RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब सतीश जीजा उल्टे हो गए, अपना मुंह मेरे कूल्हों पर, मेरी गांड की तरफ कर लिया और उनका लन्ड मेरी गर्दन और पीठ से रगड़ खा रहा था, मेरे कूल्हों को फैलाकर सतीश जीजा गांड को चाटने लगे, सेक्स के जोश में थे ऊपर से ड्रिंक किए हुए थे, उनको चढ़ भी गई थी तो वह मुझे गाली भी बकने लगे, बोले- साली चुदक्कड़ संध्या मादरचोदी तू बहुत बड़ी रंडी है, आज फंसी है तेरी गांड फाड़ दूंगा चोद चोद के!और बहुत जोर जोर से मेरी गान्ड को चाटने लगे.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं पागल हो रही थी.
तभी सतीश जीजा अपनी उंगली मेरी गांड में डालने लगे, मुझे गांड में थोड़ा सा दर्द का अहसास हुआ, इधर सामने अंकल मेरी चूत को बिल्कुल चाटे जा रहे थे. उन्होंने अपने हाथ मेरे दोनों बूब्स रख दिए. मेरे मुंह सी उउह की आवाज निकल गई तो और जोर जोर से दबाने भी लगे.
मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था, जाने क्या हो गया? मैं बोली- अंकल, ऐसा मुझे क्या हो गया? मुझे बचा लो, लग रहा है मर जाऊंगी, मैं बहुत तड़प रही हूं, मेरा बदन पूरा टूट रहा है, मेरे इस तड़प को यह जो भी नशा है इसका उतारो, जल्दी कुछ भी करो पर मेरे बदन के टूटन को शांत करो तुम दोनों प्लीज! प्लीज मुझे कुछ भी करो, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
तभी अंकल उठे और मेरे बूब्स एक एक करके दोनों अपने मुंह में भर लिया और जोर-जोर से चूसने लगे, मैं उनका सर दबाने लगी जिससे और जोर चूसें!तब अंकल मुझसे बोले- संध्या, बहुत चुदासी हो तुम, अब तुम्हें लन्ड चाहिए. वही लन्ड ही तुम्हारी यह प्यास बुझा पाएगा, यही लन्ड तुम्हारे बदन की टूटन को शांत कर पाएगा, और लन्ड ही तुम्हारी खुमारी तुम्हारा ये नशा उतारेगा.
सतीश जीजा बोले- अंकल, इस साली कुतिया संध्या की जल्दी चुदाई करो, नहीं तो ये पागल हो जाएगी.
मुझे सच में कुछ होश में नहीं था, मैं बोली- जो भी करना है जल्दी करो, मेरी हालत ठीक नहीं… और तेजी से मुझमें कुछ नशा सा चढ़ रहा है.अंकल बोले- सतीश, तू बता संध्या को चोदें या जाने दें, क्या ठीक रहेगा?मैं बोली- अंकल, उन जीजा से क्यों पूछ रहे हो? जो करना है कर दो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.अंकल बोले- दोनों तरफ से लन्ड डालेंगे तो तुझे चलेगा?मैं बोली- हां सब चलेगा, मुझे कुछ पता नहीं, कुछ समझ नहीं… बस मुझे करो जो करना है.
अंकल बोले- संध्या तू सोच ले अभी… कहीं ऐसा ना हो कि तू फिर बोले कि मैंने अपना वादा तोड़ा, मैंने बोला था कि पंद्रह मिनट मुझे दे दे, फिर तुझे छोड़ दूंगा और लन्ड नहीं डालूंगा, तो अब तू चाहे तो जा सकती है मैं तुझे छोड़ रहा हूं.तब मैं बोली- नहीं बोलूंगी कि आपने अपना वादा तोड़ा, अब मैं बोल रही हूं आपको, जो करना है आप कर लो मुझे, पता नहीं अंकल आप दोनों ने ऐसा क्या कर दिया कि मैं बिल्कुल पागल हो गई हूं.
मैं बोली- अब मुझसे नहीं रहा है, मुझे कुछ हो गया है, आप ठीक कर दो, मुझे किस लिए बुलाया था आपने?अंकल बोले- संध्या, तुझे जम के चोदने के लिए बुलाया था!मैं बोली- तो जम कर चोद दो, मुझसे नहीं रहा जा है मैं पागल हो रही हूं, अंदर जाने पुसी में क्या हो गया?
तभी अंकल बोले- सतीश, तुझे भी चोदना है!सतीश जीजा बोले- हां अंकल, मैं तो इसके लिए पागल हूं, पर आज इसकी गांड देख कर सच में मेरी लाइफ बन गई, मैं तो संध्या की गांड में लन्ड डालूंगा!और जीजा ने कहा- पहले अंकल संध्या से अपना लन्ड चूसा लो!और सतीश जीजा मेरे मुंह के पास खुद अपना लन्ड कर दिया.
जीजा ने मेरे मुंह में अपनी उंगलियां डाल दी, मैं उन्हें चूसने लगी, तभी उन्होंने अपना लन्ड मेरे हाथ में पकड़ाया और बोला- अब तुम मेरे लन्ड को चूसो संध्या!मैं बोली- मुझे घिन आएगी!जीजा बोले- लड़कियां लन्ड को चूसने को पागल रहती हैं, संध्या चूसो!और मेरे मुंह में लन्ड डाल दिया.
मैं बिना ना नुकुर किये मुंह में लन्ड लेकर चूसने लगी. सतीश जीजा अपना लन्ड मेरे मुंह में अंदर बाहर करने लगे.
मुझे लन्ड चूसते हुए देख कर अंकल और जोश में आ गए और मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी, तो मैं बिल्कुल मचलने लगी और कमर अपनी उछालने लगी. सतीश जीजा का लौड़ा करीब चार पांच मिनट चूसती रही, जीजा अपना लन्ड मुंह में अंदर बाहर कर रहे थे.तभी अंकल बोले- संध्या, मेरा भी लन्ड चूस!और सतीश को बोले- अब तू हट!और उन्होंने अपना लन्ड मेरे मुंह में डाल दिया, मैं अब अंकल का लौड़ा चूसने लगी.
जैसे ही अंकल का लौड़ा चूसने लगी, मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि अंकल का लन्ड बहुत बड़ा था जिससे मुंह में जा नहीं रहा था, पर उन्होंने तब भी पूरा लन्ड मुंह में घुसा दिया था.और उनके लन्ड की खुशबू भी अलग थी, तब भी मुझमें इतना जोश आ गया कि मैं अंकल का लन्ड चूसने लगी, चाटने भी लगी.
और उसके बाद मैंने अंकल को पहली बार पकड़ लिया और कस कर अपनी बांहों में भर लिया.
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