन्होंने बहुत सारा थूक लगाया और अंदर डाल दिया.
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